21वीं सदी में भी गांधी प्रासंगिक क्यों हैं
09 Aug, 2023 | शालिनी बाजपेयीभारतीय सभ्यता की श्रेष्ठता को संपूर्णता के रूप में प्रस्तुत करने वाले महात्मा गांधी के विचारों ने दुनिया भर के लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि करुणा और शांति के...
भारतीय सभ्यता की श्रेष्ठता को संपूर्णता के रूप में प्रस्तुत करने वाले महात्मा गांधी के विचारों ने दुनिया भर के लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि करुणा और शांति के...
“ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों नेलम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई…!” ~ मुज़फ़्फ़र रज़्मी विश्व इतिहास में ऐसी ही दो तारीखें हैं- 6 और 9 अगस्त, 1945। जिस दिन परमाणु...
आपने कुछ दिनों पहले देखा होगा कि कैसे दिल्ली शहर के बीचोंबीच गाड़ियां तैर रही थीं, यमुना खतरे के निशान से बहुत ऊपर बह रही थी और इसके तट पर अप्राकृतिक रूप से बसे लोग अपने घरों...
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतेंआज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत -बशीर बद्र मानव सभ्यता के विकास के इतिहास में वहाँ से नज़र डालना आरम्भ करें जहाँ से हम सभ्य...
सत्यजित रे पर लिखे अपने एक संस्मरण में हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कुँवर नारायण ने लिखा है- " उनका( रे ) सिनेमा साहित्य के साथ अंतरंग विनिमय का अनोखा दस्तावेज़ है" । उनके इस...
भारतीय सिनेमा और हिन्दी साहित्य दो परस्पर अलग-अलग विधाएँ हैं किंतु दोनों में पारस्परिक संबंध काफी गहरा है। अपनी शैशवावस्था से ही भारतीय सिनेमा भाषा के लिहाज से हिन्दी पर...
महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था। सभी कौरव मारे जा चुके थे और युधिष्ठिर को छोड़कर सभी पाण्डव जीत के मद में चूर थे। दुःखी मन से युधिष्ठिर शर-शैय्या पर जीवित भीष्म पितामह से...
“मरीजों का देखकर हाल सबका दिल कांपता है,ये डॉक्टर के बस की बात है जो संभालता है।” मसीहा क्या करते हैं, विकट परिस्थितियों में भी डटकर खड़े रहते हैं, चुनौतियों का सामना करते...
भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ से सम्मानित कवि केदारनाथ सिंह आधुनिक हिंदी कविता में बिम्ब के कवि के रूप में जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में 7...
आयुष वर्मा आयुष वर्मा गुजरात कैडर के वर्ष 2018 बैच के भारतीय वन सेवा अधिकारी हैं, आपको ऑल-राउंड उत्कृष्ट प्रदर्शन में भारत सरकार के स्वर्ण पदक, मुख्य वानिकी (कोर...
आयुष वर्मा आयुष वर्मा गुजरात कैडर के वर्ष 2018 बैच के भारतीय वन सेवा अधिकारी हैं, आपको ऑल-राउंड उत्कृष्ट प्रदर्शन में भारत सरकार के स्वर्ण पदक, मुख्य वानिकी (कोर...
पिछले कई दिनों से सारे TV चैनल और अखबार 'बिपरजॉय….. बिपरजॉय…' चिल्ला रहे हैं। यह अरब सागर में उठा एक अति विनाशकारी चक्रवातीय तूफान है जिसने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान...
भगवान स्वरूप कटियार की कविता की एक पंक्ति है “पिता के पास लोरियाँ नहीं होतीं”। असल में पिताओं के पास होती हैं थपकियाँ, जिससे बच्चा मीठी नींद में सोता है। ये थपकियाँ ही...
साहित्य का शाब्दिक अर्थ सहभाव है। सहभाव शब्द और अर्थ के मध्य विद्यमान होता है। साहित्य की परिभाषा इतनी व्यापकता लिए हुए है कि इसमें संपूर्ण मानव जीवन समाहित किया जा सकता...
हिंदी वर्तमान समय में केवल शिक्षा एवं साहित्य की भाषा की परिधि तक सीमित नहीं रह गई है। भूमंडलीकरण अथवा वैश्वीकरण के दौर में हिंदी वैश्विक परिदृश्य में अपना महत्त्वपूर्ण...
बीते दिनों की बात है मैं सुबह-सुबह बस स्टेशन पर बैठकर अपनी बस के आने का इंतज़ार कर रही थी। उसी बीच मेरे पास दो छोटे बच्चे आए, जिनमें एक की उम्र करीब 5 साल और दूसरे की 6 साल के...
भारत मे स्थानीय स्वशासन का इतिहास सदियों पुराना है। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध चोल साम्राज्य के शासन के दौरान ऐसी संस्थाएं अनिवार्य रूप से उनके प्रशासन का हिस्सा थी। चोल...
हिंदी साहित्य का एक समृद्ध इतिहास रहा है। इसे हम आदिकाल, मध्यकाल एवं आधुनिक काल के रूप में देखते आए हैं। आदिकाल में भाषा का जो स्वरूप था वह अभी प्रारम्भिक हिंदी को गढ़ने का...
वह कबूतर क्या उड़ा छप्पर अकेला हो गया माँ के आँखें मूँदते ही घर अकेला हो गया हृदय को भेदने वाली मुनव्वर राना की ये पंक्तियाँ इस धरती पर माँ के दर्जे को बखूबी बयां कर रही...
''मैं हमेशा ये सोच के रोता रहा कि छोरा होता तो देश के लिये गोल्ड लाता। ये बात मेरे समझ में न आई कि गोल्ड तो गोल्ड होता है, छोरा लावे या छोरी।'' साल 2016 में आई आमिर खान की फिल्म 'दंगल'...