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स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Sep 2025
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उत्तर प्रदेश Switch to English

DAY-NULM के पायलट चरण का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश में शहरी गरीबों की आजीविका संबंधी समस्याओं  को दूर करने के लिये दीनदयाल अंत्योदय योजना– राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) को लागू किया जा रहा है।

  • राज्य शहरी विकास एजेंसी (SUDA) द्वारा लखनऊ, आगरा एवं वाराणसी में इस योजना का पायलट चरण प्रारंभ किया जाएगा, जिसका लाभ 24 से 30 सितंबर, 2025 के मध्य वितरित किया जाएगा।
  • एक प्रारंभिक सर्वेक्षण के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में निराश्रित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हे योजना में प्राथमिकता दी जाएगी तथा उन्हें पहचान-पत्र प्रदान कराने और कल्याणकारी योजनाओं में नामांकन हेतु सरकारी विभागों के साथ समन्वय किया जाएगा।

मुख्य बिंदु 

दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM)

  • परिचय:
  • वित्तपोषण:
    • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच वित्तपोषण का अनुपात 75:25 तथा पूर्वोत्तर राज्यों तथा विशेष श्रेणी के लिये यह अनुपात 90:10 है।
  • उद्देश्य:
    • प्राथमिक लक्ष्य: शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और संवेदनशीलता को कम करना, ताकि उन्हें स्वरोज़गार और कौशलयुक्त वेतनभोगी रोज़गार के अवसर उपलब्ध हों।
    • सतत् आजीविका: स्थानीय स्तर की संस्थाओं का निर्माण कर शहरी गरीबों की आजीविका को स्थायी आधार पर सशक्त बनाना।
    • शहरी आश्रय सुविधा: निराश्रित लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं से युक्त आश्रय प्रदान करना।
    • स्ट्रीट वेंडर सहयोग: उपयुक्त स्थान, संस्थागत ऋण और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराकर शहरी ठेला-फेरी वालों की समस्याओं का समाधान करना।
  • मुख्य घटक:
    • कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन के माध्यम से रोज़गार (EST&P): शहरी गरीबों को बाज़ारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण देना, ताकि वे स्वरोज़गार उद्यम स्थापित कर सकें अथवा वेतनभोगी रोज़गार प्राप्त कर सकें।
    • स्वरोज़गार कार्यक्रम (SEP): शहरी गरीब व्यक्तियों/समूहों/स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को वित्तीय सहायता प्रदान कर लाभकारी स्वरोज़गार उपक्रम या सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने में सहयोग देना।
  • क्रियान्वयन:
    • राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारें: योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी
    • आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA): राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों में केंद्रीय सहयोग प्रदान करता है।
  • निगरानी: 
    • केंद्रीय स्तर :

      • शासी परिषद : आवास एवं शहरी कार्य मंत्री की अध्यक्षता में।
      • कार्यकारी समिति : आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में।
    • राज्य स्तर :
      • शासी परिषद : राज्य स्तर पर क्रियान्वयन की निगरानी करती है।
      • कार्यकारी समिति : राज्यों में कार्यक्रम का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करती है।
    • शहर/ULB स्तर:
      • कार्यकारी समिति : नगर आयुक्त की अध्यक्षता में स्थानीय क्रियान्वयन की देखरेख।


उत्तर प्रदेश Switch to English

मिशन शक्ति 5.0 का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2020 में शुरू किये गए के महत्त्वपूर्ण  कार्यक्रम मिशन शक्ति का पाँचवाँ चरण, 22 सितंबर, 2025 से शारदीय नवरात्र के साथ प्रारंभ होगा, जो 30 दिन तक जारी रहेगा।

  • उत्तर प्रदेश, यौन अपराधों के लिये जाँच ट्रैकिंग प्रणाली (ITSSO) पोर्टल पर 98.80% मामलों के निस्तारण दर के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। इसके अतिरिक्त पुलिस में महिलाओं के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य महिला हेल्पलाइन 1090 और मिशन शक्ति के उत्तर प्रदेश मॉडल को अन्य राज्यों में भी अपनाना है।

मुख्य बिंदु

  •  उन्नत पुलिस सेवा:
    • अभियान के दौरान पुलिस की पैदल गश्त बढ़ाई जाएगी, दृश्यता और सुरक्षा बढ़ाने के लिये सभी PRV-112 वाहन सड़कों पर सक्रिय रहेंगे तथा महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाली प्रत्येक कॉल का तुरंत समाधान किया जाएगा।
    • वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जनता से संवाद और पुलिस लाइन का निरीक्षण करेंगे तथा गश्त में सम्मिलित होकर सरकार की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेंगे एवं अपराध पर अंकुश लगाएंगे।
    • महिलाओं की सुरक्षा, लैंगिक समानता तथा महिला अधिकारों पर आधारित लघु फिल्में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्रदर्शित की जाएंगी, जिससे उनमें जागरूकता बढ़ेगी।
    • जेलों में बंद महिलाओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा, ताकि कारावास की अवस्था में भी उनके अधिकार सुरक्षित रहें।
  • पुलिस सेवा में महिलाओं की भागीदारी:
    • अभियान के दौरान सभी 57,000 ग्राम पंचायतों और 14,000 शहरी वार्डों में महिला गश्त अधिकारियों की तैनाती की योजना है, वर्तमान में 44,177 महिला कर्मियों की तैनाती की जा चुकी है।
    • ये अधिकारी महिलाओं और किशोरियों से संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगी तथा उन्हें उनके अधिकारों एवं सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगी।
    • नवरात्र और अन्य त्योहारों के अवसर पर प्रमुख स्थानों पर महिला पुलिस की तैनाती होगी, सभी नगर निगमों में पिंक बूथ स्थापित किये जाएंगे तथा मिशन शक्ति केंद्रों पर कार्यरत कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • असामाजिक तत्त्वों पर कार्रवाई:
    • एंटी-रोमियो स्क्वाड को अपराधियों के विरुद्ध अनुकरणीय कार्रवाई करने के लिये सशक्त बनाया जाएगा, जिससे केवल वास्तविक दोषियों को ही चिह्नित कर उन पर कठोर कार्रवाई की जा सके।

मिशन शक्ति 4.0 के अंतर्गत संचालित अभियान

      ऑपरेशन का नाम

उद्देश्य

ऑपरेशन गरुड़

साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई

ऑपरेशन बचपन

2,857 बच्चों को बचाया गया और 22 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया

ऑपरेशन मजनू

74,000 से अधिक युवाओं पर कार्रवाई की गई

ऑपरेशन नशा मुक्ति

40,000 से अधिक गिरफ्तारियाँ  हुईं

ऑपरेशन रक्षा

होटलों और पबों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश

ऑपरेशन ईगल

7,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया


छत्तीसगढ़ Switch to English

रायपुर में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (SNSPA)’ का शुभारंभ हुआ।

मुख्य बिंदु

  • अभियान के बारे में:
    • स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (SNSPA) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में महिलाओं तथा बच्चों के लिये स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी करना है, विशेषकर पहुँच, गुणवत्तापूर्ण देखभाल एवं जागरूकता के क्षेत्र में सुधार लाना।
    • जनभागीदारी अभियान के रूप में वर्णित यह पहल समावेशी स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ावा देने के लिये निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।
    • अभियान का शुभारंभ 17 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 75वें जन्मदिन पर किया, जो सशक्त समुदायों के उनके दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • उद्देश्य:
    • व्यापक जाँच और सेवाओं के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना
    • मातृ एवं शिशु देखभाल के माध्यम से परिवार कल्याण को बढ़ावा देना
    • शिक्षा के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना
    • सामुदायिक भागीदारी और सार्वजनिक जागरूकता को प्रोत्साहित करना
  • क्रियान्वयन रणनीति:
    • राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य शिविर: जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जाएंगे, जिनकी वास्तविक समय ट्रैकिंग के लिये सशक्त पोर्टल के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
    • स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता जवाबदेही: एक स्व-सत्यापन प्रणाली स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं (MO, CHO, MPW, आशा) को शामिल करेगी।
    • बहु-मंच प्रचार : सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी को अधिकतम करने के लिये दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो (AIR) तथा सोशल मीडिया अभियानों का उपयोग किया जाएगा।
    • स्वयंसेवक और निक्षय मित्र सहभागिता: क्षय रोग उन्मूलन और सामुदायिक स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करने के लिये निक्षय मित्रों तथा स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा।


उत्तर प्रदेश Switch to English

संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। 

यह योजना वैश्विक वस्त्र बाज़ार में  राज्य की स्थिति को सशक्त करने के लिये तैयार की गई है।

मुख्य बिंदु

  • योजना  के बारे में: 
    • संत कबीर के श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता के आदर्शों से प्रेरित इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक हथकरघा तकनीक तथा आधुनिक वस्त्र प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन बनाना है।
  • उद्देश्य: 
    • यह योजना निवेश, उत्पादन और रोज़गार के नए अवसर सृजित करेगी, जिससे उत्तर प्रदेश को वैश्विक वस्त्र उद्योग में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त होगा।
  • वर्तमान स्थिति: 
    • उत्तर प्रदेश भारत के शीर्ष कपड़ा और परिधान निर्यातकों में से एक है। 
      • वर्ष 2023-24 में, राज्य ने कपड़ा निर्यात में 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान दिया, जो देश के कुल कपड़ा निर्यात का 9.6% था। 
      • कपड़ा क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1.5% का योगदान देता है और लगभग 22 लाख लोगों को रोज़गार प्रदान करता है।
  • बाजार संभावनाएँ: 
    • वैश्विक वस्त्र बाजार वर्ष 2030 तक 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की संभावना रखता है, जो उत्तर प्रदेश के लिये मज़बूत वैश्विक उपस्थिति बनाने का अवसर प्रदान करता है।
  • उत्तर प्रदेश में कपड़ा क्लस्टर: 
    • वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्ज़ापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे शहरों में पारंपरिक कपड़ा क्लस्टर राज्य की कपड़ा अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • निवेश और रोजगार अनुमान:
    • निवेश सारथी पोर्टल पर 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 15,431 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और 1,01,768 रोज़गार सृजित होने की संभावना है। 
    • ये प्रस्ताव 1,642 एकड़ भूमि को कवर करते हैं और प्रत्येक पार्क कम-से-कम 50 एकड़ में फैला होगा।
    • पार्कों में एक सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र और सहायक उद्योगों जैसे बटन, जिपर, पैकेजिंग तथा भंडारण के लिये सुविधाएँ शामिल होंगी।
  • PPP मॉडल और अवसंरचना समर्थन: 
    • इस योजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल या एक नामित नोडल एजेंसी के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा, जिससे सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी प्राथमिक बुनियादी संरचना सुनिश्चित होगी।
  • बुनकरों के लिये सरकारी पहल
    • राज्य सरकार बुनकरों को सब्सिडी वाली बिजली उपलब्ध कर रही है और उत्पादन लागत कम करने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिये सौर ऊर्जा एकीकरण की संभावना तलाश रही है।
  • महत्त्व:
    • संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना से न केवल बड़े स्तर पर निवेश और रोज़गार सृजन लाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को वस्त्र तथा परिधान क्षेत्र का वैश्विक हब भी बनाएगी।

संत कबीर दास

  • 15वीं शताब्दी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत कबीर दास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक हिंदू परिवार में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण एक मुस्लिम बुनकर दंपत्ति ने किया था।
  • वे भक्ति आंदोलन में एक उल्लेखनीय व्यक्ति थे, जिसमें ईश्वर के प्रति समर्पण और प्रेम पर ज़ोर दिया गया था।
    • भक्ति आंदोलन 7वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में शुरू हुआ तथा 14वीं और 15वीं शताब्दी के दौरान उत्तर भारत में फैल गया।
    • भक्ति आंदोलन के लोकप्रिय संत कवियों, जैसे रामानंद और कबीर दास, ने स्थानीय भाषाओं में भक्ति गीत गाए।
  • कबीर ने रामानंद और शेख तकी जैसे गुरुओं से आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया, जिससे उनका अद्वितीय दर्शन विकसित हुआ।
  • कबीर को हिंदू और मुसलमान दोनों ही पूजते हैं तथा उनके अनुयायी "कबीर पंथी" के नाम से जाने जाते हैं।
  • उनकी लोकप्रिय साहित्यिक कृतियों में कबीर बीजक (कविताएँ और छंद), कबीर परचाई, सखी ग्रंथ, आदि ग्रंथ (सिख) तथा कबीर ग्रंथावली (राजस्थान) शामिल हैं।
  • ब्रजभाषा और अवधी में लिखी गई उनकी रचनाओं ने भारतीय साहित्य तथा हिंदी भाषा के विकास को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।


बिहार Switch to English

बिहार में पीएम विश्वकर्मा पर मेगा कॉन्क्लेव

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) ने पीएम विश्वकर्मा योजना की दूसरी वर्षगाँठ के अवसर पर पीएम विश्वकर्मा और राष्ट्रीय SC-ST हब मेगा कॉन्क्लेव का आयोजन किया।

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना, उद्यमशीलता को बढ़ावा देना तथा योजना की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना था।
  • MSME मंत्रालय ने पीएम विश्वकर्मा योजना को सशक्त करने के लिये अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिज़ाइन (NID) और इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद (IRMA) के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

मुख्य बिंदु 

  • पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में: 
    • पीएम विश्वकर्मा एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना (Central Sector Scheme) योजना है, जिसे 17 सितंबर, 2023 को शुरू किया गया है  जिसका उद्देश्य मैनुअल और उपकरण-आधारित कार्यों में लगे पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों को व्यापक सहायता प्रदान करना है।
  • नोडल मंत्रालय: 
    • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) इस योजना के लिये नोडल मंत्रालय है।
  • पात्रता:
    • आवेदक को स्वरोज़गार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में 18 परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में हाथों और औज़ारों के साथ काम करने वाला कारीगर या शिल्पकार होना चाहिये।
    • पंजीकरण के समय उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिये तथा पंजीकरण के समय वह व्यापार में सक्रिय रूप से कार्यरत होना चाहिये।
    • विगत 5 वर्षों में प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), मुद्रा, पीएम स्वनिधि के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिये सिवाय उन लोगों के जिन्होंने पूरी तरह से चुका दिया है।
    • प्रति परिवार केवल एक सदस्य (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे) को लाभ मिल सकता है।
    • सरकारी कर्मचारी तथा उनके परिवार के सदस्य इसके पात्र नहीं हैं।

  • पात्र व्यवसाय: 

    • 18 पात्र व्यवसायों में बढ़ई, नाव निर्माता, शस्त्र निर्माता, लोहार, हथौड़ा एवं उपकरण निर्माता, ताला निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/नारियल बुनकर, गुड़िया और खिलौने निर्माता, नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी तथा मछली पकड़ने के जाल निर्माता शामिल हैं।
    • MSME मंत्रालय के अनुमोदन से राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा सूची को अद्यतन और संशोधित किया जा सकता है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • मान्यता: लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और ID कार्ड प्राप्त होता है, जिससे उन्हें योजना के सभी लाभों तक पहुँच प्राप्त होती है।
    • कौशल उन्नयन:
      • मूल प्रशिक्षण (5-7 दिनों में 40 घंटे, 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता): इसमें कौशल उन्नयन, आधुनिक उपकरणों का उपयोग, डिजिटल लेनदेन और विपणन शामिल हैं।
      • उन्नत प्रशिक्षण (15 दिन, 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता): उद्यमिता, आधुनिक प्रौद्योगिकी और व्यवसाय विस्तार पर केंद्रित।
    • उपकरण प्रोत्साहन: आधुनिक उपकरण खरीद, उत्पादकता में सुधार और उत्पाद की गुणवत्ता के लिये e-RUPI/e-वाउचर के माध्यम से 15,000 रुपये तक प्रदान किये जाते हैं।
    • ऋण सहायता: व्यवसाय विकास को बढ़ावा देने के लिये ब्याज अनुदान के साथ 'उद्यम विकास ऋण' के रूप में 1 लाख रुपये (प्रथम किश्त) और 2 लाख रुपये (द्वितीय किश्त) के जमानत-मुक्त ऋण।
  • क्रियान्वयन:
    • राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC): NSC सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा गठित शीर्ष समिति होगी।.
    • NSC को योजना के क्रियान्वयन के संबंध में सभी प्रमुख नीतिगत और रणनीतिक निर्णय लेने तथा योजना में आवश्यक किसी भी संशोधन को स्वीकृति देने का अधिकार होगा, जैसे कि व्यापार की अतिरिक्त श्रेणियों को शामिल करना।
    • राज्य निगरानी समिति (SMC): यह राज्य स्तर पर योजना के परिचालन क्रियान्वयन और निगरानी के लिये ज़िम्मेदार होगी तथा NSC एवं क्षेत्र-स्तरीय व्यवस्था के बीच एक सेतु के रूप में भी कार्य करेगी।
    • ज़िला क्रियान्वयन समिति (DIC): यह क्षेत्र स्तर पर योजना के वास्तविक क्रियान्वयन के लिये ज़िम्मेदार होगी और राज्य सरकार एवं अन्य समितियों के साथ समन्वय करेगी।


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