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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Apr 2025
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मध्य प्रदेश Switch to English

तेजस्वी कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार ने छात्रों में उद्यमी विश्वास और कौशल विकसित करने के लिये तेजस्वी कार्यक्रम शुरू किया है।

मुख्य बिंदु

  • कार्यक्रम के बारे में:
    • स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तेजस्वी कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु राज्य ओपन स्कूल और सहयोगी संस्थाएँ उद्यम लर्निंग फाउंडेशन तथा द एजुकेशन एलायंस के बीच बहुपक्षीय MoU हस्ताक्षरित किया गया।
    • यह कार्यक्रम छात्रों को स्व-रोज़गार और नवीन उद्योगों के बारे में जानकारियाँ प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। 
    • सरकार की योजना है कि विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशल से युक्त किया जाए ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिये सक्षम हो सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
    • यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो स्कूली विद्यार्थियों में व्यवसायिक दक्षताओं एवं जीवन कौशल विकसित करने पर केंद्रित है
  • प्रशिक्षण
    • इस कार्यक्रम के तहत विद्यालयीन समय में नवीन उद्योगों और स्व व्यवसाय पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
    • प्रशिक्षण कार्यक्रम में विद्यार्थियों को अनुभव आधारित कार्य, प्रोजेक्ट कार्य और नवाचारी व्यवसाय से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
    • भोपाल और इंदौर में कक्षा 9 और 11 के छात्रों के लिये विशेष कक्षाएँ संचालित की जाएंगी।
  • प्रभाव
    • प्रदेश में  स्व-रोज़गार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।.
    • मध्य प्रदेश में युवाओं के स्वावलंबन और कर्मठता में वृद्धि होगी।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 

    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा की पहुँच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
    • नई शिक्षा नीति के निर्माण के लिये जून 2017 में पूर्व इसरो (ISRO) प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, इस समिति ने मई 2019 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा’ प्रस्तुत किया था। 
      • 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020' वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति होगी।  
    • NEP-2020 के तहत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के 6% हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है।  
    • नई शिक्षा नीति में वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर शैक्षिक पाठ्यक्रम को 5+3+3+4 प्रणाली के आधार पर विभाजित करने की बात कही गई है।   
    • तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिये शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिये तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
    • इस शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया गया है।


    हरियाणा Switch to English

    हरियाणा में पोक्सो फास्ट ट्रैक कोर्ट

    चर्चा में क्यों?

    पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा को पोक्सो अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये दो महीने के भीतर फरीदाबाद, पंचकूला और गुरुग्राम में चार फास्ट ट्रैक कोर्ट अधिसूचित करने का निर्देश दिया है।

    मुख्य बिंदु

    • अतिरिक्त न्यायालयों का गठन:
      • यह निर्देश पोक्सो अधिनियम के तहत अपराधों से निपटने के लिये अतिरिक्त अदालतों के गठन की मांग वाली याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया गया।
      • याचिका में स्वत: संज्ञान मामले में जारी सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों को लागू करने की भी मांग की गई है।
      • भारत के सॉलिसिटर जनरल के अनुसार, केंद्र सरकार ने देश भर में फास्ट ट्रैक और पोक्सो अदालतों की स्थापना और संचालन के लिये 200 करोड़ रुपए आवंटित किये थे।
    • पोक्सो अधिनियम के बारे में:
      • इस कानून का उद्देश्य बच्चों के यौन शोषण और यौन दुर्व्यवहार के अपराधों को संबोधित करना है। अधिनियम के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति नाबालिक माना जाता है। 
    • विशेषताएँ: 
      • लिंग-तटस्थ प्रकृति: अधिनियम यह मानता है कि लड़कियाँ और लड़के दोनों यौन शोषण के शिकार हो सकते हैं और ऐसा दुर्व्यवहार अपराध है, चाहे पीड़ित का लिंग कुछ भी हो। 
      • पीड़ित की पहचान की गोपनीयता: POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 23 के अनुसार बाल पीड़ितों की पहचान गोपनीय रखी जानी चाहिये। मीडिया रिपोर्ट में पीड़ित की पहचान उजागर करने वाली कोई भी जानकारी नहीं दी जा सकती, जिसमें उनका नाम, पता और परिवार की जानकारी शामिल है।  
      • बाल दुर्व्यवहार के मामलों की अनिवार्य रिपोर्टिंग: धारा 19 से 22 ऐसे व्यक्तियों को, जिन्हें ऐसे अपराधों की जानकारी है या उचित संदेह है, संबंधित प्राधिकारियों को रिपोर्ट करने के लिये बाध्य करती है।

    भारत के सॉलिसिटर जनरल (SGI)

    • यह भारत के अटॉर्नी जनरल के बाद दूसरा सर्वोच्च विधि अधिकारी है। 
    • यह कोई संवैधानिक पद नहीं है बल्कि वैधानिक नियमों द्वारा शासित है।
    • विधि अधिकारी (सेवा की शर्तें) नियम, 1987 के अनुसार इसका मुख्यालय नई दिल्ली में होगा।
    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा नियुक्त किया जाता है। 
    • इसका कार्यकाल तीन वर्ष का होता है
    • इसके कर्त्तव्यों में सरकार को सलाह देना, अदालतों में उपस्थित होना और अनुच्छेद 143 के संदर्भों को संभालना शामिल है।
    • बिना अनुमति के सरकार के खिलाफ पेश नहीं हो सकते या आपराधिक आरोपी का बचाव नहीं कर सकते। 
    • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या मंत्रालयों को सीधे सलाह नहीं दी जा सकती; इसके लिये कानूनी मामलों के विभाग से परामर्श लेना होगा।
    • निर्दिष्ट सार्वजनिक या सरकार-नियंत्रित संस्थाओं को छोड़कर निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध है। 
    • बिना पूर्व सरकारी अनुमोदन के लाभकारी पद पर नहीं रह सकते।


    उत्तराखंड Switch to English

    शिव प्रतिमा केदारनाथ मंदिर के लिये रवाना

    चर्चा में क्यों?

    फूलों से सुसज्जित और पालकी में रखी भगवान शिव की मूर्ति अपने शीतकालीन निवास उखीमठ से केदारनाथ मंदिर के लिये रवाना हुई, जो 2 मई 2025 को भक्तों के लिये फिर से खुल जाएगा।

    मुख्य बिंदु

    • अनुष्ठान: 
      • गर्मियों में केदारनाथ मंदिर के पुनः खुलने से पहले, एक प्रमुख अनुष्ठान में भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ के श्री ओंकारेश्वर मंदिर से, जहाँ सर्दियों के दौरान उनकी पूजा की जाती है, केदारनाथ मंदिर में वापस स्थानांतरित किया जाता है।
      • भगवान शिव की मूर्ति को लेकर चलने वाली पाँच मुख वाली पालकी पंचमुखी डोली, गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में निर्धारित पड़ावों के साथ केदारनाथ की ओर अपनी पारंपरिक यात्रा पर निकलती है।

    चार धाम यात्रा

    • यमुनोत्री धाम:
      • स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
      • समर्पित: देवी यमुना।
      • गंगा नदी के बाद यमुना नदी भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
    • गंगोत्री धाम:
      • स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
      • समर्पित: देवी गंगा।
      • सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
    • केदारनाथ धाम:
      • स्थान: रुद्रप्रयाग ज़िला।
      • समर्पित: भगवान शिव
      • मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
      • भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य प्रतिनिधित्व) में से एक।
    • बद्रीनाथ धाम:
      • स्थान: चमोली ज़िला।
      • पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का स्थान।
      • समर्पित: भगवान विष्णु।
      • वैष्णवों के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक


    उत्तर प्रदेश Switch to English

    उत्तर प्रदेश चमड़ा और फुटवियर नीति-2025

    चर्चा में क्यों?

    उत्तर प्रदेश सरकार ने चमड़ा और फुटवियर नीति-2025 का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है।

    मुख्य बिंदु

    • नीति के बारे में:
      • उद्देश्य

        • उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना।
        • निर्यात को प्रोत्साहित करना और वैश्विक ब्रांड की उपस्थिति को बढ़ाना।
        • राजस्व में वृद्धि कर राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
          उत्तर प्रदेश को "उद्यम प्रदेश" बनाने के दृष्टिकोण को साकार करना।
      • रणनीतिक पहल
        • कानपुर को इस क्षेत्रीय विकास रणनीति में केंद्रीय भूमिका दी जाएगी।
        • इससे आगरा, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ और बरेली जैसे शहरों में क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।
      • निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा
        • निजी निवेशकों को पूंजीगत सब्सिडी और 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क छूट जैसे प्रोत्साहन।
        • सभी पार्कों को 5 वर्षों में विकसित करना अनिवार्य।
        • कम-से-कम 25 प्रतिशत भूमि को हरित एवं खुले क्षेत्र के लिये आरक्षित करना होगा।
        • प्रत्येक इकाई (संयंत्र, क्लस्टर या पार्क) को ₹150-200 करोड़ का न्यूनतम निवेश करना होगा।
        • एक इकाई से 1,000 से 3,000 रोज़गार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।
      • उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति
        • भारत से निर्यात होने वाले कुल चमड़े में 46 प्रतिशत हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है।
        • आगरा को फुटवियर राजधानी और कानपुर को सुरक्षा जूतों और चमड़े के सामान का वैश्विक केंद्र माना जाता है।
      • महत्त्व:
        • यह नीति उत्तर प्रदेश को मेक इन इंडिया” और “लोकल टू ग्लोबल” पहल के अनुरूप एक औद्योगिक हब के रूप में उभरने में मदद करेगी।

    मेक इन इंडिया 

    परिचय: 

    • वर्ष 2014 में लॉन्च किये गए मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण और निवेश गंतव्य में बदलना है।
    • इस अभियान को निवेश को सुविधाजनक बनाने, नवाचार एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने तथा सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने के लिये शुरू किया गया था।
    • लक्ष्य:
      • विनिर्माण क्षेत्र की संवृद्धि दर को बढ़ाकर 12-14% प्रतिवर्ष करना।
      • वर्ष 2022 तक (संशोधित तिथि 2025) विनिर्माण से संबंधित 100 मिलियन अतिरिक्त रोज़गार सृजित करना।
      • वर्ष 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान बढ़ाकर 25% करना।


    उत्तर प्रदेश Switch to English

    भारत-नेपाल सीमा पर अतिक्रमण

    चर्चा में क्यों?

    उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 से 27 अप्रैल, 2025 के बीच  भारत-नेपाल सीमा से लगे जिलों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया।

    मुख्य बिंदु

    • अभियान के बारे में:
      • इस अभियान का उद्देश्य भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में अवैध निर्माणों को हटाना और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना है। 
      • इस अभियान के तहत सीमा से 0 से 15 किलोमीटर के दायरे में मौजूद अवैध ढाँचों को चिन्हित कर हटाया गया।
      • सरकार ने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई की।
    • प्रभावित जिले
      • यह अभियान नेपाल सीमा से लगे लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, बहराइच, बलरामपुर और पीलीभीत जिलों में सक्रिय रूप से संचालित हुआ।

    अतिक्रमण 

    • अतिक्रमण का आशय किसी और की संपत्ति का अनधिकृत उपयोग अथवा कब्ज़ा करने से है। सामान्यतः परित्यक्त अथवा अप्रयुक्त संपत्तियों के रखरखाव में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होने की स्थिति में संपत्ति स्वामी की संपत्ति पर अतिक्रमण कर लिया जाता है। संपत्ति के स्वामियों को ऐसे मामलों से संबंधित विधिक प्रक्रिया और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना अत्यावश्यक है।
    • शहरी अतिक्रमण का तात्पर्य शहरी क्षेत्रों में भूमि अथवा संपत्ति के अनधिकृत कब्ज़े अथवा उपयोग से है।
    • इसमें उचित अनुमति अथवा कानूनी अधिकारों के बिना संपत्ति पर अवैध निर्माण, कब्ज़ा अथवा किसी अन्य प्रकार का कब्ज़ा शामिल हो सकता है।


    उत्तर प्रदेश Switch to English

    हरित नगर निगम बांड

    चर्चा में क्यों?

    उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत देश के पहले प्रमाणित ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड के जरिये स्थायी जल प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाई है।

    मुख्य बिंदु

    • ग्रीन बॉण्ड के बारे में:
      • ग्रीन बॉण्ड  ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है, यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है।
        • बॉण्ड जो कि आय का एक निश्चित साधन होता है, एक निवेशक द्वारा उधारकर्त्ता (आमतौर पर कॉर्पोरेट या सरकारी) को दिये गए ऋण का प्रतिनिधित्व करता है।
        •  पारंपरिक  बॉण्ड (ग्रीन बॉण्ड के अलावा अन्य बॉण्ड) द्वारा निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर (कूपन) का भुगतान किया जाता है।
      • ग्रीन बॉण्ड जारीकर्त्ता की प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं, क्योंकि यह सतत् विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने में सहायक है।
    • गाज़ियाबाद नगर निगम की भूमिका:
      • गाज़ियाबाद नगर निगम द्वारा बॉण्ड के ज़रिये 150 करोड़ रुपए की राशि एकत्र की गई, जिसे अत्याधुनिक तृतीयक मल-जल शोधन संयंत्र (TSTP) के निर्माण में निवेश किया गया है। यह संयंत्र अपशिष्ट जल को उन्नत तकनीकों से उपचारित कर औद्योगिक उपयोग के लिये पुनः प्रयोग योग्य बनाता है।
      • परियोजना सार्वजनिक-निजी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (PPP-HAM) मॉडल पर आधारित है, जिसमें 40% निवेश गाज़ियाबाद नगर निगम द्वारा किया गया।
      • इस ग्रीन बॉण्ड की सफलता ने निवेशकों का विश्वास बढाया है और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में वित्तीय अनुशासन का उदाहरण पेश किया है।
      • गाजियाबाद को वाटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वाटर अवार्ड्स 2024-25 में सर्वश्रेष्ठ म्यूनिसिपल ट्रीटेड वाटर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    स्वच्छ भारत मिशन-शहरी: 

    • परिचय:
      • शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, स्वच्छता और उचित अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) शुरू किया गया था।
    • इसका उद्देश्य पूरे भारत के शहरों और कस्बों को स्वच्छ एवं खुले में शौच से मुक्त बनाना है।
    • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 1.0:
      • SBM-U का पहला चरण शौचालयों तक पहुँच प्रदान करके और व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देकर शहरी भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने पर केंद्रित था।
      • SBM-U 1.0 अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा और 100% शहरी भारत को ODF घोषित किया गया।
    • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (2021-2026):
      • वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित SBM-U 2.0, इसी योजना के पहले चरण की निरंतरता है।
      • इसके दूसरे चरण का लक्ष्य ODF के लक्ष्यों के साथ ही ODF+ और ODF++ के लक्ष्य की ओर अग्रसर होना है तथा शहरी भारत को कचरा-मुक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करना है।
      • इसमें स्थायी स्वच्छता प्रथाओं, अपशिष्ट प्रबंधन और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया है।


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