मधुबनी में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव | बिहार | 23 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
युवाओं की सांस्कृतिक एवं रचनात्मक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बिहार के मधुबनी ज़िले में दो दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का शुभारंभ किया गया।
मुख्य बिंदु
- आयोजन विभाग: यह मधुबनी ज़िला प्रशासन के सहयोग से बिहार कला, संस्कृति और युवा विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- आयोजन स्थल: मधुबनी में विभिन्न स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
- उद्देश्य: युवा प्रतिभाओं की पहचान करना, उन्हें प्रोत्साहित एवं मंच प्रदान करना तथा बिहार की लोक संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना।
- प्रतिभागी: बिहार के विभिन्न ज़िलों से आए युवा इस महोत्सव में सहभागिता कर रहे हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: प्रतियोगिताओं में समूह लोक नृत्य, लोक गायन, चित्रकला, कविता लेखन, कहानी लेखन तथा भाषण कला को शामिल किया गया है।
- महत्त्व: यह महोत्सव बिहार में युवाओं की सहभागिता को सुदृढ़ करने, सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा देने तथा ज़मीनी स्तर पर प्रतिभा विकास को प्रोत्साहित करने में सहायक है।
रामगढ़ तापीय विद्युत परियोजना | झारखंड | 23 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
पतरातु विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रामगढ़ विद्युत संयंत्र की हाल ही में उद्घाटित प्रमुख विद्युत उत्पादन इकाई का दौरा करने के लिये आमंत्रित किया है।
मुख्य बिंदु
- संगठन: पतरातु विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL), राष्ट्रीय थर्मल पावर निगम (NTPC) और झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) का संयुक्त उद्यम है।
- शेयरधारिता: NTPC की 74% और JBVNL की 26% हिस्सेदारी है।
- प्रारंभ: विद्युत संयंत्र की एक इकाई ने हाल ही में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ किया है, जो परियोजना की प्रगति में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- स्थान: यह संयंत्र झारखंड के रामगढ़ ज़िले में स्थित है।
- राज्य का समर्थन: यह आमंत्रण ऊर्जा अवसंरचना परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार के समर्थन और सहयोग को रेखांकित करता है।
- ऊर्जा पर प्रभाव: संयंत्र की परिचालन इकाइयों से क्षेत्रीय विद्युत आपूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है
- झारखंड के कुछ महत्त्वपूर्ण ऊर्जा संयंत्र
- तेनुघाट थर्मल पावर प्लांट-बोकारो
- उत्तरी करणपुरा तापीय विद्युत परियोजना-हज़ारीबाग
- मैथन जलविद्युत परियोजना - धनबाद/पुरुलिया
- कोनार जल विद्युत परियोजना-हज़ारीबाग/बोकारो
भोपाल मेट्रो शहरों के नेटवर्क में शामिल | मध्य प्रदेश | 23 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
भोपाल में मेट्रो सेवा के प्रारंभ के साथ यह भारत का 26वाँ ऐसा शहर बन गया है जहाँ आधुनिक मेट्रो रेल सेवा का परिचालन चालू हो चुका है।
मुख्य बिंदु
- उद्घाटन: मेट्रो का उद्घाटन केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया।
- मेट्रो संरचना: भोपाल मेट्रो 30.8 किमी की दूरी को दो गलियारों में तय करती है, जिसमें ऑरेंज लाइन (16.74 किमी) और ब्लू लाइन (14.16 किमी) शामिल हैं।
- परिचालन में मेट्रो की लंबाई: भारत में कुल परिचालन मेट्रो नेटवर्क की लंबाई 1,090 किमी तक पहुँच गई है।
- विशेषताएँ: यह मेट्रो सेवा आधुनिक सुविधाओं, दिव्यांगजनों के लिये सुलभता सुविधाओं, AI-आधारित निगरानी और वातानुकूलित डिब्बों से सुसज्जित है।
- महत्त्व: इस सेवा का उद्देश्य मध्य प्रदेश की राजधानी में शहरी यात्रा को तीव्र, स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाना, भीड़भाड़ कम करना तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
आगरा में डिजिटल पुस्तकालय | उत्तर प्रदेश | 23 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण शिक्षा में सुधार लाने और छात्रों को डिजिटल शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगरा की 104 ग्राम पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालय स्थापित कर रही है।
मुख्य बिंदु
- कार्यान्वयन एजेंसी: इस परियोजना का कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग द्वारा किया जा रहा है।
- उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य कंप्यूटर, ई-पुस्तकों, वीडियो व्याख्यानों, क्विज़ और प्रतियोगी परीक्षा सामग्री तक पहुँच प्रदान करके ग्रामीण तथा शहरी छात्रों के बीच शैक्षिक अंतर को कम करना है।
- अवसंरचना और संसाधन: प्रत्येक पुस्तकालय में कंप्यूटर, हाई-स्पीड इंटरनेट, ई-पुस्तकें और लगभग 20,000 डिजिटल शिक्षण संसाधन होंगे, जिनमें वीडियो व्याख्यान तथा परीक्षण सामग्री शामिल हैं।
- वित्तीय व्यय: प्रत्येक पुस्तकालय पर लगभग 4 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे।
- प्रबंधन: पुस्तकालयों का प्रबंधन स्थानीय स्तर पर ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किया जाएगा।
उत्तराखंड में हाथी सफ़ारी पुनः शुरू | उत्तराखंड | 23 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिज़र्व में सात वर्षों के अंतराल के बाद हाथी सफारी पुनः शुरू कर दी गई है।
मुख्य बिंदु
- पृष्ठभूमि: वर्ष 2018 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण सफारी पर रोक लगा दी गई थी; हालाँकि बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंध हटा दिया तथा नियामक तैयारियों के बाद सफारी को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी।
- पर्यटन अनुभव: हाथी सफारी धीमी गति वाला उन्नत वन अनुभव प्रदान करती है, जिससे वन्यजीवों का बेहतर अवलोकन संभव होता है और जैवविविधता के प्रति जागरूकता को बढ़ावा मिलता है।
- आर्थिक प्रभाव: इन सफारियों से पर्यावरण-पर्यटन से होने वाली आय में वृद्धि और पर्यटन पर निर्भर स्थानीय समुदायों को लाभ मिलता है।
- चुनौतियाँ और चिंताएँ: मुख्य चिंताओं में पशु कल्याण, आवास में व्यवधान तथा हाथियों का नैतिक उपयोग शामिल है, जिसके लिये सख्त कल्याण प्रोटोकॉल, सीमित सवारी एवं पशु चिकित्सा निगरानी अनिवार्य है।
- जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व: उत्तराखंड में स्थित यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है और प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ संरक्षण का प्रमुख स्थल है।
- पूर्व नाम: इसका पूर्व नाम हैली नेशनल पार्क (1936) था, जिसे वर्ष 1957 में जिम कॉर्बेट के नाम पर पुनर्नामित किया गया।
- नदी: रामगंगा नदी पार्क से होकर बहती है।
- स्थान: यह नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा ज़िलों में फैला हुआ।
- महत्त्व: यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है, जो प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा है।
- वन्यजीव: बाघों, हाथियों, तेंदुओं, हिरणों और पक्षियों के लिये प्रसिद्ध।