उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश ने छात्रों के लिये भरण-पोषण भत्ता बढ़ाया
- 07 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिये भरण-पोषण भत्ते को 2,000 रुपए से बढ़ाकर 4,000 रुपए प्रति माह कर दिया है, जिससे राज्य के 28 आवासीय विद्यालयों में नामांकित 2,650 छात्रों को लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के आँकड़ों के अनुसार, हर वर्ष 50 लाख से अधिक छात्र राज्य की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं से लाभान्वित होते हैं, जिनमें से लगभग 14 से 15 लाख छात्र अनुसूचित जाति से संबंधित होते हैं।
मुख्य बिंदु
- अयोग्यता मानदंड:
- अब 40 वर्ष से अधिक आयु के छात्र छात्रवृत्ति के पात्र नहीं होंगे, जबकि पहले आवेदन के लिये कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं थी।
- जो छात्र उत्तर प्रदेश से बाहर के राज्य बोर्डों से हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, उन्हें अब छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी; हालाँकि, CBSE और ICSE जैसे केंद्रीय बोर्डों से उत्तीर्ण छात्रों को यह लाभ मिलता रहेगा।
- उत्तर प्रदेश से बाहर स्थित विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित उत्तर प्रदेश के परिसरों में पढ़ने वाले छात्रों को भी संशोधित योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया है।
- अनिवार्य डिजिलॉकर:
- छात्रवृत्ति आवेदकों के लिये अब डिजिलॉकर पंजीकरण अनिवार्य होगा, जिससे स्वचालित आधार-आधारित डाटा सत्यापन संभव हो सकेगा और धोखाधड़ी की घटनाएँ रोकी जा सकेंगी।
- अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये राशि में वृद्धि:
- अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों के लिये वार्षिक छात्रवृत्ति राशि में 500 रुपए की वृद्धि की जाएगी, जिससे कुल राशि 3,500 रुपए प्रति वर्ष हो जाएगी।
- विशेष छूट:
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अस्वच्छ पेशों (जैसे, मैला ढोने, कच्चे चमड़े से संबधित कार्य आदि) से जुड़े परिवारों के बच्चों के लिये आय सीमा की बाध्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल सके।
नोट:
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुसार, 21 प्रकार की दिव्यांगताएँ मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें दृष्टि बाधिता, श्रवण बाधिता, वाणी एवं भाषा विकार, बौद्धिक दिव्यांगता, बहु दिव्यांगता, सेरेब्रल पाल्सी और बौनापन आदि शामिल हैं।