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UPSC CSE – प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का संपूर्ण पाठ्यक्रम

UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) भारत की सबसे प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्द्धी परीक्षाओं में से एक है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा का उद्देश्य IAS, IPS, IFS और IRS जैसे शीर्ष सरकारी पदों हेतु उम्मीदवारों की भर्ती करना है। UPSC परीक्षा के पाठ्यक्रम को समझना तैयारी की प्रभावी रणनीति की दिशा में पहला कदम है।

UPSC प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम के विस्तृत अवलोकन का सार नीचे दिया गया है, जिसमें विस्तृत विषयवार टॉपिक्स, वैकल्पिक विषय तथा निबंध एवं साक्षात्कार को शामिल किया गया। व्यवस्थित और स्मार्ट तैयारी के क्रम में UPSC के अद्यतन सिलेबस (2025) की पीडीएफ डाउनलोड कीजिये।

UPSC CSE परीक्षा पैटर्न अवलोकन

प्रारंभिक परीक्षा
पेपर (निर्धारित समय) कुल अंक प्रश्नों की संख्या प्रत्येक प्रश्न के लिये निर्धारित अंक नेगेटिव मार्किंग
पेपर I - सामान्य अध्ययन
(2 घंटे)
200 100 2 1/3rd (0.66)
पेपर II - CSAT
(2 घंटे)
200 80 2.5 1/3rd (0.83)
प्रारंभिक परीक्षा का पेपर II (CSAT) क्वालिफाइंग प्रकृति का होता है तथा इसमें उत्तीर्ण होने के लिये अभ्यर्थी को कुल 200 अंकों में से न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं।
मुख्य परीक्षा
पेपर कुल अंक
भारतीय भाषा (क्वालिफाइंग पेपर A)* 300
अंग्रेज़ी (क्वालिफाइंग पेपर B) 300
निबंध 250
सामान्य अध्ययन-1: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज 250
सामान्य अध्ययन-2: शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध 250
सामान्य अध्ययन-3: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन 250
सामान्य अध्ययन-4: नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि 250
वैकल्पिक विषय पेपर - I & II 250×2 = 500
साक्षात्कार
साक्षात्कार परीक्षण 275 अंक

UPSC CSE प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम (सामान्य अध्ययन पेपर- I & II)

UPSC सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के दो पेपर होते हैं - सामान्य अध्ययन I और सामान्य अध्ययन II (CSAT)। प्रत्येक पेपर अधिकतम 200 अंकों का होता है। यह परीक्षा केवल स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में होती है।
सामान्य अध्ययन पेपर-I का पाठ्यक्रम:
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ।
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
  • भारत एवं विश्व का भूगोल : भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल।
  • भारतीय राज्यतंत्र और शासन: संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार संबंधी मुद्दे इत्यादि।
  • आर्थिक और सामाजिक विकास: सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि।
  • पर्यावरणीय पारिस्थितिकी: जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिये विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है।
  • सामान्य विज्ञान।
सामान्य अध्ययन पेपर-II (CSAT) का पाठ्यक्रम:
  • बोधगम्यता
  • संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल
  • तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
  • निर्णय लेना और समस्या समाधान
  • सामान्य मानसिक योग्यता
  • आधारभूत संख्ययन (संख्याएँ और उनके संबंध, विस्तार-क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर); आँकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आँकड़ों की पर्याप्तता आदि- दसवीं कक्षा का स्तर)
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UPSC CSE मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम

UPSC सिविल सेवा के मुख्य परीक्षा चरण में एक लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण शामिल होते हैं। लिखित परीक्षा में 9 पेपर (दो पेपर क्वालिफाइंग) होते हैं।

सामान्य अध्ययन पेपर-I

(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज)

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
  • 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास–महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
  • स्वतंत्रता संग्राम: इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
  • स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
  • विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ, यथा–औद्योगिक क्रांति, विश्वयुद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन, जैसे–साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
  • महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
  • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
  • सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और पंथनिरपेक्षता।
  • विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
  • विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
  • भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएँ (जलस्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।

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पाठ्यक्रम (वैकल्पिक विषय)

पेपर में वैकल्पिक विषय के पेपर (पेपर VI और पेपर VII) का पाठ्यक्रम ऑनर्स डिग्री स्तर पर तैयार किया गया है। यह स्नातक की डिग्री से अधिक है अपितु मास्टर डिग्री से कम। इंजीनियरिंग, चिकित्सा विज्ञान और कानून जैसे विषयों के लिये पाठ्यक्रम स्नातक की डिग्री स्तर के अनुरूप है।

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