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UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2026: तैयारी हेतु दिशा-निर्देश, रणनीति एवं प्रमुख अपडेट

  • 09 Dec, 2025
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2026: तैयारी हेतु दिशा-निर्देश, रणनीति एवं प्रमुख अपडेट

विषयसूची

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) प्रत्येक वर्ष IAS, IPS, IFS, IRS और अन्य प्रमुख सेवाओं जैसे प्रतिष्ठित पदों पर भर्ती के लिये सिविल सेवा परीक्षा (CSE) आयोजित करता है। आगामी 2026 की परीक्षा, CSE-2025 के समान ही होगी, जिसमें कुछ बदलाव होंगे जिन्हें अभ्यर्थियों को अपनी रणनीति तैयार करते समय ध्यान में रखना चाहिये।

यह लेख वर्ष 2026 के अभ्यर्थियों की तैयारी के लिये क्रमिक मार्गदर्शिका प्रदान करता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2026: परीक्षा की मुख्य विशेषताएँ

प्रमुख पहलू

विवरण 

आयोजक प्राधिकरण

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)

पात्रता

किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री। अंतिम वर्ष के विद्यार्थी अनंतिम रूप से आवेदन कर सकते हैं।

आयु सीमाएँ

21 से 32 वर्ष (परीक्षा वर्ष की 1 अगस्त तक)। OBC, SC/ST और PwBD अभ्यर्थियों के लिये छूट का प्रावधान।

राष्ट्रीयता

IAS, IPS और IFS के लिये भारतीय नागरिक; अन्य सेवाओं के लिये विशेष श्रेणियों के विदेशी राष्ट्रिकों को अनुमति।

प्रयासों की संख्या

सामान्य वर्ग एवं EWS– 6; OBC – 9; SC/ST – असीमित (पात्रता के अनुसार)।

चयन के चरण

प्रिलिम्स परीक्षा, मेन्स परीक्षा, व्यक्तित्व परीक्षण

पद

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS), तथा अन्य ग्रुप A और ग्रुप B सेवाएँ।

परीक्षा मोड/प्रश्नों के  प्रकार

प्रिलिम्स: ऑफलाइन ((OMR-आधारित–वस्तुनिष्ठ)

मेन्स: ऑफलाइन (लिखित–वर्णनात्मक)

कुल पेपर (प्रिलिम्स परीक्षा)

प्रिलिम्स : 2 पेपर (GS-I: 100 प्रश्न; GS-II: 80 प्रश्न)

ऋणात्मक अंकन (प्रिलिम्स परीक्षा)

प्रत्येक गलत उत्तर के लिये प्रश्न हेतु निर्धारित अंक के 1/3 भाग का ऋणात्मक अंकन।

कुल पेपर (मेन्स परीक्षा)

कुल 9 पेपर :

  • निबंध, GS-I, GS-II, GS-III, GS-IV, वैकल्पिक (पेपर 1 और पेपर 2) (प्रत्येक पेपर 250 अंक)
  • दो क्वालिफाइंग पेपर (अंग्रेज़ी और भारतीय भाषा) (प्रत्येक पेपर 300 अंक) 

साक्षात्कार

275 अंक

परीक्षा अवधि

प्रिलिम्स: प्रत्येक पेपर हेतु 2 घंटे 

मेन्स: प्रत्येक पेपर हेतु 3 घंटे 

आधिकारिक वेबसाइट

www.upsc.gov.in

महत्त्वपूर्ण तिथियाँ

घटनाक्रम

तिथि

लिंक

अधिसूचना दिनांक

14 जनवरी 2026

PDF देखें

आवेदन प्रारंभ तिथि

14 जनवरी 2026

जल्द ही उपलब्ध

आवेदन की अंतिम तिथि

3 फरवरी 2026

जल्द ही उपलब्ध

शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि

प्रिलिम्स

प्रवेश पत्र (प्रिलिम्स)

जारी किया जाना है

यहाँ क्लिक करें

परीक्षा तिथि

24 मई 2026

डाउनलोड करने के लिये क्लिक करें
 

परिणाम तिथि

घोषित किया जाना है

यहाँ क्लिक करें

मेन्स

DAF-I

जारी किया जाना है

कैसे भरें?

प्रवेश पत्र

जारी किया जाना है

यहाँ क्लिक करें

परीक्षा तिथि

21 अगस्त 2026 (5 दिन)

मेन्स परीक्षा पेपर 2026

निबंध, 

GS-I, 

GS-II, 

GS-III, 

GS-IV, 

वैकल्पिक

मेन्स परीक्षा परिणाम

जारी किया जाना है

यहाँ क्लिक करें

साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण

DAF-II

घोषित किया जाना है

कैसे भरें?

व्यक्तित्व परीक्षण की तिथियाँ

घोषित किया जाना है

यहाँ क्लिक करें

अंतिम परिणाम

अपडेट किया जाएगा

यहाँ क्लिक करें

परीक्षा प्रारूप का संक्षिप्त विवरण

UPSC सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:

1. प्रिलिम्स परीक्षा (स्क्रीनिंग टेस्ट):

  • दो वस्तुनिष्ठ प्रकार (Objective) के पेपर {सामान्य अध्ययन (GS) पेपर–I और सामान्य अध्ययन (GS) पेपर–II (CSAT)}
  • प्रत्येक पेपर: 200 अंक
  • अवधि: 2 घंटे (प्रति पेपर)
  • CSAT (GS पेपर-II) एक क्वालिफाइंग पेपर है, जिसमें न्यूनतम 33% अंक आवश्यक हैं
  • ऋणात्मक अंकन: प्रत्येक गलत उत्तर पर संबंधित प्रश्न के कुल अंक में से 1/3 भाग का ऋणात्मक अंकन होगा

2. मेन्स परीक्षा (लिखित + साक्षात्कार)

  • लिखित–वर्णनात्मक 9 पेपर, जिनमें दो क्वालिफाइंग पेपर (अंग्रेज़ी और भारतीय भाषा) शामिल हैं
  • शेष सात पेपर मेरिट में शामिल होतें हैं (कुल 1750 अंक)
  • व्यक्तित्व परीक्षण/साक्षात्कार 275 अंकों का होगा
  • कुल योग: 2025 अंक

3. साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण

  • अभ्यर्थी की मानसिक सजगता, निर्णय संतुलन, सत्यनिष्ठा और नेतृत्व गुणों का मूल्यांकन।

UPSC 2026 की तैयारी हेतु रणनीति

1. पाठ्यक्रम को भली-भाँति समझें

  • मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित करें: इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विज्ञान तथा समसामयिक घटनाएँ।
  • अधिसूचना में उल्लिखित UPSC के आधिकारिक पाठ्यक्रम का अध्ययन करें।

2. NCERT को अपनी तैयारी का आधार बनाएँ

  • अवधारणात्मक स्पष्टता के लिये NCERT (कक्षा 6-12) से अध्ययन की शुरुआत करें। 
  • इसके साथ मानक पुस्तकों का अध्ययन करें—जैसे लक्ष्मीकांत (राजव्यवस्था), स्पेक्ट्रम (आधुनिक इतिहास) और DRISHTI IAS क्विक बुक्स

3. मॉक टेस्ट और विगत वर्ष के प्रश्नों का अभ्यास करें

  • नियमित मॉक टेस्ट से परीक्षा के प्रति मानसिक दृढ़ता का निर्माण होता है।
  • परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों, विशेषकर समसामयिक विषयों से संबंधित प्रश्नों की प्रकृति समझने हेतु विगत वर्ष के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें।

4. सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय का संतुलित अध्ययन करें 

  • वैकल्पिक विषय की तैयारी जल्दी शुरू करें (मेन्स परीक्षा से कम-से-कम 8-10 महीने पहले)।
  • ऐसे वैकल्पिक विषय का चयन करें जो GS से विषयगत रूप से अंतःसंबद्ध हो या आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुरूप हो।

5. समसामयिक घटनाओं से निरंतर अवगत रहें 

  • प्रतिदिन द हिंदू या इंडियन एक्सप्रेस पढ़ें।
  • डेली करंट अफेयर्स अपडेट के लिये Drishti IAS वेबसाइट को फॉलो करें। मासिक संकलनों के लिये DRISHTI IAS मासिक मैगज़ीन टॉपर्स का विश्वसनीय स्रोत है।

6. रिवीज़न और उत्तर लेखन पर ध्यान केंद्रित करें

  • पाठ्य सामग्री को बारंबार दोहराएँ; UPSC संक्षिप्त, सुव्यवस्थित उत्तरों को महत्त्व देता है।
  • वास्तविक परीक्षा की परिस्थितियों का अनुभव करने के लिये वर्ष 2026 की शुरुआत में किसी टेस्ट सीरीज़ में शामिल हों।

UPSC सिविल सेवा पाठ्यक्रम 2026 (विषयवार विवरण)

  • UPSC सिविल सेवा पाठ्यक्रम में सामान्य जागरूकता, विश्लेषणात्मक क्षमता और प्रमुख विषयों के ज्ञान का आकलन करने के लिये विषयों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है। अधोलिखित प्रमुख विषय हैं:

प्रिलिम्स परीक्षा पाठ्यक्रम 

UPSC प्रिलिम्स परीक्षा पाठ्यक्रम - सामान्य अध्ययन पेपर-I

विषय

विवरण

सामयिक घटनाएँ

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की घटनाएँ।

भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन

प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत तथा स्वतंत्रता संग्राम।

भारत एवं विश्व का भूगोल

भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल

भारतीय राज्यतंत्र और शासन

संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार संबंधी मुद्दे।

आर्थिक और सामाजिक विकास

सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि

पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैवविविधता और मौसम परिवर्तन

पर्यावरण संबंधी सामान्य मुद्दे (जिनके लिये विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है)।

सामान्य विज्ञान

भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान आदि से संबंधित मूलभूत संकल्पनाएँ

UPSC प्रिलिम्स परीक्षा पाठ्यक्रम - सामान्य अध्ययन पेपर-II (CSAT)

विषय

विवरण

बोधगम्यता

दिये गए परिच्छेद का बोध और उसका निर्वचन

अंतर वैयक्तिक कौशल

संचार कौशल सहित

तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता

समस्या समाधान, पैटर्न पहचान आदि

निर्णय लेना और समस्या समाधान

निर्णय लेने और वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान करने हेतु आवश्यक कौशल।

सामान्य मानसिक योग्यता

तार्किक निष्कर्ष, विश्लेषणात्मक चिंतन आदि।

आधारभूत संख्यनन

संख्याएँ और उनके संबंध, विस्तार क्रम (दसवीं कक्षा का स्तर)

आँकड़ों का निर्वचन

चार्ट, ग्राफ, तालिका, आँकड़ों की पर्याप्तता का निर्वचन (दसवीं कक्षा का स्तर)।

मेन्स परीक्षा पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन-I:

  • इतिहास, भूगोल और सामाजिक मुद्दे
    • विश्व का इतिहास, जिसमें 18वीं शताब्दी की घटनाएँ शामिल होंगी यथा- औद्योगिक क्रांति, विश्वयुद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि- उनके रूप समाज पर उनका प्रभाव।
  • इतिहास: भारतीय संस्कृति (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक कला, साहित्य, वास्तुकला), आधुनिक भारतीय इतिहास (18वीं शताब्दी के मध्य से वर्तमान तक), स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण।
  • भूगोल: भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल, प्राकृतिक संसाधन वितरण, भूकंप और चक्रवात जैसी भू-भौतिकीय परिघटनाएँ, वनस्पति, प्राणिजगत और भौगोलिक विशेषताओं में परिवर्तन।
  • सामाजिक मुद्दे: भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, सामाजिक सशक्तीकरण, महिलाओं की भूमिका, गरीबी, विकासात्मक विषय, शहरीकरण और भारतीय समाज पर वैश्वीकरण के प्रभाव।

सामान्य अध्ययन-II:

  • शासन प्रणाली, शासन व्यवस्था, सामाजिक न्याय, और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
    • शासन प्रणाली: भारतीय संविधान (विकास, विशेषताएँ, संशोधन), संघीय संरचना, शक्तियों का पृथक्करण, संसद और राज्य विधानमंडलों का कार्य-संचालन तथा कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिका।
    • शासन व्यवस्था: अति संवेदनशील वर्गों के लिये सरकारी नीतियाँ, कल्याणकारी योजनाएँ, पारदर्शिता, जवाबदेही, ई-गवर्नेंस और नागरिक चार्टर।
    • सामाजिक न्याय: गरीबी, भूख, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और हाशिये पर स्थित समूहों के लिये कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित मुद्दे।
    • अंतर्राष्ट्रीय संबंध: भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध, द्विपक्षीय और वैश्विक समूह, भारत पर अंतर्राष्ट्रीय नीतियों का प्रभाव, तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में भारत की भूमिका।

सामान्य अध्ययन-III:

  • अर्थव्यवस्था, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन और आंतरिक सुरक्षा
    • अर्थव्यवस्था: आर्थिक विकास, समावेशी विकास, योजना, बजट, कृषि नीतियाँ, कृषि सहायता और जन वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) जैसे मुद्दे।
    • कृषि: फसलों का पैटर्न, सिंचाई प्रणाली, खाद्य प्रसंस्करण और भूमि सुधार।
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, जैव-प्रौद्योगिकी में विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ, तथा शासन में प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग।
    • पर्यावरण: पर्यावरणीय मुद्दे जैसे प्रदूषण, संरक्षण, जैव-विविधता, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन।
    • आपदा प्रबंधन: प्राकृतिक आपदा के प्रति तत्परता, शमन और अनुक्रिया रणनीतियाँ।
    • आंतरिक सुरक्षा: सीमा सुरक्षा, संचार नेटवर्क, साइबर सुरक्षा, संगठित अपराध, आतंकवाद और सुरक्षा बलों की भूमिका।

सामान्य अध्ययन-IV:

  • नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
    • नीतिशास्त्र: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र के निर्धारक, सार्वजनिक और निजी संबंधों में नीतिशास्त्र, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शिक्षा की भूमिका।
    • सत्यनिष्ठा: लोक सेवा मूल्य, समानुभूति, निष्पक्षता और सिविल सेवाओं में निष्पक्षता, शासन में भावनात्मक समझ और नैतिक निर्णयन का महत्त्व।
    • अभिरुचि: सिविल सेवाओं के लिये आधारभूत मूल्य जैसे सत्यनिष्ठा, जवाबदेही और पारदर्शिता, साथ ही शासन और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में नीतिपरक मुद्दे।
    • मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी): नीतिपरक दुविधाओं का समाधान, लोक प्रशासन में शुचिता का अनुप्रयोग तथा सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना।

समापन संदेश

UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2026 भारत की सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित सेवाओं में प्रवेश का मार्ग है। यदि आप अपनी तैयारी को सजग, रणनीतिक और नियमित रखते हैं, तो इस कठिन परीक्षा में सफलता पूर्णतः संभव है। अपने अध्ययन को योजनाबद्ध रखें, निरंतरता बनाए रखें और महत्त्वपूर्ण विषयगत अवधारणाओं का बार-बार रिवीज़न करते रहें। शुभकामनाएँ!

आगामी अपडेट्स, संदर्भित कंटेंट तथा तैयारी संबंधी उपयोगी सुझावों के लिये दृष्टि IAS से जुड़े रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. UPSC 2026 हेतु पात्रता मानदंड क्या है? +
  • शिक्षा: किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री। अंतिम वर्ष के छात्र भी अनंतिम रूप से आवेदन कर सकते हैं।

  • आयु सीमा: 21 से 32 वर्ष (1 अगस्त 2026 तक)। अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और दिव्यांगजन अभार्थियों के लिये छूट का प्रावधान।

  • राष्ट्रीयता: IAS, IPS और IFS के लिये भारतीय नागरिक; कुछ अन्य सेवाओं के लिये विशेष विदेशी राष्ट्रिकों को अनुमति है।

2. परीक्षा में कितने प्रयास की अनुमति है? +
  • सामान्य एवं EWS: 6 प्रयास

  • OBC: 9 प्रयास

  • SC/ST: असीमित प्रयास (आयु सीमा के अंतर्गत)

3. UPSC परीक्षा के चरण क्या हैं? +
  1. प्रिलिम्स परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार की स्क्रीनिंग परीक्षा)

  2. मेन्स परीक्षा (9 वर्णनात्मक पेपर)

  3. व्यक्तित्व परीक्षण/साक्षात्कार

4. UPSC प्रिलिम्स 2026 का परीक्षा प्रारूप क्या है? +
  • पेपर:

    • GS पेपर-I – 100 प्रश्न 

    • CSAT (GS पेपर-II) – 80 प्रश्न

  • अंक : 200 (प्रत्येक पेपर)

  • समयावधि: प्रति पेपर 2 घंटे

  • ऋणात्मक अंकन: प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/3 अंक

  • CSAT: क्वालिफाइंग (33% आवश्यक)

5. UPSC मेन्स 2026 का परीक्षा प्रारूप क्या है? +
  • कुल पेपर: 9

    • 2 क्वालिफाइंग पेपर (अंग्रेज़ी और भारतीय भाषा- प्रत्येक 300 अंक)

    • शेष 7 मेरिट में शामिल होने वाले पेपर (प्रत्येक 250 अंक; कुल 1750 अंक)

  • साक्षात्कार: 275 अंक

  • कुल अंक: 2025

6. UPSC 2026 संबंधी महत्त्वपूर्ण तिथियाँ क्या हैं? +
  • अधिसूचना का जारीकरण: 14 जनवरी 2026

  • आवेदन प्रारंभ की तिथि: 14 जनवरी 2026

  • आवेदन करने की अंतिम तिथि: 3 फरवरी 2026

  • प्रारंभिक परीक्षा तिथि: 24 मई 2026

  • मुख्य परीक्षा तिथि: 21 अगस्त 2026 से (5 दिन)

  • परिणाम और साक्षात्कार तिथियाँ: घोषित की जाएंगी

7. UPSC प्रिलिम्स परीक्षा 2026 कब है? +
  • 24 मई 2026
8. समसामयिक घटनाओं के लिये सर्वोत्तम स्रोत कौन-से हैं? +
  • समाचार पत्र: द हिंदू या द इंडियन एक्सप्रेस

  • टॉपर्स की पसंद: दृष्टि IAS डेली अपडेट्स और मासिक पत्रिका

9. क्या परीक्षा में ऋणात्मक अंकन है?+
  • केवल प्रिलिम्स परीक्षा: हाँ, प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/3 अंक काटे जाएँगे।

  • मेन्स परीक्षा: कोई ऋणात्मक अंकन नहीं।

10. प्रिलिम्स और मेन्स परीक्षा के प्रवेश पत्र कब जारी किये जाएँगे? +

प्रवेश पत्र जारी किये जाते हैं, लगभग:

  • प्रिलिम्स परीक्षा: परीक्षा से 2-3 सप्ताह पहले

  • मेन्स परीक्षा: परीक्षा तिथि से कुछ सप्ताह पहले

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