उत्तर प्रदेश
पवित्र जल विनिमय कार्यक्रम
- 30 Jul 2025
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चर्चा में क्यों?
28 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ मंदिर और श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के बीच पवित्र जल विनिमय कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- यह विनिमय कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी-तमिल संगमम् पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य काशी (वाराणसी) और तमिलनाडु के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना है।
- पवित्र जल और रेत का विनिमय:
- इस विनिमय के अंतर्गत कलशों में भरा गया पवित्र जल और रेत शामिल थे- प्रयागराज के त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना तथा पौराणिक सरस्वती का संगम) का पवित्र जल एवं रेत व रामेश्वरम् कोड़ी तीर्थम् (तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम् मंदिर का पवित्र जल)।
- इनका आदान-प्रदान श्री रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग के देवकोट्टई ज़मींदार फैमिली ट्रस्ट (DZFT) के प्रतिनिधियों और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के बीच संपन्न हुआ।
- आदान-प्रदान किये गए जल का उपयोग भगवान विश्वनाथ और भगवान रामनाथस्वामी दोनों के जलाभिषेक (अनुष्ठान स्नान) के लिये किया जाएगा।
- आगामी अनुष्ठान:
- भगवान विश्वनाथ का जलाभिषेक श्रावण पूर्णिमा, 9 अगस्त 2025 को रामेश्वरम से लाए गए जल से किया जाएगा।
- महत्त्व:
- यह पहल काशी और तमिलनाडु के बीच संबंधों को मज़बूत करती है, साथ ही शास्त्रों में वर्णित एक पवित्र परंपरा को भावी पीढ़ियों के लिये पुनर्जीवित तथा संरक्षित करती है।
काशी तमिल संगमम
- परिचय
- यह एक सांस्कृतिक पहल है, जिसका उद्देश्य तमिलनाडु और काशी (वाराणसी) के बीच ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव मनाना एवं प्राचीन सभ्यतागत बंधन को मज़बूत करना है।
- यह आयोजन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के अनुरूप है, जो भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत के एकीकरण को बढ़ावा देती है।
- काशी-तमिल संगमम् (KTS 3.0) का तीसरा संस्करण उत्तर प्रदेश के वाराणसी में फरवरी 2025 में आयोजित हुआ, जो तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्कृतिक संगम का प्रतीक है।
- ऐतिहासिक महत्त्व:
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काशी (उत्तर प्रदेश) और तमिलनाडु के बीच ऐतिहासिक संबंध 15वीं शताब्दी से चले आ रहे हैं, जब मदुरै के राजा पराक्रम पांड्य अपने मंदिर (शिवकाशी, तमिलनाडु) के लिये एक पवित्र शिवलिंग लाने हेतु काशी गए थे।
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पांड्य शासकों ने केरल सीमा के निकट दक्षिण-पश्चिमी तमिलनाडु में स्थित तेनकाशी में काशी विश्वनाथ मंदिर की भी स्थापना की।
- यह गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध काशी तमिल संगमम् पहल के सार को रेखांकित करता है।
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