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हरियाणा

गंगा यमुना लिंक (GYL) नहर

  • 07 Jul 2025
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

हरियाणा सरकार गंगा नदी से पानी प्राप्त करने के लिये गंगा यमुना लिंक (GYL) नहर के निर्माण पर विचार कर रही है।

मुख्य बिंदु

  • प्रस्तावित नहर का उद्देश्य:
    • जीवाईएल नहर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पेयजल और सिंचाई की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • हरियाणा सरकार का लक्ष्य, अनुमोदन और समन्वय के अधीन, नवंबर 2031 तक इस परियोजना को पूरा करना है।
    • सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा के दावे का समर्थन किये जाने के बावजूद पंजाब द्वारा सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर का निर्माण पूरा करने से लगातार इंकार करने के कारण राज्य को जल के नए विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं।
  • उत्तर प्रदेश से प्रारंभिक समर्थन:
    • प्रारंभिक चर्चाओं के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने अनौपचारिक रूप से प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की तथा हरियाणा तक जाने के लिये पाँच संभावित मार्ग सुझाए।
    • प्रस्तावित चैनलों में खतौली, बदरुद्दीन नगर, मुरादनगर और यमुनानगर में हिंडन बैरियर के पास के स्थान शामिल हैं।
  • समानांतर जल अवसंरचना परियोजनाएँ:
    • जीवाईएल नहर के साथ-साथ, हरियाणा हथिनी कुंड बैराज के ऊपर की ओर एक बाँध का निर्माण करके वर्षा जल को एकत्र करने का भी काम कर रहा है।
    • इसके अतिरिक्त, जल सुरक्षा को मज़बूत करने के व्यापक प्रयासों के तहत केशाऊ बाँध परियोजना पर कार्य प्रगति पर है।

गंगा नदी

  • यह भारत की सबसे लंबी नदी है, जो 2,510 किमी तक पहाड़ों, घाटियों और मैदानों में बहती है तथा हिंदुओं द्वारा पृथ्वी पर सबसे पवित्र नदी के रूप में मानी जाती है।
    • गंगा बेसिन भारत, तिब्बत (चीन), नेपाल और बांग्लादेश में 10,86,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • भारत में, यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली से होकर बहती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 8,61,452 वर्ग किमी है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 26% है।
    • इसका उद्गम हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर से होता है।
  • अपने उद्गम पर इस नदी को भागीरथी कहा जाता है। यह देवप्रयाग से नीचे उतरती है, जहाँ एक अन्य धारा अलकनंदा से मिलने के बाद इसे गंगा कहा जाता है।
  • दाहिनी ओर से नदी में मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना और सोन हैं।
  • गंगा नदी बेसिन दुनिया के सबसे उपजाऊ और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है और इसका क्षेत्रफल 1,000,000 वर्ग किमी है।
  • गंगा बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलती है और पद्मा या गंगा नाम से आगे बढ़ती है।
  • गंगा नदी बांग्लादेश के सुंदरवन दलदल में गंगा डेल्टा के रूप में फैलती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

सतलुज नदी

  • उत्पत्ति और प्रवाह-पथ:
    • सतलुज नदी सिंधु नदी की पाँच सहायक नदियों में सबसे लंबी है, जो पंजाब क्षेत्र (जिसका अर्थ है "पाँच नदियों की भूमि") को उसका नाम देती है।
    • इसका उद्गम दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत में हिमालय की उत्तरी ढलान पर 15,000 फीट (4,600 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित लांगा झील से होता है।
    • यह नदी उत्तर-पश्चिम की ओर बहती है और फिर गहरी हिमालयी घाटियों से होकर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़कर हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है।
    • यह नदी नांगल के निकट पंजाब के मैदानों में प्रवेश करती है, दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ती है, ब्यास नदी से मिलती है, और फिर पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले भारत-पाकिस्तान सीमा पर 65 मील (105 किमी) का विस्तार बनाती है।
  • सिंचाई और उपयोग:
  • सिंधु जल संधि और जल बँटवारा:
    • सतलुज नदी भारत और पाकिस्तान के बीच जल-बँटवारे को लेकर तनाव का स्रोत थी, जब तक कि वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि ने इस मुद्दे को हल नहीं कर दिया।
    • भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक के लिये निलंबित कर दिया है जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता।

यमुना नदी

  • उत्पत्ति और प्रवाह-पथ:
    • उत्तर भारत की प्रमुख नदियों में से एक यमुना नदी उत्तराखंड में यमुनोत्री के निकट महान हिमालय में बंदरपूंछ पर्वत से निकलती है।
    • यह नदी हिमालय की तराई से होकर दक्षिण की ओर बहती है और सिंधु-गंगा के मैदान में प्रवेश करती है तथा उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच सीमा बनाती है।
    • यमुना कई ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण शहरों- दिल्ली, मथुरा, आगरा, फिरोज़ाबाद और इटावा से होकर बहती है।
    • प्रयागराज में यह गंगा नदी के साथ मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती है, जो एक पवित्र हिंदू संगम है।
  • धार्मिक महत्त्व:
    • यमुना को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है, जो गंगा के बाद दूसरे स्थान पर है।
    • प्रयागराज में गंगा के साथ इसका संगम प्रमुख धार्मिक उत्सवों का स्थल है, जिसमें कुंभ मेला भी शामिल है, जिसमें हर 12 वर्ष में लाखों श्रद्धालु आते हैं।
  • सहायक नदियाँ:
    • इटावा के पास इस नदी में चंबल, सिंध, बेतवा और केन नदियों सहित महत्त्वपूर्ण दक्षिणी सहायक नदियाँ मिलती हैं, जो इसके प्रवाह और जलग्रहण क्षेत्र को समृद्ध करती हैं।
  • प्रदूषण एवं संरक्षण प्रयास:
    • यमुना नदी मुख्य रूप से अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक उत्सर्जन के कारण गंभीर प्रदूषण से ग्रस्त है।
    • 1990 के दशक में, प्रदूषण को कम करने के लिये जापान द्वारा समर्थित यमुना एक्शन प्लान शुरू किया गया था। आंशिक रूप से सफल होने के बावजूद, जनसंख्या वृद्धि और खराब अपशिष्ट प्रबंधन के कारण चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=dEY1ovWNzcg

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