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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सिंधु जल संधि

  • 28 Jan 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजनाएँ, IWT का अनुच्छेद IX, सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ।

मेन्स के लिये:

सिंधु जल संधि और संबंधित कार्यान्वयन मुद्दे।

चर्चा में क्यों? 

भारत ने जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा तथा रातले (चिनाब नदी पर) जलविद्युत परियोजनाओं पर विवादों को हल करने में पाकिस्तान की "हठधर्मिता" का हवाला देते हुए सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty -IWT) की समीक्षा और इसमें संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया है। 

  • यह नोटिस "IWT के अनुच्छेद IX द्वारा परिकल्पित विवाद निपटान के श्रेणीबद्ध तंत्र के उल्लंघन" के बाद भेजा गया था।  

 सिंधु जल संधि:

  • परिचय: 
    • भारत और पाकिस्तान ने नौ वर्षों की बातचीत के बाद सितंबर 1960 में IWT पर हस्ताक्षर किये, जिसमें विश्व बैंक भी इस संधि का हस्ताक्षरकर्त्ता था।
    • यह संधि सिंधु नदी और उसकी पाँच सहायक नदियों सतलज, ब्यास, रावी, झेलम और चिनाब के पानी के उपयोग पर दोनों पक्षों के बीच सहयोग तथा सूचना के आदान-प्रदान के लिये एक तंत्र निर्धारित करती है।

IWT

  • प्रमुख प्रावधान: 
    • साझा जल: 
      • संधि ने निर्धारित किया कि सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों के जल को भारत और पाकिस्तान के बीच कैसे साझा किया जाएगा।
      • इसके तहत तीन पश्चिमी नदियों- सिंधु, चिनाब और झेलम को अप्रतिबंधित जल उपयोग के लिये पाकिस्तान को आवंटित किया, भारत द्वारा कुछ गैर-उपभोग्य, कृषि एवं घरेलू उपयोगों को छोड़कर अन्य तीन पूर्वी नदियों- रावी, ब्यास एवं सतलज को अप्रतिबंधित जल उपयोग के लिये भारत को आवंटित किया गया था। 
        • इसका मतलब है कि जल का 80% हिस्सा पाकिस्तान में चला गया, जबकि शेष 20% जल भारत के उपयोग के लिये छोड़ दिया गया। 
    • स्थायी सिंधु आयोग: 
      • इसके लिये दोनों देशों को दोनों पक्षों के स्थायी आयुक्तों द्वारा एक स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की भी आवश्यकता थी।
      • सिंधु जल संधि के अनुसार, आयोग वर्ष में कम-से-कम एक बार नियमित तौर पर भारत और पाकिस्तान में बैठक करेगा।
    • नदियों पर अधिकार: 
      • झेलम, चिनाब और सिंधु के पानी पर पाकिस्तान का अधिकार है, IWT के अनुलग्नक C में भारत को कुछ कृषि उपयोग की अनुमति है, जबकि अनुलग्नक D इसे 'रन ऑफ द रिवर' जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण करने की अनुमति देता है, जिसका अर्थ है कि पानी के भंडारण की आवश्यकता नहीं है।
    • विवाद समाधान तंत्र: 
      • IWT सिंधु जल संधि के अनुच्छेद IX के तहत तीन चरणों वाला विवाद समाधान तंत्र भी प्रदान करता है, जिसके तहत दोनों पक्षों के "प्रश्नों" का समाधान स्थायी आयोग में किया जा सकता है या इन्हें अंतर-सरकारी स्तर पर भी उठाया जा सकता है।
      • जल-बँटवारे को लेकर देशों के बीच अनसुलझे प्रश्नों या "मतभेदों", जैसे- तकनीकी मतभेद के मामले में कोई भी पक्ष निर्णय लेने के लिये तटस्थ विशेषज्ञ (NE) की नियुक्ति हेतु विश्व बैंक से संपर्क कर सकता है।
        • अंततः यदि कोई भी पक्ष NE के निर्णय से संतुष्ट नहीं है या संधि की व्याख्या और सीमा "विवाद" के मामले में मामलों को मध्यस्थता न्यायालय में भेजा जा सकता है।

किशनगंगा जलविद्युत परियोजना 

  • किशनगंगा परियोजना भारत के जम्मू-कश्मीर में बांदीपोर से 5 किमी. उत्तर में स्थित है।
  • यह एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जिसमें 37 मीटर लंबा कंक्रीट-फेस रॉक-फिल बाँध शामिल है।
  • इसे किशनगंगा नदी के पानी को एक सुरंग के माध्यम से झेलम नदी बेसिन में एक विद्युत् संयंत्र में डाइवर्ट करने की आवश्यकता है।
  • इसकी स्थापित क्षमता 330 मेगावाट होगी।
  • इस जलविद्युत परियोजना का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था।
  • पाकिस्तान ने परियोजना पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि यह किशनगंगा नदी (जिसे पाकिस्तान में नीलम नदी कहा जाता है) के प्रवाह को प्रभावित करेगा।
  • वर्ष 2013 में हेग में स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration- CoA)) ने फैसला सुनाया कि भारत कुछ शर्तों के साथ पूरे जल का उपयोग और इसे डाइवर्ट कर सकता है।

आगे की राह 

  • संधि के प्रावधानों का पालन करने में भारत की भूमिका उल्लेखनीय रही है, लेकिन देश पर इस बात पर पुनर्विचार करने का दबाव है कि वह किस हद तक प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध रह सकता है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ उसके समग्र राजनीतिक संबंध कठोर हो गए हैं। 
  • IWT को अक्सर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की संभावनाओं के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया जाता है जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच अशांत संबंधों के बावजूद मौजूद हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. सिंधु नदी प्रणाली के संदर्भ में निम्नलिखित चार नदियों में से तीन उनमें से एक में मिलती हैं, जो अंततः सीधे सिंधु में मिलती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सी ऐसी नदी है जो सीधे सिंधु से मिलती है?

(a) चिनाब
(b) झेलम
(c) रावी
(d) सतलज

उत्तर: (d)

व्याख्या: 

  • झेलम पाकिस्तान में झांग के पास चिनाब में मिलती है।
  • रावी सराय सिद्धू के निकट चिनाब में मिल जाती है।
  • सतलज पाकिस्तान में चिनाब में मिलती है। इस प्रकार सतलज को रावी, चिनाब और झेलम नदियों की सामूहिक जल निकासी प्राप्त होती है। यह मिथनकोट से कुछ किलोमीटर ऊपर सिंधु नदी से मिलती है।

अतः विकल्प (d) सही है।


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2019)

 हिमनद                              नदी

  1. बंदरपूंछ :                        यमुना
  2. बड़ा शिगरी :                    चिनाब
  3. मिलम :                         मंदाकिनी
  4. सियाचिन :                       नुब्रा
  5. ज़ेमू :                            मानस

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?

(a) 1, 2 और 4 
(b) 1, 3 और 4
(c) 2 और 5 
(d) 3 और 5

उत्तर: (a)


प्रश्न. सिंधु जल संधि का लेखा-जोखा प्रस्तुत कीजिये और बदलते द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में इसके पारिस्थितिक, आर्थिक और राजनीतिक निहितार्थों की जाँच कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2016) 

स्रोत: द हिंदू

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