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‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान हरियाणा में हुआ और सशक्त
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने लिंगानुपात में सुधार के लिये 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान तीव्र कर दिया है।
- आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, चल रहे प्रयासों के कारण, हरियाणा का लिंगानुपात 2024 की इसी अवधि के दौरान 904 से बढ़कर 906 (1 जनवरी से 30 जून, 2025 तक) हो गया है।
मुख्य बिंदु
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान (BBBP):
- BBBP एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे गिरते बाल लिंग अनुपात (Child Sex Ratio- CSR) का समाधान करने, लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकने और बालिकाओं की जीवन रक्षा, सुरक्षा और शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये शुरू किया गया है।
- मुख्य उद्देश्य:
- जन्म के समय लिंग अनुपात (SRB) में प्रतिवर्ष दो अंकों का सुधार करना।
- 95% या उससे अधिक की सतत् संस्थागत प्रसव दर प्राप्त करना।
- प्रथम तिमाही में प्रसवपूर्व देखभाल (antenatal care) पंजीकरण और माध्यमिक शिक्षा नामांकन के प्रतिशत में प्रतिवर्ष 1% की वृद्धि करना।
- माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर पर लड़कियों की स्कूल छोड़ने की दर में कमी लाना।
- सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (MHM) के संबंध में जागरूकता बढ़ाना।
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के प्रयास:
- BBBP के तहत लिंग-चयनात्मक गर्भपात के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें शामिल डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
- आर्थिक रूप से कमज़ोर क्षेत्रों में जन्म पंजीकरण शिविर आयोजित किये जाएँगे और सभी अपंजीकृत बच्चों को इस प्रणाली में लाने के लिये जागरूकता अभियान शुरू किये जाएँगे।
- लिंग निर्धारण में संलिप्त संदिग्ध इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) केंद्रों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।

