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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Aug 2025
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मध्य प्रदेश Switch to English

रेलवे का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर ब्रिज

चर्चा में क्यों?

भारतीय रेलवे ने पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में एक ऐतिहासिक परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के कतनी जंक्शन पर देश के सबसे लंबे एलिवेटेड ग्रेड सेपरेटर ब्रिज के निर्माण के साथ एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

मुख्य बिंदु

  • यह परियोजना, जो वर्ष 2020 में शुरू हुई थी और वर्ष 2025 तक पूरी होने वाली है, इसमें 91.40 मीटर तक के फैलाव वाले रेल ओवर रेल (ROR) पुल होंगे, जिनके माध्यम से ट्रेनें पूरे शहर को बाईपास कर सकेंगी, जिससे यातायात सुगम होगा और परिचालन दक्षता में वृद्धि होगी।
  • 15.85 किमी लंबा यह नया एलिवेटेड पुल प्रधानमंत्री की गति शक्ति पहल के तहत जारी बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण का एक प्रमुख हिस्सा है।

पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 

  • परिचय: 
    • यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे अक्तूबर 2021 में शुरू किया गया था। इसे 16 मंत्रालयों के प्रयासों को एकीकृत करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, ताकि सभी क्षेत्रों में निर्बाध बुनियादी अवसंरचना परियोजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। 
  • उद्देश्य: 
    • यह 100 लाख करोड़ रुपए की एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में भारत के बुनियादी अवसंरचना में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
    • इसका विकास BISAG-N (भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भूसूचना विज्ञान संस्थान) द्वारा किया गया है।
    • यह परियोजनाओं के शीघ्र निष्पादन, समयसीमा में कमी तथा अंतर-मंत्रालयी बाधाओं को दूर कर भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाने में सहायक है।

पीएम गति शक्ति के 6 स्तंभ

  • व्यापकता: एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों की पहलों को एकीकृत करता है।
  • प्राथमिकता निर्धारण: मंत्रालय राष्ट्रीय आवश्यकताओं के आधार पर परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से प्राथमिकता देते हैं।
  • अनुकूलन: अंतराल की पहचान करता है, कुशल मार्गों का चयन करता है, लागत कम करता है और विलंब को न्यूनतम करता है।
  • समन्वयन: विलंब से बचने के लिये मंत्रालयों के बीच समन्वय।
  • विश्लेषणात्मक क्षमताएँ: बेहतर निर्णय लेने के लिये 200+ डाटा परतों वाला GIS-आधारित प्लेटफॉर्म।
  • गतिशील निगरानी: प्रगति पर नज़र रखने के लिये उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके वास्तविक समय परियोजना निगरानी।


उत्तर प्रदेश Switch to English

चिवनिंग-अटल बिहारी वाजपेई छात्रवृत्ति योजना

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने चिवनिंग-अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना के लिये ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।

मुख्य बिंदु

  • योजना के बारे में: 
    • इस समझौता ज्ञापन पर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये।
    • उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष (2025-26) में इसके लिये 2 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
    • योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के पाँच मेधावी छात्रों को प्रतिवर्ष ब्रिटेन के अग्रणी विश्वविद्यालयों में मास्टर डिग्री करने का अवसर मिलेगा।
  • उद्देश्य: 
    • इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के मेधावी छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, अनुसंधान और नेतृत्व में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाकर उन्हें सशक्त बनाना है।
      • साथ ही इसका उद्देश्य राज्य की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाना तथा छात्रों को वैश्विक नेतृत्व की भूमिका के लिये तैयार करना है।
  • समय-सीमा: 
    • कार्यक्रम वर्ष 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से प्रारम्भ होगा और तीन वर्षों तक चलेगा। वर्ष 2028-29 से इसे पुनः नवीनीकृत करने की संभावना है।
  • वित्तीय प्रावधान:
    • छात्रवृत्ति के अंतर्गत ट्यूशन फीस, परीक्षा एवं अनुसंधान शुल्क, जीवन-यापन भत्ता तथा ब्रिटेन आने-जाने का हवाई किराया शामिल है।
  • लागत: 
  • प्रति छात्र अनुमानित कुल व्यय 38,048 पाउंड से 42,076 पाउंड (लगभग 45–48 लाख रुपए) होगा।
  • राज्य सरकार का योगदान: लगभग 19,800 पाउंड (23 लाख रुपए)। शेष राशि का वहन FCDO द्वारा किया जाएगा।
  • छात्र चयन: 
    • प्रत्येक वर्ष पाँच छात्रों को प्रतिष्ठित ब्रिटिश विश्वविद्यालयों, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय तथा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में अध्ययन हेतु पूर्ण छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
  • सामरिक महत्त्व: 
    • यह योजना भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की ब्रिटेन यात्रा के बाद, जहाँ उन्होंने व्यापार समझौते तथा विज़न 35 पर हस्ताक्षर किये, जिससे व्यापार एवं शिक्षा के लिये नए रास्ते खुले।


उत्तर प्रदेश Switch to English

डॉ. शंकर दयाल शर्मा की 104वीं जयंती

चर्चा में क्यों?

भारत के नौवें राष्ट्रपति (25 जुलाई, 1992 से 25 जुलाई, 1997 तक ) डॉ. शंकर दयाल शर्मा की 104 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्य बिंदु

डॉ. शंकर दयाल शर्मा के बारे में:

  • परिचय: 
    • डॉ. शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में हुआ था। 
    • वे एक प्रतिष्ठित वकील, राजनीतिज्ञ और भारत के नौवें राष्ट्रपति थे। 
    • उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई तथा विभिन्न राजनीतिक दायित्वों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
  • शिक्षा: 
    • उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा आगरा और लखनऊ विश्वविद्यालयों से प्राप्त की। 
    • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से विधि में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद, उन्होंने लंदन में लिंकन इन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। 
    • उन्होंने वर्ष 1940 में लखनऊ में अपनी वकालत शुरू की।
  • साहित्यिक कार्य: 
    • वे एक प्रख्यात कवि और लेखक भी थे। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और लखनऊ लॉ जर्नल (1941-43) तथा सोशलिस्ट इंडिया (1971-74) जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का संपादन किया।
  • राजनीतिक यात्रा: 
    • वर्ष 1952 से 1956 तक वे भोपाल विधानसभा के सदस्य रहे और राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने।
    • वह 1956 से 1971 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के लिये पुनः निर्वाचित हुए और उन्होंने आंध्र प्रदेश, पंजाब तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया।
    • वर्ष 1971 में वे लोकसभा के लिये चुने गए और वर्ष 1974 से 1977 तक संचार मंत्री रहे। 
  • उपराष्ट्रपति पद और राष्ट्रपति पद: 
    • वर्ष 1984 में वे भारत के आठवें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए और दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे।
    • वर्ष 1992 में वे भारत के राष्ट्रपति बने।
    • अक्तूबर 2000 में राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने उनके सम्मान में विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया।
  • मृत्यु: 
    • 26 दिसंबर 1999 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। 

भारत के राष्ट्रपति के बारे में मुख्य तथ्य

  • दो कार्यकाल: भारत के एकमात्र राष्ट्रपति, जिन्होंने दो कार्यकाल पूरे किये डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
  • राष्ट्रपति की मृत्यु : अब तक दो राष्ट्रपतियों, डॉ. जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद का अपने कार्यकाल के दौरान निधन हो चुका है।
  • कार्यवाहक राष्ट्रपति : मई,1969 में जब डॉ. जाकिर हुसैन का निधन हुआ, तो तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। 
    • इसके बाद वी.वी. गिरि ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिये इस्तीफा दे दिया।
  • CJI कार्यवाहक राष्ट्रपति: वी.वी. गिरि के इस्तीफे के बाद, मुख्य न्यायाधीश एम. हिदायतुल्ला ने 20 जुलाई,1969 से 24 अगस्त,1969 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

नोट: न्यायमूर्ति हिदायतुल्लाह भारतीय इतिहास में एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने तीनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर कार्य किया है: भारत के मुख्य न्यायाधीश, कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति।

भारत के राष्ट्रपति (1950-2025)

क्र.सं.

नाम

पदग्रहण 

पदमुक्त

अवधि

मुख्य विवरण

1

डॉ. राजेंद्र प्रसाद

26 जनवरी, 1950

13 मई, 1962

12 वर्ष, 107 दिन

भारत के प्रथम राष्ट्रपति; दो कार्यकाल तक सेवा करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति

2

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

13 मई, 1962

13 मई, 1967

5 साल

दार्शनिक-राष्ट्रपति; उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है

3

डॉ. ज़ाकिर हुसैन

13 मई, 1967

3 मई, 1969

1 वर्ष, 355 दिन

प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति; पद पर रहते हुए मृत्यु हो गई।

कार्यवाहक 

वी.वी. गिरि

3 मई, 1969

20 जुलाई, 1969

78 दिन

ज़ाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति

कार्यवाहक 

न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्लाह

20 जुलाई, 1969

24 अगस्त, 1969

35 दिन

CJI ने राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया; वी.वी. गिरि ने चुनाव लड़ने के लिये इस्तीफा दिया

4

वी.वी. गिरि

24 अगस्त. 1969

24 अगस्त. 1974

5 साल

आधिकारिक कॉन्ग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की

5

फखरुद्दीन अली अहमद

24 अगस्त, 1974

11 फरवरी, 1977

2 वर्ष, 171 दिन

आपातकालीन अवधि के दौरान कार्यालय में मृत्यु हो गई

कार्यवाहक 

बी.डी. जट्टी

11 फरवरी, 1977

25 जुलाई, 1977

164 दिन

कार्यवाहक राष्ट्रपति; कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री

6

नीलम संजीव रेड्डी

25 जुलाई, 1977

25 जुलाई, 1982

5 साल

प्रथम राष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए

7

ज्ञानी जैल सिंह

25 जुलाई, 1982

25 जुलाई, 1987

5 साल

पहले सिख राष्ट्रपति

8

आर. वेंकटरमन

25 जुलाई, 1987

25 जुलाई, 1992

5 साल

पूर्व उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री

9

डॉ. शंकर दयाल शर्मा

25 जुलाई, 1992

25 जुलाई, 1997

5 साल

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री

10

के.आर. नारायणन

25 जुलाई, 1997

25 जुलाई, 2002

5 साल

प्रथम दलित राष्ट्रपति; राजनयिक

11

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

25 जुलाई, 2002

25 जुलाई, 2007

5 साल

"जनता के राष्ट्रपति"; भारत के मिसाइल मैन

12

प्रतिभा पाटिल

25 जुलाई, 2007

25 जुलाई, 2012

5 साल

भारत की पहली महिला राष्ट्रपति

13

प्रणब मुखर्जी

25 जुलाई, 2012

25 जुलाई, 2017

5 साल

अनुभवी राजनीतिज्ञ; पूर्व वित्त मंत्री

14

राम नाथ कोविंद

25 जुलाई, 2017

25 जुलाई, 2022

5 साल

दूसरे दलित राष्ट्रपति; बिहार के पूर्व राज्यपाल

15

द्रौपदी मुर्मू

25 जुलाई, 2022

वर्तमान

3+ वर्ष

वर्तमान राष्ट्रपति; पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति


उत्तर प्रदेश Switch to English

राष्ट्रीय अनुभव पुरस्कारों की 10वीं वर्षगाँठ

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह के दौरान 57वीं सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला के साथ 8वें "राष्ट्रीय अनुभव पुरस्कार" प्रदान किये।

मुख्य बिंदु

  • पुरस्कार 2025 के बारे में: 
    • वर्ष 2025 में अनुभव पुरस्कार की 10वीं वर्षगाँठ पर शासन और विविधता में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।
    • इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वालों में एक-तिहाई महिलाएँ थीं, जो शासन में महिला अधिकारियों की बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है।
    • 11 मंत्रालयों और विभागों के कुल 15 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिनमें पहली बार एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तथा एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के अधिकारी भी शामिल थे।
  • उल्लेखनीय पुरस्कार विजेता: 
    • एम. वेंकटेशन: वर्ष 2014 की कश्मीर बाढ़ और वर्ष 2022 में यूक्रेन से निकासी अभियान सहित संकट काल में उत्कृष्ट सेवाओं के लिये सम्मानित।
    • हुकुम सिंह मीणा: 6.4 लाख से अधिक गाँवों में भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण का नेतृत्व किया।
    • शालिनी कक्कड़ (SBI): प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पेंशन सुधार और डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र अभियान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • ओ. विरुपाक्षप्पा (डाक विभाग): ग्रामीण क्षेत्रों में डाक बचत और बीमा योजनाओं का विस्तार किया।
    • साजू पी.के. (CRPF): असम और पुलवामा जैसे संवेदनशील परिचालन क्षेत्रों में सेवा प्रदान की।
  • नई पहलों का शुभारंभ: 
    • कार्यक्रम में कई पहलें प्रारम्भ की गईं, जिनमें प्रमुख हैं–
      • डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र अभियान 4.0 के लिये दिशानिर्देश जारी किये गए।
      • विशेष अभियान 2.0 की सफलता की कहानियों पर आधारित कॉफी टेबल ई-बुक का विमोचन।
      • अनुभव पोर्टल पर प्रस्तुत संस्मरणों के विश्लेषण के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करने की घोषणा की गई।

राष्ट्रीय अनुभव पुरस्कार

  • परिचय: अनुभव पुरस्कार की शुरुआत पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा की गई है। इसका उद्देश्य सेवानिवृत्त एवं सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के अनुभवों को सम्मानित एवं प्रलेखित करना है।
  • प्रारंभ: इस पहल की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार मार्च 2015 में अनुभव पोर्टल के माध्यम से की गई। इसका लक्ष्य अनुभव साझा करने की संस्कृति विकसित करना, सुशासन को बढ़ावा देना और प्रशासनिक सुधारों को प्रोत्साहित करना है।
  • पात्रता: सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी इसके पात्र हैं। DoPPW द्वारा अधिसूचित समयावधि के अंतर्गत अनुभव पोर्टल पर प्रकाशित लेखन को इन पुरस्कारों के लिये विचारार्थ लिया जाता है।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ का गठन

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती मना रहा है। इस उपलक्ष्य में, जनसंपर्क विभाग ने रायपुर में एक फोटो प्रदर्शनी और क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया। 

मुख्य बिंदु 

छत्तीसगढ़ के बारे में:

  • इतिहास: 
    • छत्तीसगढ़ का इतिहास चौथी शताब्दी ईस्वी से शुरू होता है, जब इसे दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था।
    • "छत्तीसगढ़" नाम का अर्थ है "छत्तीस किले", जो रतनपुर की हैहया वंशीय परंपरा से संबंधित है। 
    • 9वीं से 18वीं शताब्दी तक इस क्षेत्र पर कलचुरी वंश का शासन रहा, जिसकी राजधानी रतनपुर थी।
  • राज्य के रूप में गठन: 
    • छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर, 2000 को मध्य प्रदेश से अलग करके किया गया था। 
    • इसकी राजधानी रायपुर है, जबकि नया रायपुर (अटल नगर) को आधुनिक स्मार्ट शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  • भौगोलिक महत्त्व: 

छत्तीसगढ़ के अन्य मुख्य तथ्य

  • कर्क रेखा और भारतीय मानक समय (IST) दोनों देशांतर रेखाएँ छत्तीसगढ़ से होकर गुजरती हैं तथा इनका प्रतिच्छेदन (Intersection) सूरजपुर ज़िले में स्थित है।
  • भारतीय मानक समय मध्याह्न रेखा छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर गुजरती है, जिनमें सूरजपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाज़ार, महासमुंद, गरियाबंद और बालोद शामिल हैं।
  • भारत की मानक मध्याह्न रेखा अन्य राज्यों से भी होकर गुजरती है, जैसे उत्तर प्रदेश (मिर्ज़ापुर, गाँव खरावदा), मध्य प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश।
  • कर्क रेखा 23° 26′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है और आठ भारतीय राज्यों से होकर गुजरती है: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा मिज़ोरम
  • छत्तीसगढ़ में कर्क रेखा कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर ज़िलों से होकर गुजरती है।


मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा प्रमुख परियोजनाओं को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने भोपाल ज़िले की बैरसिया तहसील के बांदीखेड़ी गाँव में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना सहित विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं को मंज़ूरी दी।

मुख्य बिंदु

प्रमुख परियोजनाओं के बारे में: 

  • इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर (EMC):
    • परिचय: भारत सरकार की EMC 2.0 परियोजना के तहत भोपाल ज़िले के बैरसिया तहसील के बांदीखेड़ी गाँव में एक नया इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर स्थापित किया जाएगा।

    • EMC 2.0 योजना का लक्ष्य एक मज़बूत इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम विकसित करना, अवसंरचना प्रदान करना तथा परियोजनाओं और साझा सुविधाओं के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।

    • उद्देश्य: यह क्लस्टर इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा, जिसमें विश्व-स्तरीय अवसंरचना और कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) शामिल होंगे।
    • प्रभाव: यह पहल डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं का समर्थन करती है, जिसका उद्देश्य निवेश बढ़ाना, रोज़गार सृजन करना, राजस्व में वृद्धि करना, उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
  • नए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और वेलनेस सेंटर:
    • स्थिति: ये नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शाहडोल और सागर सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये जाएंगे। 
      • प्रत्येक महाविद्यालय में 100-बेड अस्पताल, छात्रावास, आवासीय क्वार्टर और फार्मेसी भवन होंगे।
    • वित्तपोषण: राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 350 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है (प्रत्येक महाविद्यालय के लिये 70 करोड़ रुपए, जिसमें केंद्र और राज्य के बीच 60:40 की वित्तीय साझेदारी होगी)।
    • उद्देश्य: राज्य के विभिन्न मंडलों में आयुर्वेद आधारित स्वास्थ्य देखभाल और वेलनेस उद्योग को सशक्त बनाना। 
  • एंडोक्राइनोलॉजी विभाग:
    • मधुमेह और गैर-संक्रामक रोगों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, सरकार ने गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC), भोपाल में पहला समर्पित एंडोक्राइनोलॉजी विभाग स्थापित करने की स्वीकृति दी है। 
  • 'गीता भवन' योजना:
    • उद्देश्य: शहरी स्थानीय निकायों में सुसज्जित अध्ययन केंद्र स्थापित कर पठन, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।
    • लक्ष्य एवं वित्तपोषण: वर्ष 2030 तक प्रत्येक ज़िले में एक 'गीता भवन' स्थापित करने का लक्ष्य, जिसमें निर्माण, विस्तार और रख-रखाव के लिये राज्य सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
  • जनजातीय छात्रावासों के लिये छात्रवृत्ति में वृद्धि:
    • जनजातीय छात्रावासों में मेस सुविधाओं के लिये छात्रवृत्ति की अवधि 10 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दी गई है, जिसमें उपस्थिति के आधार पर लड़कों के लिये 1,650 रुपए प्रति माह और लड़कियों के लिये 1,700 रुपए प्रति माह की राशि दी जाएगी।


    बिहार Switch to English

    12वीं पुरुष एशिया कप हॉकी चैंपियनशिप

    चर्चा में क्यों?

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12वीं पुरुष एशिया कप हॉकी चैंपियनशिप के लिये लोगो, शुभंकर और ट्रॉफी का अनावरण किया।

    • मुख्यमंत्री ने ट्रॉफी प्राइड जर्नी को भी हरी झंडी दिखाई, जो एक प्रतीकात्मक मशाल यात्रा है, जो टूर्नामेंट तक बिहार के सभी ज़िलों से होकर गुजरेगी।

    मुख्य बिंदु

    • टूर्नामेंट के बारे में:
      • यह टूर्नामेंट 29 अगस्त, 2025 (राष्ट्रीय खेल दिवस और मेजर ध्यानचंद की जयंती) से 7 सितंबर 2025 तक राजगीर अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित होगा। 
      • यह पहली बार है जब बिहार इस आयोजन की मेज़बानी कर रहा है।
      • हॉकी इंडिया और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद बिहार का ऐतिहासिक शहर राजगीर इस आयोजन की मेज़बानी करेगा।
      • यह राजगीर का दूसरा अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन है। इससे पहले वर्ष 2024 में यहाँ महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी आयोजित हुई थी।
    • टूर्नामेंट विवरण:
      • इसमें भारत, चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ओमान और बांग्लादेश की टीमें शामिल होंगी।
      • यह टूर्नामेंट अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) पुरुष हॉकी विश्व कप 2026 के लिये क्वालीफायर के रूप में कार्य करेगा, जिसकी मेज़बानी बेल्जियम और नीदरलैंड करेंगे।
      • विजेता टीम को सीधे हॉकी विश्वकप में प्रवेश मिलेगा।
    • शुभंकर: 
      • आधिकारिक शुभंकर "चाँद", भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ के साहस और स्फूर्ति का प्रतीक है तथा यह भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद से प्रेरित है।
      • चाँद की डिज़ाइन में लाल केप (Red Cape) शक्ति का प्रतीक है और जादूगर की टोपी ध्यानचंद की असाधारण प्रतिभा का सम्मान करती है।

    एशियाई हॉकी महासंघ (AHF)

    • एशियाई हॉकी महासंघ (AHF) की स्थापना वर्ष 1958 में टोक्यो में एशियाई खेलों के दौरान हुई थी, जिसके दौरान हॉकी ने पहली बार एशियाई खेलों में भाग लिया था। 
    • AHF के पाँच संस्थापक सदस्य देश भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया और पाकिस्तान थे।
    • पांच महाद्वीपीय महासंघों में से एक के रूप में, AHF उच्च प्रदर्शन परियोजनाओं, अनुदानों, उपकरणों और तकनीकी मार्गदर्शन के माध्यम से अपने सदस्य राष्ट्रीय संघों का समर्थन करके खेल को बढ़ावा देने, विकसित करने और प्रशासन में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) की सहायता करता है।


    हरियाणा Switch to English

    एशियाई निशानेबाज़ी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

    चर्चा में क्यों?

    हरियाणा के पलवल निवासी कपिल बैंसला ने कज़ाख़िस्तान में आयोजित 16वीं एशियाई निशानेबाज़ी चैंपियनशिप में भारत के लिये पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

    • उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल पुरुष जूनियर फाइनल में शीर्ष स्थान हासिल कर हरियाणा और पूरे देश को गौरवान्वित किया।

    मुख्य बिंदु

    • आयोजन विवरण:
      • राइफल, पिस्टल और शॉटगन स्पर्द्धाओं वाली 16वीं एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप 16 से 30 अगस्त 2025 तक कज़ाख़िस्तान के श्यामकेंट में आयोजित की जा रही है।
      • इस कार्यक्रम का आयोजन कज़ाख़िस्तान स्पोर्ट्स शूटिंग फेडरेशन द्वारा किया जा रहा है और कुवैत स्थित एशियाई शूटिंग परिसंघ (ASC) द्वारा इसे मंजूरी दी गई है।
      • प्रतियोगिता का संचालन अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल महासंघ (ISSF) द्वारा किया जा रहा है।
      • कुल 27 देशों के 800 से अधिक एथलीटों ने इसमें हिस्सा लिया है। भारत का दल सबसे बड़ा है, जिसमें 164 निशानेबाज़ शामिल हैं।
    • भारत का प्रदर्शन
      • 1 स्वर्ण पदक: कपिल बैंसला - पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल जूनियर स्पर्द्धा में स्वर्ण।
      • 2 रजत पदक: पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम - रजत (अनमोल जैन, सौरभ चौधरी, आदित्य मालरा)।
      • 2 कांस्य पदक:
        • महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम - कांस्य (मनु भाकर, सुरुचि सिंह, पलक गुलिया)।
        • मनु भाकर - महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत कांस्य।


    उत्तर प्रदेश Switch to English

    विश्व मानवतावादी दिवस

    चर्चा में क्यों?

    हर साल 19 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व मानवतावादी दिवस का उद्देश्य उन समर्पित व्यक्तियों के प्रयासों को मान्यता देना है, जो संकट की घड़ी में दूसरों की सहायता करने के लिये अपने प्राणों को जोखिम में डालते हैं। 

    • यह दिवस उन लाखों लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त करने का भी अवसर है, जिनका जीवन संघर्ष और आपदाओं के कारण संकटग्रस्त हो जाता है।

    मुख्य बिंदु

    विश्व मानवतावादी दिवस के बारे में:

    • परिचय
      • यह दिवस मानवीय मामलों के समन्वय हेतु संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) के नेतृत्व में मनाया जाता है। 
      • इसका उद्देश्य संकटों से प्रभावित लोगों की कल्याण, गरिमा और अस्तित्व सुनिश्चित करना तथा मानवीय कार्यकर्त्ताओं की सुरक्षा का समर्थन करना है।
    • इतिहास
      • 19 अगस्त, 2003 को बगदाद स्थित कैनाल होटल पर हुए बम हमले में 22 मानवीय सहयोगी मारे गए थे, जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव के इराक हेतु विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो भी शामिल थे। 
      • उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इस दिन को विश्व मानवतावादी दिवस (WHD) के रूप में घोषित किया।
    • विषय (Theme)
      • इस वर्ष का विषय मानवतावादियों और नागरिकों पर हो रहे हमलों को समाप्त करने तथा अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत दंड-मुक्ति की प्रवृत्ति को रोकने का आह्वान करता है।
      • यह सत्ता में बैठे लोगों से #ActForHumanity का आग्रह करता है।
    • #ActForHumanity अभियान का आह्वान:
      • मानवीय कार्यकर्त्ताओं और उनके द्वारा सेवा प्राप्त करने वाले नागरिकों की सुरक्षा
      • अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून को बनाए रखना।
      • मानवीय सहायता द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले महत्त्वपूर्ण जीवन-रेखीय (Vital Lifelines) संसाधनों हेतु वित्तपोषण।


    मध्य प्रदेश Switch to English

    मध्य प्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 2025

    चर्चा में क्यों? 

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2025 को मंजूरी दे दी है, जिसमें कई आधुनिक प्रावधान शामिल किये गए हैं।

    मुख्य बिंदु 

    • सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 के बारे में:
      • नए अवकाश नियम केंद्र सरकार के मानकों के अनुरूप हैं और वर्ष 1977 के नियमों का स्थान लेंगे। 
      • उल्लेखनीय परिवर्तनों में शामिल हैं:
      • सार्वजनिक मातृत्व अवकाश अब सरोगेट माताओं के लिये भी उपलब्ध होगा।
      • पितृत्व अवकाश गोद लेने वाले पिता के लिये 15 दिन का होगा।
      • बाल देखभाल अवकाश अब एकल पुरुष कर्मचारियों तक भी विस्तारित किया गया है।
      • गंभीर रूप से बीमार और विशेष क्षमता वाले कर्मचारियों के लिये अवकाश आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।


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