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बिहार

पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट

  • 25 Sep 2025
  • 20 min read

चर्चा में क्यों?

बिहार में विपक्षी पार्टी ने भागलपुर के पीरपैंती में थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के लिये अडानी समूह को 1,050 एकड़ भूमि मात्र 1 रुपये प्रति वर्ष पट्टे पर देने के राज्य सरकार के निर्णय के विरुद्ध पटना में प्रदर्शन किया।

मुख्य बिंदु 

पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट परियोजना

  • परिचय:
    • अडानी पावर लिमिटेड भागलपुर ज़िले के पीरपैंती क्षेत्र में 2,400 मेगावाट (3 अरब अमेरिकी डॉलर) की कोयला आधारित परियोजना पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट का विकास कर रही है।
    • इस परियोजना में 800 मेगावाट की तीन इकाइयाँ होंगी। निर्माण के दौरान लगभग 10,000 और संचालन शुरू होने के बाद लगभग 3,000 स्थायी रोज़गार सृजित होने की संभावना है।
  • परियोजना के विरुद्ध आरोप:
    • भूमि पट्टा: 1,050 एकड़ भूमि 33 वर्षों के लिये 1 रुपये प्रति वर्ष की दर से अडानी पावर को पट्टे पर दी गई, जिसे विपक्षी पार्टी ने उपहार बताया।
    • पर्यावरणीय प्रभाव: कथित तौर पर 10 लाख वृक्षों को काटा गया, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को हानि पहुँची।
    • कृषि भूमि रूपांतरण: परियोजना स्वीकृति के लिये उपजाऊ कृषि भूमि को कथित तौर पर बंजर के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया गया।
    • विद्युत शुल्क: बिहार के निवासियों को लगभग 6 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना पड़ सकता है, जो महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की दरों से अधिक है।
  • सरकारी प्रतिक्रिया: 
    • अडानी पावर ने यह परियोजना पारदर्शी टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्द्धात्मक निविदा (TBCB) प्रक्रिया के तहत विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 63 के अनुसार प्राप्त की।
    • भूमि पहले ही वर्ष 2022 में बिहार राज्य पावर जनरेशन कंपनी (BSPGCL) को 1 रुपये प्रति वर्ष की दर से पट्टे पर दी जा चुकी थी।
    • विद्युत् उत्पादन लागत कम करने के लिये निविदा तंत्र में नाममात्र पट्टा दर को शामिल किया गया था, जबकि भूमि का स्वामित्व बिहार के ऊर्जा विभाग के पास बना हुआ है।

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025:

  • अगस्त 2025 में, बिहार कैबिनेट ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 को स्वीकृति दी, जो पात्र निवेशकों को 1 रुपये की प्रतीकात्मक दर पर भूमि आवंटन की अनुमति देता है।
  • नीति के अंतर्गत:
    • 100 करोड़ रुपये के निवेश और 1,000 रोज़गार के सृजन पर 10 एकड़ निशुल्क भूमि प्राप्त की जा सकेगी।
    • 1,000 करोड़ रुपये के निवेश पर 25 एकड़ तक निशुल्क भूमि प्राप्त की जा सकती है।
    • फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ निशुल्क भूमि मिलेगी।
    • अन्य निवेशकों को बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) की भूमि दरों पर 50% की छूट मिलती है।
    • यह योजना 31 मार्च, 2026 तक सभी योग्य निवेशकों के लिये खुली है, जिससे 1 रुपये में भूमि हस्तांतरण केवल अडानी तक सीमित नहीं है।

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