बिहार
प्रधानमंत्री स्मृति-चिह्नों में बिहार की लोककला का प्रदर्शन
- 24 Sep 2025
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री स्मृति चिह्न ई-नीलामी के 7वें संस्करण में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें मधुबनी और सिक्की कला के उदाहरणों सहित 40 अद्वितीय वस्तुएँ अब सार्वजनिक बोली के लिये उपलब्ध हैं।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- प्रधानमंत्री स्मृति-चिह्न ई-नीलामी, जिसे संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, दिल्ली के माध्यम से आयोजित किया, नागरिकों को वर्ष 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिये गए स्मृति-चिह्न प्राप्त करने का अवसर देती है।
- इस नीलामी से प्राप्त धनराशि पवित्र नदी गंगा के पुनरुद्धार के लिये समर्पित नमामि गंगे परियोजना को सहायता प्रदान करेगी।
- बिहार की कलात्मक विशेषताएँ:
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मधुबनी पेंटिंग:
- यह जटिल मधुबनी पेंटिंग भगवान कृष्ण को गोपियों के साथ दर्शाती है, जो दिव्य प्रेम और आध्यात्मिक सद्भाव को प्रदर्शित करती है।
- मोटी रेखाओं, जटिल पैटर्न और प्राकृतिक रंगों के लिये प्रसिद्ध यह पेंटिंग मिथिला क्षेत्र की गहन लोक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करती है।
- मिथिला पेंटिंग:
- एक सजीव मिथिला पेंटिंग, जिसमें एक महिला कमल का फूल और एक शिवलिंग पकड़े हुए है, जो भगवान शिव का प्रतीक है, यह कलाकृति बिहार की लोक कला का सुंदर प्रतिनिधित्व करती है।
- कागज़ पर पोस्टर रंगों में बनाई गई यह पेंटिंग पारंपरिक भूरे रंग के फ्रेम में है, जिसमें मिथिला कला की विशेषता वाले जटिल और सजीव रेखाचित्र प्रदर्शित हैं।
- यह कलाकृति मिथिला चित्रकला की समृद्ध परंपरा को दर्शाती है, जो हिंदू देवी-देवताओं, प्रकृति और दैनिक जीवन से गहराई से जुड़ी हुई है।
- सिक्की कला:
- इस कला में भगवान राम और सीता को सुनहरे रंग में दर्शाया गया है, जो युगल की दिव्य कृपा को प्रकट करता है।
- बिहार की पारंपरिक सिक्की कला शैली में निर्मित इस कलाकृति में दिव्य दंपति का सुनहरा चित्रण गहरे रंग की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया है, जो उनकी शक्ति और सुंदरता पर ज़ोर देता है।
- सिक्की कला अपनी जटिल शिल्पकला के लिये जानी जाती है और यह कलाकृति बिहार की सांस्कृतिक समृद्धि, विशेष रूप से लोक परंपराओं में दैवीय आकृतियों के चित्रण को दर्शाती है।