रैपिड फायर
मानवीय मामलों के समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय
- 30 Dec 2025
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संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता के लिये 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की है, जबकि अमेरिकी प्रशासन कुल विदेशी सहायता में कटौती कर रहा है और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों पर सुधार के लिये दबाव भी बना रहा है।
- यह प्रतिज्ञा अमेरिका के पूर्व वर्षों के योगदान (जो वार्षिक रूप से 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचते थे) की तुलना में काफी कम है, फिर भी प्रशासन के अनुसार यह अमेरिका को विश्व का सबसे बड़ा मानवीय दाता बनाए रखने के लिये पर्याप्त है।
- यह राशि संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) द्वारा प्रबंधित एक अम्ब्रेला फंड के माध्यम से प्रवाहित की जाएगी।
- नई वित्तपोषण व्यवस्था का उद्देश्य अन्य विकसित देशों के साथ मानवीय बोझ को साझा करना तथा जवाबदेही और निगरानी को सुदृढ़ करना है।
- यह नई फंडिंग रणनीति प्रारंभिक रूप से 17 संकटग्रस्त देशों पर केंद्रित होगी, जिनमें बांग्लादेश, हैती, सीरिया, यूक्रेन और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य शामिल हैं, जबकि सहायता के दुरुपयोग की आशंकाओं के कारण अफगानिस्तान तथा यमन को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA)
- स्थापना: संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) की स्थापना वर्ष 1991 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी।
- जनादेश: OCHA मानवीय कार्यकर्त्ताओं को एक साथ लाकर आपात स्थितियों में सुसंगत और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है तथा सामूहिक कार्रवाई के लिये एक सामान्य ढाँचा प्रदान करता है।
- परिवर्तन: वैश्विक मानवीय समन्वय को मज़बूत करने के लिये OCHA ने संयुक्त राष्ट्र आपदा राहत समन्वयक कार्यालय (UNDRO) का स्थान लिया।
- समन्वय: ऑन-साइट ऑपरेशंस समन्वय केंद्रों (OSOCC) के माध्यम से, OCHA अचानक उत्पन्न या तेज़ी से बदलती आपात स्थितियों में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया का तत्काल समन्वय सुनिश्चित करता है।
- वित्तपोषण: OCHA दो सह-फंडिंग तंत्रों का प्रबंधन करता है: केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (CERF) जो पूरे विश्व में आपात स्थितियों के लिये है और कंट्री-बेस्ड पूल्ड फंड (CBPF) जो विशिष्ट देशों के लिये तैयार किये गए हैं।
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