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कुल प्रश्नों की संख्या : 1114
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रवि, एक IAS अधिकारी, एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील ज़िले में ज़िला मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं। शासक दल द्वारा अपनी ताकत दिखाने के लिये एक विशाल राजनीतिक रैली आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग दो लाख लोग शामिल होने की संभावना थी। वरिष्ठ नेता इसमें शामिल होने वाले थे तथा इस कार्यक्रम का व्यापक स्तर पर प्रचार किया गया था। हालाँकि रवि के कार्यालय ने पहले ही बैरिकेडिंग, निकासी मार्ग, पुलिस तैनाती और चिकित्सा तैयारियों के संबंध में सलाहें जारी की थीं, आयोजकों ने कई निर्देशों की अनदेखी की, यह कहकर कि बजट की सीमाएँ और तात्कालिकता की वजह से ऐसा करना संभव नहीं है।
रैली के दिन स्थिति अराजक हो गई। प्रवेश एवं निकास द्वार अत्यधिक भीड़ से भर गए, भीड़ प्रबंधन ठीक से नहीं किया गया तथा चिकित्सा सुविधाएँ अपर्याप्त थीं। रैली के दौरान, मंच के पास जाने के लिये लोगों द्वारा अचानक धक्का-मुक्की ने दहशत उत्पन्न कर दी, जिससे भगदड़ मची। इस घटना में कई लोगों की जान चली गई, कई घायल हुए तथा यह घटना व्यापक गुस्से और आक्रोश को जन्म देने वाली सिद्ध हुई।
विभिन्न हितधारकों की प्रतिक्रियाएँ तीव्र रही। मृतकों के परिवारों ने न्याय, जवाबदेही और त्वरित मुआवज़े की मांग की। नागरिक समाज के समूहों व मीडिया ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। विपक्षी दलों का दावा था कि सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिये लोगों की जान को खतरे में डाला। वहीं, शासक दल ने रवि पर दबाव डाला कि वह इस घटना को कम महत्त्व दें एवं इसे एक “अपरिहार्य त्रासदी” के रूप में प्रस्तुत करें। कुछ अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया कि गलतियों को उजागर करने से अशांति उत्पन्न सकती है तथा यह रवि के कॅरियर के लिये जोखिम भी बन सकता है।
अब रवि एक द्वंद का सामना कर रहे हैं। ज़िले के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में, वे जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा कानून के शासन को बनाए रखने के लिये ज़िम्मेदार हैं। वहीं, उन्हें राजनीतिक दबाव, ट्रांसफर का खतरा एवं व्यक्तिगत धमकियों का भी सामना करना पड़ रहा है। उनके विकल्पों के परिणाम न केवल उनके कॅरियर पर, बल्कि शासन की विश्वसनीयता व जनता के विश्वास पर भी प्रभाव डालेंगे।
प्रश्न
1. रवि इस स्थिति में किन नैतिक द्वंद्वों का सामना कर रहे हैं?
2. रवि के पास उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन कीजिये और प्रत्येक के संभावित परिणाम बताइए।
3. संवैधानिक मूल्यों और अच्छे शासन के सिद्धांतों के संदर्भ में रवि के लिये सबसे उपयुक्त कार्यवाही क्या हो सकती है, सुझाव दीजिये।
4. भीड़ प्रबंधन में सुधार करने और बड़े राजनीतिक एवं सार्वजनिक आयोजनों में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये दीर्घकालीन सुधार क्या लागू किये जा सकते हैं? (250 शब्द)
03 Oct, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
आप अनिल हैं, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक अधिकारी, जो वर्तमान में एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील ज़िले में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO) के पद पर कार्यरत हैं। चुनाव आने वाले दो हफ्तों में होने वाले हैं तथा आपकी ज़िम्मेदारी एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।
पिछले कुछ दिनों में आपको राजनीतिक दलों, नागरिक समाज समूहों और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों से गंभीर अनियमितताओं की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कई वास्तविक मतदाताओं के नाम रहस्यमय ढंग से मतदाता सूची से हटा दिये गए हैं, जबकि मृत व्यक्तियों के नाम और फर्जी प्रविष्टियाँ अब भी बनी हुई हैं। सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशियों पर सरकारी वाहन, कल्याणकारी योजनाओं और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर चुनाव प्रचार करने का आरोप है। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्षी कार्यकर्त्ताओं और मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिये बाहुबलियों के उपयोग की भी रिपोर्ट मिली है। कुछ निम्न स्तर के चुनावी कर्मचारी पक्षपातपूर्ण दिखाई देते हैं और उन पर प्रभावशाली प्रत्याशियों से मिलीभगत करने का संदेह है। इसके अतिरिक्त, वोट खरीदने के लिये नकद, शराब और मुफ्त उपहार बाँटने के व्यापक आरोप भी सामने आए हैं।
जब आप इन मामलों को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाते हैं, तो आपको इन्हें “गैर-महत्त्वपूर्ण परिचालन संबंधी मुद्दे” मानकर आगे न बढ़ाने की सलाह दी जाती है। राजनेता आपको चेतावनी देते हैं कि सख्त कार्रवाई से अशांति उत्पन्न हो सकती है, हिंसा भड़क सकती है एवं आपके कॅरियर व परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर, नागरिक समाज समूह, चुनाव आयोग के प्रेक्षक एवं मीडिया के कुछ वर्ग जवाबदेही तथा चुनावी कानूनों के सख्त अनुपालन की मांग कर रहे हैं।
जोखिम बहुत अधिक हैं। एक ओर, आपका कर्त्तव्य चुनावों की पवित्रता को बनाए रखना है, जो लोकतंत्र की नींव है। दूसरी ओर, यदि आप इस मामले को पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाते हैं, तो आपको राजनीतिक प्रतिशोध, कॅरियर में बाधाएँ और व्यक्तिगत जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न.
A. इस परिस्थिति में अनिल के समक्ष कौन-से नैतिक द्वंद्व उपस्थित हैं?
B. अनिल के समक्ष उपलब्ध विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन कीजिये तथा प्रत्येक विकल्प के संभावित परिणाम का विश्लेषण कीजिये।
C. संवैधानिक मूल्यों, नैतिक तर्क और सुशासन के सिद्धांतों के आलोक में अनिल के लिये सर्वोत्तम कार्यवाही का सुझाव दीजिये।
D. कैसे प्रणालीगत सुधारों को लागू किया जा सकता है ताकि लंबे समय में ऐसे चुनावी दुराचारों को कम किया जा सके? (250 शब्द)
26 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
प्रश्न. “आवश्यक सेवाओं को वस्तुओं के रूप में नहीं देखा जा सकता।” आधुनिक समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के व्यवसायीकरण से उत्पन्न नैतिक चिंताओं का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
25 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. क्या मूल्य कानूनों से पहले स्थापित होते हैं, या कानून मूल्य निर्माण करते हैं? समाज में नैतिक मानदंडों के विकास के संदर्भ में विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
25 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
केस स्टडी
आप भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी राहुल हैं, जो एक कृषि प्रधान ज़िले में ज़िला विकास अधिकारी के पद पर तैनात हैं। मौसमी बेरोज़गारी और संकटपूर्ण प्रवास से प्रभावित एक कृषि प्रधान ज़िले में ज़िला विकास अधिकारी के पद पर तैनात हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MNREGA) इस क्षेत्र के लिये जीवनयापन का प्रमुख सहारा है, जो ग्रामीण परिवारों को मज़दूरी-आधारित रोज़गार उपलब्ध कराता है तथा साथ ही संवहनीय ग्रामीण परिसंपत्तियों के निर्माण में सहायक है। हालाँकि, हाल ही में, स्थानीय कार्यकर्त्ताओं और एक व्हिसलब्लोअर समूह ने कई ग्राम पंचायतों में MNREGA के कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट तैयार किया है।
रिपोर्ट में जिन अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है, वे हैं —
a. मस्टर रोल पर फर्ज़ी लाभार्थी और फर्ज़ी जॉब-कार्ड।
b. ग्रामीण विकास कार्यों (जैसे: सड़कें, जल-संचयन संरचनाएँ आदि) का मापन और बिलों की राशि वास्तविकता से कहीं अधिक दिखायी गई, जबकि ज़मीनी स्तर पर काम बहुत कम हुआ है या बिल्कुल हुआ ही नहीं है।
c. स्थानीय ठेकेदारों, पंचायत पदाधिकारियों और कुछ कनिष्ठ अधिकारियों के बीच मिलीभगत जो कमीशन बाँटते हैं।
d. वेतन भुगतान में विलंब जिसके कारण श्रमिकों को शीघ्र भुगतान के लिये रिश्वत लेने के लिये विवश होना पड़ता है।
e. निजी ठेकेदारों को धनराशि अंतरित करने के लिये जानबूझकर कार्य का गलत वर्गीकरण।
f. हाल ही में हुए एक सामाजिक अंकेक्षण से पता चला है कि कई परिसंपत्तियाँ न तो बनीं और न ही मानक के अनुरूप थीं।
g. राज्य ग्रामीण विकास विभाग के पिछले ऑडिट नोट्स में भी इसी तरह के मुद्दों को उठाया गया था, लेकिन उन पर नाममात्र की कार्रवाई हुई।
MNREGA के परिणामों का आकलन करने के लिये केंद्रीय मंत्रालय की एक टीम अगले सप्ताह ज़िले का दौरा करने वाली है। आपके राजनीतिक वरिष्ठों और ज़िला के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने आपको ऐसी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है जिसमें ‘संचालन संबंधी बाधाओं’ एवं प्राकृतिक कारकों (खराब मॉनसून, प्रवासन) को कमियों के लिये उत्तरदायी बताया गया हो, तथा व्यवस्थागत भ्रष्टाचार का उल्लेख न किया गया हो। आपको चेतावनी दी गई है कि सच्चाई उजागर करने पर आपका तबादला हो सकता है, आपके सेवा रिकॉर्ड में नकारात्मक प्रविष्टियाँ दर्ज हो सकती हैं तथा आपके परिवार पर राजनीतिक प्रतिशोध हो सकता है। वहीं यदि आप आज्ञा का पालन कर के सच्चाई छुपाते हैं तो लाखों श्रमिकों के अधिकारों का वंचन होता रहेगा और भ्रष्टाचार जारी रहेगा।
स्थानीय ग्रामवासी, श्रमिक संघ और नागरिक समाज समूह एक पूर्ण, पारदर्शी सार्वजनिक रिपोर्ट, दोषियों पर मुकदमा चलाने, समय पर मज़दूरी भुगतान और वास्तविक MNREGA कार्यों की बहाली की माँग कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के मीडिया और उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) ने भी ज़िले की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
प्रश्न:
1. राहुल के समक्ष कौन-कौन सी नैतिक दुविधाएँ हैं?
2. उनके समक्ष उपलब्ध विकल्पों और प्रत्येक विकल्प के संभावित परिणामों का मूल्यांकन कीजिये।
3. राहुल के लिये सर्वोत्तम कार्ययोजना का सुझाव दीजिये।
4. नैतिक तर्क और सुशासन के सिद्धांतों के आधार पर अपनी अनुशंसा का औचित्य प्रस्तुत कीजिये। (250 शब्द)
19 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
प्रश्न. “कल्याणकारी नीतियों के माध्यम से सामाजिक पुनर्निर्माण के लिये न केवल प्रशासनिक दक्षता, बल्कि सिविल सेवकों द्वारा नैतिक तर्क और आलोचनात्मक विश्लेषण की भी आवश्यकता होती है।” उपयुक्त उदाहरणों के साथ विवेचना कीजिये। (150 शब्द)
18 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. “संस्थाओं में जनविश्वास प्राय: कानूनों के अभाव से नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों के क्षरण से कम होता है।” सिविल सेवाओं में जवाबदेही, विवेक और भ्रष्टाचार की चुनौतियों के संदर्भ में इस कथन का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
18 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
केस स्टडी:
अर्जुन एक IAS अधिकारी हैं जो एक पिछड़े ज़िले में जिला मजिस्ट्रेट (DM) के रूप में नियुक्त हैं। हाल ही में इस ज़िले को ‘आकांक्षी ज़िला’ घोषित किया गया है तथा इसे शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसंरचना विकास हेतु विशेष निधि प्राप्त हो रही है।
नियमित समीक्षा के दौरान अर्जुन को पता चलता है कि शिक्षा हेतु प्राप्त बड़ी राशि का एक हिस्सा मध्य-स्तरीय अधिकारियों द्वारा एक नये VIP गेस्ट हाउस के निर्माण में लगा दिया गया है। इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि मंत्रियों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के लगातार दौरे के लिये बेहतर आवास सुविधाओं की आवश्यकता होती है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से ज़िले को अधिक ध्यान और परियोजनाएँ मिल सकेंगी।
जब अर्जुन इस पर आपत्ति जताते हैं तो अधिकारी तर्क देते हैं कि:
I. इस परियोजना को राजनीतिक समर्थन प्राप्त है और इसे रोकने से प्रभावशाली नेताओं की नाराज़गी हो सकती है।
II. गेस्ट हाउस ‘तकनीकी दृष्टि से जनहित’ में है।
II. इस दुरुपयोग को उजागर करने से राजनीतिक प्रतिशोध के कारण अन्य योजनाओं में विलंब हो सकता है।
इसी बीच अर्जुन को स्थानीय नागरिक समाज समूहों से शिकायत मिलती है कि कई विद्यालयों में शौचालय, स्वच्छ पेयजल और शिक्षक जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। अर्जुन पाते हैं कि निधि का इस प्रकार दुरुपयोग जारी रहने पर बच्चों की शिक्षा प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगी तथा असमानता और भी बढ़ेगी।
यदि वे इसका विरोध करते हैं तो राजनीतिक नेताओं से संबंध बिगड़ने, स्थानांतरण की संभावना और ज़िले में उनके कार्य की निरंतरता पर संकट उत्पन्न हो सकता है। यदि वे चुपचाप इसे स्वीकार कर लेते हैं तो बच्चों के मूल अधिकारों का हनन होगा।
प्रश्न:
A. इस प्रकरण में अर्जुन किन नैतिक दुविधाओं का सामना कर रहे हैं?
B. यदि आप युवा लोक सेवकों को इस प्रकरण पर मार्गदर्शन दे रहे हों, तो ऐसी परिस्थितियों से निपटने हेतु आप किन नैतिक सिद्धांतों एवं नेतृत्व गुणों पर विशेष बल देंगे?
C. प्रशासनिक यथार्थवाद और नैतिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन बनाते हुए, अर्जुन के लिये सर्वाधिक उपयुक्त कार्रवाई क्या हो सकती है?
12 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
प्रश्न. क्या कर्त्तव्य का कठोर पालन कभी करुणा पर हावी हो सकता है? कांट के नैतिक सिद्धांत और लोक प्रशासन के संदर्भ में विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
11 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. क्या सच्ची निष्पक्षता समानुभूति के साथ सह-अस्तित्व में रह सकती है या क्या समानुभूति अनिवार्य रूप से पूर्वाग्रह को जन्म देती है? लोक सेवा के संदर्भ में समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
11 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
केस स्टडी
आप एक महानगर के ज़िलाधिकारी हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रेडिक्टिव पुलिसिंग प्रणाली लागू की है, जिसका उद्देश्य अपराध की पूर्वानुमानित रोकथाम है। इसके लिये नागरिकों से संबंधित बिग डाटा, जैसे: CCTV फुटेज, मोबाइल रिकॉर्ड, ऑनलाइन गतिविधियों के पैटर्न आदि का विश्लेषण किया जा रहा है।
हालाँकि इस प्रणाली ने सड़क अपराधों को कम करने और प्रतिक्रिया समय में सुधार करने में प्रारंभिक सफलता तो दिखाई है, फिर भी कई चिंताएँ सामने आई हैं। नागरिक समाज समूहों और डिजिटल अधिकार कार्यकर्त्ताओं का आरोप है कि यह तकनीक सीमांत समुदायों को असमान रूप से निशाना बनाती है, जिससे भेदभाव और प्रोफाइलिंग जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। आम नागरिकों ने बिना सहमति लिये डाटा संग्रहण और सामूहिक निगरानी (Mass Surveillance) की संभावना पर आपत्ति जताई है।
इसी बीच गृह विभाग आप पर दबाव डाल रहा है कि सभी थानों में इस प्रणाली का विस्तार किया जाये, क्योंकि यह दक्ष, कम लागत वाली और विधि-व्यवस्था के लिये लाभकारी बताई जा रही है। दूसरी ओर, कुछ पुलिस अधिकारी अनौपचारिक रूप से यह चिंता जता रहे हैं कि AI पर अंध-निर्भरता के कारण उनकी व्यावसायिक समझ और विवेक (Discretion) कमज़ोर हो सकता है।
आपसे अपेक्षा की गई है कि आप राज्य सरकार के लिये एक रिपोर्ट तैयार करें जिसमें सार्वजनिक सुरक्षा तथा मूल अधिकारों के संरक्षण की दोहरी अनिवार्यताओं को संतुलित किया गया हो।
प्रश्न:
(a) प्रेडिक्टिव पुलिसिंग को लेकर उठी चिंताओं पर आपकी तत्काल प्रतिक्रिया क्या होगी?
(b) इस मामले में निहित नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कर उनकी विवेचना कीजिये।
(c) यदि आपसे सार्वजनिक सुरक्षा हेतु AI के उपयोग को उचित ठहराने के लिये कहा जाये, तो आप कौन-से तार्किक और नैतिक तर्क प्रस्तुत करेंगे?
(d) एक लोकसेवक के रूप में आप कौन-से ठोस उपाय सुझाएँगे ताकि शासन में AI का प्रयोग करते समय उत्तरदायित्व, निष्पक्षता तथा नागरिकों के अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित किया जा सके?
05 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
प्रश्न 1. लोक सेवा को प्रायः करुणा और लगाव-मुक्तता के बीच संतुलन के रूप में वर्णित किया जाता है। उपयुक्त उदाहरणों के साथ इस कथन का विश्लेषण कीजिये।
04 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न 2. “अंतरात्मा आत्मा की आवाज़ है, समाज की प्रतिध्वनि नहीं।” लोक सेवकों के लिये निर्णय लेने में अंतरात्मा की भूमिका का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
04 Sep, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
आप मध्य भारत के एक खनिज-समृद्ध जनजातीय ज़िले में ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) के पद पर नियोजित हैं। यह ज़िला लौह अयस्क, बॉक्साइट और कोयले के महत्त्वपूर्ण भंडारों से समृद्ध है, जिससे यह खनन गतिविधियों का केंद्र बना है। हालाँकि, हाल के वर्षों में, अवैध खनन की गतिविधियाँ अनियंत्रित हो गई हैं, जिससे गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है जिसमें बिना अनुमति के वनोन्मूलन किया जा रहा है, पिच्छिल विसर्जन के कारण नदियाँ विषाक्त हो रही हैं और कृषि भूमि बंजर होती जा रही है।
स्थानीय समुदाय, विशेषकर जनजातीय समूह, अपनी आजीविका के लिये वनों और नदियों पर निर्भर हैं। अब उन्हें स्वच्छ जल, वनोपज और उपजाऊ मृदा का अभाव है, जिससे असंतोष जनित हो रहा है। नागरिक समाज संगठनों ने ऐसे मामलों का दस्तावेज़ीकरण किया है जहाँ महिलाओं और साथ ही नाबालिगों सहित श्रमिकों को उचित सुरक्षा उपकरणों के बिना असुरक्षित परिस्थितियों में कार्य करने के लिये विवश किया जाता है। बारंबार जनित होने वाली दुर्घटनाओं, श्वसन संबंधी रोगों और क्षति के लिये प्रतिकर के अभाव से मानवीय संकट और बढ़ गया है।
इसके साथ ही, खनन गतिविधियाँ इस क्षेत्र में रोज़गार और राजस्व सर्जक हैं। हज़ारों परिवार खनन से संबद्ध नौकरियों पर निर्भर हैं और खनन के आकस्मिक समापन से बेरोज़गारी और अशांति की संभावना हो सकती है। स्थानीय राजनेता, जिनमें से कुछ के इनमें प्रत्यक्ष व्यावसायिक हित हैं, आप पर खनन कंपनियों के प्रति उदारवादी रुख अपनाने का दबाव डालते हैं। खनन और पुलिस विभागों के कई अवर स्तर के अधिकारी कथित रूप से इसमें शामिल हैं और उल्लंघनों की अनदेखी करने के लिये रिश्वत लेते हैं।
गैर-सरकारी संगठनों की याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए, न्यायपालिका ने अब ज़िला प्रशासन को अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिये एक व्यापक योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मीडिया द्वारा प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए अभियान आयोजित किये जा रहे हैं, जिससे आपके कार्यालय पर सार्वजनिक दबाव बढ़ गया है। हालाँकि, सख्त कार्रवाई करने राजनीतिक विरोध, धमकियों और आर्थिक अव्यवस्था जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
A. इस मामले में शामिल प्रमुख नीतिपरक मुद्दों की पहचान कीजिये।
B. आप आर्थिक हितों, राजनीतिक दबावों और पर्यावरण संरक्षण एवं श्रम कल्याण के प्रति अपने कर्तव्य के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करेंगे?
C. इस मामले में भ्रष्टाचार का निवारण करने के लिये प्रशासन में उत्तरदायित्व और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु आप क्या उपाय करेंगे?
D. उन नीतिपरक मूल्यों का उल्लेख कीजिये जो आपका मार्गदर्शन करेंगे। (250 शब्द)
29 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
प्रश्न: सुन त्ज़ु ने कहा था, "युद्ध की सर्वोच्च कला बिना लड़े शत्रु को परास्त करना है।" वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में यह कहाँ तक लागू होता है? (150 शब्द)
28 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न: जैन धर्म ने स्याद्वाद (सापेक्ष कथनपद्धति का सिद्धांत) और अनेकान्तवाद (अनेक दृष्टिकोणों का सिद्धांत) पर बल दिया। बहुलतावादी समाज में लोकतांत्रिक विमर्श और सहिष्णुता को सुदृढ़ करने में इनकी प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिये। (150 शब्द)
28 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
आप उत्तर भारत के एक प्रमुख तीर्थस्थल में ज़िला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं, जहाँ प्रत्येक वर्ष एक प्रमुख त्यौहार के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस त्यौहार के मुख्य दिन, मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार के समीप भगदड़ की एक दुखद घटना होती है, जिसमें 50 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हो जाती है और सैकड़ों घायल हो जाते हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भीड़ प्रबंधन में अकुशलता, अपर्याप्त बैरिकेडिंग और यातायात डायवर्जन में लापरवाही के कारण यह अफरा-तफरी मची।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्थानीय विक्रेताओं ने प्रमुख मार्गों पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया था, जबकि प्रभावशाली धार्मिक संगठनों ने ‘भक्तों की असुविधा’ का हवाला देते हुए भीड़ नियंत्रण के सख्त उपायों का विरोध किया। राजनीतिक नेताओं ने भी प्रशासन पर अधिकतम प्रवेश की अनुमति देने का दबाव डाला था, क्योंकि चुनाव से पहले प्रतिबंध जनता की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकते थे।
आपकी आंतरिक जाँच से कई स्तरों पर खामियाँ सामने आती हैं, जिनमें: पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारियों ने भीड़ नियंत्रण के लिये मानक संचालन प्रक्रियाओं की अनदेखी की, VIP के लिये विशेष प्रवेश पास जारी करने में भ्रष्टाचार हुआ तथा स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों के बीच तालमेल न होने के कारण आपातकालीन चिकित्सा सहायता में विलंब हुआ।
मीडिया ने इस घटना को ‘मानव निर्मित त्रासदी’ बताया है, साथ ही पीड़ित परिवार जवाबदेही और न्याय की माँग कर रहे हैं। ऐसे में एक जाँच आयोग गठित किये जाने की आवश्कता है और आपको भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने हेतु एक व्यापक रिपोर्ट एवं कार्ययोजना तैयार करने का कार्यभार सौंपा गया है।
- इस मामले से जुड़े नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये तथा उनकी विवेचना कीजिये।
- धार्मिक भावनाओं, राजनीतिक दबाव और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने उत्तरदायित्व के बीच आप किस प्रकार संतुलन स्थापित करेंगे?
- आप अधिकारियों में किस प्रकार जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे तथा किस प्रकार पीड़ितों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करेंगे?
- भगदड़ की दीर्घकालिक रोकथाम के लिये प्रमुख उपाय प्रस्तावित कीजिये तथा उन नैतिक मूल्यों का उल्लेख कीजिये जिनके आधार पर आप कार्यवाही करेंगे। (250 शब्द)
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प्रश्न. “विश्वसनीयता विश्वास से आती है और निरंतरता धैर्य से बनी रहती है।” लोक प्रशासन के उदाहरणों के साथ इस कथन का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (150 शब्द)
21 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. “लोक सेवा में सच्ची लैंगिक समानता न केवल तब प्राप्त होती है जब महिलाएँ प्रशासनिक व्यवस्था में प्रवेश करती हैं, बल्कि तब भी प्राप्त होती है जब प्रशासनिक व्यवस्था स्वयं सत्यनिष्ठा के मानकों से समझौता किये बिना उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप ढलती है।” प्रशासन में महिला अधिकारियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों का परीक्षण कीजिये और उनकी दक्षता बढ़ाने तथा सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिये सुधारों का सुझाव दीजिये। (150 शब्द)
21 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. "लोक प्रशासन में नैतिकता व्यक्तिगत सद्गुण, व्यावसायिक निष्ठा और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रतिच्छेदन पर कार्य करती है।" चर्चा कीजिए। लोक प्रशासन में नैतिकता व्यक्तिगत सद्गुण, पेशेवर सत्यनिष्ठा तथा सामाजिक उत्तरदायित्व, इन तीनों के अंतर्संबंधों पर कार्य करती है। विवेचना कीजिये। (150 शब्द)
14 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. नैतिक आघात (Moral Injury) की संकल्पना की समीक्षा कीजिये तथा विधि-प्रवर्तन एवं प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत पेशेवरों पर इसके प्रभावों की विवेचना कीजिये। (150 शब्द)
14 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
आप प्रमुख उत्तर भारतीय शहर (जो यमुना नदी के किनारे स्थित है) में नगर निगम आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यह नदी शहर की जीवनरेखा है, जो घरेलू, औद्योगिक तथा कृषि उपयोग के लिये जल प्रदान करती है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में यमुना नदी अशोधित सीवेज, औद्योगिक अपशिष्टों और धार्मिक सामग्री के विसर्जन के कारण अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण की एक हालिया रिपोर्ट में आपके निगम की सीवेज ट्रीटमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहने और अवैध औद्योगिक अपशिष्टों को अनुमति देने के लिये आलोचना की गई है।
कार्यभार ग्रहण करते ही आप पाते हैं कि कई वस्त्र व रंगाई इकाइयाँ रात के समय गुप्त रूप से नदी में अशोधित अपशिष्ट उत्सर्जित कर रही हैं। आपके अधिकार क्षेत्र में आने वाले कई सीवेज उपचार संयंत्र या तो काम नहीं कर रहे हैं या अपनी क्षमता से बहुत कम पर काम कर रहे हैं, जिसका एक कारण रखरखाव के अनुबंधों में व्याप्त भ्रष्टाचार है। धार्मिक संगठन सांस्कृतिक परंपराओं का हवाला देते हुए नदी में मूर्तियाँ और पुष्पांजलि विसर्जित करना जारी रखे हुए हैं और इनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की रोक का विरोध कर रहे हैं और जन-भावनाओं को भड़का रहे हैं।
पर्यावरण कार्यकर्त्ता एक अभियान चला रहे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है, जबकि स्थानीय मीडिया ने त्वचा रोगों के बढ़ते मामलों और जलीय जीवन के नुकसान को सीधे नदी की स्थिति से जोड़ना शुरू कर दिया है। वहीं, राजनीतिक नेतागण आपको आगामी चुनावों तक प्रवर्तन में धीमी गति से आगे बढ़ने की सलाह देते हैं और चेतावनी देते हैं कि उद्योगों या धार्मिक समूहों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई से अशांति भड़क सकती है। इस बीच, सरकार ने आपको नदी पुनरुद्धार के लिये एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
- इस मामले से जुड़े नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये और उन पर चर्चा कीजिये।
- आप पर्यावरणीय दायित्व को राजनीतिक और सांस्कृतिक दबावों के साथ किस प्रकार संतुलित करेंगे?
- आप औद्योगिक अनुपालन में जवाबदेही तथा सीवेज ट्रीटमेंट के संचालन में पारदर्शिता किस प्रकार सुनिश्चित करेंगे?
- सतत् नदी प्रबंधन के लिये प्रमुख उपायों का सुझाव दीजिये और आपका मार्गदर्शन करने वाले नैतिक मूल्यों की विवेचना कीजिये। (250 शब्द)
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प्रश्न . “नैतिकता के बिना ज्ञान निरर्थक है और ज्ञान के बिना नैतिकता भयावह होती है।” विश्लेषण कीजिये कि लोक सेवा में नैतिक सच्चरित्रता और व्यावसायिक दक्षता के बीच संतुलन क्यों आवश्यक है। (150 शब्द)
07 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न 1. “एक लोक सेवक को राजनीतिक रूप से तटस्थ होना चाहिये, लेकिन नैतिक रूप से उदासीन नहीं।” उदाहरणों सहित इस कथन की पुष्टि कीजिये। (150 शब्द)
07 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
आप एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के विनिर्माण इकाई (मैन्युफैक्चरिंग यूनिट) में महाप्रबंधक (General Manager) के पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में प्रबंधन और मज़दूर संघ (Workers’ Union) के बीच तनाव बढ़ गया है। यूनियन ने वेतन वृद्धि, बेहतर सुरक्षा मानकों और संविदा कर्मचारियों के स्थायी समायोजन की माँगें उठाई हैं।
हालाँकि उनकी कुछ माँगें श्रम कल्याण मानदंडों के अनुरूप और न्यायसंगत हैं, जबकि कुछ माँगों से कंपनी की वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसी बीच, आपको पता चलता है कि कुछ प्रभावशाली यूनियन नेता कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिये उकसा रहे हैं, जबकि वार्ता की प्रक्रिया अब भी जारी है।
इसी दौरान, कुछ कनिष्ठ कर्मचारी आपसे गोपनीय रूप से मिलते हैं और चिंता प्रकट करते हैं कि यूनियन की आक्रामक रणनीति से उनके कॅरियर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और इससे फैक्टरी का लंबे समय तक बंद रहना भी संभव है। साथ ही, मंत्रालय की ओर से भी यह दबाव है कि उत्पादन में कोई बाधा न आये क्योंकि यह इकाई राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
इन्हीं परिस्थितियों में, एक वरिष्ठ यूनियन नेता आपसे गोपनीय रूप से सौदा करने का प्रस्ताव देता है, यदि आप कुछ निजी लाभ (जैसे: उसके संबंधियों को पदोन्नति में प्राथमिकता और उससे जुड़ी फर्मों को ठेके देना) सुनिश्चित करें, तो वह आंदोलन को शांत कराने में सहयोग देगा।
अब आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपें, जिसमें औद्योगिक शांति सुनिश्चित करने, श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने और किसी भी प्रकार के अनैतिक समझौते से बचने हेतु व्यावहारिक मार्ग सुझाये जायें।
प्रश्न. इस मामले में सम्मिलित नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये और उनकी विवेचना कीजिये।
प्रश्न. आप श्रमिक कल्याण को संगठनात्मक वहनीयता और जनहित के साथ किस प्रकार संतुलित करेंगे?
प्रश्न. आपको यूनियन नेता द्वारा दिये गए प्रस्ताव पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देनी चाहिये? निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये किन तंत्रों का उपयोग किया जाना चाहिये?
प्रश्न. ऐसी स्थिति में लोक प्रशासन के कौन-से नैतिक मूल्य और सिद्धांत आपके आचरण का मार्गदर्शन प्रदान करेंगे? (250 words)
01 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़ -
प्रश्न .“भावनात्मक रूप से विवेकपूर्ण नेतृत्व संकट प्रबंधन के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। ”चर्चा कीजिये कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता, सार्वजनिक आपात स्थितियों और आपदाओं के दौरान प्रशासनिक प्रभावशीलता किस प्रकार को बढ़ा सकती है। (250 शब्द)
31 Jul, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. जॉन रॉल्स ने ‘न्याय को निष्पक्षता’ के रूप में महत्त्व दिया। विश्लेषण कीजिये कि यह सिद्धांत किस प्रकार सरकारी पदाधिकारियों द्वारा सीमित संसाधनों के वितरण में विभिन्न सार्वजनिक हितों के बीच संतुलन बनाने में उपयोगी हो सकता है। (150 शब्द)
31 Jul, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
आप ‘XYZ बायोटेक’ के प्रबंध निदेशक हैं, जो भारत में स्थित एक तेज़ी से बढ़ती हुई दवा कंपनी है और जिसका संचालन कई विकासशील देशों में है। आपकी कंपनी ने हाल ही में तेज़ी से उत्परिवर्तित होते किसी उष्णकटिबंधीय रोग (जो उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों की बड़ी आबादी को प्रभावित कर रहा है) के लिये mRNA-आधारित एक सफल वैक्सीन विकसित की है।
इस वैक्सीन ने चरण-III के क्लिनिकल ट्रायल में 94% प्रभावशीलता प्रदर्शित की है और इसमें हज़ारों लोगों की जान बचाने की क्षमता है। हालाँकि, यह वैक्सीन निर्माण में महँगी है क्योंकि इसके लिये विशेष कोल्ड-चेन भंडारण और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों से लाइसेंस प्राप्त स्वामित्व बायोटेक्नोलॉजी इनपुट्स की आवश्यकता होती है। आपके निदेशक मंडल द्वारा प्रस्तावित मूल्य निर्धारण रणनीति अनुसंधान एवं विकास निवेश की भरपाई और लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से ₹3000 प्रति खुराक तय की गई है, जो लक्षित क्षेत्रों में कई कम आय वाली आबादी के लिये इस वैक्सीन को वहन करने योग्य नहीं बनाता है।
इस बीच, कई गैर-सरकारी संगठन, वैश्विक स्वास्थ्य संगठन और यहाँ तक कि कुछ सरकारें भी आपसे अपने पेटेंट अधिकारों को त्यागने या सस्ते संस्करणों की अनुमति देने के लिये मूल्य निर्धारण में स्तर-आधारित भिन्नता अपनाने या सार्वजनिक क्षेत्र में निर्माण के लिये स्वैच्छिक लाइसेंसिंग देने का आग्रह कर रही हैं।
आप निवेशकों के दबाव में भी हैं, जो नवाचार से उच्च लाभ की अपेक्षा रखते हैं। कुछ हितधारक सुझाव दे रहे हैं कि परीक्षणों को उन देशों में आउटसोर्स कर दिया जाये जहाँ विनियामक मानक कमज़ोर हैं, जबकि अन्य सुझाव देते हैं कि पहले समृद्ध ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित किया जाये और अविकसित/विकासशील देशों में उपलब्धता को टाल दिया जाये। आप इस बात को लेकर द्वंद में हैं, क्योंकि आप सार्वजनिक स्वास्थ्य को एक अधिकार मानते हैं, लेकिन साथ ही अपने शेयरधारकों, कर्मचारियों और कंपनी की दीर्घकालिक संवहनीयता का आप पर दायित्व भी है।प्रश्न:
25 Jul, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
1. इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये और उन पर चर्चा कीजिये।
2. ऊपर वर्णित स्थिति पर आपकी तत्काल प्रतिक्रिया क्या होगी?
3. यदि कोई वैश्विक स्वास्थ्य गठबंधन आपके टीके के स्वैच्छिक लाइसेंस की माँग करता है, तो आप नैतिक और रणनीतिक दोनों रूप से किस प्रकार की प्रतिक्रिया देंगे?
4. एक कर्त्तव्यनिष्ठ लोक-हितैषी कार्यकारी के रूप में, एक संतुलित रणनीति का सुझाव दीजिये जो नवाचार, सामर्थ्य और नैतिक सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करे। -
प्रश्न. "प्रक्रियात्मक सत्यनिष्ठा सुशासन की आधारशिला है, फिर भी ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं जहाँ नियमों का सख्ती से पालन न्याय की भावना का उल्लंघन कर सकता है।” ऐसी परिस्थितियों में, क्या एक प्रशासनिक अधिकारी को प्रक्रियात्मक नियमों से हटकर वास्तविक (सार्थक) न्याय को प्राथमिकता देनी चाहिये? लोक प्रशासन से प्रासंगिक उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
24 Jul, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न -
प्रश्न. “यद्यपि लोक सेवकों के लिये एक दृढ़ नैतिक दिशानिर्देश आवश्यक है, तथापि कठोर नैतिक निरपेक्षता कभी-कभी शासन की व्यावहारिक माँगों के साथ असंगत भी हो सकती है।” जटिल प्रशासनिक परिस्थितियों में आदर्शवाद और प्रभावी निर्णय लेने के बीच संतुलन बनाने में लोक सेवकों की सहायता करने में नैतिक व्यावहारिकता की भूमिका पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
24 Jul, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न