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आप प्रमुख उत्तर भारतीय शहर (जो यमुना नदी के किनारे स्थित है) में नगर निगम आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। यह नदी शहर की जीवनरेखा है, जो घरेलू, औद्योगिक तथा कृषि उपयोग के लिये जल प्रदान करती है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में यमुना नदी अशोधित सीवेज, औद्योगिक अपशिष्टों और धार्मिक सामग्री के विसर्जन के कारण अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण की एक हालिया रिपोर्ट में आपके निगम की सीवेज ट्रीटमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहने और अवैध औद्योगिक अपशिष्टों को अनुमति देने के लिये आलोचना की गई है।
कार्यभार ग्रहण करते ही आप पाते हैं कि कई वस्त्र व रंगाई इकाइयाँ रात के समय गुप्त रूप से नदी में अशोधित अपशिष्ट उत्सर्जित कर रही हैं। आपके अधिकार क्षेत्र में आने वाले कई सीवेज उपचार संयंत्र या तो काम नहीं कर रहे हैं या अपनी क्षमता से बहुत कम पर काम कर रहे हैं, जिसका एक कारण रखरखाव के अनुबंधों में व्याप्त भ्रष्टाचार है। धार्मिक संगठन सांस्कृतिक परंपराओं का हवाला देते हुए नदी में मूर्तियाँ और पुष्पांजलि विसर्जित करना जारी रखे हुए हैं और इनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की रोक का विरोध कर रहे हैं और जन-भावनाओं को भड़का रहे हैं।
पर्यावरण कार्यकर्त्ता एक अभियान चला रहे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है, जबकि स्थानीय मीडिया ने त्वचा रोगों के बढ़ते मामलों और जलीय जीवन के नुकसान को सीधे नदी की स्थिति से जोड़ना शुरू कर दिया है। वहीं, राजनीतिक नेतागण आपको आगामी चुनावों तक प्रवर्तन में धीमी गति से आगे बढ़ने की सलाह देते हैं और चेतावनी देते हैं कि उद्योगों या धार्मिक समूहों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई से अशांति भड़क सकती है। इस बीच, सरकार ने आपको नदी पुनरुद्धार के लिये एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
- इस मामले से जुड़े नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये और उन पर चर्चा कीजिये।
- आप पर्यावरणीय दायित्व को राजनीतिक और सांस्कृतिक दबावों के साथ किस प्रकार संतुलित करेंगे?
- आप औद्योगिक अनुपालन में जवाबदेही तथा सीवेज ट्रीटमेंट के संचालन में पारदर्शिता किस प्रकार सुनिश्चित करेंगे?
- सतत् नदी प्रबंधन के लिये प्रमुख उपायों का सुझाव दीजिये और आपका मार्गदर्शन करने वाले नैतिक मूल्यों की विवेचना कीजिये। (250 शब्द)