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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 26 Sep, 2021
  • 246 min read
विविध

चर्चा में रही महत्त्वपूर्ण प्रजातियाँ

संक्षिप्त विवरण

  • यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में प्रत्येक वर्ष चर्चा में रही विभिन्न प्रजातियों की आईयूसीएन स्थिति अथवा उनकी अनूठी विशेषताओं पर आधारित एक या एक से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन इन सभी प्रजातियों से संबंधित जानकारी को याद रख पाना बहुत ही मुश्किल काम है।
  • इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने समाचारों में कुछ महत्त्वपूर्ण प्रजातियों की सूची तैयार की है। ताकि अगर कुछ प्रजातियों को छोड़ भी दिया जाए तो भी आप एलिमिनेशन विधि से प्रश्नों को हल कर सकें।
  • उदाहरण के लिये, यह लेख आपको भारत में गंभीर रूप से लुप्तप्राय (CR) प्रजातियों की पूरी सूची प्रदान करता है। केवल CR प्रजातियों को याद करके आप IUCN स्थिति पर आधारित प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं।

गंभीर संकटग्रस्त (CR) पक्षी प्रजातियाँ :

प्रजाति 

संरक्षण स्थिति

भौगौलिक वितरण/आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

सफेद पेट वाला बगुला/व्हाइट बेलीड हेरान

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • पूर्वी हिमालय की तलहटी में (भारत और म्याँमार)
  • यह अधिकांशतः एकांतवासी है और अबाधित नदी क्षेत्रों या आर्द्रभूमियों में पाया जाता है। 

साइबेरियन क्रेन

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • आर्कटिक टुंड्रा क्षेत्र
  • ये सर्दियों के दौरान प्रजनन के लिये चीन, ईरान और भारत (भरतपुर) की ओर प्रवास करते हैं।
  • साइबेरियन क्रेन उन प्रजातियों में से एक है जिनके लिये अफ्रीकी-यूरेशियाई प्रवासी जलपक्षी (AEWA) के संरक्षण पर समझौता हुआ है।

सफेद पूँछ वाला गिद्ध
(White-rumped Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

  • भारत में गंगा का मैदानी भाग
  • भारत में गिद्धों की नौ प्रजातियाँ पाई जाती हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश के विलुप्त होने का खतरा है।
  • गिद्धों की आबादी के लगभग समाप्त होने का प्रमुख कारण डाइक्लोफेनाक नामक दवा थी।
  • सरकार ने भारत में गिद्धों के संरक्षण के लिये गिद्ध संरक्षण 2020-2025 योजना शुरू की है।

भारतीय गिद्ध 
(Indian Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • भारत में गंगा का मैदानी भाग

लंबी चोंच वाला गिद्ध 
(Slender-billed Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • उप-हिमालयी क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व एशिया

लाल सिर वाला गिद्ध 
(Red-headed Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • भारतीय उपमहाद्वीप तथा दक्षिण-पूर्व एशिया
  • एशियाई किंग वल्चर, भारतीय काले गिद्ध या पांडिचेरी गिद्ध के रूप में भी जाना जाता है।

बंगाल फ्लोरिकन 
(Bengal Florican)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय: परिशिष्ट I 

  • भारत और नेपाल में गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन के घास के मैदान।
  • यह ब्रह्मपुत्र और साथ ही गंगा में सूखे घास के मैदानों की एक प्रतिनिधि या संकेतक प्रजाति है।

हिमालयन बटेर/पर्वतीय बटेर 
(Himalayan Quail)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

  • उत्तराखंड राज्य 
  • अंतिम जनसंख्या अनुमान के अनुसार इनकी संख्या 50 से कम थी। 
  • वर्ष 1876 ​​के बाद से इनकी उपस्थिति दर्ज नहीं की गई है।

जेरडॉन्स करसर 
(Jerdon's Courser)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

  • पूर्वी घाट 
  • आंध्र प्रदेश के लिये स्थानिक।

गुलाबी सिर वाली बतख 
(Pink-headed Duck)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम:  अनुसूची I 

  • भारत, बांग्लादेश और म्याँमार में नदी के दलदलीय क्षेत्र

सोशिएबल लैपविंग

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • रूस और कजाकिस्तान में घास के खुले मैदान
  • सर्दियों के दौरान कंवर झील, बिहार (बिहार की पहली रामसर साइट) में प्रवास करते हैं।
  • ये पक्षी मध्य एशियाई फ्लाईवे के माध्यम से पलायन करते हैं।

सोन चिरैया/गोडावण
(Great Indian Bustard)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

CITES: परिशिष्ट I 

प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय: परिशिष्ट I 

  • यह आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप (विशेष रूप से राजस्थान, गुजरात, पाकिस्तान में) पर शुष्क घास के मैदानों और झाड़ियों में रहता है। 
  • यह विश्व के सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है।
  • यह राजस्थान का राज्य पक्षी है।
  • इसके संरक्षण के लिये राजस्थान सरकार द्वारा प्रोजेक्ट गोडावण शुरू किया गया है।

गंभीर रूप से संकटग्रस्त स्तनधारी:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

मालबार सिवेट

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES परिशिष्ट III

  • पश्चिमी घाट
  • यह एक रात्रिचर प्रजाति है
  • इस जानवर की गंध ग्रंथि से सिवेटोन निकाला जाता है जिसका उपयोग औषधियों में और सुगंधित के रूप में किया जाता है।
  • यह भारत के पश्चिमी घाटों के लिये स्थानिक है।

सुमात्रा राइनो 
(Sumatran Rhinoceros)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • ये भारत, नेपाल, भूटान, इंडोनेशिया और मलेशिया में पाए जाते हैं। 
  • अब मुख्य रूप से सुमात्रा और इंडोनेशिया में बोर्नियो में शेष।
  • इन देशों को एशियाई राइनो रेंज देशों के रूप में भी जाना जाता है।
  • राइनो की सभी प्रजातियों में सबसे छोटा।

जावा राइनो 
(Javan Rhinoceros)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • एशिया में राइनो की तीन प्रजातियां - ग्रेटर वन हॉर्न्ड, जावा और सुमात्रा। 
  • जावा और सुमात्रा राइनो गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं जबकि ग्रेटर एक सींग वाले (या भारतीय) गैंडे IUCN रेड लिस्ट में सुभेद्य के रूप में सूचीबद्ध हैं।
  • भारत में केवल ग्रेटर वन हॉर्न्ड राइनो यानी एक सींग वाला गैंडा पाया जाता है।

एलविरा चूहा या लार्ज रॉक रैट 
(Large Rock-rat or Elvira Rat)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती झाड़ी भूमि वन, चट्टानी क्षेत्रों में देखा जाता है।
  • रात्रिचर तथा छेद करने वाले कृंतक 
  • तमिलनाडु के पूर्वी घाटों के लिये स्थानिक

नामदफा की उड़ने वाली गिलहरी


(Namdapha Flying Squirrel) 

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)


वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची II

  • अरुणाचल प्रदेश में नामदफा राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
  • यह 25 "सर्वाधिक वांछित खोई हुई" प्रजातियों में से एक है जो वैश्विक वन्यजीव संरक्षण की "खोई हुई प्रजातियों की खोज" (Search for Lost Species) पहल के केंद्र में है।

एशियाई चीता 

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

CITES: परिशिष्ट I

  • खुली भूमि, छोटे मैदान, अर्द्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र और अन्य खुले आवास जहाँ शिकार उपलब्ध हैं।
  • ईरान में इनकी संख्या केवल 40-50 तक सीमित रह गई है।
  • अफ्रीकी चीता से छोटे तथा रंग भी तुलनात्मक रूप से हल्का [IUCN स्थिति: सुभेद्य (VU)] 
  • शरीर पर बहुत अधिक फर, छोटा सिर तथा लंबी गर्दन 
  • आमतौर पर इनकी आँखे लाल होती हैं और प्रायः बिल्ली के समान दिखते हैं।

अंडमान सफेद दाँतों वाली श्रू
(Andaman White-toothed Shrew)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • दक्षिण अंडमान द्वीप समूह में माउंट हैरियट पर पाया गया।
  • भारत के लिये स्थानिक

निकोबार श्रू

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • ग्रेटर निकोबार द्वीप के दक्षिणी सिरे पर और कैंपबेल बे नेशनल पार्क में पाया जाता है

जेनकिंस श्रू 
(Jenkin's Shrew)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • दक्षिण अंडमान द्वीप समूह में राइट मायो और माउंट हैरियट पर पाया गया।

चीनी पैंगोलिन 
(Chinese Pangolin)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • पूर्वी नेपाल, भूटान, उत्तरी भारत, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश और दक्षिणी चीन के माध्यम से हिमालय की तलहटी।
  • त्वचा पर शल्क पाए जाते हैं 
  • पैंगोलिन की शल्क का उपयोग पारंपरिक दवाओं में।
  • इस विशेषता के चलते यह ऐसा जानवर है जिसकी सबसे अधिक तस्करी की जाती है।
  • इसके अलावा, कुछ ऐसे सिद्धांत भी सामने आए हैं हैं जो बताते हैं कि पैंगोलिन कोविड -19 का मध्यवर्ती वाहक है।
  • IUCN में भारतीय पैंगोलिन की स्थिति: संकटग्रस्त (EN)

गंभीर रूप से संकटग्रस्त मछलियाँ:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

पांडिचेरी शार्क

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र
  • यह 25 "सर्वाधिक वांछित खोई हुई" प्रजातियों में से एक है जो वैश्विक वन्यजीव संरक्षण की "खोई हुई प्रजातियों की खोज" (Search for Lost Species) पहल के केंद्र में हैं।

नाइफ टूथ सॉफिश

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • इन्हें कारपेंटर शार्क भी कहा जाता है।
  • ये लंबे, संकीर्ण, चपटे रोस्ट्रम या नाक के विस्तार वाले ‘रे’ (मछली का एक प्रकार) परिवार से संबंधित हैं। इनके तेज़ अनुप्रस्थ दाँत इस प्रकार पंक्तिबद्ध और व्यवस्थित होते हैं कि वे  आरी (सॉ) के समान प्रतीत होते हैं।

पतले थूथन वाली या ग्रीन सॉफिश 
(Narrow snout or Green Sawfish)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

गंगा शार्क

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • गंगा-हुगली नदी प्रणाली के निम्न जल स्तर वाले क्षेत्रों के ताज़े जल, तटवर्ती समुद्र और नदियों के मुहाने।

गंभीर रूप से संकटग्रस्त सरीसृप:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/ टिप्पणी

मछली खाने वाला मगरमच्छ या घड़ियाल 

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES परिशिष्ट I

  • भारत के उत्तरी भाग में ताज़े जल के निकाय।
  • प्राथमिक आवास: चंबल नदी
  • घड़ियाल की आबादी नदी जल की स्वच्छता का अच्छा संकेतक है।

चार पंजे वाला कछुआ 
(Four-toed Terrapin)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

CITES परिशिष्ट I

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • सुंदरबन पारिस्थितिकी क्षेत्र
  • भारतीय जीवविज्ञानी शैलेंद्र सिंह को इन प्रजातियों के संरक्षण के लिये बहलर कछुआ संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • जैव विविधता संरक्षण और गंगा संरक्षण कार्यक्रम के तहत संरक्षित।

लाल मुकुट के समान छत वाला कछुआ 

(Red-crowned Roofed Turtle)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट II


  • वर्तमान में, राष्ट्रीय चंबल नदी घड़ियाल अभयारण्य इसकी पर्याप्त आबादी वाला एकमात्र क्षेत्र है। 

चमड़े की पीठ वाला कछुआ 
(Leatherback Turtle)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • हिंद-प्रशांत
  • भारत का समुद्री कछुआ

हॉक्सबिल कछुआ 
(Hawksbill Turtle)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

गंभीर रूप से संकटग्रस्त उभयचर:

प्रजाति

संरक्षण स्थति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

अन्नामलाई फ्लाइंग फ्रॉग

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग के लिये स्थानिक

केरल भारतीय मेंढक 
(Kerala India Frog)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

संकटग्रस्त प्रजातियाँ (EN):

प्रजाति

संरक्षण स्थति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

बाघ

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • अधिकांशतः 13 टाइगर रेंज वाले देशों: बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम में पाए जाते हैं।
  • 70% बाघ भारत में पाए जाते हैं।
  • महत्त्वपूर्ण और "व्यापक प्रजाति" के रूप में संदर्भित।
  • भारत में 52 टाइगर रिज़र्व।
  • भारत ने TX2 लक्ष्य हासिल कर लिया है, जो वर्ष 2022 तक विश्वभर के जंगलों में बाघों की संख्या को दोगुना करने हेतु एक वैश्विक प्रतिबद्धता है।

एशियाई शेर

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है।
  • एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों से थोड़े छोटे होते हैं।
  • इनकी सबसे प्रमुख रूपात्मक विशेषता यह है कि इनके पेट के साथ त्वचा की एक अनुदैर्ध्य परत पाई जाती है जो कि अफ्रीकी शेरों में बहुत ही दुर्लभ है।

गंगा डॉल्फिन

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

प्रवासी प्रजातियों पर अभिसमय(CMS): परिशिष्ट II 

  • नेपाल, भारत और बांग्लादेश की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदी प्रणालियाँ।
  • ये केवल ताज़े/मीठे जल में पाई जाती हैं।
  • अनिवार्य रूप से इनमें दृश्य क्षमता का अभाव होता है और ये अल्ट्रासोनिक ध्वनि उत्सर्जित करके शिकार करती हैं।
  • इन्हें 'सुसु' (Susu) भी कहा जाता है।
  • यह संपूर्ण नदी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का एक विश्वसनीय संकेतक है।
  • इसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में राष्ट्रीय जलीय पशु के रूप में मान्यता दी गई थी।

पिग्मी हॉग

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • ये नमीयुक्त घास के मैदान में पाए जाते हैं।
  • वर्तमान में इनकी एक छोटी आबादी मुख्य रूप से असम में पाई जाती है।
  • ये विश्व के सबसे दुर्लभ और सबसे छोटे जंगली सूअर हैं।

कोंडाना चूहा

(Kondana Rat)

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

  • केवल महाराष्ट्र में पुणे के निकट छोटे सिंहगढ़ पठार में पाया जाता है।
  • उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन और उष्णकटिबंधीय झाड़ियाँ।
  • वे रात्रिचर हैं और बिलों में रहते हैं।

वन उल्लू
(Forest Owlet)

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

CITES: परिशिष्ट I

  • शुष्क पर्णपाती वन
  • मध्य भारत के जंगलों के लिये स्थानिक

रेड पांडा

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • भारत, नेपाल, भूटान के वन और म्याँमार तथा दक्षिणी चीन के उत्तरी पर्वत।
  • मिश्रित पर्णपाती और शंकुधारी वन जिनमें बाँस की सघन उपस्थिति होती हैं।
  • जीनस ऐलुरस (Ailurus) का एकमात्र जीवित सदस्य।
  • यह सिक्किम का राज्य पशु भी है।

नीलगिरी तहर

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • वर्षा वन पारिस्थितिकी क्षेत्र के खुले पर्वतीय घास के मैदान
  • नीलगिरि पहाड़ियों और पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग के लिये स्थानिक।
  • यह तमिलनाडु का राज्य पशु है।
  • सैडलबैक के नाम से भी जाना जाता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रजातियाँ:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी


हिम तेंदुआ 
(Snow Leopard)

IUCN: सुभेद्य (VU)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I 

  • मध्य और दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्र।
  • पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का सूचक।
  • विश्व की हिम तेंदुआ राजधानी: हेमिस, लद्दाख
  • उच्च तुंगता वाले हिमालय की प्रमुख प्रजाति।
  • हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिये वर्ष 2009 में प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड शुरू किया गया था।

चितकबरा कोयल
(Pied Cuckoo)

IUCN: संकटापन्न (NT)

  • ये अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं।
  • चितकबरे कोयल को भारत में मानसून के साथ घनिष्ठ संबंध के लिये जाना जाता है।
  • यह एक ब्रूड परजीवी है यानी इस प्रजाति की मादा अपने अंडे अन्य पक्षियों के घोंसलों में देती है।
  • यह उन कुछ प्रजातियों में से एक है जो ग्रीष्मकाल के दौरान में भारत आती हैं।

ओलिव रिडले कछुआ 

IUCN: सुभेद्य (VU)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य को विश्व के सबसे बड़े नीडल स्थल के रूप में जाना जाता है।
  • ओलिव रिडले कछुए दुनिया में पाए जाने वाले सभी समुद्री कछुओं में सबसे छोटे और सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले कछुए हैं।

अमूर फाल्कन 
(Amur Falcon)

IUCN: कम चिंतनीय (LC)

  • दक्षिणपूर्वी साइबेरिया और उत्तरी चीन
  • विश्व के सबसे लंबे समय तक यात्रा करने वाले रैप्टर।
  • नगालैंड में दोयांग झील को अमूर फाल्कन के पड़ाव/विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है।
  • नगालैंड को "विश्व की बाज़ राजधानी" (Falcon Capital of the World) के रूप में भी जाना जाता है।

ड्यूगॉन्ग
(Dugong)

IUCN: सुभेद्य (VU)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • तमिलनाडु में मन्नार की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गुजरात में कच्छ की खाड़ी
  • शाकाहारी स्तनधारियों की एक मात्र शेष प्रजाति जो कि विशेष रूप से समुद्र में रहती हैं।
  • ड्यूगॉन्ग को समुद्री गाय (Sea Cow) भी कहा जाता है।


प्रारंभिक परीक्षा

महत्त्वपूर्ण योजनाएँ एवं कार्यक्रम

संक्षिप्त विवरण

  • 15 अगस्त, 2021 को भारत ने अपना 75वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया।
  • भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की विषयवस्तु/थीम 'नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट' है।
  • भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हाल के दिनों में सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख भी किया।
  • हमने प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किये गए संबोधन के विभिन्न प्रमुख बिंदुओं को संकलित करने का प्रयास किया है। इस संकलन का एक त्वरित रिवीज़न अभ्यर्थियों UPSC CSE-2021 की प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों को हल करने में सहायक हो सकता है।

विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान

  • भारत ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में 16 जनवरी, 2021 को दो मेड-इन-इंडिया COVID-19 टीकों- कोविशील्ड और कोवैक्सिन की मंज़ूरी के साथ "दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम" शुरू किया।
    • कोवैक्सिन एक निष्क्रिय टीका है, जबकि कोविशील्ड सक्रिय टीका है।
  • सरकार ने नागरिकों के पंजीकरण और टीकाकरण के डिजिटल प्रमाणपत्र बनाने के लिये को-विन (Co-WIN) एप लॉन्च किया है।

को-विन (Co-WIN) और डिजिटल प्रमाणपत्र

  • को-विन (Co-WIN) एक क्लाउड-आधारित आईटी प्लेटफॉर्म है, जो भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्रत्येक मिनट का विवरण रखता है, जिसमें लाभार्थियों को पंजीकृत करना, टीकाकरण केंद्र आवंटित करना, लाभार्थियों को उनके टीकाकरणकर्त्ता के नाम के साथ संदेश भेजना और कोल्ड स्टोरेज में दवा की शीशियों की लाइव निगरानी शामिल है।
  • इसका स्वामित्व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHWA) के पास है।
    • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ एमईआईटीवाई (MeitY) एप के तकनीकी बुनियादी ढाँचे को संभालने के लिये ज़िम्मेदार हैं।

अमृत ​​काल

  • 75वें स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में भारत के प्रधानमंत्री ने भारत और उसके नागरिकों के लिये अगले 25 वर्षों की अवधि को अमृत काल के रूप में संदर्भित किया।
  • अमृत ​​काल का उद्देश्य है:
    • नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना।
    • गाँवों और शहर के बीच विकास के अंतर को कम करना।
    • लोगों के जीवन में सरकारी हस्तक्षेप को कम करना।
    • नवीनतम तकनीक को बढ़ावा देना ताकि भारत दुनिया के किसी भी देश से पीछे न रहे।
  • भारत ने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' की भावना से शुरुआत की और अब सबका प्रयास (सभी का सहयोगात्मक प्रयास) को विकास के लिये भारत के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण पहलू के रूप में जोड़ा गया है।

उज्ज्वला 2.0

  • हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा उज्ज्वला योजना (PMUY) या उज्ज्वला 2.0 योजना का दूसरा चरण शुरू किया गया था।
    • गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिये मई 2016 में PMUY-I की शुरुआत की गई थी।
    • इसे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • इसका उद्देश्य उन प्रवासियों को अधिकतम लाभ प्रदान करना है जो दूसरे राज्यों में रहते हैं और उन्हें पता प्रमाण प्रस्तुत करने में कठिनाई होती है।
  • प्रत्येक बीपीएल परिवार को एलपीजी कनेक्शन के लिये 1600 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
    • लाभार्थियों को अतिरिक्त 10 मिलियन एलपीजी कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY)

  • AB PM-JAY के तहत द्वितीयक और तृतीयक देखभाल के लिये प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान की जाती है।
    • स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, चिकित्सा और देखभाल उपचार, दवाओं की लागत एवं निदान शामिल है।
  • लाभार्थियों की पहचान नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) के आँकड़ों के आधार पर की जाती है।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) PM-JAY के कार्यान्वयन के लिये नोडल एजेंसी है।
  • वित्तपोषण:
    • सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये केंद्र और राज्य द्वारा क्रमशः 60:40 के अनुपात में।
    • पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल एवं उत्तराखंड में केंद्र और राज्य द्वारा क्रमशः 90:10 के अनुपात में। 
    • विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100% केंद्रीय वित्तपोषण।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP)

  • PMBJP की शुरुआत फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा वर्ष 2008 में जन औषधि अभियान के नाम से की गई थी।
    • वर्ष 2015-16 में इस अभियान को PMBJP के रूप में नया नाम दिया गया था।
  • ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) (रसायन और उर्वरक मंत्रालय) PMBJP के लिये कार्यान्वयन एजेंसी है।
    • BPPI ने जनऔषधि सुगम एप्लीकेशन भी विकसित किया है।
  • जन औषधि केंद्र: PMBJP के एक हिस्से के रूप में BPPI जनऔषधि केंद्रों का भी समर्थन करता है जहाँ सभी को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
    • इन केंद्रों की स्थापना डॉक्टर्स, फार्मासिस्ट्स, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और गैर- सरकारी संगठनों आदि द्वारा किसी भी उपयुक्त स्थान पर या अस्पताल परिसर के बाहर की जा सकती है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि (SVANidhi)

  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने स्ट्रीट वेंडर्स को किफायती ऋण प्रदान करने के लिये PM SVANidhi लॉन्च की।
  • इसकी घोषणा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक प्रोत्साहन- II के एक भाग के रूप में की गई थी।
  • विक्रेता 10,000 रुपए तक के संपार्श्विक-मुक्त, कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं जो एक वर्ष के भीतर मासिक किश्तों में चुकाने योग्य है।
    • ऋण को शीघ्र न चुकाने पर कोई दंड नहीं है।
  • इस योजना के तहत ऋण देने वाले संस्थान हैं- माइक्रोफाइनेंस संस्थान, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, स्वयं सहायता समूह।
  • यह पहली बार है कि इन संस्थानों को शहरी गरीबों के लिये उनकी ज़मीनी स्तर पर उपस्थिति और उनसे निकटता के कारण किसी योजना हेतु अनुमति दी गई है।

जल जीवन मिशन

  • यह मिशन वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTCs) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
  • जल शक्ति मंत्रालय इस योजना के कार्यान्वयन के लिये नोडल मंत्रालय है।
  • केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न: 
  • हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये केंद्र और राज्य द्वारा क्रमशः 90:10, अन्य राज्यों के लिये 50:50 और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100% केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है।
  • वर्ष 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में 100% FHTCs सफलतापूर्वक प्रदान करके गोवा देश का पहला 'हर घर जल' वाला राज्य बन गया।

कुपोषण

  • यह किसी व्यक्ति के ऊर्जा और/या पोषक तत्त्वों के सेवन में कमी, अधिकता या असंतुलन को संदर्भित करता है। यह कुपोषण के 3 व्यापक समूहों को संबोधित करता है:
    • अल्पपोषण: इसमें वेस्टिंग (ऊँचाई के अनुपात में कम वज़न), स्टंटिंग (उम्र के हिसाब से कम ऊँचाई) और कम वज़न (उम्र के हिसाब से कम वज़न) शामिल हैं।
    • सूक्ष्म पोषक तत्त्वों से संबंधित कुपोषण: सूक्ष्म पोषक तत्त्वों (महत्त्वपूर्ण विटामिन और खनिज) की कमी या अधिकता।
    • अधिक वज़न: मोटापा और आहार से संबंधित गैर-संचारी रोग (जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और कैंसर के कुछ प्रकार)।
    • गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM): विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) को ऊँचाई के हिसाब से बहुत कम वज़न या मध्य-ऊपरी बांह की परिधि 115 मिमी से कम के रूप में परिभाषित करता है।

जम्मू और कश्मीर में परिसीमन आयोग

  • परिसीमन का आशय किसी विधायी निकाय वाले देश या प्रांत में क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों (विधानसभा या लोकसभा सीट) की सीमा या सीमाओं को तय करने या पुनः परिभाषित करने के कार्य से है।
  • यह कार्य एक स्वतंत्र उच्चाधिकार प्राप्त पैनल द्वारा किया जाता है जिसे परिसीमन आयोग के रूप में जाना जाता है, जिसके आदेशों पर किसी भी न्यायालय द्वारा सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
    • इसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और यह भारत के चुनाव आयोग के सहयोग से काम करता है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत संसद प्रत्येक जनगणना के बाद एक परिसीमन आयोग बनाती है।
    • अनुच्छेद 170 के तहत राज्यों को भी प्रत्येक जनगणना के बाद परिसीमन आयोग के अनुसार क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।

ब्लू इकॉनमी या नीली अर्थव्यवस्था

  • नीली अर्थव्यवस्था समुद्र या 'नीले' संसाधनों के बेहतर प्रबंधन को प्रोत्साहित करती है।
    • इस अवधारणा को गुंटर पाउली ने वर्ष 2010 में पेश किया था।
  • यह आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिये समुद्री संसाधनों का सतत् उपयोग है।
  • नीली अर्थव्यवस्था में तीन आर्थिक रूप शामिल हैं:
    • वैश्विक जल संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था
    • अभिनव विकास अर्थव्यवस्था
    • समुद्री अर्थव्यवस्था का विकास
  • नीली अर्थव्यवस्था के लिये भारत की पहल:
    • सागरमाला परियोजना
    • ओ-स्मार्ट
    • एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना
    • 'ब्लू ग्रोथ इनिशिएटिव' को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय मत्स्यिकी नीति

डीप ओशन मिशन

  • जून 2021 में डीप ओशन मिशन के प्रस्ताव को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंज़ूरी दी।
    • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इस मिशन को लागू करने वाला नोडल मंत्रालय है।
  • यह भारत सरकार की नीली अर्थव्यवस्था पहल का समर्थन करने के लिये एक मिशन मोड परियोजना है।
  • भारत इस तरह के मिशन हेतु आवश्यक तकनीक और विशेषज्ञता वाला दुनिया का छठा देश बन जाएगा।
  • ऐसे मिशनों में आवश्यक तकनीक और विशेषज्ञता अब तक केवल पाँच देशों- अमेरिका, रूस, फ्राँस, जापान और चीन के पास उपलब्ध है।
  • मुख्य अंग:
    • डीप सी माइनिंग (Deep Sea Mining) और मानवयुक्त सबमर्सिबल के लिये प्रौद्योगिकियों का विकास।
    • महासागर जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास।
    • गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज और संरक्षण के लिये तकनीकी नवाचार।
    • रोगाणुओं सहित गहरे समुद्र की वनस्पतियों एवं जीवों की जैव-पूर्वेक्षण और गहरे समुद्र में जैव-संसाधनों के सतत् उपयोग के अध्ययन पर मुख्य फोकस होगा।
    • डीप ओशन सर्वे एंड एक्सप्लोरेशन।
    • महासागर जीव विज्ञान के लिये उन्नत समुद्री स्टेशन।

भारत में सहकारी आंदोलन

  • भारत में सहकारी आंदोलन 19वीं शताब्दी के अंतिम तिमाही में शुरू हुआ।
    • देवराई, चिटफंड, कुरी आदि नामों से कई अनौपचारिक सहकारी समितियाँ मौजूद थीं।
  • पहला सहकारी ऋण समिति अधिनियम वर्ष 1904 में पारित किया गया था और बाद में सहकारी समिति अधिनियम, 1912 द्वारा संशोधित किया गया था।
  • महात्मा गांधी ने 'फीनिक्स सेटलमेंट' को समाजवादी पैटर्न में एक सहकारी के रूप में और टॉलस्टॉय फार्म को एक पुनर्वास सहकारी बंदोबस्त के रूप में पेश किया।
  • स्वतंत्रता के बाद सहकारिता पंचवर्षीय योजनाओं (FYPs) का एक अभिन्न अंग बन गई।
  • संवैधानिक प्रावधान:
    • संविधान (97वाँ संशोधन) अधिनियम, 2011 ने भारत में काम कर रही सहकारी समितियों के संबंध में भाग IXA (नगर पालिका) के ठीक बाद एक नया भाग IXB जोड़ा।
    • संविधान के भाग III के तहत अनुच्छेद 19(1)(c) में "यूनियन और एसोसिएशन" के बाद "सहकारिता" शब्द जोड़ा गया था।
    • यह सहकारी समितियाँ बनाने के नागरिकों के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा देकर सभी नागरिकों को सहकारी समितियाँ बनाने में सक्षम बनाता है।
    • राज्य के नीति निदेशक तत्त्वों (भाग IV) में "सहकारी समितियों के प्रचार" के संबंध में एक नया अनुच्छेद 43B जोड़ा गया था।
  • भारत में सफल सहकारी समितियाँ:
    • राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC)
    • भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED),
    • भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO)
    • अमूल
    • पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक

ई-कॉमर्स

  • यह एक व्यवसाय मॉडल है जो फर्मों और व्यक्तियों को इंटरनेट पर वस्तुएँ खरीदने और बेचने की सुविधा देता है।
  • भारत का ई-कॉमर्स राजस्व 51% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
    • वर्ष 2026 तक भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार के 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
  • भारत में ई-कॉमर्स के संबंध में सरकारी पहल:
    • ड्राफ्ट ई-कॉमर्स नियम, 2021
    • आरबीआई ने डिजिटल वॉलेट जैसे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) के बीच इंटरऑपरेबिलिटी की अनुमति दी
    • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM)

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

  • यह योजना किसानों को उनकी खेती और कृषि खरीद के लिये समय पर एवं पर्याप्त ऋण सहायता प्रदान करने के लिये शुरू की गई थी।
    • KCC में फसल उत्पादन के बाद का खर्च, किसान परिवारों की खपत की आवश्यकताएँ, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिये निवेश ऋण आवश्यकताएँ आदि शामिल हैं।
  • KCC को वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
  • KCC सेचुरेशन अभियान उन किसानों को KCC ऋण प्रदान करता है जिन्हें ऐसा ऋण नहीं दिया गया है।
    • यह तय सीमा के भीतर रुपए की निकासी के लिये एटीएम-सक्षम रुपे डेबिट कार्ड के साथ आता है।

किसान उत्पादक संगठन (FPO)

  • FPO कृषि की चुनौतियों का समाधान करने के लिये एक प्रभावी गठबंधन बनाने हेतु विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों का एक समूह है।
  • नाबार्ड जैसी एजेंसियाँ FPO को बढ़ावा देती हैं और उनका वित्तपोषण करती हैं।
  • '10,000 एफपीओ का गठन और संवर्द्धन' कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
    • यह 3 साल की अवधि के लिये प्रति FPO 18.00 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

पीएम किसान

  • इस योजना के तहत केंद्र सभी भूमिधारक किसानों के बैंक खातों में 6,000 रुपए की राशि प्रतिवर्ष हस्तांतरित करता है।
  • यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है और इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • लाभार्थी की पहचान राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों द्वारा की जाती है।
  • PM-KISAN मोबाइल एप: इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा MeitY के सहयोग से डिज़ाइन और विकसित किया गया है।
  • यह किसानों को उनके आवेदन की स्थिति देखने और उनके बैंक खातों में क्रेडिट के इतिहास की जाँच करने की सुविधा प्रदान करता है।

किसान रेल

  • किसान रेल पहली मल्टी कमोडिटी ट्रेन है।
    • भारतीय रेलवे ने देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) तक पहली किसान रेल की शुरुआत की।
  • प्रशीतित डिब्बों वाली ये ट्रेनें जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों जैसे- सब्जियों, फलों को बाज़ार में लाने में मदद करेंगी।
  • यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम है।

स्वामित्व योजना

  • SVAMITVA का मतलब गाँवों के सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों का बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण है।
    • यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है।
  • इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिये एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करना है।
  • यह ड्रोन तकनीक और निरंतर संचालन संदर्भ स्टेशन (CORS) का उपयोग करके ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में भूमि की मैपिंग हेतु एक योजना है।
  • पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) इसके लिये नोडल मंत्रालय है।
    • भारतीय सर्वेक्षण विभाग इसका कार्यान्वयन करती है।

उड़ान 4.1

  • उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) को वर्ष 2016 में एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के रूप में लॉन्च किया गया था।
    • इसका उद्देश्य क्षेत्रीय मार्गों पर किफायती लेकिन आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक उड़ानें शुरू करना है ताकि छोटे शहरों में भी आम आदमी के लिये उड़ान सस्ती व सुलभ हो।
  • UDAN 4.1 विशेष हेलीकॉप्टर और सीप्लेन मार्गों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने पर केंद्रित है।
  • यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) की एक पहल है।

गति शक्ति

  • यह भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस पर घोषित पहलों में से एक है।
  • गति शक्ति 'समग्र बुनियादी ढाँचे' के विकास के लिये 100 लाख करोड़ रुपए की परियोजना है।
  • यह स्थानीय निर्माताओं की वैश्विक प्रोफाइल को बढ़ाने के साथ ही उन्हें दुनिया भर में अपने समकक्षों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करने में मदद करेगा।
    • यह भविष्य में आर्थिक क्षेत्रों में नए संभावनाओं को भी जन्म देगा।
    • यह भविष्य में युवाओं के लिये रोज़गार के अवसरों का एक स्रोत होगा।

आईएनएस विक्रांत

  • आईएनएस विक्रांत का संचालन वर्ष 2022 में शुरू किये जाने की संभावना है, यह भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक (IAC) है।
    • वर्तमान में भारत के पास केवल एक विमान वाहक पोत है- रूसी मूल का आईएनएस विक्रमादित्य।
  • विमान वाहक पोत की लड़ाकू क्षमता, पहुँच और बहुमुखी प्रतिभा देश के रक्षा क्षेत्र की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगी और इससे समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

गगनयान

  • गगनयान इसरो का एक मिशन है, इसके तहत तीन उड़ानें (दो मानव रहित, एक मानवयुक्त) कक्षा में भेजी जाएंगी।
    • यह पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेगा।
  • वर्ष 2022-23 में नियोजित दूसरे मानव रहित मिशन के बाद गगनयान का मानव अंतरिक्ष यान मॉड्यूल लॉन्च किया जाएगा।
    • मानवयुक्त मिशन में एक महिला सहित तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।
  • गगनयान को लॉन्च करने के लिये GSLV MK III का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • भारत की अन्य आगामी परियोजनाएँ:

PLI योजना

  • प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का उद्देश्य कंपनियों को घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में वृद्धि पर प्रोत्साहन देना है।
    • इसका उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को मौजूदा विनिर्माण इकाइयों की स्थापना या विस्तार के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • इस योजना को ऑटोमोबाइल, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी हार्डवेयर जैसे- लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण, रासायनिक सेल, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों के लिये भी अनुमोदित किया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020

  • NEP 2020 का उद्देश्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना" है।
    • यह स्वतंत्रता के बाद (NEP 1968 और 1986 के बाद) भारत में शिक्षा के ढाँचे में केवल तीसरा बड़ा सुधार है।
  • यह शिक्षा की वर्तमान 10+2 प्रणाली को क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के अनुरूप एक नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना में परिवर्तित करती है।
  • व्यावसायिक शिक्षा कक्षा 6 से इंटर्नशिप के साथ शुरू होगी।
    • मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में कम-से-कम कक्षा 5 तक पढ़ना।
  • वर्ष 2030 तक शिक्षण कार्य के लिये न्यूनतम योग्यता 4 वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री होगी।
  • वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाकर 50% करना।
  • एम.फिल पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाएगा और यूजी, पीजी तथा पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रम होंगे।

ब्रू समझौता

  • ब्रू या रियांग पूर्वोत्तर भारत का एक स्वदेशी समुदाय है, जो ज़यादातर त्रिपुरा (PVTG के रूप में) मिज़ोरम और असम में रहते है।
    • मिज़ोरम में उन्हें उन समूहों द्वारा निशाना बनाया गया है जो उन्हें मिज़ोरम के मूल निवासी नहीं मानते हैं।
    • वे वर्ष 1997 में मिज़ोरम से भाग गए और उन्हें त्रिपुरा में राहत शिविरों में ठहराया गया।
  • जून 2018 में ब्रू समुदाय के नेताओं ने मिज़ोरम में प्रत्यावर्तन के लिये केंद्र और दो राज्य सरकारों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
    • लेकिन अधिकांश शिविर निवासियों ने समझौते की शर्तों को खारिज कर दिया।
    • जनवरी 2020 में उन्हीं पार्टियों ने एक चतुर्भुज समझौते पर हस्ताक्षर किये जिसके अनुसार, ब्रू जनजाति को अब त्रिपुरा में बसाया जाएगा।

वाहन स्क्रैप नीति

  • इसकी घोषणा पहली बार वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में की गई थी।
  • इसका उद्देश्य पुराने और दोषपूर्ण वाहनों की संख्या को कम करना, वाहनों के वायु प्रदूषकों को कम करना, सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना है।
  • पुराने वाहनों को पुन: पंजीकरण से पहले एक फिटनेस टेस्ट पास करना होगा और नीति के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाणिज्यिक वाहनों तथा 20 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों को रद्द कर दिया जाएगा।

इथेनॉल सम्मिश्रण

  • इथेनॉल प्रमुख जैव ईंधनों में से एक है, जिसका उत्पादन स्वाभाविक रूप से खमीर द्वारा शर्करा के किण्वन या एथिलीन हाइड्रेशन जैसी पेट्रोकेमिकल प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है।
  • इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (EBP) का उद्देश्य पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण से है ताकि इसे जैव ईंधन की श्रेणी में लाया जा सके और ईंधन आयात में कटौती एवं कार्बन उत्सर्जन को कम करके लाखों डॉलर की बचत की जा सके।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2025 से 2030 तक पेट्रोल (जिसे E20 भी कहा जाता है) में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को आगे बढ़ाया है।
    • वर्तमान में भारत में पेट्रोल के साथ 8.5% इथेनॉल मिश्रण किया जाता है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC)

  • NCBC के पास सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के संबंध में शिकायतों और कल्याणकारी उपायों की निगरानी करने का अधिकार है।
  • 102वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 NCBC को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
  • NCBC के सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • अनुच्छेद 340 अन्य बातों के साथ-साथ उन ‘सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों’ की पहचान करने, उनके पिछड़ेपन की स्थितियों को समझने और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिये सिफारिशें करने से संबंधित है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

  • इस मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के साथ मई 2020 में इसकी घोषणा की गई थी।
  • यह मिशन "स्थानीय" उत्पादों को बढ़ावा देने के महत्त्व पर केंद्रित है।
  • यह मिशन पांच स्तंभों पर आधारित होगा अर्थात्,
    • अर्थव्यवस्था
    • आधारभूत संरचना
    • प्रणाली
    • जीवंत जनसांख्यिकी
    • मांग
  • इस मिशन से 'मेक इन इंडिया पहल' के पूरा होने की भी उम्मीद है, जिसका उद्देश्य भारत में विनिर्माण को प्रोत्साहित करना है।

मिशन कर्मयोगी

  • मिशन कर्मयोगी'- सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCSCB) का उद्देश्य भविष्य हेतु ऐसे सिविल सेवकों को तैयार करना है, जिसमें सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान हो, जो नए भारत के दृष्टिकोण से जुड़ा हो।
  • IGOT कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफॉर्म वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से तैयार की गई सामग्री प्रदान करता है।
  • यह योजना सभी स्तरों पर केंद्र सरकार के 46 लाख कर्मचारियों को कवर करेगी।
  • NPCSCB, प्रधानमंत्री की मानव संसाधन परिषद द्वारा शासित होगा, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (NHM)

  • वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की घोषणा की गई है जो ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिये एक रोडमैप तैयार करेगा।
  • यह हरित ऊर्जा संसाधनों की सहायता से हाइड्रोजन के उत्पादन पर केंद्रित है।
  • इसका उद्देश्य भारत की बढ़ती अक्षय क्षमता को हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था से जोड़ना है।
  • हाइड्रोजन के उपयोग से न केवल भारत को पेरिस समझौते के तहत अपने उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी बल्कि जीवाश्म ईंधन पर आयात निर्भरता भी कम होगी।

फूड फोर्टिफिकेशन

  • फूड फोर्टिफिकेशन से तात्पर्य खाद्य सामग्री में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की मात्रा को बढ़ाना है ताकि खाद्य आपूर्ति की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो सके।
    • FSSAI ने खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिकेशन) विनियम, 2016 को निम्नलिखित अनाजों के फोर्टीफिकेशन के लिये परिचालित किया:
      • गेहूँ का आटा और चावल (आयरन, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड के साथ)
      • दूध और खाद्य तेल (विटामिन A तथा D के साथ)
      • डबल फोर्टिफाइड नमक (आयोडीन और आयरन के साथ)
  • बायोफोर्टिफिकेशन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा कृषि संबंधी प्रथाओं, पारंपरिक पौधों के प्रजनन या आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से खाद्य फसलों की पोषण गुणवत्ता में सुधार किया जाता है। बायोफोर्टिफाइड फसलों के उदाहरण हैं:
    • चावल- CR धान 315 में जिंक की अधिकता होती है।
    • गेहूँ HI1633 प्रोटीन, आयरन और जिंक से भरपूर है।
    • मक्का- लाइसिन और ट्रिप्टोफैन से समृद्ध संकर किस्में।
    • मधुबन गाजर 

पोषण 2.0

  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण 2.0 का उद्घाटन किया और सभी आकांक्षी ज़िलों से आग्रह किया कि वे पोषण माह (पोषण माह) के दौरान एक पोषण वाटिका (पोषण उद्यान) स्थापित करें।
  • केंद्रीय बजट वर्ष 2021-22 में पूरक पोषण कार्यक्रमों और पोषण अभियान को मिलाकर इसकी घोषणा की गई थी।
  • पोषण वाटिका जैविक रूप से उगाई गई सब्जियों और फलों के माध्यम से पोषण की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी और साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि मिट्टी भी स्वस्थ रहे।

अरबिंदो घोष

  • श्री अरबिंदो घोष एक दार्शनिक, कवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से पृथ्वी पर दिव्य जीवन के दर्शन को प्रतिपादित किया।
  • वर्ष 1902-1910 तक अरबिंदो ने भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लिया और एक क्रांतिकारी राष्ट्रवादी के रूप में जाने जाते थे।
  • उन्होंने वर्ष 1902 में कलकत्ता की अनुशीलन समिति की स्थापना में मदद की।
  • वंदे मातरम अंग्रेज़ी भाषा में एक साप्ताहिक समाचार पत्र था जिसे कलकत्ता (अब कोलकाता) से प्रकाशित किया गया था। इसकी स्थापना वर्ष 1905 में बिपिन चंद्र पाल ने की थी और इसका संपादन श्री अरबिंदो घोष ने किया था।
  • उन्हें वर्ष 1908 में अलीपुर षडयंत्र केस या अलीपुर बम केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
  • यह गिरफ्तारी खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी द्वारा मुख्य प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट डगलस किंगफोर्ड की हत्या के प्रयास के मद्देनज़र की गई थी।
  • वर्ष 1910 में वह ब्रिटिश भारत से भाग गए और पांडिचेरी के फ्रांसीसी उपनिवेश में शरण ली, जहाँ उन्होंने शेष जीवन अपने "अभिन्न" योग के विकास के लिये समर्पित कर दिया।
  • उन्होंने आध्यात्मिक साधकों के एक समुदाय की स्थापना की जिसने 1926 में 'श्री अरबिंदो आश्रम' के रूप में आकार लिया।

विविध

सूचकांकों और रिपोर्टों का सारांश (2020-21)

चिल्ड्रन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स

  • जारीकर्त्ता:
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह बच्चों के दृष्टिकोण से जलवायु जोखिम का पहला व्यापक विश्लेषण है।
    • यह आवश्यक सेवाओं तक बच्चों की पहुँच के आधार पर जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरणीय घटनाओं, जैसे कि चक्रवात और हीटवेव आदि के प्रति बच्चों की भेद्यता के आधार पर विभिन्न देशों को रैंक प्रदान करता है।
    • पाकिस्तान (14वाँ), बांग्लादेश (15वाँ), अफगानिस्तान (25वाँ) और भारत (26वाँ) उन दक्षिण एशियाई देशों में शामिल हैं, जहाँ बच्चों पर जलवायु संकट के प्रभाव का जोखिम सबसे अधिक है।


की इंडिकेटर फॉर एशिया एंड द पैसिफिक 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • यह रिपोर्ट एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा जारी की जाती है।
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • यह रिपोर्ट ‘एशियाई विकास बैंक’ के 49 क्षेत्रीय सदस्यों के लिये व्यापक आर्थिक, वित्तीय, सामाजिक और पर्यावरणीय आँकड़े प्रस्तुत करती है।
    • यह दर्शाती है कि इस क्षेत्र ने पिछले दो दशकों में कई विकास लक्ष्यों के संबंध में पर्याप्त प्रगति हासिल की है।


वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • अमेरिका स्थित संपत्ति सलाहकार ‘कुशमैन एंड वेकफील्ड’ (Cushman & Wakefield) 
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह यूरोप, अमेरिका और एशिया-प्रशांत (APAC) के 47 देशों में वैश्विक विनिर्माण की दृष्टि से सबसे फायदेमंद स्थानों का आकलन करता है।
    • रैंकिंग निर्धारण हेतु चार प्रमुख मापदंड इस प्रकार हैं:
      • विनिर्माण को पुनः शुरू करने के मामले में देश की क्षमता। 
      • कारोबारी माहौल (प्रतिभा/श्रम की उपलब्धता, बाज़ारों तक पहुँच)।
      • संचालन लागत।
      • जोखिम (राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय)।
    • भारत अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व स्तर पर दूसरा सबसे अधिक मांग वाला विनिर्माण गंतव्य बन गया है।
      • वर्ष 2020 की रिपोर्ट में अमेरिका दूसरे स्थान पर, जबकि भारत तीसरे स्थान पर था।

हंगर हॉटस्पॉट्स रिपोर्ट

  • जारीकर्त्ता:
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • विश्व के प्रमुख हंगर हॉटस्पॉट में इथियोपिया, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, उत्तरी नाइजीरिया और यमन शामिल हैं।
    • लगातार हिंसक हमले, प्राकृतिक खतरे, महामारी के झटके और खराब मानवीय पहुँच खाद्य असुरक्षा के प्रमुख कारक माने जाते हैं।

वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक, 2020

  • जारीकर्त्ता:
  • सूचकांक के बारे में:
    • आकलन का आधार : साइबर सुरक्षा के समग्र प्रदर्शन का आधार पाँच मापदंडों पर निहित है जो इस प्रकार हैं: कानूनी उपाय, तकनीकी उपाय, संगठनात्मक उपाय, क्षमता विकास और सहयोग।
    • अमेरिका शीर्ष पर रहा, उसके बाद यूके (यूनाइटेड किंगडम) और सऊदी अरब एक साथ दूसरे स्थान पर रहे। एस्टोनिया सूचकांक में तीसरे स्थान पर रहा।
    • भारत 37 स्थानों की बढ़त के साथ 10वें स्थान पर पहुँच गया है।
      • एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत चौथे स्थान पर रहा।

विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • पहली बार इसे वर्ष 1989 में प्रकाशित किया गया था और इसका संकलन इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (Institute for Management Development- IMD) लुसाने (स्विट्ज़रलैंड) द्वारा किया गया है।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह चार कारकों की जाँच करके देशों की समृद्धि और प्रतिस्पर्द्धात्मकता को मापता है:
      • आर्थिक प्रदर्शन
      • सरकारी दक्षता
      • व्यापार दक्षता
      • आधारभूत संरचना
    • स्विटज़रलैंड (प्रथम), स्वीडन (द्वितीय) तथा डेनमार्क (तृतीय), शीर्ष वैश्विक परफॉरमर्स हैं।
      • शीर्ष प्रदर्शन करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सिंगापुर- 5वें, हॉन्गकॉन्ग- 7वें, ताइवान- 8वें व चीन- 16वें स्थान पर है।
    • भारत ने इस सूचकांक में 43वाँ स्थान बनाए रखा है।

ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स

  • जारीकर्त्ता:
    • इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU)
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह सूचकांक पाँच व्यापक श्रेणियों यथा- स्थायित्व (25%), संस्कृति एवं पर्यावरण (25%), स्वास्थ्य देखभाल (20%), शिक्षा (10%), आधारभूत अवसंरचना (20%) में विस्तृत 30 से अधिक गुणात्मक और मात्रात्मक कारकों के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण करता है।
    • रहने योग्य शीर्ष 3 शहर:
      • ऑकलैंड (न्यूज़ीलैंड), ओसाका (जापान), एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया)।
    • निचले स्तर पर रहने योग्य 3 शहर:
      • दमिश्क (सीरिया), लागोस (नाइजीरिया), पोर्ट मोरेस्बी (पापुआ न्यू गिनी)।

ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व बैंक
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • विश्व अर्थव्यवस्था के बीते 80 वर्षों में किसी भी मंदी के बाद की सबसे तीव्र वृद्धि दर देखे जाने की उम्मीद है।
    • वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये भारत की अर्थव्यवस्था 8.3%, वर्ष 2022-23 के लिये 7.5% और वर्ष 2023-24 के लिये 6.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट ऑन ग्लोबल रेमिटेंस

  • जारीकर्त्ता:
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी ( सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है।
      • रेमिटेंस कम आय वाले और विकासशील देशों में लोगों के लिये आय के सबसे बड़े स्रोतों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है। 
    • भारत दुनिया में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता है जिसके बाद चीन का स्थान है। प्रेषण भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाता है और देश के चालू खाते के घाटे को पूरा करने में मदद करता है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका (68 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से प्रेषित धन का बहिर्वाह सर्वाधिक था, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी तथा चीन का स्थान है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2021

  • आयोजक:
    •  संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (UNESCO)
  • दिवस के विषय में:
    • वर्ष 2021 के लिये ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ की थीम ‘इनफाॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है। 
    • वर्ष 1991 में यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी।
      • यह दिवस वर्ष 1991 में यूनेस्को द्वारा अपनाई गई 'विंडहोक' (Windhoek) घोषणा को भी चिह्नित करता है, यह मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स (RSF) या रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह सूचकांक पत्रकारों के लिये उपलब्ध स्वतंत्रता के स्तर के अनुसार देशों और क्षेत्रों को रैंक प्रदान करता है। 
    • शामिल मापदंड
      • बहुलवाद 
      • मीडिया की स्वतंत्रता
      • मीडिया के लिये वातावरण और स्वयं-सेंसरशिप
      • कानूनी ढाँचा
      • पारदर्शिता 
      • समाचारों और सूचनाओं के लिये मौजूद बुनियादी अवसंरचना
    • इस सूचकांक में नॉर्वे (Norway) लगातार पाँच वर्षों से पहले स्थान पर है, जिसके बाद फिनलैंड (Finland) और डेनमार्क का स्थान है। 
      • चीन 177वें और उत्तरी कोरिया 179वें तथा तुर्कमेनिस्तान 178वें स्थान पर है।
    • वर्ष 2020 की तरह इस वर्ष भी भारत 142वें स्थान पर है।

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट, 2021

  • जारीकर्त्ता:
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • इस रिपोर्ट का उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के मध्य सापेक्ष अंतराल में हुई प्रगति का आकलन करना है।
    • लिंग समानता का आकलन करने हेतु चार मापदंडों में शामिल हैं:
      • आर्थिक भागीदारी और अवसर।
      • शिक्षा का अवसर।
      • स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता।
      • राजनीतिक सशक्तीकरण।
    • इसमें उच्चतम स्कोर 1 है, जबकि 0 निम्नतम स्कोर होता है।  
    • दक्षिण एशिया, सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में से एक है, जिसके बाद केवल मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका का स्थान है।
      • दक्षिण एशियाई देशों में भारत का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, भारत रैंकिंग में 156 देशों में 140वें स्थान पर है।

वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में ‘सतत् विकास समाधान नेटवर्क’
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 149 देशों के नागरिकों के खुशहाली स्तर को मापते हुए इस बात को दर्शाती है कि इन देशों के लोग स्वयं को कितना खुश मानते हैं।
    • इसकी रैंकिंग मतदान (गैलप वर्ल्ड पोल) पर आधारित है, जो छ: कारकों को शामिल करती है:
      • प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति समानता)।
      • सामाजिक सहयोग। 
      • जन्म के समय स्वस्थ जीवन प्रत्याशा।
      • जीवन में विकल्प चुनने की स्वतंत्रता।
      • उदारता।
      • भ्रष्टाचार की धारणा।
    • उत्तरदाता अपनी वर्तमान जीवन स्थिति का मूल्यांकन 0-10 के पैमाने पर करते हैं।
    • फिनलैंड को लगातार चौथे वर्ष विश्व का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया है।
      • अफगानिस्तान (149) सबसे नाखुश देश है।
    • रिपोर्ट में भारत को 149 देशों में 139वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
  • अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस
    • यह दिवस मनुष्य के जीवन में खुशहाली के महत्त्व को इंगित करता है।
    • पहली बार खुशहाली दिवस का संकल्प भूटान द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जहाँ राष्ट्रीय आय के बजाय राष्ट्रीय खुशी के महत्त्व पर ज़ोर दिया जाता है। 
    • वर्ष 2021 की थीम: ‘हैप्पीनेस फॉर आल, फॉरएवर’

प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट, 2021

  • जारीकर्त्ता :
  • रिपोर्ट के विषय में :
    • यह जोखिम/असमानताओं को कम करने के लिये नीतियों पर निर्भर है, साथ ही सीमांत प्रौद्योगिकियाँ समानता बढ़ाने में योगदान करती हैं।
    • यह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नीतियों, उपकरणों और संस्थागत सुधारों को संबोधित करता है, जो सभी के लिये समान अवसर सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक हैं।
    • भारत प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तुलना में सीमांत प्रौद्योगिकियों में सबसे बड़े 'ओवर परफॉर्मर' के रूप में उभरा।
      • भारत की वास्तविक सूचकांक रैंकिंग 43 है, जबकि प्रति व्यक्ति आय के आधार पर अनुमानित रैंकिंग 108 है।

खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी)।
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • अब तक का सबसे व्यापक खाद्य अपशिष्ट डेटा संग्रह, विश्लेषण और मॉडलिंग प्रस्तुत करता है।
    • 2030 की ओर राष्ट्रीय प्रगति को ट्रैक करने के लिये घरेलू, खाद्य सेवा और खुदरा स्तर पर खाद्य अपशिष्ट को मापने हेतु देशों के लिये एक पद्धति प्रकाशित करता है।
    • खाद्य हानि सूचकांक के विपरीत यह कुल खाद्य अपशिष्ट (विशिष्ट वस्तुओं से जुड़े नुकसान या अपशिष्ट के बजाय) को मापता है।
    • ऑस्ट्रिया जैसे विकसित देश विकासशील और कम विकसित देशों की तुलना में बहुत कम मात्रा में कचरे का उत्पादन करते हैं।

करप्शन परसेप्शन सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल।
  • सूचकांक के बारे में:
    • विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर सूचकांक 180 देशों और क्षेत्रों को रैंक प्रदान करता है।
    • यह शून्य (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (न्यूनतम भ्रष्ट) के पैमाने का उपयोग करता है।
    • उच्चतम स्कोर (88 के स्कोर के साथ) वाले देश डेनमार्क और न्यूज़ीलैंड हैं, इसके बाद फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन और स्विटज़रलैंड हैं, जिनमें से प्रत्येक का स्कोर 85 है।
      • दक्षिण सूडान और सोमालिया 12-12 अंकों के साथ निचले देश हैं।
    • 180 देशों में भारत 40 के स्कोर के साथ 86वें स्थान पर है।

दावोस संवाद

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व आर्थिक मंच।
  • संवाद के बारे में:
    • यह दावोस (स्विट्ज़रलैंड) में WEF की वार्षिक बैठक है जो वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग आधारित एजेंडा को आकार देने के लिये दुनिया के शीर्ष नेताओं को शामिल करती है।
    • यह कोविड के बाद दुनिया में WEF के ग्रेट रीसेट इनिशिएटिव के शुभारंभ का प्रतीक है।

विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • खाद्य और कृषि संगठन (FAO)।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह वैश्विक कृषि जिंस बाज़ारों में विकास की निगरानी में मदद करता है।
    • खाद्य वस्तुओं की एक टोकरी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में मासिक परिवर्तन को मापता है।
    • अनाज, तिलहन, डेयरी उत्पाद, मांस और चीनी की टोकरी के लिये उपायों में बदलाव।
    • आधार अवधि: 2014-16।

मानव विकास सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह इस बात पर ज़ोर देता है कि किसी देश के विकास का आकलन करने के लिये लोगों और उनकी क्षमताओं को अंतिम मानदंड होना चाहिये, न कि केवल आर्थिक विकास।
    • तीन मूल आयामों के आधार पर:
      • स्वस्थ और दीर्घ जीवन।
      • ज्ञान तक पहुंच।
      • एक सभ्य जीवन स्तर।
    • सूचकांक मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर) 2020 का एक हिस्सा है, जिसके अन्य घटकों में शामिल हैं:
      • असमानता-समायोजित मानव विकास सूचकांक (IHDI)।
      • लिंग विकास सूचकांक (जीडीआई)।
      • लैंगिक असमानता सूचकांक (जीआईआई)।
      • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई)।
    • सूचकांक में नॉर्वे सबसे ऊपर है, उसके बाद आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड हैं।
    • एशियाई क्षेत्र में; सिंगापुर (11), सऊदी अरब (40) और मलेशिया (62) "बहुत उच्च मानव विकास" का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष पर थे।
      • भारत (131), भूटान, बांग्लादेश, म्याँमार, नेपाल, कंबोडिया, केन्या व पाकिस्तान को "मध्यम मानव विकास" वाले देशों में स्थान दिया गया।

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त रूप से जर्मनवाच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह स्वतंत्र रूप से 57 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन की निगरानी करता है जो वैश्विक GHG उत्सर्जन का 90%+ उत्पन्न करते हैं।
    • यह जलवायु संरक्षण के प्रयासों और अलग-अलग देशों द्वारा की गई प्रगति की तुलना को सक्षम बनाता है।
    • प्रयुक्त पैरामीटर:
      • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (कुल स्कोर का 40%)।
      • अक्षय ऊर्जा (20%)।
      • ऊर्जा उपयोग (20%)।
      • जलवायु नीति (20%)।
    • शीर्ष तीन रैंक खाली थे क्योंकि किसी भी देश ने सूचकांक में पर्याप्त उच्च स्थान पाने के लिये मानदंडों को पूरा नहीं किया था।
    • केवल दो G20 राष्ट्र, यूके और भारत CCPI 2021 में उच्च रैंक वाले देशों में से हैं।
      • संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, रूस, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब सूचकांक में सबसे नीचे हैं।
      • GHG का वर्तमान में सबसे बड़ा उत्सर्जक चीन 33वें स्थान पर है।
    • भारत कुल मिलाकर 10वें स्थान पर रहा और उसने 100 में से 63.98 अंक हासिल किये।
      • भारत ने अपने INDC में 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली की हिस्सेदारी को 40% तक बढ़ाने का वादा किया है।

विश्व आर्थिक आउटलुक

  • जारीकर्त्ता:
    • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)।
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • यह अप्रैल और अक्तूबर के महीनों में साल में दो बार प्रकाशित होती है।
    • निकट व मध्यम अवधि के दौरान वैश्विक आर्थिक विकास का विश्लेषण और भविष्यवाणी करती है।

वैश्विक भूख सूचकांक, 2020

  • जारीकर्त्ता: 
    • कंसर्न वर्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ़।
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भूख को मापता है और ट्रैक करता है।
    • प्रयुक्त पैरामीटर:
      • अल्पपोषण: अपर्याप्त कैलोरी सेवन।
      • चाइल्ड वेस्टिंग। 
      • चाइल्ड स्टंटिंग।
      • बाल मृत्यु दर: पाँच साल से कम उम्र में।
    • भूख को 100-बिंदुओं के पैमाने पर निर्धारित करता है जहाँ 0 सबसे अच्छा संभव स्कोर है वहीं 100 सबसे खराब स्कोर है।
    • 27.2 के स्कोर के साथ भारत में भूख का "गंभीर" स्तर है।
      • यह सूचकांक में 107 देशों में 94वें स्थान पर है।
      • भारत का स्थान नेपाल (73), पाकिस्तान (88), बांग्लादेश (75), इंडोनेशिया (70) से पीछे है।

गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व बैंक
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • "नए गरीब" में संदर्भित किये जाएंगे:
      • शहरी गरीब।
      • अनौपचारिक सेवाओं तथा कृषि में संलग्न गरीब।
      • भीड़भाड़ वाले शहरी अधिवास में रहने वाले और लॉकडाउन तथा गतिशीलता प्रतिबंधों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले।
    • नए गरीब व्यक्तियों में से कई उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशियाई क्षेत्र से होंगे।
    • भारत में गरीबी का आकलन नीति आयोग की टास्क फोर्स द्वारा किया जाता है।

विश्व जोखिम सूचकांक 2020

  • जारीकर्त्ता:
    • पर्यावरण और मानव सुरक्षा के लिये संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय संस्थान (यूएनयू-ईएचएस), बुंडनिस एंटविकलुंग हिल्फ्ट और जर्मनी में स्टटगार्ट विश्वविद्यालय।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह विश्व जोखिम रिपोर्ट 2020 का हिस्सा है।
    • यह जोखिम और भेद्यता के गुणन के माध्यम से विभिन्न देशों और क्षेत्रों के लिये आपदा जोखिम का वर्णन करता है।
    • महाद्वीपों में ओशिनिया सबसे अधिक जोखिम में है, इसके बाद अफ्रीका और अमेरिका का स्थान है।
      • वानुअतु (दक्षिण प्रशांत महासागर) दुनिया भर में सबसे अधिक आपदा जोखिम वाला देश है।
      • सबसे कमज़ोर देशों के दो-तिहाई से अधिक अफ्रीका के हैं।
    • भारत 181 देशों में 89वें स्थान पर है और बांग्लादेश, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के बाद दक्षिण एशिया में चौथा सबसे अधिक जोखिम वाला देश है।

मानव पूंजी सूचकांक 2020

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व बैंक
  • सूचकांक के बारे में:
    • मानव पूंजी में जीवन से संदर्भित ज्ञान, कौशल और स्वास्थ्य शामिल होता है।
    • सूचकांक सभी देशों में मानव पूंजी के प्रमुख घटकों को बेंचमार्क प्रदान करता है।
    • प्रयुक्त पैरामीटर: 174 देशों के बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के आँकड़े (मार्च 2020 तक; महामारी से पहले की अवधि)।
    • इस पैरामीटर में दुनिया की 98% आबादी शामिल है।
    • 174 देशों में भारत 116वें स्थान पर है।

वैश्विक नवाचार सूचकांक- 2020

  • जारीकर्त्ता :
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह दुनिया भर के 131 देशों और विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को उनके नवाचार प्रदर्शन का आकलन करने की अनुमति देता है। 
      • राजनीतिक वातावरण, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा और व्यापार परिष्कार शामिल है।
    • 2020 का विषय है‚ ''नवाचार को वित्त कौन प्रदान करेगा?''
    • शीर्ष पाँच देश हैं- स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, यूएसए, यूके और नीदरलैंड।
    • एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में चीन, भारत, फिलीपींस और वियतनाम ने सूचकांक में सबसे अधिक प्रगति की है।
      • भारत को 48वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जिससे भारत पहली बार वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) में शीर्ष 50 देशों के समूह में शामिल हो गया है।

‘स्टेट ऑफ द यंग चाइल्ड इंडिया इन इंडिया’ रिपोर्ट 

  • जारीकर्त्ता :
    • गैर-सरकारी संगठन (NGO) मोबाइल क्रेच (Mobile Creches) 
  • रिपोर्ट के बारे में :
    • यह 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और संज्ञानात्मक विकास को मापता है।
    • रिपोर्ट में दो प्रकार के इंडेक्स तैयार किये गए हैं- (1) यंग चाइल्ड आउटकम इंडेक्स और (2) यंग चाइल्ड एन्वायरनमेंट इंडेक्स।
    • मानक पैरामीटर :
      • शिशु मृत्यु दर (IMR)।
      • स्टंटिंग (Stunting)।
      • प्राथमिक विद्यालय स्तर पर कुल उपस्थिति।
    • 0-1 के पैमाने पर समग्र भारत का स्कोर 0.585 है।
    • केरल, गोवा, त्रिपुरा, तमिलनाडु और मिज़ोरम बच्चों की भलाई के मामले में शीर्ष पाँच राज्यों में शामिल हैं।
      • असम, मेघालय, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार का स्कोर देश के औसत से कम है।
  • यंग चाइल्ड एन्वायरनमेंट इंडेक्स :
    • इस इंडेक्स के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले नीतिगत उपायों को समझने का प्रयास किया गया है।
      • मानक पैरामीटर :
        • गरीबी उन्मूलन।
        • प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मज़बूत करना।
        •  शिक्षा स्तर में सुधार करना।
        •  स्वच्छ जल आपूर्ति।
        •  लिंग समानता का प्रचार।
    • इस इंडेक्स में केरल, गोवा, सिक्किम, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने शीर्ष पाँच स्थान प्राप्त किये हैं।
      • भारत का कुल स्कोर 0.672 है।

डिजिटल क्वालिटी ऑफ लाइफ इंडेक्स 2020

  • जारीकर्त्ता :
    • एक ऑनलाइन प्राइवेसी सॉल्यूशन प्रोवाइडर, सर्फशर्क (SurfShark)
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह विश्व के 85 देशों (डिजिटल जनसंख्या का 81%) की डिजिटल सेवाओं की गुणवत्ता पर किया गया वैश्विक शोध है।
    • मानक पैरामीटर :
      • इंटरनेट की वहनीयता
      • इंटरनेट की गुणवत्ता
      • इलेक्ट्रॉनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर
      • इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा
      • इलेक्ट्रॉनिक गवर्नमेंट
    • उच्चतम DQL वाले 10 देशों में से 7 यूरोप में हैं, जिसमें डेनमार्क अग्रणी है।
      • स्कैंडिनेवियाई देशों ने अपने नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल सेवा प्रदान करने में उत्कृष्टता हासिल की है।
      • अमेरिकी महाद्वीप में कनाडा, एशिया में जापान, अफ्रीका में दक्षिण अफ्रीका और ओशिनिया में न्यूज़ीलैंड शीर्ष पर हैं।
    • भारत 85 देशों में से 57 के समग्र रैंक पर है।

बुजुर्गों के लिये जीवन का गुणवत्ता सूचकांक

  • जारीकर्त्ता :
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह रिपोर्ट भारतीय राज्यों में आयु बढ़ने के क्षेत्रीय पैटर्न की पहचान करने के साथ-साथ देश में आयु बढ़ने की समग्र स्थिति का भी आकलन करती है। 
    • चार स्तंभ: वित्तीय कल्याण, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य प्रणाली और आय सुरक्षा। 
    • राजस्थान और हिमाचल प्रदेश क्रमशः वृद्ध और अपेक्षाकृत वृद्ध राज्यों में शीर्ष स्कोरर हैं।
      • चंडीगढ़ और मिज़ोरम केंद्रशासित प्रदेश एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों की श्रेणी में शीर्ष स्कोरर हैं।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2019-20

  • जारीकर्त्ता :
  • सर्वेक्षण के बारे में :
    • यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है जो अमिताभ कुंडू (Amitabh Kundu) की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश के आधार पर गठित किया गया है।
    • यह देश में रोज़गार की स्थिति का मानचित्रण करता है।
    • कई चरणों पर डेटा एकत्र करता है, जैसे- 
      •  बेरोज़गारी का स्तर।
      • रोज़गारी के प्रकार और संबंधित भागीदार।
      • विभिन्न प्रकार की नौकरियों से अर्जित मज़दूरी।
      • किये गए कार्य के घंटों की संख्या आदि।
    • प्रतिवर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति तथा वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) दोनों में रोज़गार एवं बेरोज़गारी संकेतकों का अनुमान लगाना।

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट (AISHE), 2020

  • जारीकर्त्ता :
    • उच्च शिक्षा विभाग।
  • रिपोर्ट के बारे में :
    • यह रिपोर्ट देश में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर प्रमुख प्रदर्शन संकेतक प्रदान करती है।
    • भारत में सबसे अधिक नामांकन उत्तर प्रदेश में हुए, इसमें 49.1% छात्र और 50.9% छात्राएँ हैं, इसके बाद तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र का स्थान आता है।

SDG इंडिया इंडेक्स 2020-21

  • जारीकर्त्ता :
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह सूचकांक एजेंडा 2030 के तहत वैश्विक लक्ष्यों की व्यापक प्रकृति की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
      • डेटा-संचालित मूल्यांकन के माध्यम से SDGs के लक्ष्यों पर देश की प्रगति की निगरानी करता है।
    • प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के लिये 16 SDGs पर लक्ष्यवार स्कोर (0-100 के बीच) की गणना करता है। 
      • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके एसडीजी इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: एस्पिरेंट (0-49), परफॉर्मर (50-64), फ्रंट-रनर (65-99), अचीवर (100)।
    • केरल ने सूचकांक  में तीसरी बार शीर्ष पर अपना स्थान बरकरार रखा, उसके बाद तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश का स्थान है।
      • बिहार, झारखंड और असम सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य थे। 

'ईज़ ऑफ लिविंग' एंड म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स 2020

  • जारीकर्त्ता :
    • आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय।
  • म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स के बारे में :
    • यह सेवाओं, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन के विभिन्न क्षेत्रों में नगरपालिकाओं के स्थानीय सरकारी कार्यों की जाँच करता है।
    • MPI में 111 नगर पालिकाओं के क्षेत्रीय प्रदर्शन की जाँच की गई (दिल्ली में NDMC और तीनों नगर निगमों का अलग-अलग मूल्यांकन किया जा रहा है)। 
    • मिलियन प्लस श्रेणी: इसमें इंदौर को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, इसके बाद सूरत और भोपाल हैं।
      • एक मिलियन से कम जनसंख्या श्रेणी : NDMC शीर्ष स्थान पर रही, इसके बाद तिरुपति और गांधीनगर का स्थान रहा।
  • ईज़ ऑफ लिविंग’ सूचकांक के बारे में :
    • यह सूचकांक में शामिल भारतीय शहरों के जीवन स्तर, आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलेपन के आधार पर व्यापक समझ प्रदान करता है।
    • मिलियन प्लस श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों शहरों में बंगलूरु के बाद पुणे और अहमदाबाद का स्थान है।
      • अमृतसर, गुवाहाटी, बरेली, धनबाद और श्रीनगर का प्रदर्शन सबसे खराब है।
    • एक मिलियन से कम जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहर- शिमला, भुवनेश्वर और सिलवासा हैं।
      • अलीगढ़, रामपुर, नामची, सतना और मुजफ्फरपुर का प्रदर्शन सबसे खराब है।

भारत नवाचार सूचकांक 2020

  • जारीकर्त्ता :
  • सूचकांक के बारे में :
    • इस सूचकांक को वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index-GII) की तर्ज पर विकसित किया गया है।
    • इस सूचकांक को भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करने तथा इन क्षेत्रों में नवाचार से संबंधित नीतियाँ तैयार करने के लिये विकसित किया गया है।
    • मानक पैरामीटर :
      • प्रति मिलियन आबादी पर पेटेंट।
      • वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशन।
      • अनुसंधान पर जीडीपी खर्च का प्रतिशत।
      • जनसांख्यिकी लाभांश।
      • शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता।
    • प्रमुख राज्यों में कर्नाटक लगातार दो वर्षों से शीर्ष स्थान पर है और उसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है।
      • झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार का स्कोर सूचकांक में सबसे कम है।
      • पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों की रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश सबसे ऊपर है।
      • दिल्ली ने 46.6 के स्कोर के साथ देश में सबसे अधिक अंक प्राप्त किये हैं, जबकि लक्षद्वीप का स्कोर सबसे कम 11.7 है।

प्रारंभिक परीक्षा

चर्चित स्थान-भारत

भूगोलGeography

अटल सुरंग (Atal Tunnel) 

संदर्भ

  • हिमाचल प्रदेश में 3,000 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर स्थित रोहतांग में अटल सुरंग का उद्घाटन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) द्वारा निर्मित 9.02 किमी लंबी यह सुरंग विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। यह मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है।
  • सैन्य लॉजिस्टिक्स के दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण यह सुरंग सशस्त्र बलों को लद्दाख तक पहुँचने के लिये बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

ब्रह्मपुत्र सुरंग (Brahmaputra Tunnel)

संदर्भ

  • केंद्र सरकार ने असम में ब्रह्मपुत्र नदी में एक जलमग्न सुरंग (underwater tunnel) के निर्माण को सैद्धांतिक मंज़ूरी प्रदान की है।

प्रमुख बिंदु

  • यह सुरंग असम राज्य में गोहपुर (NH-54) को नुमालीगढ़ (NH-37) से जोड़ेगी।
  • यह सुरंग सामरिक महत्त्व रखती है क्योंकि यह पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच पूरे वर्ष संपर्क की सुविधा प्रदान करेगी।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (National Highways and Infrastructure Development Corporation Limited- NHAIDCL) ने इस सुरंग के निर्माण के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका की लुइस बर्जर (Louis Berger) फर्म को अनुबंधित किया है।

चिनाब नदी (Chenab River) 

संदर्भ

  • जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे सेतु बनाया जा रहा है।

चिनाब के बारे में

  • यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति ज़िलों में ऊपरी हिमालय से निकलने वाली दो नदियों—चंद्र और भागा के संगम से बनती है। 
  • त्रिमू (Trimmu) के पास झेलम नदी के इससे आकर मिलने के बाद चिनाब सिंधु नदी की एक सहायक नदी सतलुज में जाकर मिल जाती है।
  • ऋग्वेद में चिनाब नदी को असिक्नी (Asikni) कहा गया था, जो इसके गहरे रंग के जल को संदर्भित करता था।
  • सलाल बाँध 690 मेगावाट की पनबिजली परियोजना है जो जम्मू और कश्मीर राज्य के रियासी के पास चिनाब नदी पर कार्यान्वित है।
  • चिनाब पर रतले पनबिजली संयंत्र (Ratle Hydroelectric Plant) और कीरू पनबिजली संयंत्र (Kiru Hydroelectric Power Project) का निर्माण प्रस्तावित है।

चिरबासा (Chirbasa)

संदर्भ 

  • चिरबासा में ब्लैक कार्बन अनुसंधान परियोजना स्थापित की गई है।

चिरबासा के बारे में

  • यह गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड) में भागीरथी नदी के तट पर स्थित है।
  • यह स्थान गोमुख और तपोवन के प्रसिद्ध ट्रैकिंग मार्ग पर 3500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
  • गंगोत्री ग्लेशियर के मार्ग में चिरबासा और भोजबासा (चिरबासा से कुछ किमी आगे) नामक स्थानों पर स्थापित दो मौसम स्टेशनों के माध्यम से वैज्ञानिक इस क्षेत्र में मौजूद ब्लैक कार्बन विशेष रूप से ग्लेशियरों की निगरानी कर रहे हैं।

कामेंग बाँध (Kameng Dam)

संदर्भ

  • हाल ही में कामेंग जलविद्युत परियोजना (Kameng Hydropower Project) पूरी तरह से चालू हो गई है।
  • कामेंग परियोजना के बारे में
  • अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग ज़िले में स्थापित कामेंग जलविद्युत परियोजना (600 मेगावाट) एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जो बिचोम और तेंगा नदियों (कामेंग नदी की दो सहायक नदियाँ) के जल-प्रवाह का उपयोग करेंगी।
  • कामेंग नदी
    • इसका उद्गम तवांग ज़िले में बर्फ से ढके गोरी चेन पर्वत (Gori Chen mountain) के नीचे स्थित हिमनद झील से होता है।
    • यह अपनी निचले प्रवाह क्षेत्र में गुंफित नदी (Braided River) बन जाती है और ब्रह्मपुत्र नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
    • कामेंग नदी पूर्वी कामेंग और पश्चिम कामेंग ज़िलों के बीच की सीमा का निर्माण करती है और  इसके साथ ही, इसके पश्चिम में सेसा (Sessa) और ईगलनेस्ट (Eaglenest) अभयारण्यों और पूर्व में पक्के बाघ अभयारण्य (Pakke Tiger Reserve) के बीच की सीमा भी बनाती है। 
  • कामेंग जलविद्युत परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के सबसे बड़े जलविद्युत संयंत्र का परिचालन करती है।

खोलोंगछु जलविद्युत परियोजना (Kholongchu Hydroelectric Project)

संदर्भ

भारत-भूटान जलविद्युत परियोजनाएँ

  • खोलोंगछू 600 मेगावाट क्षमता की रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जो पूर्वी भूटान के त्राशियांग्त्से (Trashiyangtse) ज़िले में खोलोंगछु नदी के निचले मार्ग पर स्थापित है।
  • वर्तमान में द्विपक्षीय सहयोग की चार जलविद्युत परियोजनाएँ (2,100 मेगावाट से अधिक क्षमता) भूटान में परिचालित हैं। इनमें शामिल हैं:
    • चुखा जलविद्युत परियोजना (Chukha Hydroelectric Project) 
    • कुरिछु जलविद्युत परियोजना (Kurichu Hydroelectric Project) 
    • ताला जलविद्युत परियोजना (Tala Hydroelectric Project)
    • मंगदेछु जलविद्युत परियोजना (Mangdechhu Hydroelectric Project) 
  • इसके अलावा, दोनों देश पुनात्सांगछु परियोजना (Punatsangchhu Project) सहित अन्य चालू परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने की प्रक्रिया में हैं।

लुहरी जलविद्युत परियोजना (Luhri Hydropower Project)

संदर्भ

लुहरी जलविद्युत परियोजना के बारे में

  • लुहरी परियोजना हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू ज़िलों में स्थित है।
  • इसे सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) द्वारा बिल्ड-ऑन-ऑपरेट-मेंटेन (BOOM) आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा है।

रंगित विद्युत परियोजना (Rangit Power Project)

संदर्भ

  • जल विद्युत निगम लिमिटेड (JPCL) की तनावग्रस्त आस्तियों वाली रंगित-IV जलविद्युत परियोजना को राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (National Hydro Power Corporation- NHPC) लिमिटेड को सौंप दिया गया है।

परियोजना के बारे में

  • रंगित बाँध सिक्किम में तीस्ता नदी की एक प्रमुख सहायक नदी रंगित पर कार्यान्वित एक रन-ऑफ-द-रिवर (run-of-the-river) विद्युत परियोजना है।
  • रंगित नदी तालुंग ग्लेशियर (Talung glacier) से निकलती है और यह सिक्किम के ही मेली (Melli) में तीस्ता नदी से मिलती है।

धारचूला से लिपुलेख रोड (Dharchula to Lipulekh Road)

संदर्भ

  • सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने चीनी सीमा के निकट धारचूला से लिपुलेख तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया है, जो कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग के रूप में प्रसिद्ध है।

सड़क के बारे में

  • यह सड़क चीनी सीमा के निकट धारचूला के घाटीबागर से लिपुलेख तक बनाई गई है।
  • तवाघाट के निकट मंगती शिविर से लेकर व्यास घाटी में स्थित गुंजी तक के दुर्गम हिमालयी क्षेत्र और भारत-चीन सीमा के निकट स्थित भारतीय सुरक्षा चौकियों तक अब एक कंक्रीट सड़क द्वारा पहुँचना संभव हो गया है।
  • यह सड़क 17,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित लिपुलेख दर्रे पर समाप्त होती है। लिपुलेख दर्रे से कैलाश पर्वत लगभग 97 किमी उत्तर तिब्बत में स्थित है। 
  • भारत-चीन-नेपाल के ट्राई-जंक्शन के निकट स्थित लिपुलेख दर्रा उच्च हिमालय के इस खंड का सबसे निचला बिंदु है।

धौलीगंगा नदी (Dhauli Ganga River)

संदर्भ

  • हाल ही में उत्तराखंड में धौलीगंगा नदी में हिमनद बाढ़ (Glacial floods) याफ्लैश फ्लड’ (Flash Flood) की स्थिति देखी गई। 

धौलीगंगा के बारे में

  • नीती दर्रे (उत्तराखंड) के आसपास के क्षेत्र से उत्पन्न धौलीगंगा विसर्प प्रवाह में बहती हुई नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरती है।
  • धौलीगंगा हिमालय से उतरकर मैदानों में बहने वाली पवित्र नदी गंगा की सहायक नदियों में से एक है जो अलकनंदा में मिल जाती है।
  • धौलीगंगा से ऋषि गंगा नदी रैनी (Raini) नामक स्थान पर मिलती है और यहीं पर बिजली परियोजना बाँध को आपदा का सामना करना पड़ा था।
  • यह नदी एक ‘V’ मोड़ लेते हुए विपरीत दिशा में (उत्तर की ओर) धौलीगंगा के रूप में तपोवन से गुज़रते हुए तब बहती है जब तक कि यह जोशीमठ के पास विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी से नहीं मिल जाती।
  • धौलीगंगा अलकनंदा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है; कुछ अन्य प्रमुख सहायक नदियों में नंदाकिनी, पिंडर, मंदाकिनी और भागीरथी शामिल हैं।

घोघा-हज़ीरा रो-रो फेरी (Ghogha-Hazira Ro-Ro Ferry)

संदर्भ

घोघा-हज़ीरा फेरी के बारे में 

  • यह फेरी घोघा (एक मछुआरा बस्ती और पुराना बंदरगाह) और हज़ीरा (वाणिज्यिक ग्रीनफील्ड बंदरगाह) के बीच चलती है। 
  • भावनगर (खाड़ी के पश्चिमी किनारे पर स्थित) और दक्षिण गुजरात (पूर्व में स्थित) के बीच आने-जाने वाले यात्रियों को एक वैकल्पिक समुद्री मार्ग प्रदान कर खंभात की खाड़ी को सेतुबद्ध करने के लिये यह सेवा शुरू की गई थी।

होलोंगी (Hollongi)

संदर्भ

होलोंगी के बारे में

  • होलोंगी अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। यह राज्य की राजधानी ईटानगर के दक्षिण में स्थित है।
  • परिचालित होने पर यह हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर को सेवाएँ प्रदान करेगा। वर्तमान में राज्य की राजधानी से निकटतम हवाई अड्डा 80 किलोमीटर दूर स्थित असम का लीलाबाड़ी (Lilabari airport) हवाई अड्डा है

जोगीघोपा (Jogighopa)

संदर्भ

जोगीघोपा के बारे में

  • जोगीघोपा ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित एक छोटा शहर है। यहाँ ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित एक संयुक्त सड़क-रेल पुल उपयोग में है, जिसे ‘नरनारायण सेतु’ के नाम से जाना जाता है।
  • शहर में पाँच शैलकृत गुफाओं (Rock-Cut Caves) के अवशेष मौजूद हैं जो सालस्तंभ काल (Salasthambha period) की वास्तुकला के उदाहरण हैं और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित किये जा रहे हैं।
  • इसकी MMLP परियोजना के तहत कार्यान्वित विकास कार्यों में रेलवे साइडिंग, कंटेनर टर्मिनल, वेयरहाउसिंग, गैर-कार्गो प्रसंस्करण, ट्रक टर्मिनल, सामान्य सुविधाएँ और समर्थनकारी अवसंरचना एवं साधन आदि शामिल होंगे।
  • MMLP के तहत सड़क, रेल, जलमार्ग और हवाई परिवहन सुविधाओं के साथ जोगीघोपा दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ-साथ शेष उत्तर-पूर्व के लिये भारत का प्रवेश द्वार बन जाएगा।
  • जोगीघोपा में निर्मित MMLP सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की भारतमाला परियोजना के अंतर्गत देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क होगा।

कोपिली फॉल्ट ज़ोन (Kopili Fault Zone)

संदर्भ

  • असम में ‘हिमालयी फ्रंटल थ्रस्ट (Himalayan Frontal Thrust)  के निकट स्थित कोपिली फॉल्ट ज़ोन में हाल ही में एक शक्तिशाली भूकंप आया।

कोपिली फॉल्ट ज़ोन के बारे में

  • कोपिली फॉल्ट ज़ोन एक 300 किमी लंबी और 50 किमी चौड़ी रेखीय आकृति या रैखिक विशेषता (Lineament) है जो मणिपुर के पश्चिमी भाग से भूटान, अरुणाचल प्रदेश और असम के ट्राई-जंक्शन तक फैली हुई है।
  • यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से अत्यंत सक्रिय है और उच्चतम भूकंपीय खतरा क्षेत्र V के अंतर्गत आता है। यह क्षेत्र उस संपार्श्विक विवर्तनिक से संबद्ध है जहाँ भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे स्थित है।
  • सबडक्शन (Subduction) एक भूवैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें एक ‘क्रस्टल प्लेट’ (Crustal Plate) का किनारा दूसरे के नीचे खिसक जाता है।
  • हिमालयन बेल्ट और सुमात्रान बेल्ट के सबडक्शन और टकराव क्षेत्र के बीच दबा हुआ क्षेत्र होने के कारण उत्तर-पूर्व भारत भूकंप की घटनाओं के प्रति अत्यधिक प्रवण है।
  • कोपिली नदी (Kopili river) और उसकी सहायक नदियों के जलोढ़ से भरे एक विवर्तनिक गर्त के रूप में कोपिली फॉल्ट ज़ोन ने अतीत में 1869 के भूकंप (7.8 तीव्रता) और 1943 के भूकंप (7.3 तीव्रता) सहित कई शक्तिशाली भूकंपीय गतिविधियाँ देखी हैं। 

लक्षद्वीप (Lakshadweep)

संदर्भ 

  • भारत की भागीदारी गारंटी प्रणाली (Participatory Guarantee System- PGS) के तहत संपूर्ण लक्षद्वीप को एक जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है।

लक्षद्वीप के बारे में

  • लक्षद्वीप शत प्रतिशत जैविक क्षेत्र बनने वाला देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश है, जहाँ सभी प्रकार की खेती सिंथेटिक उर्वरकों और कीटनाशकों आदि के उपयोग के बिना की जाती है। इससे पहले वर्ष 2016 में सिक्किम भारत का पहला 100 प्रतिशत जैविक राज्य बना था।
  • यह अरब सागर में स्थित 36 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो मुख्य भूमि के दक्षिण-पश्चिमी में स्थित है।
  • द्वीप के अमीनीदीव (Aminidivi) उपसमूह (मुख्य रूप से अमीनी, किल्तन, चेतलत, कदमत, बितरा और पेरूमल पार) और लक्कादीव (Laccadive) उपसमूह (मुख्य रूप से अन्दरोत, कल्पेनी, कवरत्ती, पित्ती और सुहेली पार) के बीच पित्ती बैंक के माध्यम से जलमग्न संपर्क है। 
  • मिनिकॉय द्वीप (Minicoy Island), जो 200 किलोमीटर चौड़े नाइन डिग्री चैनल के दक्षिणी छोर पर स्थित एकमात्र प्रवाल-द्वीप है, के साथ वे अरब सागर में भारत के कोरल द्वीप का निर्माण करते हैं। 

पोलावरम सिंचाई परियोजना (Polavaram Irrigation Project)

संदर्भ

  • पोलावरम परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी पर निर्माणाधीन बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना है। 

पोलावरम के बारे में

  • पोलावरम आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले का एक गाँव है। 
  • पापी हिल्स और पोलावरम परियोजना गाँव की प्रमुख पहचान हैं। इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है।
  • यह क्षेत्र मुसुनुरी नायकों के कम्मा राजाओं के शासन में था। कम्मा राजा मुसुनुरी प्रोलैय्या ने सन् 1330 में पोलावरम गाँव को ब्राह्मणों को दान में दिया था। पोलावरम, पोल या प्रोल (राजा) और वरम (दान) के संयुक्त होने से बना है।
  • पोलावरम परियोजना अपने वित्तपोषण, प्रभावित लोगों के पुनर्वास और आंध्र प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों, जैसे ओडिशा और तेलंगाना के क्षेत्रों पर प्रभाव जैसे विभिन्न संदर्भों में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है।  

रानेबेन्नुर (Ranebennur)

संदर्भ

  • कर्नाटक के रानेबेन्नुर में ऊन प्रसंस्करण के लिये एक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।

रानीबेन्नूर के बारे में

  • रानीबेन्नूर कर्नाटक के हावेरी ज़िले का एक शहर है। यहाँ एक समृद्ध पण्य बाज़ार (Commodity Market) मौजूद है। यहाँ सूती धागे, बिनौला, तिलहन, लाल मिर्च, सुपारी और पान जैसी वस्तुओं का कारोबार होता है।
  • कर्नाटक की सबसे महत्त्वपूर्ण नदियों में से एक तुंगभद्रा रानेबेन्नुर तालुक की दक्षिणी सीमा से होकर बहती है। 
  • एक अन्य नदी कुमाडवती (Kumadvathi), जो मदाघ मसूर झील से निकलती है, रानेबेन्नुर में प्रवेश करती है और फिर तुंगभद्रा नदी में मिल जाती है
  • रानेबेन्नुर कृष्णमृग अभयारण्य, कृष्णमृग (Blackbuck), ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और भेड़िया प्रजातियों का घर है। यहाँ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को अंतिम बार वर्ष 2005 में देखा गया था और संभव है कि वे स्थानीय रूप से विलुप्त हो गए हों।

साबरमती नदी (Sabarmati River)

संदर्भ

  • अहमदाबाद नगर निगम ‘साबरमती रिवरफ्रंट’ के विकास की दिशा में काम कर रहा है।

साबरमती नदी के बारे में

  • साबरमती नदी एक मानसून-आधारित नदी है जो अहमदाबाद में उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है और शहर को उसके पश्चिमी और पूर्वी अर्द्ध हिस्सों में विभाजित करती है
  • यह पश्चिम की ओर बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है जो राजस्थान के उदयपुर ज़िले की अरावली रेंज से निकलती है। यह अरब सागर के खंभात की खाड़ी में गिरती है।
  • यह नदी तीन भू-आकृति क्षेत्रों से गुजरती है: चट्टानी ऊपरी भूमि, मध्य जलोढ़ मैदान और निचला मुहाना क्षेत्र।
  • धरोई बाँध (Dharoi Dam) इसी नदी पर स्थित है।

सेला सुरंग (Sela Tunnel)

संदर्भ

  • सेला सुरंग एक निर्माणाधीन सड़क है जो असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच वर्ष भर संपर्क सुनिश्चित करेगी।

सेला सुरंग के बारे में 

  • यह 13,700 फीट की ऊँचाई पर सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation-  BRO) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
  • पूरी हो जाने के बाद यह सुरंग तवांग और आगे के सीमांत क्षेत्रों के लिये हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी क्योंकि यह हिमस्खलन प्रवण और बर्फबारी वाले क्षेत्रों से सुरक्षित होगी।
  • यह तेज़पुर से तवांग तक की यात्रा के समय को एक घंटे से अधिक घटा देगी और इस क्षेत्र में पर्यटन और संबंधित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
  • इसके निर्माण से बोमडिला और तवांग के बीच 171 किलोमीटर की सड़क हर मौसम में आवागमन के लिये सुलभ रहेगी।

तालचेर (Talcher) 

संदर्भ

  • भारत का पहला कोयला गैसीकरण आधारित उर्वरक संयंत्र (Coal Gasification-Based Fertiliser Plant) तालचेर/तलचर/तालचार में स्थापित किया जा रहा है।

तालचेर के बारे में

  • तालचेर (ओडिशा) ब्राह्मणी नदी के तट पर स्थित है ।
  • 14वीं शताब्दी में पंचडीहा चासा, जो मुख्य रूप से कृषक समुदाय थे, इस उपजाऊ क्षेत्र में आए और यहाँ वास करने लगे। तालचेर के राजा पद्मनाभ बीरबार हरिचंदन ने कुलदेवी तालेश्वरी के नाम पर राज्य का नाम बदलकर तालचेर कर दिया। 
  • तालचेर को ‘सिटी ऑफ ब्लैक डायमंड’ या ‘कोल सिटी ऑफ ओडिशा’ भी कहा जाता है और यह भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है।

कला और संस्कृति

Art-Culture

छह विरासत स्थलों को यूनेस्को की अस्थायी सूची में जोड़ा गया

चर्चा में  क्यों?

  • छह भारतीय स्थानों को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों (World Heritage Sites- WHS) की अस्थायी सूची (Tentative List) में जोड़ा गया है। यूनेस्को के संचालनात्मक दिशा-निर्देश (Operational Guidelines), 2019 के अनुसार किसी भी स्मारक/स्थल को विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) की सूची में अंतिम रूप से शामिल करने से पहले उसे एक वर्ष के लिये इसके अस्थायी सूची में रखना अनिवार्य है।
  • अस्थायी सूची में शामिल छः नए स्थल हैं:
    • वाराणसी के घाट (उत्तर प्रदेश):
    • कांचीपुरम के मंदिर (तमिलनाडु)
    • सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व (मध्य प्रदेश)
    • मराठा सैन्य वास्तुकला (महाराष्ट्र)
    • हायर बेनकल का महापाषाण स्थल (कर्नाटक)
    • नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेताघाट, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

बूंदी की स्थापत्य विरासत

चर्चा में क्यों?

  • पर्यटन मंत्रालय द्वारा हाल ही में 'देखो अपना देश' शीर्षक से एक वेबिनार शृंखला का आयोजन किया गया, जो राजस्थान के बूंदी ज़िले की स्थापत्य विरासत पर केंद्रित है।

बूंदी के बारे में

  • सुख महल, रानी की बावड़ी, तारागढ़ किला, 84 खंभों वाला सेनोटाफ, गढ़ पैलेस, बादल महल, छत्र महल आदि बूंदी की स्थापत्य विरासत के कुछ उल्लेखनीय स्थल हैं।
  • बूंदी पर कभी हाड़ा चौहान का शासन था। कई इतिहासकारों का दावा है कि यह कभी महान हाड़ौती साम्राज्य की राजधानी थी, जो अपनी कला और मूर्तिकला के लिये प्रसिद्ध था।
    • हाड़ौती क्षेत्र का नाम हाड़ा चौहान के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने कोटा और बूंदी के आसपास इस क्षेत्र पर शासन किया था।
  • प्राचीन काल में बूंदी के आसपास का क्षेत्र स्पष्ट रूप से विभिन्न स्थानीय जनजातियों द्वारा बसा हुआ था जिनमें परिहार मीणा और भील मीणा प्रमुख थे।
  • बाद में इस क्षेत्र पर राव देव का शासन था, जिन्होंने वर्ष 1242 में जैता मीणा से इसे प्राप्त करने के बाद बूंदी पर अधिकार कर लिया और आसपास के क्षेत्र का नाम बदलकर हरवती या हाड़ौती कर दिया।
  • अगली दो शताब्दियों तक बूंदी के हाड़ा मेवाड़ के सिसोदिया के जागीरदार रहे और बादशाह अकबर के बाद 1569 तक राव की उपाधि से शासित थे।

धौलावीरा

चर्चा में क्यों?

  • हड़प्पा युग के पुरातात्त्विक स्थल धौलावीरा को हाल ही में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। धौलावीरा, इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाला सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilisation- IVC) का पहला भारतीय स्थल है।

धौलावीरा के बारे में:

  • धौलावीरा का प्राचीन शहर हड़प्पा सभ्यता का दक्षिणी केंद्र, गुजरात राज्य में खादिर के शुष्क द्वीप (Arid Island) पर स्थित है।
  • 3000-1500 ईसा पूर्व के बीच इस पर कब्ज़ा कर लिया गया, यह इस अवधि की दक्षिण-पूर्व एशिया की अच्छी तरह से संरक्षित शहरी बस्तियों में से एक है, जिसमें एक चारदीवारी युक्त शहर (Fortified City) और एक कब्रिस्तान शामिल है।
  • जबकि धौलावीरा, सूची में शामिल गुजरात की चौथी और भारत की 40वीं साइट बन गई है। यह भारत में प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilisation- IVC) की पहली साइट है जिसे टैग मिला है।
    • गुजरात में इससे पहले तीन विश्व धरोहर स्थल थे- पावागढ़ के पास चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद।

गोवा

चर्चा में क्यों?  

  • मराठा राजा छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) के राज्याभिषेक दिवस (6 जून) की वर्षगाँठ के अवसर पर गोवा सरकार ने एक लघु फिल्म जारी की है जिसमें गोवा के इतिहास और पुर्तगालियों से लड़ने में शिवाजी की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
  • गोवा के बारे में
  • गोवा, भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर कोंकण के रूप में जाना जाने वाले क्षेत्र में स्थित है और भौगोलिक रूप से दक्कन उच्च भूमि से पश्चिमी घाट द्वारा अलग होता है।
  • यह क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा राज्य है और सभी भारतीय राज्यों में इसकी प्रति व्यक्ति GDP सबसे अधिक है।
  • यहाँ की प्रमुख नदियों में जुआरी, मांडवी, तेरेखोल, चपोरा, गलगिबाग आदि शामिल हैं। 
  • गोवा, दमन और दीव आधिकारिक अधिनियम, 1987 देवनागरी लिपि में कोंकणी को गोवा की एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाता है, लेकिन यह प्रावधान करता है कि मराठी का उपयोग ‘सभी या किसी भी आधिकारिक उद्देश्यों’ के लिये भी किया जा सकता है।

गुरुवायुर, केरल

चर्चा में क्यों?

  • पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना (PRASAD Scheme) के अंतर्गत ‘केरल के गुरुवायुर विकास’ परियोजना के तहत एक पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण किया गया था।

गुरुवायुर के बारे में  

  • यह स्थान भगवान विष्णु के एक रूप भगवान गुरुवायूरप्पन को समर्पित गुरुवायुर मंदिर के लिये प्रसिद्ध है। मंदिर को गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
  • मंदिर के प्रसिद्ध त्योहार- गुरुवायुर एकादशी, चेम्बई संगीतहोल्सवम आदि हैं।
  • मंदिर के उत्तर की ओर स्थित मंदिर टैंक (तालाब) को रुद्रतीर्थम कहा जाता है।
  • 14वीं शताब्दी के तमिल साहित्य 'कोकासंदेसम (Kokasandesam)' में गुरुवायुर नामक स्थान का उल्लेख मिलता है।

कडप्पा, आंध्र प्रदेश

संदर्भ

  • आंध्र प्रदेश के कडप्पा (Kadapa) ज़िले में खुदाई के दौरान रेनाटी चोल युग (Renati Chola Era) के एक दुर्लभ शिलालेख (Rare Inscription) की प्राप्ति हुई है।

कडप्पा के बारे में

  • यह शहर तीन तरफ से नल्लामाला और पालकोंडा पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
  • कडप्पा अपने इतिहास में विभिन्न शासकों के अधीन रहा है, जिसमें निजाम, चोल, विजयनगर साम्राज्य और मैसूर साम्राज्य शामिल हैं।
  • खोजा गया शिलालेख पुरातन तेलुगू में लिखा गया था। शिक्षाविद् बताते हैं कि यह शिलालेख सिद्यामायु (Sidyamayu) नामक एक व्यक्ति को उपहार में दी गई छह मार्टटस [Marttus- एक प्रकार की भूमि मापने की इकाई) भूमि के रिकॉर्ड से संबंधित है। सिद्यामायु (Sidyamayu), पिडुकुला गाँव में मंदिर की सेवा करने वाले ब्राह्मणों में से एक था।

काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर

चर्चा में क्यों?

  • तेलंगाना में काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर, जिसे रामप्पा मंदिर भी कहा जाता है, को हाल ही में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है।

रामप्पा मंदिर के बारे में

  • 40 वर्षों तक मंदिर निर्माण करने वाले एक मूर्तिकार के नाम पर इसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इसका निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय राजवंश (Kakatiya Dynasty) के शासन काल में कराया गया था।
  • मंदिर का निर्माण काकतीय राजवंश के शासन काल में काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति रेचारला रुद्र ने कराया था। 
  • विश्व धरोहर स्थल की सूची में जगह बनाने वाला यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का पहला और एकमात्र स्मारक है।
  • मंदिर को जो चीज़ वास्तव में अलग करती है, वह हैं इसकी 'हल्की ईंटें' जिनका उपयोग मंदिर की 'शिकारा' छत के निर्माण के लिये किया गया था।
    • ईंटें इतनी हल्की हैं कि वे पानी पर तैर सकती हैं।
    • ईंट का घनत्व 0.85 से 0.9 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर के बीच है, जबकि पानी का घनत्व 1 ग्राम/सीसी होता है।
    • किसी भी सामान्य ईंट का घनत्व लगभग 2.2 g/cc होता है।

कोटड़ा भादली

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में मिट्टी के बर्तनों पर आधारित एक अध्ययन से पता चला है कि हड़प्पा निवासियों द्वारा डेयरी उत्पादों का प्रयोग किया जाता था।

खोज के बारे में

  • कोटड़ा भादली लगभग 3.11 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला एक छोटा सा गाँव है और यह दो नदियों के संगम पर स्थित है।
  • इस अध्ययन का परिणाम कोटड़ा भादली (गुजरात) के एक पुरातात्त्विक स्थल पर पाए गए बर्तनों के टुकड़ों से प्राप्त भोज्य पदार्थों के अणुओं (जैसे- वसा और प्रोटीन) के आणविक रासायनिक विश्लेषण पर आधारित है। 
  • इस खोज से यह रहस्योद्घाटन होता है कि इस उपमहाद्वीप में पनीर बनाया और उपयोग किया जाता था, इसे परिपक्व हड़प्पा काल के रूप में जाना जाता है।
    • यह पनीर बनाने का इस क्षेत्र में सबसे प्रथम साक्ष्य होगा।
  • वर्ष 2018 के एक अध्ययन में 5200 ईसा पूर्व में भूमध्य सागर में डेयरी प्रसंस्करण की प्रथा को स्थापित करने के लिये क्रोएशिया के डालमेटियन तट से मिट्टी के बर्तनों में लिपिड अवशेषों की कार्बन डेटिंग का प्रयोग किया गया।

लोथल 

चर्चा में क्यों?

  • भारत की समुद्री विरासत और इतिहास को प्रदर्शित करने के लिये गुजरात के लोथल क्षेत्र में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) विकसित किया जाएगा। NMHC में राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, हेरिटेज थीम पार्क और लाइटहाउस संग्रहालय जैसी विभिन्न अनूठी संरचनाएँ शामिल होंगी।

लोथल के बारे में

  • लोथल गुजरात में स्थित प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे दक्षिणी शहरों में से एक था। इसकी खोज 1955-1960 के दौरान एस.आर. राव ने की थी।
  • भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, लोथल में दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात डॉक था, जो लोथल शहर को सिंध के हड़प्पा शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच व्यापार मार्ग पर साबरमती नदी के एक प्राचीन मार्ग से जोड़ता था।
  • प्राचीन काल में लोथल एक महत्त्वपूर्ण एवं संपन्न व्यापार केंद्र था, जिसके मोतियों, रत्नों और बहुमूल्य गहनों का व्यापार पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर क्षेत्रों तक विस्तृत था।
  • मृतकों को दफनाने का सबसे अनूठा तरीका लोथल में पाया गया जैसे- जुड़वाँ दफन, यानी दो व्यक्तियों को एक साथ दफनाना।

बसवकल्याण में न्यू अनुभव मंडप

चर्चा में क्यों?

  • बसवकल्याण में 'न्यू अनुभव मंडप' की आधारशिला रखी गई। इसका निर्माण वास्‍तुकला की कल्‍याण चालुक्‍य शैली में किया जाएगा।

बसवकल्याण के बारे में

  • बसवकल्याण पर पश्चिमी चालुक्य, कल्याणी के कलचुरी, देवगिरि के यादव, काकतीय, दिल्ली सल्तनत, बहमनी सल्तनत (बीदर, गुलबर्गा), बीदर सल्तनत, बीजापुर सल्तनत, मुगल और हैदराबाद के निजाम का शासन था।
  • यह 1050 से 1195 तक पश्चिमी चालुक्य (कल्याणी चालुक्य) राजवंश की शाही राजधानी थी। सोमेश्वर प्रथम (1041-1068) ने कल्याण को अपनी राजधानी बनाया, जिसे बादामी चालुक्यों से अलग करने के लिये कल्याणी चालुक्य के रूप में मान्यता दी गई।
  • कल्याणी के कलचुरी कल्याणी चालुक्यों के उत्तराधिकारी बने और कल्याणी को अपनी राजधानी के रूप में बनाए रखा।
  • 12वीं शताब्दी के दौरान कल्याणी राजा बिज्जला (1156-1167) के कलचुरियों ने सिंहासन ग्रहण किया और बसवेश्वर को उनके महामात्य के रूप में नियुक्त किया गया।
  • बसवकल्याण किले का निर्माण चालुक्यों ने करवाया था।

कच्छ का रण

चर्चा में क्यों?

  • पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2020 में गुजरात के कच्छ के रण में गंतव्य प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी पर एक सम्मेलन का आयोजन किया।

कच्छ के रण के बारे में

  • कच्छ का रण ‘साल्ट मार्शेस’ (Salt Marshes) या रेह भूमि का एक बड़ा क्षेत्र है जो भारत एवं पाकिस्तान की सीमा पर फैला हुआ है, यह अधिकतर गुजरात में स्थित है।
  • राजस्थान और गुजरात से निकलने वाली कई नदियाँ कच्छ के रण में बहती हैं, जिनमें लूनी, भुकी, भरूद, नारा, खरोद, बनास, सरस्वती, रूपेन, बंभान और माच्छू शामिल हैं।
  • कोरी खाड़ी (Kori Creek) और सर खाड़ी (Sir Creek) ज्वार की खाड़ियाँ हैं जो ग्रेट रण (Great Rann) के पश्चिमी छोर पर स्थित सिंधु नदी डेल्टा का हिस्सा हैं।
    • एक ज्वारीय संकरी खाड़ी छोटे जलमार्ग को संदर्भित करती है जिसमें मिश्रित जल (लवणीय और स्वच्छ) होता है। यह एक धारा का हिस्सा है जो समुद्र के ज्वार से प्रभावित होती है। कम ज्वार के दौरान खाड़ी सूख सकती है और एक चैनल बन सकता है। दूसरी ओर, उच्च ज्वार के दौरान उनमें बड़ी मात्रा में जल होता है।
  • मिट्टी के बेलनाकार भुंगों (झोपड़ियों) के साथ जनजातीय बस्तियाँ कच्छ कढ़ाई, टाई और डाई, चमड़े का काम, मिट्टी के बर्तनों, बेल धातु शिल्प एवं प्रसिद्ध रोगन पेंटिंग के लिये उपरिकेंद्र हैं।
  • कच्छ का रण भारत-मलय क्षेत्र (Indo-Malayan Region) का एकमात्र बड़ा बाढ़कृत घास का मैदान है।
  • भारत में सबसे बड़ा IVC साइट धौलावीरा का IVC शहर कच्छ के रण में स्थित है। यह शहर कर्क रेखा पर बनाया गया था जो संभवतः यह दर्शाता है कि धौलावीरा के निवासी खगोल विज्ञान में कुशल थे।
  • कच्छ के रण में खिरसारा (Khirasara) का औद्योगिक स्थल भी था, जहाँ एक गोदाम भी मिला था।

सोमनाथ, गुजरात

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में गुजरात के सोमनाथ में तीर्थयात्रा सुविधाओं के विकास से संबंधित परियोजना का उद्घाटन किया गया।

सोमनाथ के बारे में 

  • सोमनाथ (ज़िले का नाम गिर सोमनाथ) जो कि सोमनाथ मंदिर के लिये प्रसिद्ध है, यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग है और गिर अभयारण्य एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है।
  • गिर अपने केसर आम, सिद्दी के लोक नृत्य "धमाल" और गिर राष्ट्रीय उद्यान तथा अभयारण्य के लिये प्रसिद्ध है।
    • सिद्दी लोग, जो मूल रूप से अफ्रीका के हैं, जंबूर गाँव में रहते हैं, जिसे भारत का मिनी अफ्रीका भी कहा जाता है।
  • जे गॉर्डन मेल्टन द्वारा प्रलेखित लोकप्रिय परंपरा के अनुसार, माना जाता है कि सोमनाथ में पहला शिव मंदिर अतीत में किसी अज्ञात समय पर बनाया गया था।
  • कहा जाता है कि दूसरा मंदिर 649 ईस्वी के आसपास वल्लभी के यादव राजाओं द्वारा उसी स्थान पर बनाया गया था। कहा जाता है कि 725 CE में सिंध के अरब गवर्नर अल-जुनैद ने गुजरात और राजस्थान के अपने आक्रमणों के हिस्से के रूप में दूसरे मंदिर को नष्ट कर दिया था। 
  • कहा जाता है कि गुर्जर-प्रतिहार राजा नागभट्ट द्वितीय ने 815 CE में तीसरे मंदिर का निर्माण किया था, जो लाल बलुआ पत्थर की एक बड़ी संरचना थी।
  • वर्ष 1024 में भीम प्रथम के शासन काल के दौरान गजनी के प्रमुख तुर्क मुस्लिम शासक महमूद ने गुजरात पर हमला किया और सोमनाथ मंदिर को लूट लिया तथा उसके ज्योतिर्लिंग को तोड़ दिया।
  • गुजरात में 1299 आक्रमण के दौरान उलुग खान के नेतृत्व में अलाउद्दीन खिलजी की सेना ने वाघेला राजा कर्ण को हराया और सोमनाथ सहित कई शहरों को लूट लिया।
  • इसका पुनर्निर्माण मंदिर वास्तुकला की चालुक्य शैली में किया गया है और 1951 में इसके पुनर्निर्माण का कार्य पूरा हुआ था।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी

Environment-Ecology

अगस्त्यवनम जैविक उद्यान (Agasthyavanam Biological Park)

संदर्भ

केरल वन एवं वन्यजीव विभाग (Kerala Forest and Wildlife Department) द्वारा हाल ही में शुरू की गई 'वनिका' नामक पहल ने अगस्त्यवनम जैविक उद्यान में निवास करने वाले आदिवासियों को अपनी कृषि और वन उपज को ऑनलाइन बिक्री करने में सक्षम बनाया है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 1997 में स्थापित अगस्त्यवनम जैविक उद्यान केरल के तिरुवनंतपुरम के पास अवस्थित एक वन्यजीव अभयारण्य है।
  • उद्यान का नाम अपनी सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देने वाले अगस्त्यमलाई अगस्त्यकूडम शिखर (Agasthyamalai Agasthyakoodam Peak) के नाम पर रखा गया है जिसे यहाँ से देखा जा सकता है।
  • यह उद्यान नेय्यर और पेप्पारा वन्यजीव अभयारण्यों से लगा हुआ है। यह अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिज़र्व के एक वृहत संरक्षित क्षेत्र के एक हिस्से का भी निर्माण करता है।

बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (Bandhavgarh Tiger Reserve)

संदर्भ

किसी टाइगर रिज़र्व में भारत की पहली हॉट एयर बैलून वाइल्डलाइफ सफ़ारी (Hot Air Balloon Wildlife Safari) हाल ही में बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में शुरू की गई।

प्रमुख बिंदु

  • बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश के उमरिया और कटनी ज़िलों की पूर्वी सतपुड़ा पहाड़ी शृंखला में स्थित है। इस संरक्षित क्षेत्र का उल्लेख नारद पंच रत्न तथा शिव संहिता पुराण में भी मिलता है।
  • इसे वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया था और वर्ष 1993 में इसे एक टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया। यह मध्य प्रदेश में विंध्य पहाड़ियों पर फैला हुआ है जहाँ खड़ी ढाल, ऊँची-नीची भूमि एवं वन से लेकर खुले घास के मैदान तक विभिन्न स्थालाकृतियाँ पाई जाती हैं।
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में ऊँचे घास के मैदानों से लेकर घने जंगल तक मिश्रित वनस्पति-जगत व्याप्त है और इसलिये यह विभिन्न प्रकार के जंतुओं व पक्षियों के लिये एक आदर्श पर्यावास का निर्माण करता है।

भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य (Bhagwan Mahaveer Wildlife Sanctuary)

संदर्भ

गंभीर पर्यावरणीय चिंताएँ जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय की केंद्रीय अधिकारिता समिति (Central Empowerment Committee of the Supreme Court) ने भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने वाली गोवा रेल परियोजना (Goa Rail Projects) को लाल झंडी दिखा दी है।

प्रमुख बिंदु

  • पश्चिमी घाट की तलहटी पर स्थित भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य (BMWS) गोवा के चार संरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों में सबसे बड़ा है और इसके अंदर ही मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान (MNP) शामिल है। 
  • प्रसिद्ध दूधसागर जलप्रपात (Dudhsagar Waterfall) और डेविल्स कैन्यन (Devil’s Canyon) यहीं मौजूद हैं। 
  • वनों के प्रकार: यहाँ पश्चिमी तट उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, पश्चिमी तट अर्द्ध-सदाबहार वन और नम पर्णपाती वन पाए जाते हैं। 
  • जंतु प्रजाति: हिरण, सांभर, चित्तीदार हिरण, जंगली सूअर, माउस डियर एवं बार्किंग डियर, बाघ, लेपर्ड कैट, पैंथर, छोटे भारतीय सिवट, जंगली कुत्ता, लकड़बग्घा, स्लॉथ बेयर, सियार, बोनट मकाक, स्लेंडर लोरिस, स्केली एंटईटर, विशाल गिलहरी, उड़ने वाली गिलहरी आदि।  
  • पादप प्रजाति: यहाँ पाई जाने वाली प्रमुख वृक्ष प्रजातियों में टर्मिनेलिया (Terminalia), जरुल (Lagerstroemia/Crepe Myrtle), जाम्बु (Xylia) और शीशम (Dalbergia/Timber Trees) शामिल हैं।

देहिंग पटकाई वन्यजीव अभयारण्य (Dehing Patkai Wildlife Sanctuary)

संदर्भ

हाल ही में असम सरकार ने देहिंग पटकाई वन्यजीव अभयारण्य को राष्ट्रीय उद्यान (National Park) के रूप में अपग्रेड किया।

अभयारण्य के बारे में

  • इस उन्नयन के बाद देहिंग पटकाई असम का सातवाँ राष्ट्रीय उद्यान बन गया है। इससे पूर्व रायमोना रिज़र्व फॉरेस्ट को छठे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अपग्रेड किया गया था। असम में पहले से मौजूद पाँच राष्ट्रीय उद्यान हैं- काजीरंगा, नामेरी, मानस, ओरंग और डिब्रू-सैखोवा।
  • देहिंग पटकाई को वर्ष 2004 में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था और यहाँ पादपों एवं जीवों की विविध प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • यह वृहत क्षेत्र में विस्तृत देहिंग पटकाई एलीफैंट रिज़र्व के अंदर स्थित है, जो ऊपरी असम (डिब्रूगढ़, तिनसुकिया तथा शिवसागर) के कोयला और तेल-समृद्ध ज़िलों में फैला हुआ है और माना जाता है कि यह असम में तराई के वर्षावन क्षेत्र का अंतिम शेष सन्निहित पैच है।
  • जंतु प्रजाति: इस क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ जीवों में चीनी पैंगोलिन, फ्लाइंग फॉक्स, जंगली सूअर, सांभर, बार्किंग डियर, गौर, सीरो और मलय विशाल गिलहरी शामिल हैं।
    • यह भारत का एकमात्र अभयारण्य है जहाँ जंगली बिल्ली प्रजाति की सात अलग-अलग प्रजातियों का घर है- बाघ, तेंदुआ, क्लाउडेड लेपर्ड, लेपर्ड कैट, गोल्डन कैट, जंगल कैट और मार्बल्ड कैट।
    • यहाँ संकटग्रस्त (Endangered) व्हाइट विंग्ड वुड डक (White Winged Wood Duck) की सघनतम आबादी पाई जाती है।
  • पादप प्रजाति: देहिंग पटकाई एक पर्णपाती वर्षावन है जो अर्द्ध-सदाबहार एवं हरे-भरे वनस्पतियों से घिरा हुआ है।

डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान (Dibru-Saikhowa National Park)

संदर्भ

ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर सात कुएँ खोदने के निर्णय पर चिंता प्रकट की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • डिब्रू-सैखोवा एक राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ बायोस्फीयर रिज़र्व भी है जो असम के सुदूर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। 
  • यह उत्तर में लोहित एवं ब्रह्मपुत्र नदियों और दक्षिणी में डिब्रू नदी से घिरा है।
  • वन: अर्द्ध-सदाबहार वन, पर्णपाती वन, तटीय एवं अनूप वन और आर्द्र सदाबहार वनों के अलग-अलग खंड। 
  • उत्तर-पूर्व भारत का सबसे बड़ा सैलिक्स अनूप वन (Salix swamp forest) इसी रिज़र्व के अंदर स्थित है। 
  • जंतु प्रजाति: बाघ, हाथी, तेंदुआ, छोटे भारतीय सिवेट, गंगा डॉल्फिन, स्लो लोरिस आदि। 
  • इसे एक महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया जाता है।

ज़ुकू घाटी (Dzukou Valley)

संदर्भ

मणिपुर-नगालैंड सीमा पर स्थित ज़ुकू घाटी वनाग्नि (Wildfire) की चपेट में आ गई थी। 

ज़ुकू घाटी के बारे में

  • ज़ुकू घाटी नगालैंड और मणिपुर की सीमा पर स्थित है। जापफू शिखर (Japfu Peak) के ठीक पीछे स्थित यह घाटी उत्तर-पूर्व के सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग स्पॉट (Trekking Spots) में से एक है।
  • ज़ुकू घाटी और जापफू शिखर नगालैंड के पुलीबडज़े वन्यजीव अभयारण्य (Pulie Badze Wildlife Sanctuary) के निकट स्थित हैं।
  • ज़ुकू घाटी हर मौसम में विभिन्न प्रकार के फूलों के लिये भी प्रसिद्ध है और इसे ‘फूलों की घाटी’ भी कहा जाता है। यह अंगामी जनजाति का निवास स्थान भी है। 
  • जंतु प्रजाति: यह बेलीथ ट्रगोपन (Blyth's Tragopan) का आवास क्षेत्र है, जो नगालैंड का राज्य पक्षी है। यहाँ एशियाई सुनहरी बिल्ली, हूलॉक गिब्बन, हॉर्नेड टॉड, कैप्ड लंगूर, स्टंप-टेल्ड मैकाक और सीरो भी पाए जाते हैं। 
  • पादप प्रजाति: यहाँ हर मौसम में ही विभिन्न प्रकार के फूल खिले रहते हैं, लेकिन इनमें ज़ुकू लिली सबसे प्रसिद्ध है जो केवल इस घाटी में पाई जाती है। इसके अलावा, यहाँ कई रोडोडेंड्रोन प्रजातियाँ और एकोनिता नगरम (Aconita Nagaram) जैसे पौधे पाए जाते हैं।

करलापट वन्यजीव अभयारण्य (Karlapat Wildlife Sanctuary)

संदर्भ

हाल ही में करलापट वन्यजीव अभयारण्य में हेमरिज सेप्टीसीमिया (Haemorrhagic Septicaemia) के कारण छह हाथियों की मौत हो गई।

प्रमुख बिंदु

  • यह ओडिशा के कालाहांडी ज़िले में स्थित है। 
  • वनस्पति: शुष्क पर्णपाती वन।
  • जंतु प्रजाति: तेंदुआ, गौर, सांभर, नीलगाय, बार्किंग डियर, माउस डियर, सॉफ्ट क्लॉ ओटावा, आदि।
  • पादप प्रजाति: साल, बीजा, बाँस, औषधीय पौधे आदि। 
  • फुलीझरण जलप्रपात अभयारण्य के भीतर स्थित है।

कौंडिन्य वन्यजीव अभयारण्य (Koundinya Wildlife Sanctuary)

संदर्भ

कौंडिन्य वन्यजीव अभयारण्य तथा तमिलनाडु के सीमा से लगे जंगलों से जंगली हाथियों का झुंड बाहर निकल आता है जो लोगों और वन अधिकारियों के लिये चिंता का विषय बनता है।

प्रमुख बिंदु

  • कौंडिन्य आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के पालमनेर-कुप्पम वन शृंखला में स्थित है। यह अभयारण्य आंध्र प्रदेश राज्य में एशियाई हाथियों का एकमात्र आवास स्थान है।
  • यह अभयारण्य हाथी परियोजना के अंतर्गत आता है जो भारत सरकार द्वारा परिचालित एक देशव्यापी हाथी संरक्षण परियोजना है।
  • इस अभयारण्य में कटीली झाड़ियों के साथ शुष्क पर्णपाती वन (Dry Deciduous Forests) पाए जाते हैं।
  • अभयारण्य एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ कोलार पठार समाप्त होता है और कई घाटियों एवं घाटों का निर्माण करता हुआ तमिलनाडु के मैदानी इलाकों में उतर जाता है।
  • जंतु प्रजाति: इस अभयारण्य में असुरक्षित (Vulnerable- VU) पीले गले वाली बुलबुल (Yellow-Throated Bulbul) पाई जाती है। 
  • अभयारण्य में पाए जाने वाले कुछ अन्य जीवों में स्लॉथ बियर, तेंदुआ, चीतल, चौसिंघा, सांभर, साही, जंगली सूअर, जंगली बिल्ली, सियार, जंगली मुर्गी, तारांकित कछुआ और स्लेंडर लोरिस शामिल हैं।
  • पादप प्रजाति: यहाँ पाए जाने वाले पादप प्रजातियों में अल्बिजिया अमारा (Albizia amara) अकेसिया (Acacia), लगेरस्ट्रोमिया (Lagerstroemia), फिकस (Ficus), बाँस और संतालम एल्बम (Santalum album) शामिल हैं।

मगुरी बील (Maguri Beel)

संदर्भ

हाल ही में लगभग एक सदी बाद मगुरी-मोटापुंग बील (Maguri-Motapung Beel) में मंदारिन बतख (Mandarin Ducks) देखी गई।

प्रमुख बिंदु

  • ‘मगुरी’ वॉकिंग कैटफ़िश (Walking Catfish) के लिये प्रयुक्त स्थानीय शब्द है। मगुरी बील असम के तिनसुकिया ज़िले में डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित एक आर्द्रभूमि और झील है।
  • यह डिब्रू नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है और एक छोटे से चैनल के माध्यम से डिब्रू नदी से जुड़ती है और अंत में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है।
  • मई 2020 में ‘ऑयल इंडिया लिमिटेड’ के स्वामित्व वाले गैस कुएँ में विस्फोट और आग के कारण इस बील पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। इस कारण हुए तेल के फैलाव से मछलियों, साँपों के साथ-साथ लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन के मारे जाने के मामले सामने आए थे।

महेंद्रगिरि पहाड़ी (Mahendragiri Hill)

संदर्भ

ओडिशा सरकार ने समृद्ध जैव विविधता वाले महेंद्रगिरि पहाड़ी पारितंत्र के दक्षिणी भाग में राज्य के दूसरे बायोस्फीयर रिज़र्व की स्थापना का प्रस्ताव किया है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रस्तावित महेंद्रगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व पूर्वी घाट में गजपति और गंजाम ज़िलों में विस्तृत होगा।
  • अधिसूचित होने पर यह ओडिशा का दूसरा बायोस्फीयर रिज़र्व बन जाएगा। 5,569 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत सिमलीपाल बायोस्फीयर रिज़र्व ओडिशा का पहला ऐसा रिज़र्व था जिसे 20 मई, 1996 को अधिसूचित किया गया था।
  • महेंद्रगिरि (1,501 मीटर ऊँचाई) ओडिशा में पूर्वी घाट में स्थित पहाड़ी है। यह पूर्वी घाट के उच्चतम बिंदुओं में से एक है। 
  • महेंद्रगिरी में सौरा/सावरा (Soura) लोगों का निवास है जो एक ‘विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह’ (Particularly Vulnerable Tribal Group- PVTG) है।

मलाई महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य (Malai Mahadeshwara Hills Wildlife Sanctuary)

संदर्भ

मलाई महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य को एक टाइगर रिज़र्व बनाने का प्रस्ताव किया गया है। अधिसूचित होने के बाद यह कर्नाटक का छठा टाइगर रिज़र्व बन जाएगा। 

प्रमुख बिंदु

  • लगभग 670 वर्ग किलोमीटर मुख्य क्षेत्र के साथ प्रस्तावित यह टाइगर रिज़र्व मलाई महादेश्वर रिज़र्व फॉरेस्ट, हनूर रिज़र्व फॉरेस्ट (Hanur Reserve Forest) और येदियाराहल्ली रिज़र्व फॉरेस्ट (Yediyarahalli Reserve Forest) में विस्तृत होगा। प्रस्तावित टाइगर रिज़र्व अधिसूचित मैसूर एलीफैंट रिज़र्व का भी हिस्सा होगा।
  • मलाई महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य एक ओर बिलिगिरी रंगनाथस्वामी मंदिर टाइगर रिज़र्व (Biligiri Ranganathaswamy Temple Tiger Reserve) और दूसरी ओर तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व (Sathyamangalam Tiger Reserve) से लगा हुआ है।
  • कावेरी वन्यजीव अभयारण्य भी इसकी सीमा से लगा है, इस प्रकार यहाँ 3,500 वर्ग किलोमीटर से अधिक का एक सन्निहित वन आवरण तैयार होता है जो बाघों की अधिशेष आबादी को सँभालने और उनकी संख्या बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • यहाँ गौर, सांभर, चीतल, चौसिंगा मृग, जंगली सूअर आदि प्रजातियों की बहुतायत है। यहाँ निकट संकटग्रस्त (Near Threatened- NT) का IUCN दर्जा रखने वाली विशालकाय सफ़ेद-भूरे बालों वाली गिलहरी (grizzled giant squirrel) भी पाई जाती है। वर्ष 2014 के एक सर्वेक्षण के अनुसार इस भूदृश्य में लगभग 285 पक्षी प्रजातियों को भी दर्ज किया गया है। 

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (Nagarahole National Park)

संदर्भ

  • कर्नाटक वन विभाग मोटर चालकों द्वारा वन कानूनों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने और सड़क हादसों को कम करने के लिये नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान के आसपास की सड़कों के लिये एक यातायात निगरानी तंत्र स्थापित करने की योजना पर कार्य कर रहा है। 

प्रमुख बिंदु

  • नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान को राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। यह कर्नाटक के कोडागु और मैसूर ज़िलों में स्थित है।  
  • बांदीपुर, मुदुमलाई और वायनाड वन्यजीव अभयारण्य इस अभयारण्य के निकट स्थित हैं। 
  • नागरहोल नदी इस उद्यान से होकर बहती है और धीरे-धीरे काबिनी नदी में मिल जाती है जो नागरहोल और बांदीपुर के बीच की सीमा का भी निर्माण करती है।
  • जंतु प्रजाति: चीतल (चित्तीदार हिरण), भारतीय माउस डियर, गौर, धारीदार गर्दन वाले सुर्ख नेवले (Stripe-Necked and Ruddy Mongooses), ग्रे लंगूर, बोनट मकाक, एशियाई जंगली कुत्ते, तेंदुआ, बाघ आदि। 

नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य (Nagi-Nakti Bird Sanctuaries)

संदर्भ

हाल ही में बिहार के जमुई ज़िले के नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य में राज्य के पहले राज्यस्तरीय पक्षी उत्सव 'कलरव' का आयोजन किया गया था।

प्रमुख बिंदु

  • नागी बाँध (Nagi Dam) और नकटी बाँध (Nakti Dam) दो अभयारण्य हैं जो एक दूसरे के इतने निकट हैं कि उन्हें प्रायः एक पक्षी क्षेत्र के रूप में देखा जाता है।
  • नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य स्थानीय पक्षियों और सर्दियों के दौरान यूरेशिया, मध्य एशिया, आर्कटिक ध्रुव, रूस और उत्तरी चीन जैसे स्थानों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की विविध प्रजातियों का पर्यावास रहा है।
  • यहाँ पाई जाने वाली प्रमुख पक्षी प्रजातियों में इंडियन कौर्सर, इंडियन सैंडग्राउज़, येलो-वॉटल्ड लैपविंग और इंडियन रॉबिन शामिल हैं।

वर्ष 2020 में नए रामसर स्थल (New Ramsar Sites in 2020)

संदर्भ

वर्ष 2020 में पाँच स्थलों/साइटों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि (Wetlands of International Importance under the Ramsar Convention) के रूप में मान्यता दी गई थी।

नए स्थल

  • आसन संरक्षण रिज़र्व (Asan Conservation Reserve)
    • आसन संरक्षण रिज़र्व देहरादून में उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर एक छोटे से शहर हर्बतपुर के पास स्थित एक मानव निर्मित आर्द्रभूमि है। 
  • काबरताल आर्द्रभूमि (Kabartal Wetland)
    • काबरताल आर्द्रभूमि बिहार की पहली आर्द्रभूमि है जिसे रामसर स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है। इसे कांवर झील (Kanwar Jheel) के नाम से भी जाना जाता है, जो भारत की सबसे बड़ी मीठे जल की गोखुर झील (Ox Bow Lake) है जिसमें बूढ़ी गंडक नदी का बाढ़ का मैदान शामिल है। 
  • लोनार झील (Lonar Lake)
    • दक्कन के पठार की ज्वालामुखीय बेसाल्ट शैल में स्थित लोनार झील का निर्माण 35,000 से 50,000 वर्ष पूर्व एक उल्कापात के प्रभाव से हुआ था।
    • यह झील लोनार वन्यजीव अभयारण्य का अंग है जो मेलघाट टाइगर रिज़र्व (MTR) के एकीकृत नियंत्रण में है।
  • सूर सरोवर झील (Soor Sarovar Lake)
    • सूर सरोवर झील को कीठम झील (Keetham lake) के नाम से भी जाना जाता है  जो सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य (वर्ष 1991 में अधिसूचित) के अंदर स्थित है।
    • यह झील उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है।
  • त्सो कर आर्द्रभूमि (Tso Kar Wetland)
    • त्सो कर (Tso Kar) लद्दाख के चांगथांग (Changthang) क्षेत्र में समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक उच्च तुंगता आर्द्रभूमि है।
    • यह एक अनूठा स्थल है जहाँ विपरीत रासायनिक संरचना वाली दो झीलें—मीठे जल की स्टार्ट्सपुक त्सो (Startsapuk Tso) और वृहत उच्च लवणीय त्सो कर (Tso Kar) आसपास स्थित हैं।
    • त्सो कर का अर्थ है सफ़ेद झील (white lake)। अत्यधिक खारे पानी के वाष्पीकरण से किनारे पर जमने वाली सफ़ेद नमक की पपड़ी के कारण इसे यह नाम मिला है।

वर्ष 2021 में नए रामसर स्थल (New Ramsar Sites in 2021)

संदर्भ

अगस्त 2021 में चार अन्य भारतीय स्थलों (हरियाणा और गुजरात दोनों से दो-दो स्थल) को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि (Wetlands of International Importance under the Ramsar Convention) के रूप में मान्यता दी गई है। इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या 46 हो गई है।

नए स्थल

  • भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य (Bhindawas Wildlife Sanctuary)
    • झज्जर में स्थित भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य मानव निर्मित मीठे जल की आर्द्रभूमि है। यह हरियाणा की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि है। 250 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पूरे वर्ष इस अभयारण्य का उपयोग विश्राम स्थल के रूप में करती हैं।
  • सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान
    • यह हरियाणा राज्य के दो राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। हरियाणा में स्थित दूसरा राष्ट्रीय उद्यान कालेसर राष्ट्रीय उद्यान है।
  • थोल झील वन्यजीव अभयारण्य (Thol Lake Wildlife Sanctuary)
    • गुजरात के सबसे लोकप्रिय पक्षी स्थलों (birding hotspots) में से एक थोल झील वन्यजीव अभयारण्य अहमदाबाद के निकट स्थित है।
  • वधवाना आर्द्रभूमि (Wadhvana Wetland)
    • वडोदरा (गुजरात) में स्थित वधवाना आर्द्रभूमि वेटलैंड अपने पक्षी आश्रय स्थल के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से होकर प्रवास को जाती 80 से अधिक पक्षी प्रजातियों को शीतकालीन प्रवास आश्रय प्रदान करती है।  

 नोंगखिल्लेम वन्यजीव अभयारण्य (Nongkhyllem Wildlife Sanctuary)

संदर्भ

भारत के पहले बाँस के वृक्षों पर रहने वाले चमगादड़ (Bamboo-Dwelling Bat- Eudiscopus Denticulus), जिनके पंजों के आंतरिक हिस्से चिपचिपे (Sticky Discs) होते हैं, नोंगखिल्लेम वन्यजीव अभयारण्य में पाए गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • मेघालय के री भोई ज़िले में अवस्थित यह अभयारण्य पूर्वोत्तर भारत के सर्वोत्कृष्ट संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। यह पूर्वी हिमालयी जैव विविधता हॉटस्पॉट (Eastern Himalayan Biodiversity Hotspot) के अंतर्गत आता है। 
  • यह उमरान, उम्मिंग, उमपुरथिह और उमरू जैसी नदियों और जलधाराओं से प्रवाहित है। अभयारण्य के दक्षिणी भाग में बीरबाह (Birbah) नाम की एक प्राकृतिक झील भी मौजूद है।
  • यह अभयारण्य रॉयल बंगाल टाइगर, क्लाउडेड लेपर्ड, इंडियन बाइसन और हिमालयन ब्लैक बियर जैसी विभिन्न जंतु प्रजातियों को आश्रय और पोषण प्रदान करता है।
  • यहाँ मणिपुर बुश क्वेल, रूफस नेक्ड हॉर्नबिल और ब्राउन हॉर्नबिल जैसी दुर्लभ पक्षी प्रजातिययाँ भी पाई जाती हैं।
  • मेघालय के अन्य संरक्षित क्षेत्रों में सिजू वन्यजीव अभयारण्य (Siju Wildlife Sanctuary), नरपुह वन्यजीव अभयारण्य (Narpuh Wildlife Sanctuary), बाघमारा पिचर प्लांट अभयारण्य (Baghmara Pitcher Plant Sanctuary) और नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान (Nokrek National Park) शामिल हैं।

पैंगोंग त्सो 

संदर्भ 

लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच आमने-सामने होने की साक्षी रही।

पैंगोंग त्सो  के बारे में 

  • लगभग 4,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पैंगोंग झील विश्व  की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित खारे पानी की झील है।
  • ग्रीष्म ऋतु के दौरान बार-सिर वाले हंस  (Bar-Headed Goose) और ब्राह्मणी बतख (Brahmini Ducks) आमतौर पर यहाँ देखे जाते हैं।
  • झील के आसपास के क्षेत्र में किआंग और मर्मोट सहित वन्यजीवों की कई प्रजातियाँ पाई जाती है।
  • झील में बड़ी मात्रा में मछलियाँ हैं, विशेष रूप से शिज़ोपाइगोप्सिस स्टोलिज़्का (Schizopygopsis stoliczka) और राकोमा लेबियाटा (Racoma labiata)।
  • लगभग 160 किमी. तक फैली पैंगोंग त्सो झील का एक तिहाई हिस्सा भारत में और अन्य दो-तिहाई चीन में स्थित है।
  • झील की यात्रा करने के लिये एक इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है क्योंकि यह चीन-भारतीय वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित है।

पन्ना टाइगर रिज़र्व

संदर्भ

पन्ना टाइगर रिज़र्व को मैन एंड बायोस्फीयर (MAB) कार्यक्रम के तहत विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व (डब्ल्यूएनबीआर) में शामिल किया गया है। एमएबी कार्यक्रम में भारत के  सूचीबद्ध 18  बायोस्फीयर रिज़र्व में से 12 बायोस्फीयर रिज़र्व शामिल हैं।

पन्ना टाइगर रिज़र्व के बारे में

  • पन्ना टाइगर रिज़र्व विंध्य में दक्कन प्रायद्वीप, ऊपरी गंगा के मैदान और अर्द्ध-शुष्क गुजरात राजपुताना के संगम के निकट स्थित है, जो तीन जैव-भौगोलिक क्षेत्रों के प्रभाव को दर्शाता है।
  • वर्ष 1981में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था और वर्ष 1994 में इसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। वर्ष 2011 में, पन्ना को केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया गया था।
  • पचमढ़ी और अमरकंटक के बाद, यह विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व में शामिल होने वाला भारत का 12 वां बायोस्फीयर रिज़र्व है, और मध्य प्रदेश से तीसरा है।
  • केन नदी रिज़र्व के माध्यम से दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है।
  • जीव: बाघ के अलावा यह तेंदुए, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंघा, चीतल, चित्तीदार बिल्ली, साही और सांभर जैसे अन्य जानवरों का निवास स्थल है। घड़ियाल (लंबे थूथन वाले मगरमच्छ) और मुग्गर (दलदली मगरमच्छ) केन नदी में पाए जा सकते हैं।

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य 

संदर्भ 

हाल के अनुमानों के अनुसार, पोबितोरा ने अपनी वहनीय करने की क्षमता को पार कर लिया है जिसके चलते गैंडों को असम के अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता हो सकती है।

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य  के बारे में 

  • पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य असम के मोरीगांव ज़िले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। गरंगा बील पोबित्रा के दक्षिण में स्थित है।
  • यह अपनी घासों के लिये प्रसिद्ध है जिसमें सिनोडोन डैक्टिलॉन, व्हिप ग्रास (Hemarthria Compressa), वेटिवर (Chrysopogon zizanioides), रेवेना घास (Saccharum Ravennae), फ्राग्माइट्स कारका आदि शामिल हैं।
  • पोबितोरा डब्ल्यूएलएस (Pobitora WLS) को वनस्पतियों और जीवों के साथ-साथ कुछ भौगोलिक विशेषताओं के समान सुविधाओं के लिये 'मिनी काजीरंगा' (Mini Kaziranga) भी कहा जाता है।

सरिस्का टाइगर रिज़र्व

संदर्भ 

नए शावक के जन्म के साथ ही सरिस्का में बाघों की संख्या 21 हो गई है।

सरिस्का टाइगर रिज़र्व के बारे में 

  • यह राजस्थान के अलवर ज़िले में एक बाघ अभ्यारण्य है जिसमें झाड़ीदार कांटेदार जंगल, शुष्क पर्णपाती वन, घास के मैदान और चट्टानी पहाड़ियाँ शामिल हैं।
  • इसे 1978 में भारत के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा बनाते हुए टाइगर रिज़र्व का दर्जा दिया गया था।
  • यह उत्तरी अरावली में तेंदुए और वन्यजीव गलियारे में एक महत्त्वपूर्ण  जैव विविधता क्षेत्र है।
  • जीव: बंगाल टाइगर के अलावा, रिज़र्व में भारतीय तेंदुआ, जंगली बिल्ली, काराकल, धारीदार लकड़बग्घा, सुनहरा सियार, चीतल, सांभर हिरण, छोटा भारतीय सिवेट, जावन नेवला, सुर्ख नेवला, रीसस मकाक सहित कई वन्यजीव प्रजातियाँ शामिल हैं। उत्तरी मैदान के ग्रे लंगूर और भारतीय खरगोश पाए जाते हैं 
  • वनस्पति: जंगलों में प्रमुख वृक्ष ढोक (Anogeissus pendula) है। अन्य पेड़ों में सालार (Boswellia serrata), कदया (Sterculia urens), ढाक (Butea monosperma), गोल (Lannea coromandelica), बेर (Ziziphus mauritiana), और खैर (Acacia catechu)  शामिल हैं।

सतकोसिया बाघ अभयारण्य

संदर्भ 

हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने ओडिशा को सतकोसिया बाघ अभयारण्य पर पर्यटन के प्रतिकूल प्रभाव पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये कहा है।

सतकोसिया बाघ अभयारण्य के बारे में :

  • सतकोसिया बाघ अभयारण्य को वर्ष 2007 में नामित किया गया था और इसमें सतकोसिया गॉर्ज वन्यजीव अभयारण्य और निकटवर्ती बैसिपल्ली वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
  • यह वह स्थान है जहांँ महानदी नदी पूर्वी घाट में 22 किमी. लंबी घाटी से होकर गुजरती है।
  • टाइगर रिज़र्व पूर्वी हाइलैंड्स नम पर्णपाती वन ईकोरियोजन में स्थित है।
  • जीव: तेंदुआ, भारतीय जंगली कुत्ता या ढोल, जंगली सूअर, धारीदार लकड़बग्घा, सुस्त भालू, तेंदुआ बिल्ली, चित्तीदार हिरण, सांभर हिरण, भौंकने वाले हिरण, लंगूर, साही और पैंगोलिन। यहाँ के सरीसृपों में मगर मगरमच्छ और घड़ियाल शामिल हैं।
  • वनस्पति: प्रमुख पादप समुदाय साल (शोरिया रोबस्टा) और नदी के किनारे स्थित जंगल सहित मिश्रित पर्णपाती वन हैं।

शत्रुंजय हिल्स रिज़र्व फॉरेस्ट

संदर्भ

गुजरात के शेत्रंजय हिल्स रिज़र्व फॉरेस्ट एरिया में आग लग गई।

शत्रुंजय हिल्स रिज़र्व फॉरेस्ट के बारे में 

  • शत्रुंजय रिज़र्व फॉरेस्ट, पहाड़ी, शुष्क और पर्णपाती जंगल का एक हिस्सा है। यह एशियाई शेरों और तेंदुओं के साथ-साथ नीले बैल जैसे शाकाहारी जीवों का घर है।
  • पहाड़ियाँ शेत्रुंजी नदी के तट पर स्थित हैं और जैनियों द्वारा पवित्र पहाड़ी मानी जाती हैं।
  • पहाड़ियाँ दक्षिण में खंभात की खाड़ी और उत्तर में भावनगर शहर से घिरी हुई हैं।
  • जब ऋषभनाथ ने पहाड़ी के ऊपर अपना पहला उपदेश दिया तबइन पहाड़ियों को पवित्र किया गया था  था। ऋषभनाथ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर थे।

सिमिलिपाल बायोस्फीयर रिज़र्व

संदर्भ 

सिमिलिपाल बायोस्फीयर रिज़र्व में जंगल का एक बड़ा हिस्सा हाल ही में आग की चपेट में आ गया था।

सिमिलिपाल बायोस्फीयर रिज़र्व  के बारे में 

  • सिमिलिपाल बायोस्फीयर रिज़र्व दो जैव-भौगोलिक क्षेत्रों के भीतर स्थित है- ओरिएंटल क्षेत्र के महानदियन पूर्वी तटीय क्षेत्र और दक्कन प्रायद्वीपीय क्षेत्र के छोटानागपुर जैविक प्रांत।
  • यह ऊँचें पठारों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, इसमें सबसे ऊंँची चोटी खैरीबुरु और मेघाशिनी (समुद्र तल से 1515 मीटर ऊपर) की जुड़वाँ चोटियांँ हैं। बुद्धबलंग, बैतरणी और सुवर्णरेखा जैसी प्रमुख नदियों में कई झरने और बारहमासी धाराएँ बहती हैं।
  • इसे औपचारिक रूप से वर्ष 1956 में टाइगर रिज़र्व नामित किया गया था और वर्ष 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत लाया गया था।
  • इसे जून 1994 में भारत सरकार द्वारा बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित किया गया था।
  • यह वर्ष 2009 से यूनेस्को के विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा रहा है।
  • यह सिमिलिपाल-कुलडीहा-हदगढ़ हाथी रिज़र्व का हिस्सा है, जिसे मयूरभंज हाथी रिज़र्व के नाम से जाना जाता है, जिसमें 3 संरक्षित क्षेत्र सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व, हाडागढ़ वन्यजीव अभयारण्य और कुलडीहा वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
  • दो जनजातियाँ, एरेंगा खारिया और मनकीर्डिया, रिज़र्व के जंगलों में निवास करती हैं और पारंपरिक कृषि गतिविधियों (बीज और लकड़ी का संग्रह) में संलग्न हैं।

श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व

संदर्भ 

हाल ही में तमिलनाडु में श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व को मंजूरी दी गई है। यह टाइगर रिज़र्व तमिलनाडु का पाँचवाँ और भारत का 51वाँ टाइगर रिज़र्व है।

श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व के बारे में 

  • टाइगर रिज़र्व बनाने हेतु श्रीविल्लीपुथुर ग्रिजल्ड जायंट स्क्विरेल सैंक्चुअरी और मेगामलाई वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में 1,01,657.13 हेक्टेयर या 1016.5713 किमी. के क्षेत्र को मिलाकर टाइगर रिज़र्व बनाया गया है।
  • मेघमलाई वन्यजीव अभयारण्य थेनी और मदुरै (हाईवेव्स पर्वत और इलायची पहाड़ियों) के ज़िलों में फैला हुआ है, जबकि श्रीविल्लिपुथुर ग्रिजल्ड गिलहरी वन्यजीव अभयारण्य केरल के पेरियार टाइगर रिज़र्व के साथ स्थित है।
  • जीव:
    • इसमें मेघमलाई अनगुलेट्स (खुर वाले स्तनपायी), चित्तीदार हिरण, भारतीय गौर, जंगली सूअर आदि पाए जाते हैं।
    • श्रीविल्लिपुथुर में घड़ियाल विशाल गिलहरियों, उड़ने वाली गिलहरियों, तेंदुओं, नीलगिरि तहरों, सांभर, हाथी, सिंह-पूंछ वाले मकाक आदि पाए जाते हैं।
  • तमिलनाडु में अन्य टाइगर रिज़र्व कलक्कड़ मुंडनथुराई, अनामलाई, मुदुमलाई और सत्यमंगलम हैं। 

तिलारी संरक्षण रिज़र्व

संदर्भ

महाराष्ट्र वन विभाग ने सिंधुदुर्ग ज़िले में स्थित डोडामर्ग वन क्षेत्र के लगभग 29.53 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को 'तिलारी संरक्षण रिज़र्व' (Tillari Conservation Reserve) घोषित किया है।

तिलारी संरक्षण रिज़र्व के बारे में

  • यह 38 किलोमीटर लंबा डोडामार्ग वन्यजीव गलियारा (पहले) है जो महाराष्ट्र में राधानगरी वन्यजीव अभयारण्य को कर्नाटक के भीमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य से जोड़ता है इसमें अक्सर हाथी और बाघ की आवाजाही को देखा जाता  है।
  • तिलारी रिज़र्व में अर्द्ध-सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं।

विविध

चर्चित स्थान- अंतर्राष्ट्रीय

आर्मीनिया (Armenia)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विवादित नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) क्षेत्र को लेकर आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच एक बार फिर हिंसक संघर्ष शुरू हो गया है।

आर्मीनिया के बारे  में 

  • इसकी राजधानी येरेवन (Yerevan) है।
  • आर्मीनिया ट्रांसकेशिया (Transcaucasia) का देश है। आर्मीनिया उत्तर और पूर्व में जॉर्जिया और अज़रबैजान से घिरा है, जबकि दक्षिण-पूर्व और पश्चिम में इसके पड़ोसी देश क्रमशः ईरान एवं तुर्की हैं।
  • यहाँ की अधिकांश नदियाँ अरास नदी (स्वयं कैस्पियन बेसिन की कुरा नदी की एक सहायक नदी) के अपवाह क्षेत्र में आती हैं, जो आर्मीनिया, तुर्की और ईरान के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती है।
  • आर्मीनिया में दो स्थलीय क्षेत्र शामिल हैं: काकेशस मिश्रित वन और पूर्वी अनातोलियन पर्वतीय मैदान।
  • अज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) का हिस्सा है, जो भारत को मध्य एशिया के माध्यम से रूस को जोड़ता है।

नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) संघर्ष

  • नागोर्नो-कराबाख अज़रबैजान का हिस्सा है, लेकिन इसकी बहुसंख्यक आबादी अर्मेनियाई है।
  • जैसा कि सोवियत संघ ने 1980 के दशक में अपने घटक गणराज्यों में बढ़ते तनाव को देखा, नागोर्नो-कराबाख ने आर्मीनिया का हिस्सा बनने के लिये मतदान किया जिसके परिणामस्वरूप एक युद्ध छिड़ गया जो 1994 में युद्ध विराम के साथ समाप्त हो गया।
  • तब से नागोर्नो-कराबाख अज़रबैजान का हिस्सा बना हुआ है, लेकिन अर्मेनियाई सरकार द्वारा समर्थित अलगाववादी समुदायों के अर्मेनियाई लोगों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
  • आर्मीनिया में बहुसंख्यक रूप में ईसाई लोग रहते है. जबकि अज़रबैजान में बहुसंख्यक मुस्लिम लोग रहते हैं। तुर्की के अज़रबैजान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जबकि रूस आर्मेनिया के साथ संबद्ध है- हालाँकि इसके अज़रबैजान के साथ भी अच्छे संबंध हैं।

नोट: ट्रांसकेशिया, जिसे दक्षिण काकेशस के रूप में भी जाना जाता है, पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया की सीमा पर स्थित एक भौगोलिक क्षेत्र है, जो दक्षिणी काकेशस पहाड़ों से घिरा है। ट्रांसकेशिया की स्थलाकृति सामान्यत: आधुनिक जॉर्जिया, आर्मेनिया और अज़रबैजान से मिलती-जुलती है।

Armenia


अज़रबैजान (Azerbaijan) 

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2020 में हुए गुट निरपेक्ष आंदोलन के आभासी सम्मेलन की बैठक अज़रबैजान के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित की गई थी।

अज़रबैजान के बारे  में 

  • बाकु अज़रबैजान की राजधानी है। यह कैस्पियन सागर के तट पर स्थित एक प्राचीन शहर है।
  • काकेशस पर्वत के दक्षिणी किनारों पर स्थित है, यह उत्तर में रूस, पूर्व में कैस्पियन सागर, दक्षिण में ईरान, पश्चिम में आर्मेनिया और उत्तर-पश्चिम में जॉर्जिया से घिरा है।
  • ग्रेटर काकेशस रेंज के सभी हिस्से में सबसे ऊँची चोटियाँ बज़ारदुज़ु, शाखदाग और तुफ़ान हैं।
  • प्रमुख नदियाँ कुरा (स्रोत- तुर्की) और अरास (स्रोत- तुर्की) हैं, ये कैस्पियन सागर में गिरती हैं।

कैस्पियन सागर के बारे में  

  • कैस्पियन सागर दुनिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। यह दुनिया का सबसे बड़ा अंतर्देशीय जल निकाय है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी झील या एक पूर्ण समुद्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • यह काकेशस पर्वत के पूर्व में और मध्य एशिया के विशाल मैदान के पश्चिम में स्थित है। इस सागर का नाम प्राचीन कास्पी लोगों से उद्घृत है, जो कभी पश्चिम में ट्रांसकेशिया में रहते थे।
  • इस सागर की सीमा उत्तर-पूर्व में कज़ाखस्तान, दक्षिण-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, दक्षिण में ईरान, दक्षिण-पश्चिम में अज़रबैजान और उत्तर-पश्चिम में रूस को स्पर्श करती है।
  • प्रमुख नदियाँ - वोल्गा (यूरोप की सबसे लंबी नदी), यूराल और टेरेक, सुलाक, समूर, कुरा और कई छोटी नदियों के साथ उत्तरी कैस्पियन सागर में गिरती हैं।

Azerbaijan


बहरीन (Bahrain)

चर्चा में क्यों?

  • इज़राइल और बहरीन के बीच अब्राहम एकॉर्ड (Abraham Accord) पर हस्ताक्षर किये ​गए थे। इसकी मध्यस्थता अमेरिका ने की थी

बहरीन के बारे में

  • बहरीन एक छोटा अरब राज्य है जो फारस की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी तट पर एक खाड़ी में स्थित है। 
  • यह एक द्वीप समूह है जिसमें बहरीन द्वीप और लगभग 30 छोटे द्वीप शामिल हैं। इसका नाम अरबी शब्द अल-बहरीन से आया है, जिसका अर्थ है "दो समुद्र"।
  • देश की राजधानी और प्रमुख शहर मनामा (अल-मनमाह) है जो बहरीन द्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है।
  • यह देश कतर प्रायद्वीप और सऊदी अरब के उत्तर-पूर्वी तट के बीच स्थित है, जिससे यह 25 किलोमीटर के किंग फहद कॉज़वे (King Fahd Causeway) से जुड़ा हुआ है।
  • बहरीन प्राचीन दिलमुन सभ्यता का केंद्रीय स्थल था।

अब्राहम एकॉर्ड (Abraham Accord)

  • सितंबर 2020 में अमेरिका ने ऐतिहासिक अब्राहम एकॉर्ड (Abraham Accord) पर हस्ताक्षर करने के लिये इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन के बीच मध्यस्थता की, जो 26 वर्षों में पहला अरब-इज़रायल शांति समझौता है।
  • इस समझौते के अनुसार, यूएई और बहरीन द्वारा इज़राइल में अपने दूतावास स्थापित करने के साथ पर्यटन, व्यापार, स्वास्थ्य  देखभाल और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • वर्ष 1948 में इज़रायल की स्वतंत्रता के बाद से उसने अरब पड़ोसी देशों के साथ कई युद्ध लड़े हैं। जबकि सताए गए यहूदियों ने इज़राइल को अपने वादे के अनुसार गृह राष्ट्र के रूप में देखा और अरबों ने इसे एक व्यवसाय के रूप में देखा।
  • ‘अब्राहम एकॉर्ड (Abraham Accord) पर हस्ताक्षर से पूर्व इज़रायल और अरब राज्यों के मध्य केवल दो शांति समझौते हुए थे। वर्ष 1979 में इज़रायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला मिस्र पहला अरब राज्य था। गौरतलब है कि इसके बाद वर्ष 1994 में इज़राइल और जॉर्डन के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।

Bahrain


भाषण चार द्वीप  (Bhashan Char Island)

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘भासन/भाषण चार’ (Bhasan Char) द्वीप में पुनर्वासित किया गया है।

भाषण चार द्वीप  के बारे में

  • भाषण चार द्वीप को ‘थेंगार चार द्वीप’ (Thengar Char Island) या चार पिया (Char Piya) के रूप में भी जाना जाता है। 
  • यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
  • इस द्वीप का निर्माण लगभग 20 साल पहले मेघना नदी के मुहाने पर गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना के गाद से हुआ था, जो कि हाल ही में 2006 तक समुद्र के सतह से ऊपर आ गए ।
  • बांग्लादेश भीड़भाड़ वाले सीमा शिविरों से दबाव कम करने के लिये लगभग 100,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को इस द्वीप पर ले जाना चाहता था।

Bhasan-Char


बोगनविले द्वीप (Bougainville Island)

चर्चा में क्यों?

बोगनविले द्वीप के निवासियों ने पापुआ न्यू गिनी से अलग होने के लिये जनमत संग्रह की मांग की।

बोगनविले द्वीप के बारे में 

  • बोगनविले द्वीप पापुआ न्यू गिनी का सबसे पूर्वी द्वीप है, जो सोलोमन सागर, दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में है। बुका द्वीप और कई द्वीप समूहों के साथ यह बोगनविले के स्वायत्त क्षेत्र का निर्माण करता है।
  • भौगोलिक दृष्टि से बोगनविले उस शृंखला के उत्तरी छोर के पास स्थित सोलोमन द्वीप समूह में सबसे बड़ा है।
  • सम्राट रेंज, बलबी और बगाना (दोनों सक्रिय ज्वालामुखी) में अपनी सबसे ऊँची चोटी के साथ द्वीप के उत्तरी भाग के आधे हिस्से में है तथा दक्षिण के आधे हिस्से में क्राउन प्रिंस रेंज है।

Bougainville-Island


अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC)

चर्चा में क्यों?

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) ने पहली बार फिनलैंड से भारत में खेप भेजने वाली फिनिश लॉजिस्टिक कंपनी के ज़रिये यूरोप को भारत (मुख्य रूप से क्षेत्रीय मार्ग के माध्यम से) से जोड़ा है।

 INSTC के बारे में 

  • INSTC जहाज़, रेल और सड़क मार्गों का 7,200 किलोमीटर लंबा मल्टी-मोड नेटवर्क है। इस मार्ग से मुख्य रूप से भारत, ईरान, अज़रबैजान और रूस से माल ढुलाई होती है।
  • इसमें शामिल प्रमुख शहर मुंबई, बांदर अब्बास, तेहरान, बाकू, आस्ट्राखान, मॉस्को आदि हैं।
  • यह अश्गाबात समझौते के अनुरूप भी है, भारत द्वारा हस्ताक्षरित एक मल्टीमॉडल परिवहन समझौता (2018- शामिल होने का वर्ष) है- ओमान (2011), ईरान (2011), तुर्कमेनिस्तान (2011), उज़्बेकिस्तान (2011) और कज़ाखस्तान (2015)।

INSTC


इज़राइल (Israel)

चर्चा में क्यों?

इज़रायल-फिलिस्तीन के बीच एक नए संघर्ष का उदय।

इज़रायल के बारे में

  • इज़रायल पश्चिमी एशिया का एक देश है, जो भूमध्य सागर के दक्षिण-पूर्वी तट और लाल सागर के उत्तरी किनारे पर स्थित है।
  • इसकी स्थलीय सीमा उत्तर में लेबनान; उत्तर-पूर्व में सीरिया; पूर्व में जॉर्डन और फिलिस्तीन का पश्चिमी किनारे का क्षेत्र; पश्चिम में गाजा पट्टी (फिलिस्तीनी क्षेत्र) तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र की सीमा को स्पर्श करता है।
  • जॉर्डन नदी इज़रायल और जॉर्डन के बीच की सीमा बनाती है। जॉर्डन नदी जॉर्डन रिफ्ट घाटी के साथ प्रवाहित होते हुए माउंट हेर्मोन से हुला घाटी व गलील सागर के माध्यम से मृत सागर (पृथ्वी पर स्थलमंडल का निम्नतम बिंदु) में गिरती है।

संबंधित जानकारी

  • हाल ही में इज़रायल के नेशेर रामला में एक नई मानव प्रजाति की खोज की गई।
  • नेशेर रामला होमो समूह पुरातन मनुष्यों की विलुप्त आबादी है जो आधुनिक समय के इज़राइल में मध्य प्लेइस्टोसिन के दौरान रहते थे।

Israel


केन्या (Kenya)

चर्चा में क्यों?

वैज्ञानिकों ने केन्या में स्थित पंगा य सईदी (Panga or Saidi) में सबसे पुरानी मानव कब्र (लगभग 80,000 साल पुरानी कब्र) की खोज की है। वैज्ञानिकों ने इस मानव कब्र का उपनाम 'मोटो' (Mtoto) रखा है। इसका अर्थ स्वाहिली में 'बच्चा' होता है।

केन्या के बारे में 

  • केन्या की राजधानी नैरोबी है, यह पूर्वी अफ्रीका में भूमध्य रेखा द्वारा क्षैतिज रूप से विभाजित एक देश है।
  • केन्या की सीमा उत्तर-पश्चिम में दक्षिण सूडान, उत्तर में इथियोपिया, पूर्व में सोमालिया, पश्चिम में युगांडा, दक्षिण में तंजानिया और दक्षिण-पूर्व में हिंद महासागर से लगती है।
  • मसाई, लुह्या, लुओ, कलेंजिन और किकुयू वहाँ रहने वाली महत्त्वपूर्ण जनजातियाँ हैं।
  • हिंद महासागर के तट से निचले मैदान केंद्रीय उच्चभूमि तक बढ़ते हैं। उच्चभूमि को ग्रेट रिफ्ट वैली द्वारा विभाजित किया गया है, जिसमें पूर्व में एक उपजाऊ पठार है।
  • उच्चभूमि केन्या में सबसे ऊँचे स्थान है। माउंट केन्या अफ्रीका की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है जो 5,199 मीटर (17,057 फीट) की ऊँचाई के साथ ग्लेशियरों का एक स्थल है।

Kenya


कीवू (Kivu)

चर्चा में क्यों?

अफ्रीका में पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (DRC) के किवू क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकारों को लेकर एक जातीय युद्ध हुआ।

कीवू  के बारे में 

  • कीवू बुरुंडी, रवांडा, तंजानिया और युगांडा के देशों की सीमा से लगे डीआरसी का एक क्षेत्र है।
  • कीवू क्षेत्र पूर्वी अफ्रीकी दरार घाटी के उच्च बिंदु का प्रतिनिधित्व करता है।
  • कीवू झील पूर्वी अफ्रीका की महान झीलों में से एक है, जो पश्चिम में डीआरसी और पूर्व में रवांडा के बीच स्थित है।

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बारे में

  • पूर्व में जायरे के नाम से जाना जाने वाला यह मध्य अफ्रीका का एक देश है। भूमध्य रेखा इस देश से होकर गुज़रती है।
  • यह क्षेत्रफल की दृष्टि से उप-सहारा अफ्रीका का सबसे बड़ा देश है और संपूर्ण अफ्रीका में (अल्जीरिया के बाद) दूसरा सबसे बड़ा देश है।
  • यह सीमाबद्ध है
    • मध्य अफ्रीकी गणराज्य द्वारा उत्तर में,
    • कांगो गणराज्य द्वारा उत्तर पश्चिम में,
    • दक्षिण सूडान द्वारा उत्तर पूर्व में,
    • पूर्व में युगांडा, रवांडा और बुरुंडी तथा तंजानिया (तांगानिका झील के पार),
    • जाम्बिया द्वारा दक्षिण और दक्षिण पूर्व में,
    • अंगोला द्वारा दक्षिण पश्चिम में, 
    • पश्चिम में दक्षिण अटलांटिक महासागर और अंगोला के कैबिंडा प्रांत एक्सक्लेव द्वारा।
  • यह क्षेत्र कांगो वर्षावन को बनाए रखता है, जो अमेज़न के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वर्षावन है।
  • राजधानी किंशासा, कांगो नदी तट पर स्थित है।

Kivu


किर्गिज़स्तान (Kyrgyzstan)

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान के मध्य सीमा संघर्ष उत्पन्न हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • यह हिंसक झड़प किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान दोनों द्वारा दावा किये गए क्षेत्र में जल की सुविधाओं के कारण हुई थी। ताजिकिस्तान और किर्गिज़स्तान के मध्य सीमा पर विशेष रूप से तनावपूर्ण स्थिति है, क्योंकि दोनों देशों के मध्य विस्तारित सीमा का एक-तिहाई से अधिक क्षेत्र विवादित है। जिन समुदायों की भूमि और जल तक पहुँच सुनिश्चित नहीं है, अतीत में अक्सर उन समुदायों के मध्य घातक संघर्ष होते रहे हैं। 
  • किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान, दोनों सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (USSR) के विघटन के बाद अस्तित्व में आए।
  • किर्गिज़स्तान की राजधानी बिश्केक है, यह  मध्य एशिया में एक लैंडलॉक देश है। यह उत्तर-पश्चिम और उत्तर में कज़ाखस्तान, पूर्व तथा दक्षिण में चीन एवं दक्षिण और पश्चिम में ताजिकिस्तान व उज़्बेकिस्तान से घिरा है।
  • ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे है जो किर्गिज़स्तान के दक्षिण में स्थित एक लैंडलॉक देश है। इसकी सीमा पूर्व में चीन, दक्षिण में अफगानिस्तान और पश्चिम एवं उत्तर पश्चिम में उज़्बेकिस्तान से लगती है।

Kyrgzatan


लेबनान (Lebanon)

चर्चा में क्यों? 

4 अगस्त, 2020 को लेबनान की राजधानी बेरुत शहर के बंदरगाह पर संग्रहीत अमोनियम नाइट्रेट की एक बड़ी मात्रा में विस्फोट हो गया।

लेबनान के बारे में 

  • बेरुत भूमध्य सागर के तट पर स्थित लेबनान की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है।
  • यह लेबनान पर्वत से घिरा हुआ है और इसने एक त्रिकोणीय आकार ले लिया है, जो मुख्य रूप से ऊपरी भाग में दो पहाड़ियों (अल-अशरफीह और अल-मुसैतिबा) के बीच स्थित होने के कारण  प्रभावित है।
  • इसकी सीमा उत्तर और पूर्व में सीरिया तथा दक्षिण में इज़राइल से लगती है, जबकि साइप्रस भूमध्य सागर के पश्चिम में स्थित है। 

Lebanon


माली (Mali) 

चर्चा में क्यों? 

मई 2021 के अंत में माली की सेना ने अपनी अंतरिम सरकार के खिलाफ तख्तापलट किया।

माली के बारे में 

  • माली की राजधानी बमाको है, यह पश्चिमी अफ्रीका का एक स्थलाबद्ध देश है जिसका  अधिकांशत: हिस्सा सहारा और साहेलियन क्षेत्र में स्थित है।
  • माली के उत्तर में अल्जीरिया, पूर्व में नाइजर और बुर्किना फासो, दक्षिण में कोटे डी आइवर तथा गिनी और पश्चिम में सेनेगलमॉरिटानिया हैं।
  • नाइजर नदी इसके आंतरिक भाग से होकर बहती है, जो देश में मुख्य व्यापारिक और परिवहन धमनी के रूप में कार्य करती है।
  • आबादी में मौजूद फुलानी (फुल्बे), डोगन और तुआरेग सहित कई अन्य समूहों के साथ बाम्बारा (बामाना) जातीय समूह एवं भाषा प्रमुख हैं।

Mali


न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia)

चर्चा में क्यों?

फ्राँसीसी उपनिवेश ‘न्यू कैलेडोनिया’ (New Caledonia) ने हाल ही में आयोजित एक जनमत संग्रह में  फ्राँस से अलग न होने का समर्थन किया है।

न्यू कैलेडोनिया के बारे में 

  • न्यू कैलेडोनिया ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में, वनुआतू’ (Vanuatu) के दक्षिण में तथा दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर में फ्राँस का एक विशेष समूह है।
  • न्यू कैलेडोनिया ज़ीलैंडिया का हिस्सा है, जो प्राचीन गोंडवाना सुपरकॉन्टिनेंट का एक हिस्सा है।
  • न्यू कैलेडोनिया के लैगून, उसके विविध चट्टान और संबंधित पारिस्थितिक तंत्र के साथ वर्ष 2008 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल नामित किये गए थे।
  • न्यू कैलेडोनिया का उच्चतम बिंदु माउंट पाइन (Mount Panie) है। 
  • डियाहोट नदी (Diahot River) देश की सबसे लंबी नदी है।
  • न्यू कैलेडोनियन कौवे परिवार का एक मध्यम आकार का सदस्य है, जो न्यू कैलेडोनिया का मूल निवासी है। यह पक्षी उपकरण बनाने की अपनी क्षमताओं के लिये विख्यात है, जो नरवानर या प्राइमेट स्तनधारी के प्रतिद्वंद्वी हैं।
  • न्यू कैलेडोनिया एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें फ्राँस ने धीरे-धीरे कुछ शक्तियों को स्थानांतरित कर दिया है। जैसे कि इसके नागरिकों के पास फ्राँसीसी राष्ट्रीयता है और वे फ्राँस के राष्ट्रपति के लिये मतदान करते हैं। उन्हें यूरोपीय संसद के चुनावों में मतदान करने का अधिकार है।

New-Caledonia


नोवाया ज़ेमल्या  (Novaya Zemlya)

चर्चा में क्यों?

रूस ने नोवाया ज़ेमल्या में दुनिया के सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया।

नोवाया ज़ेमल्या के बारे में 

  • नोवाया ज़ेमल्या रूस का एक द्वीप समूह है। यह आर्कटिक महासागर में, यूरोप के चरम उत्तर पूर्व में स्थित है।
  • यह केप फ्लिसिंग्स्की (Cape Flissingsky) में स्थित यूरोप का सबसे पूर्वी बिंदु है। 
  • नोवाया ज़ेमल्या के पश्चिम में बैरेंट्स सागर (Barents Sea) और पूर्व में कारा सागर है।
  • नोवाया ज़ेमल्या दो मुख्य द्वीपों- उत्तरी सेवेर्नी द्वीप और दक्षिणी यज़ीनी द्वीप (Yuzhny Island) से बना है, जो मटोच्किन जलडमरूमध्य (Matochkin Strait) द्वारा अलग किये गए हैं।

Novaya-Zemlya


फारस की खाड़ी (Persian Gulf)

चर्चा में क्यों?

भारत अपने व्यापारिक जहाज़ों की सहायता के लिये फारस की खाड़ी में युद्धपोतों का एक बेड़ा बनाए हुए है।

फारस की खाड़ी के बारे में 

  • यह हिंद महासागर का एक उथला सीमांत समुद्र है जो अरब प्रायद्वीप और दक्षिण-पश्चिमी ईरान के बीच स्थित है।
  • यह सीमाबद्ध है:
    • उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व में ईरान द्वारा;
    • दक्षिण-पूर्व और दक्षिण में ओमान के कुछ हिस्से तथा संयुक्त अरब अमीरात द्वारा;
    • दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम में कतर, बहरीन एवं  सऊदी अरब द्वारा;  
    • उत्तर-पश्चिम में कुवैत और इराक द्वारा।
  • इसके उत्तर-पश्चिम में टाइग्रिस, रात नदी (Euphrates) और करुण नदियों द्वारा भारी मात्रा में गाद जमा की जाती है।
  • सफानिया (Safaniya) ऑयल फील्ड, दुनिया का सबसे बड़ा अपतटीय तेल क्षेत्र है जो  फारस की खाड़ी में स्थित है।

Arabia


शहतूत बाँध (Shahtoot Dam)

चर्चा में क्यों?

भारत और अफगानिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी में पेयजल उपलब्ध कराने के लिये काबुल में शहतूत बाँध (Shahtoot Dam) बनाने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इससे पहले भारत ने अफगानिस्तान में हरि नदी पर सलमा बाँ (भारत-अफगानिस्तान मैत्री बाँध) बनाया है।
  • अफगानिस्तान की राजधानी काबुल है जो मध्य और दक्षिण एशिया के पहाड़ी भूमि से घिरा एक देश है।
  • अफगानिस्तान की सीमा पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान से लगती है; दक्षिण पूर्व में भारत (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के माध्यम से); पश्चिम में ईरान; उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान एवं ताजिकिस्तान और उत्तर पूर्व में चीन से लगती है।
  • अफगानिस्तान पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान के साथ अपनी सबसे लंबी भूमि सीमा (डूरंड रेखा) साझा करता है।
  • अफगानिस्तान की प्रमुख नदियों में काबुल, अमु दरिया, हरीरुद और हेलमंद शामिल हैं।

Afghanistan


सेनकाकू द्वीप समूह (Senkaku Islands)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दक्षिण जापान की एक स्थानीय परिषद ने सेनकाकू द्वीप समूह वाले क्षेत्र का नाम टोंकशीरो से टोंकशीरो सेनकाकू में बदलने से संबंधित एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।

सेनकाकू द्वीप समूह के बारे में 

  • यह पूर्वी चीन सागर में निर्जन द्वीपों का एक समूह है और चीन, ताइवान तथा जापान के बीच विवादित क्षेत्र है। 
  • यह चीन के पूर्व में, चीन गणराज्य के उत्तर-पूर्व में, ओकिनावा द्वीप के पश्चिम में और रयुक्यु द्वीप समूह (Ryukyu Islands) के दक्षिण-पश्चिमी छोर के उत्तर में स्थित है।

Senkaku-Islands


सिनाई प्रायद्वीप (Sinai Peninsula)

चर्चा में क्यों?

मिस्र की सेना ने हाल ही में सिनाई प्रायद्वीप क्षेत्र में बीर अल-अबेद, राफाह और शेख ज़ुवेद में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर छापे व हवाई हमले किये।

सिनाई प्रायद्वीप के बारे में 

  • सिनाई प्रायद्वीप मिस्र में एक प्रायद्वीप है और यह  एशिया में स्थित मिस्र देश का एकमात्र हिस्सा है। मिस्र मुख्य रूप से अफ्रीका में स्थित है।
  • सिनाई उत्तर में भूमध्य सागर और दक्षिण में लाल सागर के बीच स्थित है तथा  एशिया एवं अफ्रीका के बीच एक भूमि पुल है।
  • सिनाई रेगिस्तान, जैसा कि प्रायद्वीप के शुष्क विस्तार को कहा जाता है, स्वेकी खाड़ी और मिस्र के पूर्वी रेगिस्तान से स्वे नहर द्वारा अलग किया गया है, लेकिन यह पूर्व की ओर नेगेव रेगिस्तान में जटिल जलवायु परिस्थितियों तक फैला हुआ है।
  • यह स्वेकी थलसंधि (Isthmus) द्वारा अफ्रीकी महाद्वीप से जुड़ा हुआ है।

Suez-Canal


सूडान (Sudan)

चर्चा में क्यों?

सूडान के दारफुर क्षेत्र में संघर्ष उत्पन्न हो गया।

दारफुर के बारे में 

  • यह संघर्ष फरवरी 2003 में शुरू हुआ जब सूडान लिबरेशन मूवमेंट (एसएलएम) और न्याय तथा समानता आंदोलन (जेईएम) विद्रोही समूहों ने सूडान की सरकार के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी, जिस पर उन्होंने दारफुर की गैर-अरब आबादी पर अत्याचार करने का आरोप लगाया।
  • दारफुर आमतौर पर एक अर्द्ध-शुष्क पठार है जिसमें मार्राह (Marrah) पर्वत (जेबेल मार्रा) है, जो ज्वालामुखीय चोटियों की एक शृंखला है, इसकी ऊँचाई 3,042 मीटर (9,980 फीट) से अधिक है।
  • इस क्षेत्र के मुख्य शहर अल फाशिर, जिनीना या जनेईना (Geneina) और न्याला हैं।

Sudan


ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait)

चर्चा में क्यों?

एक अमेरिकी युद्धपोत को ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से रवाना किया गया, इसे अमेरिकी सेना ने एक नियमित मार्ग के रूप में वर्णित किया, लेकिन चीन ने इस गतिविधि पर नारागी व्यक्त की, क्योंकि चीन इस द्वीप और आसपास के समुद्रों पर संप्रभुता का दावा करता है।

ताइवान जलडमरूमध्य के बारे में 

  • ताइवान जलडमरूमध्य ताइवान और महाद्वीपीय एशिया (चीन विशिष्ट होने के लिये) के द्वीपों को अलग करने वाला 180 किलोमीटर चौड़ा जलडमरूमध्य है। 
  • यह जलडमरूमध्य दक्षिण चीन सागर का हिस्सा है और उत्तर में पूर्वी चीन सागर से जुड़ता है।
  • ताइवान जलडमरूमध्य के पूर्व नामों में फॉर्मोसा स्ट्रेट (Formosa Strait) या स्ट्रेट ऑफ फॉर्मोसा शामिल है।

Taiwan


त्सारी चू नदी (Tsari Chu River)

चर्चा में क्यों?

सैटेलाइट इमेज दर्शाती हैं कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में त्सारी चू नदी के तट पर एक नए गाँव का निर्माण किया है। त्सारी चू नदी अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले के गेलेंसिनीक में सुबनसिरी नदी में मिल जाती है।

प्रमुख बिंदु

  • सभी क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की पूरी लंबाई के साथ करीब दो दर्जन स्पॉट हैं जहाँ भारत और चीन इसके संरेखण पर सहमत नहीं हैं।
  • वास्तविक नियंत्रण रेखा को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
    • पूर्वी क्षेत्र जो अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम (1346 किमी) तक फैला है।
    • मध्य क्षेत्र में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश (545 किमी)।
    • पश्चिमी क्षेत्र में लद्दाख (1597 किमी)।
  • पूर्वी क्षेत्र में एलएसी का संरेखण 1914 मैकमोहन रेखा के साथ है।

Tsari-Chu-River


यूक्रेन (Ukraine)

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में रूस और इंग्लैंड के बीच उस वक्त तनाव पैदा हो गया जब इंग्लैंड ने क्रीमिया (काला सागर में एक प्रायद्वीप जो 2014 तक यूक्रेन का हिस्सा था) के तट के पास अपने युद्धपोत को रवाना किया गया।

यूक्रेन के बारे में 

  • यूक्रेन, पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी कीव (Kiev) है, जो उत्तर-मध्य यूक्रेन में नीपर नदी (Dnieper River) के तट पर स्थित है।
  • यूक्रेन की सीमा उत्तर में बेलारूस, पूर्व में रूस, दक्षिण में आज़ोव सागर और काला सागर, दक्षिण-पश्चिम में मोल्दोवा रोमानिया तथा पश्चिम में हंगरी, स्लोवाकिया एवं पोलैंड से लगती है।
  • सुदूर दक्षिण-पूर्व में यूक्रेन को केर्च जलडमरूमध्य (Kerch Strait) द्वारा रूस से अलग किया गया है, जो आज़ोव सागर को काला सागर से जोड़ता है।
  • क्रीमिया के दक्षिणी तट के अतिरिक्त यूक्रेन में अधिकांश: क्षेत्रों में समशीतोष्ण जलवायु है, लेकिन क्रीमिया के दक्षिणी तट पर उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है।
  • यूक्रेन की मैदान क्रांति (Maidan Revolution) फरवरी 2014 के अंत में समाप्त हुई, जब तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच रूस भाग गए। राडा (यूक्रेन की संसद) ने एक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया। उन्होंने यूक्रेन को यूरोपीय संघ के करीब लाने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी।
  • बाद में वर्ष 2014 में हुए एक जनमत संग्रह में अधिकांश क्रीमिया के लोगों ने रूस के साथ क्रीमिया के एकीकरण के लिये मतदान किया। तब से क्रीमिया पर रूस अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा है, हालाँकि यूरोपीय शक्तियाँ और अमेरिका जनमत संग्रह की वैधता का विरोध करते हैं।

Ukraine


यमन (Yemen)

चर्चा में क्यों?

यमन में वर्ष 2014 के अंत में शुरू हुआ गृहयुद्ध अपने सातवें वर्ष में प्रवेश कर गया है। यह मुख्य रूप से अब्द रब्बुह मंसूर हादी के नेतृत्व वाली यमन की सरकार और हूती ( Houthi) विद्रोहियों के बीच लड़ा जा रहा है।

यमन के बारे में 

  • यमन अरब प्रायद्वीप के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है।
  • इसके उत्तर में सऊदी अरब और उत्तर-पूर्व में ओमान की सीमा है और इरिट्रिया, जिबूती एवं सोमालिया के साथ समुद्री सीमा साझा करता है।
  • यमन की संवैधानिक रूप से घोषित राजधानी और सबसे बड़ा शहर साना (Sanaa) है, लेकिन यह शहर हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में रहा है। इस प्रकार इसका कार्यकारी प्रशासन रियाद, सऊदी अरब के हाथ में है।
  • यमन अरब लीग, संयुक्त राष्ट्र, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और इस्लामी सहयोग संगठन का सदस्य है।
  •  यमन के अंतर्गत लाल सागर के कई द्वीप जिनमें हनीश द्वीप, कामरान और पेरिम तथा अरब सागर के सोकोत्रा (Socotra) द्वीप शामिल हैं और इनमें से सबसे बड़ा सोकोत्रा है।

Yemen


तुर्की (Turkey)

चर्चा में क्यों?

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एरदोगन (Recep Erdoğan)  ने हागिया सोफिया को वापस एक मस्जिद में बदलने और इसे प्रार्थना एवं पूजा के स्थान के रूप में खोलने के लिये राष्ट्रपति की डिक्री पर पर हस्ताक्षर किये।

तुर्की के बारे में 

  • तुर्की की राजधानी इस्तांबुल है। यह पश्चिमी एशिया और दक्षिण पूर्व यूरोप काएक देश है।
  • यह सीमा साझा करता है: 
    • उत्तर-पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया;
    • उत्तर में काला सागर;
    • उत्तर-पूर्व में जॉर्जिया;
    • पूर्व में आर्मेनिया, अरबैजान और ईरान;
    • दक्षिण-पूर्व में इराक;
    • दक्षिण में सीरिया और भूमध्य सागर; तथा
    • पश्चिम में एजियन सागर।
  • एशियाई तुर्की, जिसमें देश का 97% क्षेत्र शामिल है, यूरोपीय तुर्की से डारडेनेल्स, बोस्फोरस और मरमारा सागर द्वारा अलग किया गया है।

Turkey


त्रिस्तान दा कून्हा (Tristan da Cunha) 

चर्चा में क्यों?

 ब्रिटेन का पारसमुद्रीय क्षेत्र में स्थित त्रिस्तान दा कून्हा को अटलांटिक महासागर में 687,000 वर्ग किलोमीटर का सबसे बड़ा पूरी तरह से संरक्षित समुद्री भंडार घोषित किया गया था।

त्रिस्तान दा कून्हा के बारे  में

  • यह द्वीप समूह दक्षिण अफ्रीका में केपटाउन के तट से लगभग 2,432 किमी दूर स्थित है। 
  • यह दुनिया की सबसे दूरस्थ मानव बस्ती का निवास स्थान है। यह अटलांटिक महासागर में सबसे बड़ा तथा विश्व का चौथा सबसे बड़ा पूरी तरह से संरक्षित समुद्री क्षेत्र है।
  • त्रिस्तान दा कून्हा एक ब्रिटिश पारसमुद्रीय क्षेत्र है जिसका अपना संविधान है।
  • क्तूबर 2018 तक मुख्य द्वीप में 250 स्थायी निवासी थे, जो सभी ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्रों की नागरिकता रखते हैं।

Tristan da-Cunha


स्वेज़ नहर

चर्चा में क्यों?

मिस्र की स्वेज़ नहर में एक फँसे हुए कंटेनर जहाज़ के कारण लगभग एक सप्ताह तक अवरुद्ध रहने के बाद यातायात फिर से शुरू हो गया।

स्वेज़ नहर के बारे में 

  • मिस्र स्थित इस कृत्रिम समुद्री जलमार्ग का निर्माण भूमध्य सागर और लाल सागर को जोड़ने के लिये वर्ष 1859 और 1869 के बीच किया गया था। स्वेज़ नहर एक कृत्रिम समुद्र-स्तरीय जलमार्ग (Waterway) है जो उत्तर से दक्षिण की ओर बहते हुए भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) को लाल सागर (Red Sea) से जोड़ता है।
  • स्थलाकृतिक रूप से स्वेज़ का स्थलडमरूमध्य एक समान नहीं है। यहाँ तीन उथले जलाशय हैं: मंज़ला झील, तिमसा झील और बिटर झील।
  • स्वेज़ नहर अफ्रीकी महाद्वीप को एशिया से अलग करती है तथा यह यूरोप एवं भारतीय और पश्चिमी प्रशांत महासागरों के आसपास की भूमि के बीच सबसे छोटा समुद्री मार्ग प्रदान करती है। 
  • नहर उत्तर में पोर्ट सईद और दक्षिण में स्वेज़ के बीच 193 किमी तक फैली हुई है। नहर के पश्चिम में नील नदी का निचला डेल्टा है और पूर्व में उच्च, ऊबड़-खाबड़ और शुष्क सिनाई प्रायद्वीप है।

Suez-Canal


चीन के लिओनिंग स्थित तिओजिशन संरचना  (Tiaojishan Formation of Liaoning, China)

चर्चा में क्यों?

इस स्थान पर एक नया टेरोसॉर जीवाश्म खोजा गया था।

तिओजिशन संरचना  के बारे  में 

  • चीन के लिओनिंग स्थित तिओजिशन संरचना में नई टेरोसॉरस प्रजाति के एक ऐसे जीवाश्म की खोज की गई है जो  लगभग 160 मिलियन वर्ष पुराना है। 
  • इसे 'कुनपेंगोप्टेरस एंटीपॉलिकैटस' (Kunpengopterus Antipollicatus) नाम दिया गया है, जिसे 'मंकीडक्टाइल' भी कहा जाता है। भौगोलिक रूप से तिओजिशन संरचना व्यापक रूप से चीन के पश्चिमी लिओनिंग प्रांत और उसके सीमावर्ती प्रांत उत्तरी हेबै (Hebei) में विस्तृत है।
  • यह स्थलीय संरचना मध्यवर्ती लावा और पाइरोक्लास्टिक चट्टानों से निर्मित है, जो मूलत: ज्वालामुखीय चट्टानों एवं अवसादी निक्षेपों से मिलकर बनी है।
  • यहाँ प्रचुर मात्रा में कुशल विधि द्वारा जीवाश्म पौधों [पत्ते, बीज और फल, अनुमेय राइजोम्स (permineralized rhizomes) तथा लकड़ी सहित] को संरक्षित किया जाता है।

Liaoning-Province


साहेल क्षेत्र (Sahel Region)

चर्चा में क्यों?

ग्रेट ग्रीन वॉल परियोजना का विस्तार अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में किया जा रहा है, यह क्षेत्र सहारा रेगिस्तान के दक्षिणी किनारे पर स्थित है जो पृथ्वी पर सबसे दुर्गम/गरीब स्थानों में से एक है। 

साहेल  के बारे  में 

  • साहेल पश्चिमी और उत्तर-मध्य अफ्रीका का एक अर्द्ध-शुष्क क्षेत्र (Semiarid Region) है जो उत्तर में शुष्क सहारा रेगिस्तान तथा दक्षिण में आर्द्र सवाना के बीच एक संक्रमणकालीन क्षेत्र का निर्माण करता है।
  • साहेल अटलांटिक महासागर से पूर्व की ओर उत्तरी सेनेगल, दक्षिणी मॉरिटानिया, माली में नाइजर नदी के महान मोड़, बुर्किना फासो, दक्षिणी नाइजर, पूर्वोत्तर नाइजीरिया, दक्षिण-मध्य चाड और सूडान तक फैला है।
  • साहेल में उष्णकटिबंधीय अर्द्ध-शुष्क जलवायु (कोप्पेन जलवायु वर्गीकरण BSh) पाई जाती है।
  • साहेल में संरक्षित क्षेत्रों में सेनेगल में फेर्लो नॉर्ड वन्यजीव रिज़र्व ( Ferlo Nord Wildlife Reserve), बुर्किना फासो में साहेल के सिल्वो-पास्टोरल (Sylvo-Pastoral) और पार्शियल फॉनल रिज़र्व (Partial Faunal Reserve ) आदि शामिल हैं।

नोट: ग्रेट ग्रीन वॉल (The Great Green Wall) आधुनिक समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये आशा का प्रतीक है। अफ्रीकी संघ द्वारा 2007 में शुरू की गई इस गेम-चेंजिंग अफ्रीकी-नेतृत्व वाली पहल का उद्देश्य अफ्रीका की निम्नीकृत भूमि का पुनर्निर्माण करना तथा विश्व के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र, साहेल (Sahel) में निवास करने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। 

Sahel-Region


पैंटानल (Pantanal)

चर्चा  में क्यों?

पैंटानल में वनाग्नि के मामलों की संख्या वर्ष 2020 में तीन गुना हो गई है।

पैंटानल के बारे में 

  • पैंटानल, विश्व की सबसे बड़ी उष्णकटिबंधीय आर्द्रभूमि/ दलदली भूमि वाला क्षेत्र है, जो ब्राज़ील, बोलीविया और पराग्वे तक फैला हुआ है।
  • यह एक निम्न ढाल वाला बेसिन है जो उच्चभूमि क्षेत्रों (Planalto Highlands) से अपवाह प्राप्त करता है और धीरे-धीरे पराग्वे नदी एवं सहायक नदियों के माध्यम से जल का अपवहन होता है। 
  • पैंटानल की वनस्पति, जिसे अक्सर "पैंटानल काम्प्लेक्स" के रूप में जाना जाता है, विभिन्न प्रकार के आसपास के बायोम क्षेत्रों के विशिष्ट पौधों के समुदायों का मिश्रण है। इसमें शामिल हैं:
    • आर्द्र उष्णकटिबंधीय अमेजोनियन वर्षावन पौधे।
    • पूर्वोत्तर ब्राज़ील के विशिष्ट अर्द्ध-शुष्क वुडलैंड पौधे।
    • ब्राज़ीलियाई सेराडो सवाना पौधे।
    • बोलीविया और पराग्वे के चाको सवाना के पौधे।
  • इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र के कई अन्य लाभ हैं-  जल शोधन और भूजल निर्वहन एवं पुनर्भरण तथा एक विशाल जल स्रोत क्षेत्र के रूप में।
  • वर्ष 2000 में पैंटानल संरक्षण काम्प्लेक्स- मेतो ग्रोसो (Mato Grosso) राज्य के दक्षिण-पश्चिम किनारे में चार संरक्षित क्षेत्रों के एक समूह को संरक्षित यूनेस्को की विश्व धरोहर प्राकृतिक स्थल के रूप में अंकित किया गया था।

Brazil


नाज़का लाइंस, पेरू (Nazca Lines, Peru)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पेरू में प्रसिद्ध नाज़का लाइंस साइट की एक पहाड़ी पर एक विशाल अज्ञात नक्काशी (एक बिल्ली का चित्रण) की खोज की गई थी।

नाज़का लाइंस के बारे में 

  • माना जाता है कि पेरू में पाई जाने वाली ‘नाज़का लाइंस’ जियोग्लिफ्स का एक समूह या पत्थर, बज़री, काष्ठ जैसे भू-दृश्य के तत्त्वों का उपयोग करते हुए रचनाकारों द्वारा ज़मीन पर तैयार किये गए बड़े डिज़ाइन हैं। ये आकृतियाँ दक्षिणी पेरू के शुष्क पम्पा कोलोराडा (Pampa Colorada) की सतह पर 2 सहस्राब्दियों से अधिक पहले खींची गई थीं। 
  • अधिकांश नाज़का लाइंस का निर्माण 2,000 वर्ष पहले नाज़का संस्कृति (200 BCE–600 CE) के लोगों द्वारा किया गया था, हालाँकि कुछ नक्काशी स्पष्ट रूप से नाज़का की भविष्यवाणी करते हैं जिसे पाराकास संस्कृति (Paracas Culture) द्वारा निर्मित माना जाता है।
  • जबकि पैराकास की छवियाँ अक्सर मानवीय होती हैं और इस क्षेत्र में अभी भी पहले के पेट्रोग्लिफ के समान होती हैं, नाज़का-निर्मित नक्काशी के विषय पौधे और जानवर होते हैं- जैसे कि बंदर, किलर व्हेल, मकड़ी और विभिन्न फूल, पेड़ एवं अन्य पौधों के साथ-साथ त्रिकोण और सर्पिल जैसे ज्यामितीय आकार में निर्मित होते है।
  • नाज़का लाइंस (Nazca Lines) को 1994 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था।

PERU


ला सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufriere Volcano)

चर्चा  में क्यों?

कैरेबियाई स्थित ला सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufriere Volcano) में हुए विस्फोट से उत्सर्जित सल्फर डाइऑक्साइड (Sulphur Dioxide-SO2) भारत में पहुंँच गया है, जिससे देश के उत्तरी हिस्सों में प्रदूषण (Pollution) के स्तर में वृद्धि का डर बना हुआ है।

ला सॉफरियर ज्वालामुखी के बारे में:

  • यह कैरेबियाई द्वीप के सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस (Saint Vincent and the Grenadines)  में स्थित एक सक्रिय स्ट्रैटोवोलकानो (Active Stratovolcano) है।
    • दक्षिणी कैरेबियन में स्थित सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में 30 से अधिक द्वीप और प्रवाल भित्तियाँ स्थित हैं, जिनमें से नौ द्वीपों पर आबादी पाई जाती है।
  • ला सॉफरियर सेंट विंसेंट की सबसे ऊंँची चोटी है जिसमे वर्ष 1718 के बाद से पांँच बार विस्फोटक उद्गार हुए हैं,  हाल ही में अंतिम विस्फोट अप्रैल 2021 में हुआ था।

नोट: स्ट्रैटोवोलकानो एक लंबा, शंक्वाकार ज्वालामुखी होता है, जिसका निर्माण जमे हुए ठोस लावा, टेफ्रा (Tephra) और ज्वालामुखीय राख (Volcanic Ash) की कई परतों (स्तर) द्वारा होता है। खड़ी प्रोफाइल (Steep Profile) और एक निश्चित आवधिक विस्फोटक उद्गार (Periodic, Explosive Eruptions) का होना इन ज्वालामुखियों की मुख्य विशेषताओं में शामिल है।

Caribbean-Sea


लार्समन हिल्स (Larsemann Hills) 

चर्चा में क्यों?

भारतीय वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के लार्समन हिल्स में ब्रायम भारतीएंसिस (Bryum bharatiensi) नामक पौधे की प्रजाति की खोज की है। यह अंटार्कटिका में भारत के अनुसंधान केंद्र भारती के पास स्थित है।

लार्समन हिल्स के बारे में 

  • लार्समन हिल्स, प्राइड्ज़ बे (Prydz Bay), अंटार्कटिका के दक्षिण-पूर्वी किनारे के साथ कम गोल तटीय पहाड़ियों की एक श्रृंखला है जो डल्क ग्लेशियर से 9 समुद्री मील (17 किमी) तक फैली हुई है।
  • अंटार्कटिक नखलिस्तान के रूप में पहाड़ियाँ कई अंटार्कटिक अनुसंधान स्टेशनों का घर हैं।
    • परित्यक्त रूसी प्रगति स्टेशन।
    • स्थानांतरित रूसी प्रगति II स्टेशन।
    • चीनी झोंगशान स्टेशन।
    • ऑस्ट्रेलिया द्वारा अनुदानित रोमानियाई कानून-राकोविटा स्टेशन।
    • भारतीय अनुसंधान केंद्र भारती।
  • अंटार्कटिका की प्रमुख भौगोलिक विशेषताओं में शामिल हैं:
    • विंसन मासिफ (क्षेत्र में सबसे लंबा)
    • माउंट एरेबस
    • माउंट स्टीफेंसन
    • वेस्टफोल्ड हिल्स
    • मैकमुर्डो सूखी घाटियाँ
    • बुंगर हिल्स 

ब्रायम भारतीएंसिस (Bryum bharatiensi) के बारे में 

  • पौधों को जीवित रहने के लिये पोटेशियम, फास्फोरस, सूर्य के प्रकाश और पानी के साथ नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। अंटार्कटिका का केवल 1% हिस्सा हिमाच्छादित नहीं है जो पौधे के अनुकूलन योग्य स्थान ढूँढना मुश्किल बना सकता है।
  • वैज्ञानिकों ने पाया कि Bryum bharatiensis एक काई/शैवाल है जो मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में उगती है जहाँ पेंगुइन बड़ी संख्या में प्रजनन करते हैं। पेंगुइन पूप (Penguin Poop) में नाइट्रोजन होता है।
  • ये पौधे सर्दियों के छह महीनों के दौरान घने बर्फ के नीचे जीवित रहते हैं, जहां कोई धूप नहीं होती है और तापमान -76 ℃ तक चला जाता है।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि यह संभावना है कि काई/शैवाल इस समय सुप्त अवस्था में होती है अर्थात् लगभग हर एक बीज सूख जाता है और सितंबर में गर्मियों के दौरान फिर से तब अंकुरित होते हैं जब उन्हें फिर से धूप मिलने लगती है। सूख गई काई फिर पिघलती बर्फ से पानी सोख लेती है।
  • अंटार्कटिका से काई की 100 से अधिक प्रजातियों का दस्तावेज़ीकरण किया गया है।

Easter-Island


लीआंग टेडॉन्गे (Leang Tedongnge) गुफा   

  • हाल ही में पुरातत्त्वविदों ने इंडोनेशिया में लीआंग टेडॉन्गे (Leang Tedongnge) गुफा में विश्व की सबसे पुरानी गुफा कला की खोज की है।
  • गुफा एक घाटी में है जो खड़ी चूना पत्थर की चट्टानों से घिरी हुई है और वहाँ शुष्क मौसम में केवल एक संकीर्ण गुफा मार्ग से ही पहुँचा जा सकता है।
  • दक्षिण सुलावेसी में उजागर हुई गुफा पेंटिंग में एक मस्से वाले सुअर का एक आलंकारिक चित्रण है, जो एक जंगली सूअर है और इस इंडोनेशियाई द्वीप के लिये स्थानिक है।

Leang-Tedongnge


बैकाल झील (Lake Baikal)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रूसी वैज्ञानिकों ने साइबेरिया में स्थित दुनिया की सबसे गहरी झील, बैकाल में ‘बैकाल-GVD (गीगाटन वॉल्यूम डिटेक्टर) नामक दुनिया का सबसे बड़ा ‘अंडरवाटर न्यूट्रिनो टेलीस्कोप’ लॉन्च किया है।

बैकाल झील के बारे में 

  • बैकाल झील रूस के दक्षिणी साइबेरिया में स्थित एक भ्रंश झील है। यह विश्व की सबसे गहरी झील है।
  • यह पृथ्वी पर सबसे पुरानी मौजूदा ताज़े पानी की झील है (20 मिलियन-25 मिलियन वर्ष पुरानी), साथ ही पानी का सबसे गहरा महाद्वीपीय निकाय है, जिसकी अधिकतम गहराई 5,315 फीट (1,620 मीटर) है।
  • यह आयतन की दृष्टि से दुनिया की सबसे बड़ी ताज़े पानी की झील भी है, जो पृथ्वी की सतह पर मौजूद ताज़े पानी का लगभग पाँचवा हिस्सा ग्रहण करता है।
  • बैकाल झील में 330 से अधिक नदियाँ और धाराएँ बहती हैं, जिनमें सबसे बड़ी सेलेंगा, बरगुज़िन, अपर (वेरखन्या) अंगारा, चिकोय और उदा हैं।
  • अंगारा नदी एकमात्र बहिर्वाह नदी है जो येनिसेय नदी की सहायक नदी है।

नोट: बैकाल-GVD दक्षिणी ध्रुव में स्थित Ice Cube और भूमध्य सागर में स्थित ANTARES के साथ दुनिया के तीन सबसे बड़े न्यूट्रिनो डिटेक्टरों में से एक है।

Lake-Baikal


चाड झील (Lake Chad)

चर्चा में क्यों?

अफ्रीका के सबसे बड़े मीठे पानी के निकायों में से एक, चाड झील 90% तक सिकुड़ गई है।

चाड झील के बारे में 

  • मीठे पानी की यह झील पश्चिम-मध्य अफ्रीका के सहेलियन क्षेत्र में स्थित है।
  • यह चार देशों- चाड, कैमरून, नाइजर और नाइजीरिया से घिरी है।
  • यह चाड बेसिन की सबसे बड़ी झील है। चाड बेसिन मध्य अफ्रीका में एक विशाल अवसाद है जो महाद्वीप पर सबसे बड़ा अंतर्देशीय जल निकासी क्षेत्र का निर्माण करता है जिसमें से एक हिस्से का निर्माण चाड झील करती है।
  • जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च में प्रकाशित 2001 के एक अध्ययन में झील के आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिवृष्टि को झील के सिकुड़ने का मुख्य कारण बताया है, जिससे मरुस्थलीकरण और वनस्पति में गिरावट आई।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और लेक चाड बेसिन आयोग इस बात से सहमत हैं कि झील की कमी का कम-से-कम आधे हिस्से का कारण बदलता जलवायु पैटर्न है।

Chad


सेमेरु ज्वालामुखी (Semeru Volcano)  

  • हाल ही में इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में सेमेरु ज्वालामुखी विस्फोट हुआ। सेमरू- जिसे "द ग्रेट माउंटेन" के रूप में भी जाना जाता है, जावा का सबसे उच्चतम ज्वालामुखी शिखर है तथा सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।
  • इंडोनेशिया में विश्व के सक्रिय ज्वालामुखियों की सर्वाधिक संख्या होने के साथ-साथ इसके पैसिफिक रिंग ऑफ फायर (Pacific Ring of Fire)  में अवस्थित होने  के कारण यहाँ भूकंपीय उथल-पुथल का खतरा भी बना रहता है।
  • सेमरू ज्वालामुखी भी सूंडा प्लेट (यूरेशियन प्लेट का हिस्सा) के नीचे स्थित इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के उप-भाग के रूप में निर्मित द्वीपीय  चाप (Island Arcs) का हिस्सा है। यहांँ निर्मित खाई को सुंडा खाई के नाम से जाना है,  जावा खाई (Java Trench) इसका प्रमुख खंड/भाग है।

नोट: रिंग ऑफ फायर, जिसे सर्कम-पैसिफिक बेल्ट (Circum-Pacific Belt) के रूप में भी जाना जाता है, सक्रिय ज्वालामुखियों और लगातार आने वाले भूकंपों के कारण प्रशांत महासागर में निर्मित एक मार्ग है।  पृथ्वी के 75% ज्वालामुखी अर्थात् 450 से अधिक ज्वालामुखी 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित हैं। 

Jakarta


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