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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 जून, 2019

  • 27 Jun 2019
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आंध्र प्रदेश में पाए गए बौद्ध अवशेष

Buddhist Relic unearthed in A.P. village

हाल ही में आंध्र प्रदेश में एक बौद्ध अवशेष पाया गया है। यह स्तंभ चूना पत्थर से निर्मित है, जिसके केंद्र में अर्द्ध कमल बना हुआ तथा शीर्ष भाग ऊपर की ओर खुदा हुआ है।

Buddhist relics

  • यह इक्ष्वाकु काल (Ikshvaku Times) के अमरावती कला शैली (Amaravati School of Art) से संबंधित है।
  • यह स्तंभ किसी बौद्ध मठ के स्तंभ का हिस्सा हो सकता है, जहाँ बौद्ध शिक्षक बुद्ध के धम्म पर नियमित प्रवचन देते रहे होंगे।
  • विजयवाड़ा और अमरावती के सांस्कृतिक केंद्र द्वारा शुरू किये गए एक जागरूकता अभियान के तहत इन अवशेषों का अन्वेषण किया गया।
  • यह सांस्कृतिक केंद्र आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में उपेक्षा के शिकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिये कार्य करता है।

अमरावती कला शैली

(Amaravati School of Art)

  • भारत में लगभग 200-100 ईसा पूर्व से प्रारंभ होकर लगभग छह शताब्दियों तक अमरावती कला शैली बिना किसी बाहरी प्रभाव के विकसित हुई।
  • इसे पहले सातवाहन वंश के शासकों तथा बाद में इक्ष्वाकुओं ने संरक्षण दिया था।
  • इस कला में सामग्री के रूप में विशिष्ट सफेद संगमरमर का उपयोग किया जाता था।
  • अमरावती की मूर्तियों में मानव, पशु और पुष्प चित्रों में गहराई तथा शांत प्रकृतिवाद के साथ उग्रता एवं ऊर्जा की भावना प्रदर्शित होती है।
  • बौद्ध और जैन दोनों (मुख्य रूप से बौद्ध) चित्रों के साथ धर्मनिरपेक्ष चित्र भी इस शैली में उपस्थित हैं।

पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना

Polavaram Multipurpose Project

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय (Union Environment Ministry) ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना (Polavaram Multipurpose Project) के निर्माण कार्य की अवधि दो साल आगे बढ़ा दिया है।

  • इस परियोजना के तहत गोदावरी नदी पर मिट्टी एवं पत्थर युक्त बांध बनाने की परिकल्पना की गई है।
  • बांध की अधिकतम ऊँचाई 48 मीटर निर्धारित है।
  • इस परियोजना से लगभग 3 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, 960 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली उत्पन्न की जाएगी।
  • इस परियोजना के आसपास के 540 गाँवों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिससे विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी एवं पश्चिमी गोदावरी और कृष्णा ज़िलों में रहने वाले लगभग 25 लाख लोग शामिल होंगे।

पृष्ठभूमि

  • वर्ष 2011 में तत्कालीन सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार को परियोजना का निर्माण कार्य करने से रोक देने का आदेश दिया था।
  • वर्ष 2014 में सरकार ने पोलावरम परियोजना को एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया तथा मंत्रालय ने निर्माण कार्यों की अनुमति देकर ‘काम रोकने के आदेश’ (Stop Work Order) को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
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