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केरल भारत का ‘पहला’ डिजिटल साक्षर राज्य

  • 23 Aug 2025
  • 15 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

केरल को भारत का पहला पूर्णतः डिजिटल साक्षर राज्य घोषित किया गया है, जो ‘डिजी केरलम परियोजना’ के माध्यम से डिजिटल अंतराल को कम करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

  • डिजी केरलम परियोजना ने वरिष्ठ नागरिकों, गृहणियों और डिजिटल रूप से वंचित समूहों को लक्षित किया। इसके लिये युवा स्वयंसेवकों और K-SMART (केरल सॉल्यूशन्स फॉर मैनेजिंग एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्मेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन) प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऑनलाइन सेवा पहुँच उपलब्ध कराई गई, जिससे समावेशन तथा सुशासन को बढ़ावा मिला।
  • वर्ष 2002 में केरल में तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अक्षय परियोजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सदस्य को डिजिटल साक्षर बनाना था। इस पहल के माध्यम से पूरे राज्य में IT तक पहुँच और नागरिक सेवाओं के वितरण को बढ़ावा दिया गया।

भारत में डिजिटल साक्षरता

  • डिजिटल साक्षरता: यह व्यक्तियों और समुदायों की जीवन स्थितियों में सार्थक कार्यों के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकियों को समझने और उनका उपयोग करने की क्षमता है।
    • केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के अनुसार भारत के केवल 38% घर डिजिटल रूप से साक्षर हैं (शहरी क्षेत्रों में 61% और ग्रामीण क्षेत्रों में 25%)।
  • डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने वाली पहल:
    • भारत सरकार ने दो डिजिटल साक्षरता योजनाएँ लागू कीं – राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन (NDLM) और डिजिटल साक्षरता अभियान (DISHA), जिनका सामूहिक लक्ष्य देशभर में 52.50 लाख लाभार्थियों (प्रत्येक पात्र परिवार से एक व्यक्ति) को प्रशिक्षित करना था।
      • इन दोनों योजनाओं के तहत 53.67 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें से 42% ग्रामीण भारत से थे। वर्तमान में दोनों योजनाएँ बंद हो चुकी हैं।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA): इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना है। मार्च 2024 तक देशभर में 6.39 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

और पढ़ें: इंटरनेट तक पहुँच का अधिकार और डिजिटल साक्षरता

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