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शासन व्यवस्था

‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सूचकांक और नगर पालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक

  • 06 Mar 2021
  • 7 min read

चर्चा में क्यों:

हाल ही में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सूचकांक, 2020 (Ease of Living Index-EoLI, 2020) और ‘नगर पालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक’, 2020 (Municipal Performance Index- MPI, 2020) की अंतिम रैंकिंग जारी की।

प्रमुख बिंदु:

 ‘नगर पालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक’, 2020:

  • इसे ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सूचकांक, 2020 के साथ संयुक्त रूप से जारी किया गया है।
  • यह सेवाओं, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन के विभिन्न क्षेत्रों में नगरपालिकाओं के स्थानीय सरकारी कार्यों की जाँच करता है।
  • यह स्थानीय शासन प्रणाली में जटिलताओं को सरल बनाने, उनका मूल्यांकन करने, पारदर्शिता और जवाबदेही में लोकाचार को बढ़ावा देने का प्रयास भी करता है।
  • कवरेज:
    • MPI में 111 नगर पालिकाओं के क्षेत्रीय प्रदर्शन की जाँच की गई (दिल्ली में NDMC और तीनों नगर निगमों का अलग-अलग मूल्यांकन किया जा रहा है)। 
  • प्रयुक्त मापदंड:
    • MPI में पाँच मापदंडों- सेवा (Service), वित्त (Finance), नीति (Policy), प्रौद्योगिकी (Technology) और शासन (Governance) के आधार पर नगर पालिकाओं के कार्य प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इन पाँच क्षेत्रों को 20 विभिन्न क्षेत्रों तथा 100 संकेतकों में बाँटा गया है।
  • श्रेणियाँ:
    • MPI 2020 के तहत मूल्यांकन की रूपरेखा में नगर पालिकाओं को उनकी जनसंख्या के आधार पर वर्गीकृत किया गया है:
      • मिलियन प्लस (एक मिलियन से अधिक आबादी वाली    नगरपालिका)।
      • एक मिलियन से कम जनसंख्या।

MPI 2020 प्रदर्शन:

  • मिलियन प्लस श्रेणी:
    • इसमें इंदौर को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, इसके बाद सूरत और भोपाल हैं।
  • एक मिलियन से कम जनसंख्या श्रेणी:
    •  NDMC शीर्ष स्थान पर रही, इसके बाद तिरुपति और गांधीनगर का स्थान रहा।

‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सूचकांक:

  • यह एक मूल्यांकन उपकरण है जो जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास की विभिन्न पहलों के प्रभावों का मूल्यांकन करता है।
    • यह इस सूचकांक में शामिल शहरों के जीवन स्तर, आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलेपन के आधार पर व्यापक समझ प्रदान करता है।
  • लक्ष्य:
    • इसका उद्देश्य शहरों को वैश्विक और राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार व्यवस्थित रूप से खुद को आँकने और उन्हें शहरी नियोजन एवं प्रबंधन हेतु परिणाम आधारित ’दृष्टिकोण की ओर स्थानांतरण के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • मापदंड:
    • नागरिक अवधारणा:
      • EoLI, 2020 में ‘सिटीज़न परसेप्शन सर्वे’ (CPS) को फ्रेमवर्क में शामिल करके मज़बूत बनाया गया है, इस सर्वेक्षण का भारांक 30 प्रतिशत रखा जाता है।
    • सिटीज़न परसेप्शन सर्वे:
      • सिटीज़न परसेप्शन सर्वे (सीपीएस) को सेवा की आपूर्ति के संदर्भ में अपने शहर के नागरिकों का अनुभव जानने तथा उनकी सहायता करने के लिये शुरू किया गया था।
      • भुवनेश्वर का CPS स्कोर सबसे अधिक था, उसके बाद सिलवासा, दावणगेरे, काकीनाडा, बिलासपुर और भागलपुर का स्थान रहा।
  • मौजूदा जीवन गुणवत्ता की स्थिति:
    • यह उन परिणामों की भी जाँच करता है जो मौजूदा जीवन गुणवत्ता की स्थिति को दर्शाते हैं।
    • शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आश्रय, भवन, ऊर्जा की खपत तथा शहर के लचीलेपन जैसी कुल 13 श्रेणियों का सूचकांक के कुल परिणाम में 70% हिस्सा है।

 EoLI, 2020 में प्रदर्शन:     

  • मिलियन प्लस श्रेणी:
    • शीर्ष प्रदर्शक:
      • बंगलूरु के बाद पुणे और अहमदाबाद का स्थान है।
    • सबसे खराब प्रदर्शक:
      • अमृतसर, गुवाहाटी, बरेली, धनबाद और श्रीनगर।
  • एक मिलियन से कम जनसंख्या श्रेणी:
    • शीर्ष प्रदर्शक:
      • शिमला और उसके बाद भुवनेश्वर तथा सिलवासा का स्थान है।
    • सबसे खराब प्रदर्शक:
      • अलीगढ़, रामपुर, नामची, सतना और मुजफ्फरपुर।

महत्त्व:

  • समग्र मूल्यांकन प्रदान करना:
    • ये सूचकांक शहरों का समग्र मूल्यांकन प्रदान करते हैं, जो कि जीवन की बेहतर गुणवत्ता विकसित करने, बुनियादी ढाँचे का निर्माण और शहरीकरण की चुनौतियों का समाधान करने के प्रयासों के आधार पर तैयार किये जाते हैं।
  • कमियों से उबरने में सहायता:
    • इन सूचकांकों से प्राप्त जानकारी के माध्यम से सरकार को अंतरालों की पहचान करने, संभावित अवसरों को पहचानने, नागरिकों के जीवन में सुधार लाने और व्यापक विकास परिणामों प्राप्त कर स्थानीय शासन में दक्षता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
  • सतत् विकास लक्ष्यों से संबंधित:

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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