चर्चित स्थान
नाइजीरिया हिंसा पर अमेरिकी प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति ने नाइजीरिया में ईसाइयों को हिंसा (प्लेटो, बेन्यू और कदूना राज्यों) से सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने पर आलोचना की, संभावित सहायता कटौती और सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी, जिससे कूटनीतिक और राजनीतिक बहस छिड़ गई।
- नाइजीरिया में असुरक्षा की भावना बोको हराम जैसे आतंकवादी विद्रोह, सांप्रदायिक भूमि-जल संघर्ष और आपराधिक डकैती से उत्पन्न होती है, जो गरीबी, कमज़ोर शासन और जलवायु परिवर्तन के कारण और भी बढ़ जाती है।
- यह माली, बुर्किना फासो, नाइजर और चाड में व्यापक साहेल अस्थिरता को प्रतिबिंबित करता है - जहाँ इस्लामवादी समूह, जातीय तनाव और जलवायु तनाव संघर्ष को बढ़ावा देते हैं और राज्य प्राधिकार को कमज़ोर करते हैं।
नाइजीरिया
- स्थान: नाइजीरिया अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित है और इसके आकार, जनसंख्या और महाद्वीप पर आर्थिक प्रभाव के कारण इसे अक्सर अफ्रीका का विशालकाय देश कहा जाता है।
- इसकी सीमा उत्तर में नाइजर, पूर्व में चाड और कैमरून, दक्षिण में गिनी की खाड़ी और पश्चिम में बेनिन से लगती है।
- जनसंख्या और अर्थव्यवस्था: नाइजीरिया की जनसंख्या विश्व में छठी सबसे बड़ी है और अफ्रीका में सबसे बड़ी है तथा यह अफ्रीका में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- नदियाँ और जल निकासी: नाइजीरिया की मुख्य जल निकासी घाटियाँ नाइजर-बेन्यू, चाड झील और गिनी की खाड़ी हैं। नाइजर नदी और इसकी प्रमुख सहायक नदी, बेनुए नदी, देश की सबसे महत्त्वपूर्ण नदियाँ हैं।
- वैश्विक सहभागिता: नाइजीरिया हाल ही में 9वाँ ब्रिक्स साझेदार देश (बिना सदस्यता या निर्णय लेने की शक्ति के) बन गया है, जो बेलारूस, बोलीविया, क्यूबा, कजाकिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, युगांडा और उज़्बेकिस्तान के साथ शामिल हो गया है।
- अफ्रीका में अमेरिकी सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता नाइजीरिया, अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करने के लिये चीन, भारत और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को मज़बूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- यह अपने विशाल आकार, बड़ी आबादी और महाद्वीप पर व्यापक आर्थिक प्रभाव के कारण अफ्रीका का प्रमुख/विशालकाय देश माना जाता है।
- इसकी सीमा उत्तर में नाइजर, पूर्व में चाड और कैमरून, दक्षिण में गिनी की खाड़ी और पश्चिम में बेनिन से लगती है।
- जनसंख्या और अर्थव्यवस्था: नाइजीरिया विश्व का 6ठा सबसे बड़ा आबादी वाला देश है और अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, यह महाद्वीप की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानी जाती है।
- नदियाँ और जल निकासी: नाइजीरिया की मुख्य जल निकासी घाटियाँ नाइजर-बेन्यू, चाड झील और गिनी की खाड़ी हैं। नाइजर नदी और उसकी प्रमुख सहायक नदी व बेन्यू नदी देश की सबसे महत्त्वपूर्ण नदियाँ हैं।
- वैश्विक सहभागिता: नाइजीरिया हाल ही में 9वाँ ब्रिक्स साझेदार देश (सदस्यता या निर्णय लेने की शक्ति के बिना) बन गया है, जो बेलारूस, बोलीविया, क्यूबा, कज़ाखस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, युगांडा और उज़्बेकिस्तान के साथ शामिल हो गया है।
- अफ्रीका में अमेरिकी सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता नाइजीरिया, अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करने के लिये चीन, भारत और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को मज़बूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।
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रैपिड फायर
झारखंड का सारंडा वन
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार को सारंडा वन क्षेत्र के 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने पुनः पुष्टि की कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के अंदर तथा उनकी सीमाओं से एक किलोमीटर के बफर क्षेत्र के भीतर खनन निषिद्ध है।
- न्यायालय ने वर्ष 1968 की तत्कालीन एकीकृत बिहार राज्य अधिसूचना को बरकरार रखा, जिसमें सारंडा वन को “सारंडा खेल अभयारण्य” घोषित किया गया था, जो बाद में राज्य के विभाजन (2000) के बाद झारखंड के अधिकार क्षेत्र में आ गया।
सारंडा वन
- परिचय: यह एशिया का सबसे बड़ा साल का जंगल है, जो झारखंड के जमशेदपुर के पास स्थित है। “सारंडा” नाम का अर्थ है “सात सौ पहाड़ियों की भूमि”, जो लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है।
- ऐतिहासिक रूप से यह सरायकेला के शाही परिवार के निजी शिकारगाह के रूप में कार्य करता था।
- सारंडा वन प्रभाग में भारत के लौह अयस्क भंडार का 26% हिस्सा मौजूद है, जो इसे पारिस्थितिक और आर्थिक दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बनाता है।
- वनस्पति: साल (शोरिया रोबस्टा) का प्रभुत्व, जो वर्ष के सबसे प्राचीन और सतत् साल वनों में से एक है। अन्य प्रमुख प्रजातियों में महुआ और कुसुम शामिल हैं।
- विविध पर्णपाती वनस्पति को सहारा देता है जो जल चक्र को बनाए रखता है और कार्बन अवशोषण में योगदान देता है।
- जीव-जंतु: यह गंभीर रूप से लुप्तप्राय और स्थानिक प्रजातियों का निवास स्थान है, जिनमें साल वन कछुआ, चार सींग वाला मृग और एशियाई पाम सिवेट शामिल हैं।
- राज्य की दक्षिणी सीमा पर स्थित यह वन लुप्तप्राय प्रजातियों के उड़ने वाले छिपकलियों और सैकड़ों हाथियों का आवास है।
- जनजातियाँ: यहाँ हो, मुंडा, उरांव और अन्य संबंधित आदिवासी समुदाय निवास करते हैं। उनकी आजीविका, सांस्कृतिक परंपराएँ और जीवन-निर्वाह की पद्धतियाँ वन संसाधनों पर गहराई से निर्भर करती हैं।
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रैपिड फायर
एंटी-डंपिंग ड्यूटी
भारत ने वियतनाम से हॉट-रोल्ड स्टील के आयात पर पाँच वर्षों के लिये एंटी-डंपिंग ड्यूटी लागू कर दी है, क्योंकि जाँच में पाया गया कि अत्यधिक कम कीमतों पर हो रहे इन आयातों से देश के इस्पात उद्योग को नुकसान हो रहा है।
- यह कदम वाणिज्य विभाग के व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की जाँच रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है, जिसमें पाया गया कि वियतनाम से आने वाला इस्पात सामान्य मूल्य से कम दर पर डंप किया जा रहा था, जिससे भारतीय निर्माताओं को नुकसान पहुँचा। हालाँकि, स्टेनलेस स्टील के हॉट-रोल्ड उत्पाद को इस शुल्क से बाहर रखा गया है।
- भारत में एंटी-डंपिंग मामलों की जाँच वाणिज्य मंत्रालय के अधीन DGTR द्वारा की जाती है, जबकि वित्त मंत्रालय द्वारा शुल्क लगाया जाता है।
- एंटी-डंपिंग ड्यूटी: यह एक सुरक्षात्मक शुल्क (ड्यूटी) है, जिसे उन आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है जिनकी कीमत निर्यातक देश के सामान्य मूल्य से कम होती है।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य घरेलू उद्योगों को अनुचित मूल्य वाले विदेशी आयातों से होने वाले नुकसान से बचाना है।
- भारत वैश्विक स्तर पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने वाला सबसे बड़ा देश है, इनमें से अधिकांश शुल्क चीनी आयातों पर लागू किये जाते हैं।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियम, टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (1994) के अनुच्छेद 6 के माध्यम से सदस्य देशों को विशिष्ट और सख्ती से विनियमित शर्तों के तहत एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगाने की अनुमति प्रदान करते हैं।
- एंटी-डंपिंग ड्यूटी बनाम काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD):
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रैपिड फायर
ड्रोन सिटी और स्पेस सिटी परियोजना
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 30वें भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) साझेदारी शिखर सम्मेलन के दौरान आंध्र प्रदेश में देश के पहले ड्रोन सिटी और एक नए स्पेस सिटी की आधारशिला रखी।
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य महत्त्वपूर्ण निवेश आकर्षित करना, उच्च-कुशल नौकरियाँ पैदा करना और आंध्र प्रदेश को एयरोस्पेस, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिये राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
- ड्रोन सिटी: कुरनूल के निकट ओर्वाकल औद्योगिक नोड में 300 एकड़ में ड्रोन सिटी का निर्माण किया जाएगा, जो पूरी तरह से ड्रोन निर्माण, परीक्षण और नवाचार के लिये समर्पित होगा।
- ड्रोन सिटी से उच्च गुणवत्ता वाले ड्रोन निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलने और किसान ड्रोन, स्वामित्व योजना जैसे राष्ट्रीय मिशनों और ऑपरेशन सिंदूर जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
- अंतरिक्ष शहर: भारत के प्रमुख रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा के निकट इसकी योजना बनाई गई है, जिससे अंतरिक्ष संबंधी उद्योगों में राज्य की भूमिका मज़बूत होगी।
- इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये IN-SPACe और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र के प्रयासों को पूरक बनाना है।
- प्रोत्साहन: राज्य सरकार एस्क्रो तंत्र के माध्यम से 100% राज्य वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिफंड और 20% पूंजी निवेश प्रतिपूर्ति के साथ निवेशकों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे पारदर्शी और गैर-नौकरशाही प्रक्रिया सुनिश्चित होगी।
- ये पहल विकसित भारत 2047 और स्वर्ण आंध्र वर्ष 2047 (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक राज्य को 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए शुरू की गई एक रणनीतिक दृष्टि) के तहत राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
- CII एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग-प्रधान संस्था है जो नीतिगत वकालत और सहयोग के माध्यम से भारत के आर्थिक विकास में सहयोग करती है। वर्ष 1895 में स्थापित इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- CII भागीदारी शिखर सम्मेलन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
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प्रारंभिक परीक्षा
जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पहल
चर्चा में क्यों?
जल शक्ति मंत्रालय ने जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पहल के तहत प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार घोषित किये, जिसमें तेलंगाना 5.2 लाख जल संरक्षण संरचनाएँ बनाने के साथ सूची में शीर्ष पर रहा।
- यह पहल प्रधानमंत्री के जल शक्ति के लिये जन शक्ति के दृष्टिकोण से प्रेरित है।
जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पहल क्या है?
- परिचय: यह 6 सितंबर, 2024 को सूरत में आरंभ की गई थी। यह अभियान: कैच द रेन (JSJA: वर्षा जल संचयन) के अंतर्गत प्रमुख समुदाय-संचालित कार्यक्रम है। समग्र सरकार और समग्र समाज के दृष्टिकोण को एकीकृत करता है।
- यह छतों पर वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देता है, जिसमे झीलों, तालाबों और बावड़ियों जैसे पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार करना शामिल है।
- उद्देश्य एवं दृष्टिकोण: यह कृत्रिम पुनर्भरण और भंडारण संरचनाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
- यह कम्युनिटी (समुदाय), कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी और कॉस्ट (कम लागत) के 3C मंत्र से प्रेरित, यह एक समावेशी मॉडल अपनाकर जल की कमी को दीर्घकालिक जल सुरक्षा और जल प्रत्यास्थता से दूर करने को बढ़ावा देता है।
- कार्यान्वयन के लिये राज्यों को पाॅंच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है अर्थात् उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र एवं पहाड़ी राज्य ।
- पहल के तहत राज्यों को पाँच क्षेत्रों (अर्थात् उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र एवं पहाड़ी राज्य) में विभाजित किया गया है।
- अंतर-मंत्रालयी सहयोग: जल शक्ति मंत्रालय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है तथा शहरी जल संरक्षण प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिये आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ जल शक्ति मंत्रालय के साथ साझेदारी की है।
- विकेंद्रीकृत लक्ष्य:
- ज़िले (सामान्य): न्यूनतम 10,000 कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाएँ।
- पहाड़ी/उत्तर-पूर्वी ज़िले: 3,000 संरचनाएँ।
- नगर निगम: 10,000 संरचनाएँ।
- उपलब्धि: 10 लाख संरचनाओं के समग्र लक्ष्य के सापेक्ष, समय-सीमा के भीतर 27.6 लाख संरचनाओं का निर्माण किया गया, जो व्यापक भागीदारी का संकेत है।
जल संरक्षण से संबंधित भारत की पहल क्या है?
- राष्ट्रीय जल नीति, 2012
- राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (NAQUIM)
- मिशन अमृत सरोवर
- जल जीवन मिशन (JJM)
- जल शक्ति अभियान (JSA)
- अटल भूजल योजना (ABY)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पहल क्या है?
JSJB का उद्देश्य जल सुरक्षा और अनुकूलता बढ़ाने के लिये JSA: कैच द रेन के अंतर्गत कृत्रिम भूजल पुनर्भरण संरचनाओं के समुदाय-संचालित निर्माण और पुनरुद्धार को बढ़ावा देना है।
2. JSJB पहल को निर्देशित करने वाले तीन प्रमुख मंत्र (3C) के नाम बताइये।
यह पहल 3C मंत्र द्वारा संचालित है: कम्युनिटी (समुदाय), CSR (कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी) का लाभ उठाना और सतत् जल संरक्षण के लिये लागत का अनुकूलन (कॉस्ट)।
3. JSJB का अपने मात्रात्मक लक्ष्यों के सापेक्ष प्रदर्शन किस प्रकार रहा है?
10 लाख संरचनाओं के लक्ष्य के सापेक्ष, JSJB ने 27.6 लाख संरचनाओं की सूचना दी - जो व्यापक भागीदारी और पुनर्भरण हस्तक्षेपों के तेज़ी से विस्तार का संकेत है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्न.1 निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन शहर बांधों की एक शृंखला बनाकर और उनसे जुड़े जलाशयों में पानी को प्रवाहित करके जल संचयन और प्रबंधन की विस्तृत प्रणाली के लिये जाना जाता है? (वर्ष 2021)
(A) धोलावीरा
(B) कालीबंगन
(C) राखीगढ़ी
(D) रोपड़
उत्तर: (A)
प्रश्न 2 'वाटर क्रेडिट' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2021)
- यह जल एवं स्वच्छता क्षेत्र में कार्य हेतु सूक्ष्म वित्त पोषण करता है।
- यह विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक के तत्त्वावधान में शुरू की गई एक वैश्विक पहल है।
- इसका उद्देश्य गरीब लोगों को सब्सिडी पर निर्भर किये बिना उनकी पानी की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3
उत्तर: (C)
प्रश्न. 'एकीकृत जलसंभर विकास कार्यक्रम' को कार्यान्वित करने के क्या लाभ हैं?
- मृदा अपवाह की रोकथाम
- देश की बारहमासी नदियों को मौसमी नदियों से जोड़ना
- वर्षा-जल संग्रहण तथा भौम-जलस्तर का पुनर्भरण
- प्राकृतिक वनस्पतियों का पुनर्जनन
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: (c)


