झारखंड Switch to English
धुर्वा बाँध
चर्चा में क्यों?
राँची के धुर्वा बाँध के पास रहने वाले निवासियों ने पुलिस से गश्त बढ़ाने और उस क्षेत्र में अक्सर आने वाले अनियंत्रित ड्राइवरों एवं समूहों द्वारा उत्पन्न उपद्रवकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने का अनुरोध किया है।
मुख्य बिंदु
- धुर्वा बाँध (जिसे हटिया बाँध के नाम से भी जाना जाता है) का निर्माण 1960 के दशक की शुरुआत में सुवर्णरेखा नदी पर किया गया था।
- यह राँची शहर और आसपास के क्षेत्रों के लिये एक प्रमुख पेयजल स्रोत के रूप में कार्य करता है।
- सुवर्णरेखा नदी:
- यह नदी झारखंड के राँची ज़िले के नागरी गाँव के पास से निकलती है और लगभग 395 किमी की दूरी तय करने के बाद बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- इसका क्षेत्रफल झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है तथा यह छोटा नागपुर पठार (उत्तर-पश्चिम), बैतरणी बेसिन (दक्षिण), बंगाल की खाड़ी (दक्षिण-पूर्व) एवं कसाई घाटी (पूर्व) से घिरा हुआ है।
- इसकी सहायक नदियों में खरकई (जमशेदपुर के पास सोनारी/दोमुहानी में मिलती है), कांची, करकरी, रोरो, हरमू, दमरा, सिंगडुबा, डुलुंगा हैं।
- अपने मार्ग में यह हुंडरू जलप्रपात का निर्माण भी करती है।
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