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राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (NSS) की 75वीं वर्षगाँठ

  • 19 Nov 2025
  • 15 min read

स्रोत: पी.आई.बी

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (NSS) की 75वीं वर्षगाॅंठ के ‘समापन समारोह’ के दौरान राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) 2025 जारी किया।

  • NIC 2025: NIC सांख्यिकीय सर्वेक्षणों, जनगणना, आर्थिक अनुसंधान और नीति निर्माण में उपयोग किया जाने वाला एक मूलभूत उपकरण है।
    • यह व्यवसायों एवं गतिविधियों को संरचित श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, ताकि पूरे देश में डेटा को सुसंगत रूप से एकत्रित और विश्लेषित किया जा सके।
    • भारत की वर्गीकरण प्रणाली, जिसे वर्ष 1962 में पेश किया गया था और बाद में NIC वर्ष 1970, 1987, 1990, 1998, 2004 और वर्ष 2008 के रूप में अपडेट किया गया, अब देश की विकसित होती आर्थिक संरचना को प्रतिबिंबित करने के लिये व्यापक रूप से संशोधित की गई है।
    • NIC 2025 संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD) द्वारा विकसित अंतर्राष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) संशोधन 5 के अनुरूप है।

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (NSS)

  • NSS की स्थापना वर्ष 1950 में राष्ट्रीय आय समिति (1949) की सिफारिश पर की गई थी, जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर पी.सी. महालनोबिस ने की थी। इस समिति ने देश में सामाजिक-आर्थिक डेटा में प्रमुख अंतरालों की पहचान की थी।
  • NSS का नेतृत्व एक महानिदेशक करता है और यह भारत में सामाजिक-आर्थिक विषयों पर बड़े पैमाने पर प्रतिदर्श सर्वेक्षण करता है, जिसमें गृहस्थी सर्वेक्षण, वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (ASI), और ग्रामीण–शहरी मूल्य संग्रह शामिल हैं।
    • यह राज्य एजेंसियों के क्षेत्र गणना और फसल अनुमान सर्वेक्षण की निगरानी करके फसल सांख्यिकी में सुधार को भी समर्थन देता है।
  • NSS के चार विभाग हैं:
    • सर्वेक्षण डिज़ाइन और अनुसंधान प्रभाग (SDRD), कोलकाता
    • फील्ड ऑपरेशंस डिवीज़न (FOD), दिल्ली/फरीदाबाद
    • डेटा प्रोसेसिंग डिवीज़न (DPD), कोलकाता
    • सर्वेक्षण समन्वय प्रभाग (SCD), नई दिल्ली

और पढ़ें: राष्ट्रीय सर्वेक्षणों की कार्यप्रणाली की समीक्षा

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