उत्तराखंड Switch to English
पानी बोओ, पानी उगाओ अभियान
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के रसायन विज्ञान शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य के पहले व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने “जल क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति (उत्तरी क्षेत्र)” श्रेणी में यह पुरस्कार प्राप्त किया।
मुख्य बिंदु
- पानी बोआओ, पानी उगाओ पहल ने बागेश्वर और अल्मोड़ा ज़िलों में सामुदायिक भागीदारी, विशेष रूप से महिलाओं तथा बच्चों को संगठित किया।
- यह पहल हिमालयी ज़िलों में वसंत ऋतु के दौरान झरनों के सूखने, जल-संकट और संकटपूर्ण प्रवासन जैसी गंभीर समस्याओं को संबोधित करती है, जो जलवायु परिवर्तन तथा वनों की कटाई के प्रति संवेदनशील हैं।
- इसके अंतर्गत 5,000 से अधिक पारंपरिक जल-संग्रहण संरचनाएँ (khals और chaals) निर्मित की गई हैं तथा पहले सूख चुके 27 जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया गया है।
राष्ट्रीय जल पुरस्कार
- राष्ट्रीय जल पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2018 में जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा की गई थी।
- इसका उद्देश्य संपूर्ण भारत में जल संरक्षण, कुशल जल प्रबंधन और सतत् जल संसाधन प्रथाओं में अनुकरणीय कार्य को प्रोत्साहित करना है।
- पुरस्कार के 6वें संस्करण में, सर्वोत्तम राज्य श्रेणी में महाराष्ट्र को पहला पुरस्कार मिला, उसके बाद गुजरात को दूसरा और हरियाणा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
- सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय (ULB) श्रेणी में नवी मुंबई नगर निगम (महाराष्ट्र) ने जल प्रबंधन में अपने अनुकरणीय कार्य के लिये प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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