प्रारंभिक परीक्षा
छत्तीसगढ़ में कृष्ण मृग का पुनः प्रवेश
चर्चा में क्यों?
कृष्ण मृग, जिसे वर्ष 2017 में स्थानीय रूप से विलुप्त घोषित कर दिया गया था, को राज्य वन विभाग द्वारा बारनवापारा अभयारण्य में पाँच वर्षीय पुनः प्रवेश योजना (2021–2026) के अंतर्गत पुनः प्रवेशित किया गया है। इस योजना के परिणामस्वरूप राज्य में इनकी आबादी बढ़कर वर्तमान में 190 से अधिक हो गई है जो कि उल्लेखनीय है।
कृष्ण मृग पुनः प्रवेश कार्यक्रम क्या है?
- परिचय: छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड ने क्षेत्र में कृष्ण मृगों की स्व-संवहनीय आबादी के उद्देश्य से पाँच वर्षीय योजना (2021–2026) को मंजूरी दी।
- इस परियोजना के तहत कुल 77 कृष्ण मृगों का स्थानांतरण किया गया। इनमें से 50 मृग नई दिल्ली के नेशनल ज़ूलॉजिकल पार्क से लाए गए और 27 मृग बिलासपुर के कानन पेंडारी ज़ूलॉजिकल गार्डन से प्राप्त किये गए।
- कृष्ण मृग (Antilope cervicapra), जो कभी छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता था, व्यापक आवास विनाश, शिकार और भूमि उपयोग परिवर्तनों के कारण गायब हो गया था।
- उद्देश्य: मुख्य उद्देश्य एक स्थिर और प्रजननशील कृष्ण मृग संख्या को पुनर्स्थापित करना और अभयारण्य के भीतर चरागाह प्रबंधन प्रथाओं को सुदृढ़ करना है।
- आवास और पशु चिकित्सा प्रबंधन: रेत की परत, बेहतर जल निकासी और चिकित्सा निगरानी ने मृत्यु दर को कम किया (जैसे, वर्ष 2018 निमोनिया के प्रकोप के बाद)।
- एक समर्पित टीम बनाई गई जो आवास सुधार के लिये कार्यरत है, जिसमें खरपतवार हटाना और स्थानीय घास की खेती शामिल है।
कृष्ण मृग से संबंधित प्रमुख तथ्य
- परिचय: कृष्ण मृग (Antilope cervicapra), जिसे भारतीय मृग (Indian Antelope) के नाम से भी जाना जाता है, एक सुंदर और दिनचर्यात्मक प्रजाति है जो भारत तथा नेपाल की मूल प्रजाति है।
- आवास: यह मुख्य रूप से खुले चरागाहों और झाड़ियों वाले क्षेत्रों में पाया जाता है, जैसे राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु तथा ओडिशा।
- यह प्रजाति चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का प्रमुख संकेतक है और प्रायः नज़रअंदाज किये जाने वाले आवासों के संरक्षण का प्रतीक है।
- भारत में कृष्ण मृगों के प्रमुख आवासों में वेलावदर ब्लैकबक सैंक्चुअरी (गुजरात), पॉइंट कैलिमेरे वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी (तमिलनाडु) और ताल छापर सैंक्चुअरी (राजस्थान) शामिल हैं।
- संरक्षण एवं संवर्द्धन स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: संकटमुक्त।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत: अनुसूची I, जो भारत में उच्चतम स्तर की कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह प्रजाति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करने वाले CITES के परिशिष्ट III में भी शामिल है।
- प्रतीकात्मक महत्त्व:
- कृष्ण मृग को पंजाब, हरियाणा और आंध्र प्रदेश का राज्य पशु घोषित किया गया है, जो इसकी पारिस्थितिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है।
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य
- यह अभयारण्य छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और इसका नाम इसके केंद्र में स्थित बार और नवापारा वन ग्रामों के नाम पर रखा गया है।
- इसमें कई ऊँची-नीची पहाड़ियों वाला एक लहरदार भूभाग है, जो विविध वन्यजीवों के लिये एक आदर्श प्राकृतिक परिदृश्य बनाता है।
- महानदी की कई सहायक नदियाँ इस अभयारण्य से होकर बहती हैं। बलमदेही नदी इसकी पश्चिमी सीमा बनाती है, जबकि जोंक नदी इसके उत्तरपूर्वी किनारे को चिह्नित करती है।
- इस अभयारण्य में सागौन, साल और मिश्रित वन प्रचुर मात्रा में हैं, जो विभिन्न प्रजातियों के लिए एक समृद्ध आवास प्रदान करते हैं।
- यहाँ आमतौर पर देखे जाने वाले जानवरों में भारतीय बाइसन (गौर), चीतल, सांभर, नीलगाय और जंगली सूअर शामिल हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. छत्तीसगढ़ सरकार ने कृष्ण मृग पुनः प्रवेश कार्यक्रम क्यों शुरू किया?
इस पहल का उद्देश्य बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में कृष्ण मृग को पुनः बसाना है, जो पिछले पाँच दशकों से स्थानीय रूप से विलुप्त हो चुके थे। इसके साथ ही यह कार्यक्रम चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को भी सुधारने का प्रयास करता है।
2. कृष्ण मृग पुनः प्रवेश कार्यक्रम का क्रियान्वयन कैसे किया जा रहा है?
एक पंचवर्षीय योजना (2021-2026) के तहत, अनुकूलन और दीर्घकालिक संख्या स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये 77 कृष्ण मृग को सॉफ्ट-रिलीज़ विधि का उपयोग करके स्थानांतरित किया गया।
3. भारत में कृष्ण मृग की संरक्षण स्थिति क्या है?
कृष्ण मृग (Antilope cervicapra) को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की सबसे कम चिंताजनक श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है, किंतु यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची–I में सम्मिलित है, जिससे इसे अधिकतम कानूनी संरक्षण प्राप्त होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न1. भारतीय अनूप मृग (बारहसिंगा) की उस उपजाति, जो पक्की भूमि पर फलती-फूलती है और केवल घासभक्षी है, के संरक्षण के लिये निम्नलिखित में से कौन-सा संरक्षित क्षेत्र प्रसिद्ध है? (2020)
(a) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
(b) मानस राष्ट्रीय उद्यान
(c) मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य
(d) ताल छप्पर वन्यजीव अभयारण्य
उत्तर: (a)
रैपिड फायर
चंद्र बाह्यमंडल
भारत के चंद्रयान-2 ने एक अहम वैज्ञानिक अवलोकन किया है – इसने सूर्य के कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के चंद्र बाह्यमंडल (Exosphere) पर प्रभाव का पता लगाया है। ये निष्कर्ष उपग्रह पर लगे प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण CHACE-2 (चंद्रा एटमॉस्फेरिक कंपोजिशन एक्सप्लोरर-2) का उपयोग करके प्राप्त किये गए।
- चंद्र बाह्यमंडल: चंद्रमा का वायुमंडल अत्यंत संकीर्ण है और इसे बाह्यमंडल के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहाँ गैस के अणु और परमाणु बहुत कम टकराते हैं। इसका सतह भाग इस बाह्यमंडल की निचली सीमा बनाता है।
- यह बाह्यमंडल हीलियम, आर्गन एवं नियोन जैसी गैसों को समाहित करता है, जिसमें रेडियोधर्मी विघटन, सौर पवन और उल्कापिंडों के प्रभावों के अवशेष शामिल हैं।
- इसके कम घनत्व के कारण यह ऊष्मा धारण नहीं कर सकता, जिससे तापमान में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है।
- इस संवेदनशील वायुमंडल के निर्माण में कई प्रक्रियाएँ शामिल हैं:
- सौर विकिरण और सौर पवन (हाइड्रोजन, हीलियम और भारी तत्त्वों के आयन) के साथ परस्पर क्रिया।
- उल्कापिंडों के प्रभाव से चंद्र की सतह से परमाणु और अणु का उत्सर्जित होना।
- कोरोनल मास इजेक्शन (CME): कोरोनल मास इजेक्शन (CME) सूर्य की बाह्य परत (कोरोना) से प्रोटॉन एवं इलेक्ट्रॉनों वाली उष्म गैस और चुंबकीय क्षेत्र का भारी एवं तीव्र उत्सर्जन है, जो सौर मंडल में प्रसारित होता है।
- यह सौरमंडल की व्यापक परिघटनाओं में से एक है और इसे अंतरिक्षीय मौसम का प्रमुख चालक माना जाता है।
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और पढ़ें: चंद्रमा पर आर्गन-40 का वितरण |
रैपिड फायर
भारत में प्रशासनिक दक्षता हेतु ‘विशेष अभियान 5.0’
विशेष अभियान 5.0 सुर्खियों में है क्योंकि इसका कार्यान्वयन चरण (2–31 अक्तूबर, 2025) भारत के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा उत्साहपूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। विभिन्न मंत्रालयों द्वारा लोक शिकायतों के निपटारे में उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए हैं।
विशेष अभियान 5.0
- विशेष अभियान 5.0 (आधिकारिक तौर पर, लंबित मामलों के निपटान हेतु विशेष अभियान 5.0 या SCDPM 5.0) भारत सरकार की एक पहल है, जिसे प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- पूर्व संस्करणों की सफलता पर आधारित, अभियान 5.0 का मुख्य उद्देश्य – “लंबित मामलों को कम करना और स्वच्छता को संस्थागत बनाना” है।
- प्राथमिक उद्देश्य:
- लोक शिकायतों, अपीलों और अंतर-मंत्रालयी संदर्भों के निपटान को तीव्र कर लंबित मामलों को कम करना।
- डिजिटल दक्षता को बढ़ावा देने के लिये पुरानी भौतिक और ई-फाइलों की समीक्षा करना और उन्हें बंद करना।
- कार्यस्थलों और सार्वजनिक कार्यालयों में स्वच्छता अभियान चलाना।
- ई-अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 के अंतर्गत वैज्ञानिक तरीके से ई-अपशिष्ट और स्क्रैप का निपटान सुनिश्चित करना।
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और पढ़ें: डिकोडिंग गुड गवर्नेंस |
प्रारंभिक परीक्षा
प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना
चर्चा में क्यों?
केरल सरकार ने नकदी से संकटग्रस्त अपने सामान्य शिक्षा क्षेत्र का समर्थन करने के लिये प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना के तहत वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है।
पीएम-श्री योजना क्या है?
- परिचय: वर्ष 2022 में शुरू की गई पीएम-श्री योजना एक केंद्र प्रायोजित पहल है जिसका उद्देश्य 14,500 से अधिक मौजूदा स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करने वाले मॉडल संस्थानों के रूप में उन्नत करना है।
- यह योजना वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक चलेगी, जिसके बाद रखरखाव की ज़िम्मेदारी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होगी।
- पीएम-श्री स्कूलों की मुख्य विशेषताएँ
- आधुनिक, सुसज्जित स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, एकीकृत विज्ञान लैब और अटल टिंकरिंग लैब।
- योग्यता-आधारित शिक्षा और ज्ञान के वास्तविक जीवन अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित करना।
- जल संरक्षण, सौर ऊर्जा उपयोग और अपशिष्ट पुनर्चक्रण जैसी हरित पहलों को बढ़ावा देना।
- अनुभवात्मक, खोज-प्रेरित और शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षण पद्धति।
- वित्तपोषण पैटर्न:
- सामान्य राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विधानमंडल सहित: 60:40 (केंद्र: राज्य/संघ राज्य क्षेत्र)
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्य, जम्मू और कश्मीर: 90:10
- विधायिका रहित संघ शासित प्रदेश: 100% केंद्रीय वित्तपोषण
- चयन प्रक्रिया:
- पीएम श्री योजना के लिये स्कूलों का चयन तीन चरणों में प्रतिस्पर्द्धी "चैलेंज मोड" प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
- सबसे पहले, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये जाते हैं।
- दूसरे, योग्य स्कूलों की पहचान UDISE+ डेटा का उपयोग करके न्यूनतम मानक के आधार पर की जाती है।
- अंत में, चुनौती-आधारित चयन (Challenge-based Selection) किया जाता है, जिसमें स्कूलों को विशिष्ट मानदंडों को पूरा करना होता है, जिन्हें राज्य या अन्य प्राधिकरण द्वारा भौतिक निरीक्षण के माध्यम से सत्यापित किया जाता है, और इसके बाद अंतिम चयन विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाता है।
- कुछ राज्य, जैसे कि पंजाब और पश्चिम बंगाल ने MoU पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है, जबकि तमिलनाडु तथा केरल ने शर्तों के साथ सहमति दिखाई है।
- नतीजतन, केंद्र सरकार ने PM SHRI योजना में भाग लेने के लिये MoU पर हस्ताक्षर न करने वाले राज्यों को समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत धनराशि प्रदान करना बंद कर दिया है।
- पीएम श्री योजना के लिये स्कूलों का चयन तीन चरणों में प्रतिस्पर्द्धी "चैलेंज मोड" प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
- निगरानी ढाँचा: स्कूल क्वालिटी असेसमेंट फ्रेमवर्क (SQAF) जवाबदेही सुनिश्चित करता है और निरंतर गुणवत्ता सुधार को बढ़ावा देता है।
शिक्षा से संबंधित अन्य प्रमुख सरकारी पहलें क्या हैं?
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020: NEP 2020 का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। यह वर्ष 1968 और 1986 की नीतियों के बाद तीसरा प्रमुख सुधार है।
- मुख्य विशेषताओं में शिक्षा तक सबकी पहुँच, बचपन की अच्छी देखभाल (आयु 3-6), 5+3+3+4 पाठ्यक्रम संरचना, बहु-विषयक शिक्षा, बहुभाषावाद, PARAKH के माध्यम से समग्र मूल्यांकन और लैंगिक समावेशन कोष तथा विशेष शिक्षा क्षेत्रों के माध्यम से वंचित समूहों के लिये सहायता शामिल हैं।
- समग्र शिक्षा अभियान (SSA): SSA एक एकीकृत स्कूल शिक्षा योजना है जो प्री-स्कूल से कक्षा XII तक को शामिल करती है, तथा सर्वसम्मिलित और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करती है।
- यह सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा को एकीकृत करती है, जिसमें शिक्षक तथा तकनीकी पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- मिड-डे मील स्कीम: सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को निशुल्क दोपहर का भोजन प्रदान करती है।
- इसका उद्देश्य पोषण में सुधार, विद्यालय नामांकन बढ़ाना और छात्रों के परित्याग दर (Dropout rates) को कम करना है।
- वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों को लक्षित कर समावेशी शिक्षा का समर्थन करता है।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना: विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है।
- यह योजना लैंगिक भेदभाव की रोकथाम, बालिकाओं के नामांकन, निरंतरता और सीखने के परिणामों में सुधार पर कार्य करती है।
- बालिकाओं के महत्व को समझने की दिशा में सामुदायिक जागरूकता और सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करती है।
- पीएम ई-विद्या: वर्ष 2020 में प्रारंभ की गई यह शिक्षा मंत्रालय की एक नवोन्मेषी पहल है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच डिजिटल/ऑनलाइन शिक्षण-सामग्री तक बहु-माध्यमीय पहुँच को सुगम बनाना है।
- स्वयं (स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स): एक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) प्लेटफॉर्म, जिसे शिक्षा नीति के तीन प्रमुख सिद्धांतों: पहुँच, समानता और गुणवत्ता को प्राप्त करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. पीएम-श्री योजना क्या है?
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2022 में प्रारंभ किया गया ताकि 14,500 विद्यालयों को NEP 2020 के कार्यान्वयन हेतु आदर्श संस्थानों के रूप में उन्नत किया जा सके।
प्रश्न 2. पीएम-श्री योजना चर्चा में क्यों है?
क्योंकि केंद्र ने पीएम-श्री भागीदारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर न करने के कारण दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल को SSA निधि रोक दी थी।
प्रश्न 3. पीएम-श्री के तहत वित्त पोषण का पैटर्न क्या है?
केंद्र और राज्य 60:40 के अनुपात में लागत साझा करते हैं; पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिये 90:10, और बिना विधानमंडल वाले केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100% केंद्रीय वित्त पोषण।
UPSC विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)
1. राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
2. ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय
3. पंचम अनुसूची
4. षष्ठ अनुसूची
5. सप्तम अनुसूची
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2 और 5
(d) 1,2, 3, 4 और 5
उत्तर- (d)
प्रारंभिक परीक्षा
भारत का चीन-नेतृत्व वाले WTO निवेश समझौते पर विरोध
चर्चा में क्यों?
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चीन-नेतृत्व वाले विकास हेतु निवेश सुविधा समझौते पर प्रणालीगत, कानूनी और प्रक्रियागत प्रभावों का हवाला देते हुए अपनी चिंताएँ जताईं।
विकास हेतु निवेश सुविधा समझौता क्या है?
- परिचय: यह एक बहुपक्षीय WTO पहल है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना और निवेश नियमों में पारदर्शिता बढ़ाना है, ताकि वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना आसान हो सके। यह प्रशासनिक सुधारों और सहयोग पर केंद्रित है।
- इसका मुख्य उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये, विशेष रूप से विकासशील और अल्पविकसित देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रवाह को सुगम बनाने और बढ़ाने हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रावधान बनाना है।
- इस पहल को 127 WTO सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें 90 विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ और 27 अल्पविकसित देश (LDC) शामिल हैं, जो सदस्यता का तीन-चौथाई प्रतिनिधित्व करते हैं और ग्लोबल साउथ के लिये इसकी प्रासंगिकता को उजागर करते हैं।
- मुख्य विशेषताएँ:
- बहुपक्षीय समझौता: यह एक बहुपक्षीय समझौते के रूप में प्रस्तावित है, जो केवल इसे स्वीकार करने वाले सदस्यों पर ही बाध्यकारी होगा, और इसे मारकेश समझौता, 1994 के अनुलग्नक 4 (बहुपक्षीय व्यापार समझौते) में शामिल किया जाएगा।
- सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा: किसी हस्ताक्षरकर्त्ता देश द्वारा किसी एक निवेशक को दी गई कोई भी रियायत अन्य सभी हस्ताक्षरकर्त्ताओं को दी जानी चाहिये।
- सदस्यता के लिये खुला: कोई भी विश्व व्यापार संगठन (WTO) सदस्य देश इस समझौते में शामिल हो सकता है।
- भारत की आपत्तियाँ: भारत का तर्क है कि निवेश सुविधा एक "अनियोजित, गैर-बहुपक्षीय मुद्दा" है और इसे WTO ढाँचे में शामिल करना संगठन के स्थापित अधिदेश को कमज़ोर करता है।
- भारत इस बहुपक्षीय प्रयास को संगठन की सर्वसम्मति-आधारित, सदस्य-संचालित प्रकृति के लिये खतरा मानता है, जिससे समूहों को व्यापक सदस्यता समझौते को दरकिनार करने का अवसर मिल जाता है।
अन्य प्रमुख WTO समझौते क्या हैं?
- टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौता (GATT)
- सेवाओं के व्यापार पर सामान्य समझौता (GATS)
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौता (TRIPS)
- कृषि पर समझौता (AoA)
- स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपायों के अनुप्रयोग पर समझौता (SPS)
- व्यापार में तकनीकी बाधाओं पर समझौता (TBT)
- व्यापार-संबंधी निवेश उपायों पर समझौता (TRIM)
- सब्सिडी और प्रतिकारी उपायों पर समझौता (ASCM)
नोट: भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) का संस्थापक सदस्य (वर्ष 1995) है और ऊपर सूचीबद्ध सभी बहुपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षरकर्त्ता है। हालाँकि, वह विकास के लिये निवेश सुविधा (IFD) प्रस्ताव जैसे गैर-अनिवार्य बहुपक्षीय समझौतों का विरोध करता है।
भारत की WTO प्राथमिकताएँ
- भारत का यह रुख उसकी नीतिगत क्षेत्र को सुरक्षित रखने तथा दीर्घकालिक विकास संबंधी मुद्दों को प्राथमिकता देने की एक व्यापक रणनीतिक स्थिति का हिस्सा है:
- भारत इस बात पर ज़ोर देता है कि विश्व व्यापार संगठन को सबसे पहले दोहा विकास एजेंडे के अनसुलझे मुद्दों का समाधान करना चाहिये, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में (जैसे, सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के लिये स्थायी समाधान, विशेष सुरक्षा तंत्र)।
- भारत इस बात पर बल देता है कि किसी भी सुधार में पूर्णतः कार्यात्मक विवाद निपटान प्रणाली को बहाल किया जाना चाहिये तथा विकासशील देशों के लिये विशेष एवं विभेदकारी उपचार के सिद्धांत को संरक्षित किया जाना चाहिये।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. विकास हेतु निवेश सुविधा (IFD) समझौता क्या है?
वैश्विक निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिये एक स्वतंत्र निकाय के माध्यम से पूर्व-निवेश समीक्षा और अपील प्रणाली स्थापित करने के लिये एक प्रस्तावित विश्व व्यापार संगठन संधि।
2. IFD समझौते के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
निवेश के माहौल को बढ़ाना, निवेशक परिचालन को सरल बनाना, तथा विशेष रूप से विकासशील और अल्प-विकसित देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देना।
3. भारत ने विश्व व्यापार संगठन में IFD समझौते का विरोध क्यों किया है?
भारत इसे एक गैर-अधिदेशित, गैर-बहुपक्षीय मुद्दा मानता है जो सर्वसम्मति-आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया का उल्लंघन करता है तथा विकासशील देशों की नीतिगत संभावनाओं के लिये खतरा उत्पन्न करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न 1. 'ऐग्रीमेंट ऑन ऐग्रीकल्चर (Agreement on Agriculture)', 'ऐग्रीमेंट ऑन दि ऐप्लीकेशन ऑफ सैनिटरी ऐंड फाइटोसैनिटरी मेजर्स (Agreement on the Application of Sanitary and Phytosanitary Measures)' और 'पीस क्लॉज़ (Peace Clause)' शब्द प्रायः समाचारों में किसके मामलों के संदर्भ में आते हैं? (2015)
(a) खाद्य और कृषि संगठन
(b) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का रूपरेखा सम्मेलन
(c) विश्व व्यापार संगठन
(d) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
उत्तर: (c)
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में कभी-कभी समाचारों में 'ऐम्बर बॉक्स, ब्लू बॉक्स और ग्रीन बॉक्स' शब्द देखने को मिलते हैं?
(a) WTO मामला
(b) SAARC मामला
(c) UNFCCC मामला
(d) FTA पर भारत-EU वार्ता
उत्तर: (a)
