दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

चीन ने WTO में भारत की EV सब्सिडी को चुनौती दी

  • 22 Oct 2025
  • 16 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड 

चीन ने भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) का रुख किया है, यह आरोप लगाते हुए कि भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी सब्सिडियाँ घरेलू निर्माताओं को ‘अनुचित प्रतिस्पर्द्धात्मक लाभ’ प्रदान करती हैं।

  • चीन के आरोप: चीन का दावा है कि भारत की सब्सिडियाँ WTO की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करती हैं, जिसमें राष्ट्रीय उपचार सिद्धांत शामिल है, जिसके अनुसार आयातित वस्तुओं को बाज़ार में प्रवेश करने के बाद घरेलू वस्तुओं के मुकाबले कम अनुकूल नहीं माना जाना चाहिये।
    • भारत की EV सब्सिडियाँ सबसे अधिक बिकने वाले वाहनों पर (जिसमें GST में छूट, कर छूट और PLI सहायता शामिल हैं) लगभग 46% लागत सहायता प्रदान करती हैं, जो अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में 10–26% की सब्सिडी स्तर की तुलना में कहीं अधिक है।
    • चीन का तर्क है कि ये उपाय विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सब्सिडी और प्रतिकारी उपायों के समझौते का उल्लंघन करते हैं (जो सरकारी सब्सिडियों के उपयोग और सब्सिडी वाले व्यापार को संबोधित करने के लिये उपायों के नियम प्रदान करता है), क्योंकि ये भारतीय उत्पादकों को प्राथमिकता देते हैं और निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को विकृत करते हैं।
    • चीन का यह भी दावा है कि ये सब्सिडियाँ प्रतिबंधित आयात प्रतिस्थापन सब्सिडी के रूप में भी आती हैं, अर्थात् सरकार द्वारा कंपनियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता जो इस शर्त पर आधारित होती है कि वे आयातित वस्तुओं की बजाय घरेलू वस्तुओं का उपयोग करें, एक ऐसा व्यवहार जिसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अनुचित रूप से विकृति उत्पन्न करने वाला माना जाता है। यह घरेलू EV उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्द्धियों के मुकाबले लाभ पहुँचाता है।
  • भारत में प्रमुख EV सब्सिडी योजनाएँ:

और पढ़ें: भारत का इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख

close
Share Page
images-2
images-2