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इंडियन वुल्फ

  • 22 Oct 2025
  • 11 min read

स्रोत: द हिंदू

इंडियन वुल्फ (कैनिस लूपस पैलिप्स), जो वर्तमान में भारत और पाकिस्तान में पाया जाता है, को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा एक नई एवं  विशिष्ट प्रजाति के रूप में मान्यता दी जाएगी।

इंडियन वुल्फ

  • प्राचीन वंश: इंडियन वुल्फ/भारतीय भेड़िया को पहले ग्रे वुल्फ (कैनिस लूपस) की सामान्य प्रजाति में शामिल किया जाता था, लेकिन आनुवंशिक अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि इंडियन वुल्फ की वंशावली उससे बहुत पहले ही अलग हो गई थी। यह विश्व की सबसे प्राचीन जीवित भेड़िया वंशावली का प्रतिनिधित्व करता है।
  • पारिस्थितिक स्थान: वन में रहने वाली प्रजातियों के विपरीत, इंडियन वुल्फ शुष्क और अर्द्ध-शुष्क खुले आवासों जैसे घास के मैदानों एवं झाड़ियों के लिये अनुकूलित होते हैं, जिन्हें अक्सर भूमि उपयोग नीति में ‘बंजर भूमि’ के रूप में गलत वर्गीकृत किया जाता है।
  • इंडियन वुल्फ की संरक्षण स्थिति:
  • पारिस्थितिक महत्त्व: इंडियन वुल्फ झाड़ियों और घास के मैदानों में रहता है, जहाँ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और ब्लैकबक जैसी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। इसे एक विशिष्ट प्रजाति के रूप में मान्यता देने से घास के मैदानों के संरक्षण को बढ़ावा मिल सकता है।
  • प्रमुख खतरे: राजमार्गों और औद्योगिक परियोजनाओं के कारण आवास का विनाश, शिकार प्रजातियों की घटती संख्या तथा आवास का विखंडन, जिससे आनुवंशिक विविधता में कमी आ रही है।

और पढ़ें: इंडियन ग्रे वुल्फ

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