ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

रैपिड फायर

सैन्य अभ्यास ब्राइट स्टार 2025

स्रोत: पीआईबी

मिस्र में आयोजित किये जा रहे सैन्य अभ्यास ब्राइट स्टार 2025 के 19वें संस्करण में भारतीय सशस्त्र बल के कार्मिक भाग ले रहे हैं  

  • परिचय: यह एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास  है, जिसे मध्य पूर्व–उत्तर अफ्रीका (MENA) क्षेत्र में सबसे बड़े और सबसे लंबे समय तक चलने वाले त्रि-सेवा अभ्यासों में से एक माना जाता है। 
    • इसे वर्ष 1980 से मिस्र और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह आरंभ में अमेरिका-मिस्र के द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन अब यह बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में के रूप में विकसित हो गया है। 
    • के द्वारा मेजबानी मिस्रके साथ साझेदारी मेंहम तब से 1980,यह एक से विकसित हुआ हैद्विपक्षीय अमेरिका-मिस्र पहलएक मेंपूर्ण पैमाने पर बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास. 
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के बीच संयुक्तता और पारस्परिक संचालन क्षमता (interoperability) को बढ़ाना है ताकि क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता को प्रोत्साहित किया जाए तथा संयुक्त प्रशिक्षण के माध्यम से बहु-क्षेत्रीय युद्ध तैयारी को सुदृढ़ किया जा सके।

भारत से जुड़े अन्य प्रमुख बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास: 

सैन्य अभ्यास का नाम 

मेज़बान/प्रमुख देश (भारत के साथ) 

मालाबार (नौसैनिक) 

अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया 

मिलन (नौसैनिक) 

इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड और कई अन्य 

रिमपैक (नौसैनिक) 

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, भारत और कई अन्य 

आईबीएसएएमएआर (नौसैनिक) 

ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका 

और पढ़ें: भारत के प्रमुख सैन्य अभ्यास 

रैपिड फायर

गंगोत्री हिमनद का पीछे हटना जलवायु संकट का संकेत

स्रोत: डीटीई  

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर और ICIMOD (नेपाल) द्वारा किये गए अध्ययन से ज्ञात होता है कि गंगा के प्राथमिक स्रोत गंगोत्री हिमनद तंत्र (GGS) ने वर्ष 1980–2020 के बीच बढ़ते तापमान एवं जलवायु परिवर्तन के कारण अपने हिमविगघल प्रवाह (snowmelt flow) में करीब 10% की गिरावट दर्ज की है। 

  • हिमालयी हिमनद औसतन 46 सेमी. प्रति वर्ष की दर से संकुचित हो रहे हैं और गंगोत्री का मुख (snout) लगातार पीछे हट रहा है। वर्षा-अपवाह और आधार प्रवाह में वृद्धि जलवायु-जनित जलविज्ञानी परिवर्तनों का संकेत देती है। 
    • केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, हिमालयी क्षेत्र में हिमनदीय झीलों व अन्य जल निकायों का क्षेत्रफल वर्ष 2011 से 2024 के बीच 10.81% बढ़ा है। 

गंगोत्री हिमनद 

  • परिचय: उत्तरकाशी (उत्तराखंड) में स्थित, गंगोत्री हिमनद हिमालय के सबसे बड़े हिमनदों में से एक है, जो चौखंबा श्रेणी की उत्तरी ढलानों से उद्गमित होता है। 
    • यह एक संयुक्त घाटी हिमनद है, जिसे रक्‍तवर्ण, चतुरंगी और स्वच्छंद जैसे कई सहायक हिमनद पोषित करते हैं। इसे शिवलिंग, थलै सागर, मेरु और भागीरथी-III जैसे पर्वत शिखरों से पोषण मिलता है।
    • यह गौमुख पर समाप्त होता है, जहाँ से भागीरथी नदी उद्गमित होती है जो आगे चलकर अलकनंदा से मिलकर देवप्रयाग में गंगा का सृजन करती है।
  • गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान: वर्ष 1989 में स्थापित इस राष्ट्रीय उद्यान में गौमुख (गंगा का उद्गम स्थल) और प्रसिद्ध गौमुख-तपोवन ट्रेक आदि उल्लेखनीय स्थल शामिल हैं। 

Gangotri Glacier

और पढ़ें: गंगा नदी 

रैपिड फायर

मीरा परिवर्तनशील तारे

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) द्वारा किये गए एक नए अध्ययन में, जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता एडम रीस ने सह-लेखन किया है, ऑक्सीजन-समृद्ध मीरा परिवर्तनशील तारों का उपयोग करके हबल स्थिरांक को 3.7% सटीकता के साथ मापा गया है।

मीरा तारे (Omicron Ceti)

  • परिचय: मीरा एक स्पंदित रेड जायंट तारा है, जिसकी चमक उसकी बाह्य परतों के विस्तार और संकुचन के चक्रों के कारण नियमित रूप से बदलती रहती है। इसका परिवर्तन काल 100 से 1,000 दिनों तक हो सकता है।
    • यह 17वीं शताब्दी में पहचाना जाने वाला पहला ज्ञात परिवर्तनशील तारा (Variable Star) था, यानी ऐसा तारा जिसकी चमक स्थिर नहीं रहती।
    • ये तारे अपेक्षाकृत ठंडे होते हैं, जिनकी सतही तापमान लगभग 3,000 केल्विन होती है और ये तारकीय विकास (Stellar evolution) के अंतिम चरणों में होते हैं।
  • महत्त्व: ये तारे ब्रह्मांडीय दूरियों को मापने और एक्स्ट्रागैलेक्टिक डिस्टेंस लैडर (दूरस्थ आकाशगंगाओं की दूरी मापने की क्रमिक विधियाँ) को कैलिब्रेट करने में सहायता करते हैं।
    • ये हबल स्थिरांक (Hubble Constant) को निर्धारित करने और ब्रह्माण्ड विज्ञान में हबल टेंशन (प्रारंभिक बनाम उत्तर-ब्रह्मांडीय अवलोकनों से प्राप्त ब्रह्माण्डीय प्रसार दर में अंतर) को हल करने में सहायक होते हैं।

हबल स्थिरांक (H₀)

  • इसे एडविन हबल ने वर्ष 1929 में प्रतिपादित किया था। यह ब्रह्मांड के वर्तमान विस्तार की दर को मापता है, जिसकी इकाई किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापारसेक (km/s/Mpc) है। यह दर्शाता है कि आकाशगंगाएँ किस गति से एक-दूसरे से दूर जा रही हैं। H₀ ब्रह्मांड के आकार और अवधि का अनुमान लगाने में सहायता करता है।
  • एडविन हबल ने पाया कि जितनी दूर कोई आकाशगंगा होती है, वह उतनी ही तेज़ी से दूर जाती है। इसे रेडशिफ्ट के माध्यम से मापा जाता है, जो प्रकाश के स्पेक्ट्रम के लाल सिरे की ओर स्थानांतरण को दर्शाता है और यह प्रमाण है कि ब्रह्मांड का निरंतर विस्तार हो रहा है।

और पढ़ें: हबल स्थिरांक निर्धारित करने की नई विधि


रैपिड फायर

पार्किंसंस रोग के लिये बायोसेंसर

स्रोत: पी. आई. बी. 

मोहाली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Institute of Nano Science and Technology- INST) के वैज्ञानिकों ने पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease) की प्रारंभिक पहचान के लिये नैनो प्रौद्योगिकी आधारित बायोसेंसर विकसित किया है। 

नैनो प्रौद्योगिकी आधारित बायोसेंसर 

  • क्रियाविधि: बायोसेंसर प्राकृतिक अमीनो एसिड से लेपित स्वर्ण नैनोक्लस्टर्स (AuNCs) का उपयोग करके काम करता है, जो चुनिंदा रूप से α-सिन्यूक्लिन प्रोटीन के विशिष्ट रूपों से जुड़ता है (सामान्य रूप से हानिरहित, लेकिन विषाक्त गुच्छों (एमाइलॉयड्स) में परिवर्तित हो सकता है, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुँचता है)। 
  • महत्त्व: यह बायोसेंसर स्वस्थ और विषाक्त α-सिन्यूक्लिन के बीच अंतर करने में सक्षम बनाता है, जिससे लक्षण प्रकट होने से पहले ही पार्किंसंस रोग  का शीघ्र पता लगाया जा सकता है। 
    • यह कम लागत वाला, लेबल-मुक्त तथा पॉइंट-ऑफ-केयर परीक्षण के लिये उपयुक्त है, और इसमें अल्ज़ाइमर रोग एवं अन्य प्रोटीन मिसफोल्डिंग विकारों के लिये संभावित अनुप्रयोग हैं। 

पार्किंसंस रोग 

  • परिचय: पार्किंसंस रोग एक प्रगतिशील न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो मोटर लक्षणों (कंपकंपी, कठोरता, आसन संबंधी अस्थिरता) और नॉन-मोटर लक्षणों (संज्ञानात्मक गिरावट, मानसिक संबंधी विकार) द्वारा चिह्नित होता है। 
  • कारण एवं व्यापकता: सब्सटैंशिया नाइग्रा (मध्य मस्तिष्क का क्षेत्र) में डोपामाइन उत्पादक न्यूरॉन्स की हानि के कारण गतिशीलता में कमी आती है। 
    • ऐसा माना जाता है कि यह आनुवंशिक उत्परिवर्तनों और कीटनाशकों तथा प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारकों के संयोजन का परिणाम है। 
    • वर्ष 2019 में 8.5 मिलियन लोग प्रभावित हुए, भारत में लगभग 10% मामले (0.58 मिलियन) हैं। 
    • अनुमान है कि वर्ष 2050 तक भारत में मामले 168% बढ़कर 2.8 मिलियन हो जाएंगे, जबकि वैश्विक मामले 25.2 मिलियन तक पहुँच सकते हैं। 
  • उपचार एवं प्रबंधन: इसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, प्रबंधन में दवाइयाँ (लेवोडोपा/कार्बिडोपा), सर्जरी तथा लक्षणों को कम करने के लिये पुनर्वास शामिल है। 
    • नेशनल पार्किंसंस नेटवर्क (NPN) की स्थापना वर्ष 2024 में मूवमेंट डिसऑर्डर सोसाइटी ऑफ इंडिया (MDSI) द्वारा की गई थी। 

Parkinson’s Disease

और पढ़ें: पार्किंसंस रोग के प्रबंधन हेतु सेंसर 

प्रारंभिक परीक्षा

हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी

स्रोत: पी.आई.बी 

चर्चा में क्यों?

भारतीय नौसेना ने कोच्चि में हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के अंतर्गत उभरते अभिकर्त्ताओं के पैनल की मेज़बानी की, जिससे युवा नौसेना अभिकर्त्ताओं को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करने हेतु एक मंच प्रदान किया गया। 

हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) क्या है? 

  • परिचय: IONS एक स्वैच्छिक पहल है, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के तटीय देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाना है। 
    • यह क्षेत्रीय समुद्री मुद्दों पर चर्चा करने, जानकारी साझा करने और सहयोगात्मक समाधान के लिये  सामूहिक समझ विकसित करने हेतु एक खुला मंच प्रदान करता है। 
  • सदस्यता: IONS में कुल 34 देश शामिल हैं (25 सदस्य, जिनमें भारत भी शामिल है और 9 पर्यवेक्षक)। 
  • प्रथम सम्मेलन: पहला IONS सम्मेलन वर्ष 2008 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था, जिसमें भारतीय नौसेना ने अध्यक्षता की थी (2008–2010)। भारत पुनः वर्ष 2025–27 के दौरान IONS की अध्यक्षता करेगा, जिसका 9वाँ CoC वर्ष 2025 के अंत में भारत में आयोजित होने की योजना है। 
  • कार्य क्षेत्र और कार्यकारी समूह (IWG): 
    • मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR): प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संयुक्त राहत अभियानों की योजना बनाना और संचालन करना। 
    • क्षमता निर्माण: सदस्य देश IONS के तहत नियमित रूप से समुद्री प्रशिक्षण अभ्यास और कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं, ताकि कौशल व क्षेत्रीय नौसेनाओं के बीच परस्पर संचालन क्षमता को बढ़ाया जा सके। 
    • समुद्री डकैती और अपराध-निरोध: समुद्री डकैती, तस्करी और अवैध समुद्री गतिविधियों से निपटने के लिये रणनीतियाँ विकसित करना।

हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) से जुड़े प्रमुख तथ्य क्या हैं? 

  • परिचय: यह विश्व के महासागरीय क्षेत्र के लगभग पाँचवें हिस्से को कवर करता है। प्रशांत और अटलांटिक महासागर के बाद हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। 
    • यह एशिया (उत्तर), अफ्रीका (पश्चिम), ऑस्ट्रेलिया (पूर्व) और अंटार्कटिका (दक्षिण) से घिरा हुआ है तथा इसका सबसे गहरा बिंदु सुंडा डीप, जावा ट्रेंच (इंडोनेशिया) है। 
  • प्रमुख समुद्र और खाड़ियाँ: प्रमुख महासागरों में हिंद महासागर में सबसे कम सीमांत समुद्र (Marginal seas) हैं, जिनमें लाल सागर, फारस की खाड़ी, अरब सागर, अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी, अदन और ओमान की खाड़ियाँ तथा ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट शामिल हैं। 
    • हिंद महासागर में प्रमुख सतही धाराएँ (Epipelagic currents) पाई जाती हैं, जो वैश्विक महासागरीय परिसंचरण को प्रभावित करती हैं। 
  • IOR का सामरिक महत्त्व: 
    • 40 से अधिक राज्यों की मेज़बानी करता है, जो वैश्विक जनसंख्या का लगभग 40% है। 
    • विश्व के तेल परिवहन का लगभग 2/3 भाग, माल ढुलाई का 1/3 भाग और कंटेनर यातायात का लगभग 50% इसी क्षेत्र से होकर गुजरता है। 
    • प्रमुख अवरोध बिंदु (चोकपॉइंट्स): स्वेज़ नहर, बाब अल-मन्देब जलडमरूमध्य, होर्मुज़  जलडमरूमध्य, मलक्का जलडमरूमध्य → ये वैश्विक व्यापार, ऊर्जा आपूर्ति और सामरिक सुरक्षा हेतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। 
    • संसाधन-समृद्ध: मत्स्य पालन, अपतटीय तेल (वैश्विक उत्पादन का ~40%), खनिज रेत। 
    • भारत के लिये: 7,500 किमी समुद्र तट, 80% से अधिक ऊर्जा आयात IOR से होकर गुजरता है → व्यापार, रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा हेतु महत्त्वपूर्ण। 
  • IOR का शासन: इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी। यह एक अंतर-सरकारी मंच है, जिसका  शीर्ष निकाय, विदेश मंत्रियों की परिषद (COM) है, जो नीतियाँ निर्धारित करने हेतु प्रतिवर्ष बैठक करता है। 
    • वर्तमान में श्रीलंका IORA का अध्यक्ष है, जबकि भारत उपाध्यक्ष और ट्रोइका का हिस्सा होने के नाते वर्ष 2025–2027 की अवधि के लिये अध्यक्षता संभालेगा। 

हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की भूमिका क्या है? 

  • IOR में भारत एक एकीकरणकर्त्ता के रूप में: 
    • साझा दृष्टिकोण: सागर (SAGAR) और क्षेत्रों में सुरक्षा के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति (महासागर) के माध्यम से, भारत हिंद महासागर क्षेत्र में सामूहिक सुरक्षा, विकास और सतत् विकास को बढ़ावा देता है। 
    • भू-रणनीतिक जुड़ाव: भारत अपनी सीमाओं से परे अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संभावित सैन्य अड्डे भी शामिल हैं। 
    • सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग: भारत, AIKEYME (अफ्रीका), MILAN (बहुराष्ट्रीय), SIMBEX (सिंगापुर के साथ) जैसे रक्षा अभ्यासों और द्वीपीय देशों के साथ संयुक्त गश्त के माध्यम से एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता के रूप में विश्वास का निर्माण करता है। 
    • संस्थागत भूमिका: भारत IORA, IONS और हिंद महासागर सम्मेलन जैसे मंचों का नेतृत्व करता है तथा विविध तटीय राज्यों के बीच सेतु का काम करता है। 
      • "एक्ट ईस्ट", "नेबरहुड फर्स्ट" जैसी पहलों के माध्यम से भारत समुद्री संपर्क और क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ा रहा है। 
    • आर्थिक एवं विकास साझेदार: भारत नीली अर्थव्यवस्था, व्यापार एकीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा और क्षमता निर्माण में निवेश करता है। 
      • भारतीय नौसेना (IN) एक "प्रथम प्रतिक्रियाकर्त्ता" के रूप में कार्य करती है, जो मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रदान करती है, जैसा कि वर्ष 2004 के एशियाई सुनामी के बाद और संघर्ष या आपदा क्षेत्रों से बाद में निकासी के दौरान देखा गया था। 

India_in_Indian_Ocean_Region

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिये इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (IOR_ARC)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015) 

  1. इसकी स्थापना हाल ही में घटित समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है।   
  2. यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।  

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों 

(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (d) 


रैपिड फायर

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

राष्ट्रीय खेल दिवस प्रतिवर्ष 29 अगस्त को भारत के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में से एक मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 

राष्ट्रीय खेल दिवस 

  • परिचय: इस दिन को वर्ष 2012 में राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया गया था। वर्ष 2019 में, फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत इसी दिन की गई, जिसने भारत की फिटनेस और खेल यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि स्थापित की। 
  • थीम 2025: फिट इंडिया मिशन के तहत इसे ‘एक घंटा, खेल के मैदान में (Ek Ghanta, Khel ke Maidan Main)’ थीम के साथ मनाया जाएगा, जिसमें नागरिकों को प्रतिदिन 60 मिनट शारीरिक गतिविधि के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। 
  • प्रमुख राष्ट्रीय खेल पुरस्कार: 29 अगस्त को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किये जाने वाले पुरस्कारों में शामिल हैं: 

पुरस्कार 

विवरण  

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 

भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान। वर्ष 1991–92 में प्रारंभ, जिसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार कहा जाता था और वर्ष 2021 में हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद के सम्मान में पुनः नामित किया गया। 

अर्जुन पुरस्कार 

भारत का दूसरा सर्वोच्च खेल सम्मान। 

द्रोणाचार्य पुरस्कार 

कोचों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान।  

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 

उन संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में खेलों को बढ़ावा दिया हो।   

मेजर ध्यानचंद (1905-1979) 

  • उपलब्धियाँ: हॉकी के जादूगर के रूप में जाने जाते हैं। 
  • विरासत: सेवानिवृत्ति के बाद भी, भारत का हॉकी में दबदबा कायम रहा। उन्होंने वर्ष 1948, 1952, 1956 और 1964 में ओलंपिक स्वर्ण तथा वर्ष 1960 में रजत पदक जीता। 
    • वर्ष 1956 में सेना में मेजर के पद से सेवानिवृत्त होने पर, उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 

और पढ़ें: मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 

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