प्रारंभिक परीक्षा
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स
जैसे-जैसे इक्विटी बाज़ार नए उच्च स्तर पर पहुँच रहे हैं, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम्स निवेशकों में तेज़ी से लोकप्रिय हो रही हैं। वेल्थ मैनेजर (धन प्रबंधक) इन फंड्स की सिफारिश अधिक कर रहे हैं, विशेष रूप से उन निवेशकों के लिये जो अपने निवेश को स्वयं संतुलित करने में कठिनाई महसूस करते हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या हैं?
- परिचय: हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं जो एक से अधिक संपत्ति वर्गों (Asset Classes) में निवेश करते हैं, मुख्यतः इक्विटी (शेयर) और डेब्ट (बॉण्ड) और कुछ मामलों में सोना, REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और InvITs (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) में भी निवेश किया जाता है।
- इनका मुख्य उद्देश्य विभिन्न संपत्ति वर्गों में निवेश वितरित करके विकास और स्थिरता का संतुलित मिश्रण प्रदान करना है।
- इन्हें एसेट एलोकेशन फंड्स भी कहा जाता है क्योंकि ये पूर्व-निर्धारित निवेश पैटर्न का पालन करते हैं।
- कार्यप्रणाली: हाइब्रिड फंड्स निवेश का स्थिर या लचीला मिश्रण अपनाते हैं। निवेश का एक हिस्सा विकास के लिये इक्विटी में लगाया जाता है, जबकि बाकी राशि सुरक्षा हेतु डेब्ट या अन्य संपत्तियों में निवेश की जाती है।
- फंड मैनेजर समय-समय पर पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करते हैं ताकि निवेश का मिश्रण बना रहे और जोखिम नियंत्रण में रहे, बिना निवेशक की किसी अतिरिक्त मेहनत के।
- महत्त्व: हाइब्रिड फंड्स इसलिये पसंद किये जाते हैं क्योंकि ये विभिन्न संपत्तियों में जोखिम को वितरित करते हैं, शुद्ध इक्विटी फंड्स की तुलना में कम उतार-चढ़ाव दिखाते हैं और अधिक स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं।
- कर लाभ: पारंपरिक डेब्ट म्यूचुअल फंड या बॉण्ड और जमा पर प्रत्यक्ष निवेश में अर्जित आय पर निवेशक की कर दर (Tax Slab) के अनुसार कर लगाया जाता है। उच्च कर दर वाले निवेशकों के लिये यह 30% तक हो सकता है।
- हाइब्रिड फंड्स जिनमें 65% से अधिक निवेश इक्विटी (या इक्विटी और आर्बिट्राज का मिश्रण) में होता है, उन्हें कर प्रयोजनों के लिये ‘इक्विटी फंड्स’ माना जाता है। ऐसे फंड्स में डेब्ट हिस्सा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर दर के लाभ का पात्र होता है।
- इसका अर्थ है कि शेयरों से होने वाले लाभ (यदि एक वर्ष से अधिक समय तक रखे गए हों) पर बॉन्ड या अन्य निवेशों से होने वाले लाभ की तुलना में कम कर दर लागू होती है।
- इसलिये हाइब्रिड फंड्स नियमित डेब्ट निवेशों की तुलना में कर-कुशल माने जाते हैं।
- हाइब्रिड फंड्स जिनमें 65% से अधिक निवेश इक्विटी (या इक्विटी और आर्बिट्राज का मिश्रण) में होता है, उन्हें कर प्रयोजनों के लिये ‘इक्विटी फंड्स’ माना जाता है। ऐसे फंड्स में डेब्ट हिस्सा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर दर के लाभ का पात्र होता है।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के प्रमुख प्रकार
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फंड का प्रकार |
विवरण |
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इक्विटी बचत कोष |
इसमें निवेश का एक छोटा हिस्सा इक्विटी (10–25%) में किया जाता है और बाकी राशि डेब्ट और आर्बिट्राज में निवेश की जाती है, ताकि स्थिर तथा कम जोखिम वाले रिटर्न प्राप्त किये जा सकें। |
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संतुलित हाइब्रिड फंड |
यह फंड इक्विटी और डेब्ट में प्रत्येक को 40–60% तक आवंटित करता है ताकि विकास और स्थिरता का संतुलन बनाए रखा जा सके। |
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एग्रेसिव हाइब्रिड फंड |
यह फंड 65–80% राशि इक्विटी में और शेष डेब्ट में निवेश करता है, ताकि उच्च वृद्धि के साथ उच्च जोखिम लिया जा सके। |
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डायनामिक एसेट एलोकेशन/बैलेंस्ड एडवांटेज फंड |
यह फंड बाज़ार की परिस्थितियों और मूल्यांकन के आधार पर इक्विटी और डेब्ट के बीच निवेश का अनुपात बदलता है। |
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मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड |
यह फंड कम-से-कम तीन संपत्ति वर्गों जैसे इक्विटी, डेब्ट और सोना में निवेश करता है ताकि विस्तृत विविधीकरण सुनिश्चित किया जा सके। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक से अधिक परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करते हैं, मुख्य रूप से इक्विटी और ऋण में, ताकि एक संतुलित जोखिम-प्रतिफल प्रोफाइल प्रदान की जा सके।
2. हाइब्रिड फंड को टैक्स के लिहाज से किफायती क्यों माना जाता है?
65% से अधिक इक्विटी एक्सपोजर वाले हाइब्रिड फंडों पर इक्विटी फंडों के रूप में कर लगता है, जिससे ऋण उपकरणों की तुलना में कम दीर्घकालिक पूंजीगत कर (12.5%) आकर्षित होता है।
3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की कार्यप्रणाली क्या है?
वे एक निश्चित या लचीले परिसंपत्ति मिश्रण का पालन करते हैं और जोखिम को स्वचालित रूप से नियंत्रित करने के लिये फंड मैनेजर द्वारा नियमित रूप से पुनर्संतुलित किये जाते हैं।
सारांश
- शेयर बाज़ारों के नए उच्च स्तर पर पहुँचने के साथ ही हाइब्रिड म्यूचुअल फंड लोकप्रिय हो रहे हैं, जो उन निवेशकों के लिये स्वचालित परिसंपत्ति आवंटन की सुविधा प्रदान करते हैं जिन्हें स्वयं पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करना मुश्किल लगता है।
- ये फंड कई परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करते हैं —मुख्य रूप से परिसंपत्ति और ऋण तथा कभी-कभी सोना या RET—ताकि विकास और स्थिरता का संतुलित मिश्रण प्रदान किया जा सके।
- हाइब्रिड फंडों को कर-कुशल माना जाता है, क्योंकि 65% से अधिक इक्विटी एक्सपोजर वाली योजनाओं पर इक्विटी फंडों की तरह ही कर लगता है, जिससे ऋण उपकरणों की तुलना में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर कम होता है।
- फंड मैनेजर पूर्व-निर्धारित परिसंपत्ति आवंटन को बनाए रखने के लिये नियमित रूप से पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करते हैं , जिससे निवेशकों को सक्रिय हस्तक्षेप के बिना जोखिम प्रबंधन में मदद मिलती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)
प्रिलिम्स:
प्रश्न. वित्त के संदर्भ में, शब्द ‘बीटा’ किसे निर्दिष्ट करता है?
(a) अलग-अलग प्लेटफॉर्मों से, साथ-साथ किसी परिसंपत्ति को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया
(b) किसी पोर्टफोलियो प्रबंधक की, जोखिम और प्रतिफल के बीच संतुलन लाने की, निवेश कार्यनीति
(c) एक प्रकार का व्यवस्थागत जोखिम, जो वहाँ उत्पन्न होता है जहाँ पूर्ण प्रतिरक्षा संभव नहीं है।
(d) एक संख्यात्मक मान, जो पूरे स्टॉक बाज़ार में होने वाले परिवर्तनों के प्रति किसी स्टॉक के विचलनों को मापता है।
उत्तर: d
रैपिड फायर
इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस
गोवा के नाइट क्लब में लगी आग में 25 लोगों की मौत के बाद इंटरपोल ने फरार नाइट क्लब मालिकों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है ताकि सीमा पार उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सके।
- इंटरपोल नोटिस किसी देश के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) के अनुरोध पर महासचिव सचिवालय द्वारा जारी किये जाते हैं।
- इंटरपोल किसी नोटिस को तभी प्रकाशित करता है जब वह उसके संविधान और डेटा संरक्षण नियमों के तहत कानूनी मानकों को पूरा करता हो, जिससे सूचना की गुणवत्ता और गोपनीयता सुनिश्चित हो सके।
- ब्लू कॉर्नर नोटिस: यह किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या आपराधिक जाँच से जुड़ी गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिये जारी किया जाता है।
- यह रेड नोटिस की तरह गिरफ्तारी वारंट नहीं है, लेकिन यह विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संदिग्धों का पता लगाने में मदद करता है।
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नोटिस का प्रकार |
उद्देश्य |
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रेड नोटिस |
अभियोजन या सज़ा पूरी करने के लिये वांछित व्यक्तियों का पता लगाने और गिरफ्तारी हेतु जारी किया जाता है। |
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येलो नोटिस |
लापता व्यक्तियों, विशेषकर नाबालिगों का पता लगाने या ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के लिये जो स्वयं की पहचान नहीं बता सकते। |
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ब्लैक नोटिस |
अज्ञात शवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये। |
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ग्रीन नोटिस |
ऐसे व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देने के लिये, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिये खतरा बन सकते हैं। |
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ऑरेंज नोटिस |
किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया के बारे में चेतावनी देने के लिये, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिये गंभीर और आसन्न खतरा उत्पन्न करती है। |
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पर्पल नोटिस |
अपराधियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले तरीकों, उपकरणों, डिवाइस और छिपाने की तकनीकों की जानकारी साझा करने के लिये। |
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सिल्वर नोटिस (पायलट) |
आपराधिक संपत्तियों की पहचान और उन्हें ट्रेस करने के लिये। |
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INTERPOL–UNSC स्पेशल नोटिस |
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रतिबंधों के अधीन व्यक्तियों और संस्थाओं के लिये जारी किया जाता है। |
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और पढ़ें: इंटरपोल |
रैपिड फायर
भारत की एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी स्टोरेज के लिये PLI योजना
ओला इस समय एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी स्टोरेज़ के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना का एकमात्र लाभार्थी है, जिसके अंतर्गत उसकी स्थापित उत्पादन क्षमता 1 GWh है।
- PLI-ACC: भारत सरकार ने मई 2021 में 50 GWh ACC क्षमता के लिये 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैटरी भंडारण कार्यक्रम’ नामक PLI-ACC योजना को मंज़ूरी दी है।
- यह योजना प्रौद्योगिकियों पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं लगाती, जिससे कंपनियाँ अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयुक्त उन्नत तकनीक और इनपुट चुनने के लिये स्वतंत्र रहती हैं।
- PLI ACC का उद्देश्य: इसका लक्ष्य घरेलू मूल्यवर्द्धन को बढ़ावा देना, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बैटरी लागत सुनिश्चित करना, इलेक्ट्रिक वाहन और स्थिर भंडारण पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना तथा एक संपूर्ण घरेलू आपूर्ति शृंखला का निर्माण करना है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को तेज़ी से अपनाने (FAME) और ऑटोमोबाइल PLI योजना के साथ, यह आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वच्छ, सतत और आत्मनिर्भर इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भारत के बदलाव का समर्थन करता है।
- एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल्स (ACC): ये ऊर्जा भंडारण तकनीकें ऊर्जा को विद्युत-रासायनिक या रासायनिक रूप में संचित करती हैं और आवश्यकता होने पर उसे दोबारा विद्युत में परिवर्तित कर देती हैं।
रैपिड फायर
सुजलाम् भारत ऐप
जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के कुशल प्रबंधन के उद्देश्य से जल जीवन मिशन (JJM) के तहत एक प्रमुख डिजिटल पहल, सुजलाम् भारत ऐप का शुभारंभ किया है।
सुजलाम् भारत ऐप
- उद्देश्य: JJM के अंतर्गत स्रोत से लेकर घर तक बुनियादी ढाँचे की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन को सक्षम बनाने के लिये प्रत्येक ग्रामीण जल योजना के लिये एक एकीकृत, डिजिटल पहचान (सुजल गाँव आईडी) बनाना।
- तकनीकी आधार: इसे भास्करचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) के सहयोग से विकसित किया गया है।
- यह जल नेटवर्क, परिसंपत्ति सूची, जल गुणवत्ता डेटा और सामुदायिक प्रतिक्रिया के सटीक भू-स्थानिक मानचित्रण के लिये PM गति शक्ति GIS के साथ एकीकृत है।
- शासन परिवर्तन: इसका उद्देश्य नागरिकों और ग्राम पंचायतों के हाथों में व्यापक जानकारी उपलब्ध कराकर, जल सेवा प्रदाताओं के सामुदायिक स्वामित्व और जवाबदेही को बढ़ावा देकर शासन प्रणाली में बदलाव लाना है।
- महत्त्व: इस ऐप को ‘ग्रामीण जल प्रणालियों के लिये आधार’ के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो एक पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित जल वितरण प्रणाली की रीढ़ की हड्डी का निर्माण करेगा।
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और पढ़ें: जल जीवन मिशन |
रैपिड फायर
पीएम धन-धान्य कृषि योजना
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM-DDKY) – FPO संगम को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जिसमें 15 राज्यों से 72 से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) ने भाग लिया।
- कृषक उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organizations- FPO) संगम एक ऐसा मंच है जो FPOs को खरीदारों, प्रसंस्कर्त्ताओं और रिटेल चेन से जोड़ता है, ताकि दीर्घकालिक आपूर्ति साझेदारी और बाज़ार विस्तार को प्रोत्साहित किया जा सके।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
- परिचय: पीएम धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) (2025–26 से 2030–31) एक समग्र कृषि कार्यक्रम है, जिसे उत्पादकता बढ़ाने, सतत प्रथाओं को प्रोत्साहित करने और आजीविका सुधारने के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करता है।
- लगभग 40% सब्सिडी के लिये, 30% बुनियादी ढाँचे के लिये, 20% ऋण के लिये तथा 10% प्रशिक्षण और बाज़ार समर्थन के लिये निर्धारित किया गया है।
- मुख्य उद्देश्य:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना।
- फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना।
- कटाई के बाद भंडारण और मूल्य संवर्द्धन का विस्तार करना।
- सहायक क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं का समर्थन करना।
- खाद्यान्न, दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।
- ज़िला चयन मानदंड: ज़िलों का चयन निम्नलिखित आधारों पर किया जाता है:
- कम फसल उत्पादकता: ऐसे ज़िले जिनकी उपज राष्ट्रीय औसत से कम है।
- मध्यम फसल तीव्रता: ऐसे ज़िले जहाँ प्रति वर्ष औसतन 1.55 से कम फसल चक्र होते हैं।
- कम ऋण पहुँच: ऐसे ज़िले जहाँ बैंक ऋण या किसान क्रेडिट कार्ड की पहुँच सीमित है अर्थात् ज़िले के कुल किसानों में से 30% से कम को ऋण सुविधा प्राप्त है।
- कार्यान्वयन संरचना: प्रत्येक चयनित ज़िले में एक ज़िला DDKY समिति स्थापित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता ज़िला कलेक्टर करेंगे। यह समिति ज़िला कृषि विकास योजना (DADP) को लागू करेगी, जबकि इसकी निगरानी 100 केंद्रीय नोडल अधिकारियों (मुख्यतः संयुक्त सचिव स्तर) द्वारा की जाएगी।




