रैपिड फायर
इंटरपोल सिल्वर नोटिस
- 29 May 2025
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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
भारत ने आर्थिक भगोड़ों पर कार्रवाई करने के लिये परिसंपत्तियों का पता लगाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने हेतु हाल ही में शुरू की गई इंटरपोल सिल्वर नोटिस प्रणाली का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
- इंटरपोल सिल्वर नोटिस: इसे वर्ष 2025 में लॉन्च किया जाएगा, यह आपराधिक परिसंपत्तियों का पता लगाने और उन्हें बरामद करने, अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग को बढ़ाने में सहायता करती है।
- यह वर्तमान में 51 देशों को शामिल करते हुए पायलट चरण में है, जो नवंबर 2025 तक चलेगा। इस अवधि के दौरान, प्रत्येक देश अधिकतम नौ सिल्वर नोटिस का अनुरोध कर सकता है।
- भारत में, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) इंटरपोल से संबंधित मामलों के लिये भारत की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। यह इंटरपोल से अंतर्राष्ट्रीय सहायता प्राप्त करने के लिये सभी भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोधों का समन्वय करता है।
- CBI द्वारा विकसित भारतपोल, केंद्रीय और राज्य दोनों एजेंसियों को इंटरपोल डेटा तक वास्तविक समय में पहुँच प्रदान करता है। यह साइबर अपराध और तस्करी जैसे अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ सहयोग को सुव्यवस्थित करता है तथा रेड नोटिस प्रक्रिया को सरल बनाता है।
- इंटरपोल कलर कोडेड नोटिस प्रणाली: इंटरपोल नोटिस 195 सदस्य देशों की पुलिस के बीच साझा किये गए सहयोग या अलर्ट के लिये अनुरोध है।
- इंटरपोल विभिन्न उद्देश्यों के लिये नौ कलर कोडेड नोटिस जारी करता है; इन्हें किसी देश के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) के अनुरोध पर इंटरपोल के महासचिव द्वारा जारी किया जाता है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरणों और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अनुरोध पर भी जारी किया जा सकता है, ताकि उनके अधिकार क्षेत्र में अपराध करने वाले व्यक्तियों, विशेषरूप से नरसंहार, युद्ध अपराध तथा मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिये वांछित व्यक्तियों की तलाश की जा सके।
- इन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से अपने प्रतिबंधों को लागू करने के लिये भी जारी किया जा सकता है।
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