रैपिड फायर
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन 2025
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया, जिसमें देश के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष लक्ष्यों, विकसित हो रही अंतरिक्ष रणनीति और वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में उसकी भावी भूमिका को रेखांकित किया गया।
- थीम: वैश्विक प्रगति के लिये अंतरिक्ष का उपयोग: नवाचार, नीति और विकास (Harnessing Space for Global Progress: Innovation, Policy, and Growth)
भारत की प्रमुख अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाएँ
- वर्ष 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना करना और वर्ष 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर भेजना लक्ष्य है।
- भविष्य के अन्वेषण अभियानों में मंगल, शुक्र और क्षुद्रग्रहों पर मिशन शामिल हैं।
- गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जा रहा है।
- भारत के अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ नासा-इसरो निसार मिशन तथा जापान के साथ आगामी चंद्रयान-5 मिशन शामिल हैं, जो अंतरिक्ष को वैश्विक सहभागिता के मंच के रूप में प्रदर्शित करते हैं।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में हालिया उपलब्धियाँ
- चंद्रयान-3 की सफलता से भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के समीप सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बना।
- ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय वायु सेना अधिकारी बने।
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रैपिड फायर
हिमाचल प्रदेश ‘पूर्ण साक्षर’ राज्य घोषित
यह घोषणा 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत की गई।
- हिमाचल प्रदेश पूर्ण क्रियात्मक साक्षरता प्राप्त करने वाला चौथा राज्य बन गया है और इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि में त्रिपुरा, मिज़ोरम और गोवा के साथ शामिल हो गया है।
- जून 2024 में लद्दाख को पूर्ण साक्षर घोषित किया गया पहला केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया।
- हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 99.30% तक पहुँच गई है, जो राष्ट्रीय मानक 95% से अधिक है, जिसे शिक्षा मंत्रालय पूर्ण साक्षरता (100%) के समकक्ष मानता है।
उल्लास कार्यक्रम
- उल्लास (समाज में सभी के लिये आजीवन सीखने की समझ) नव भारत साक्षरता कार्यक्रम एक केन्द्रीय प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2022 से 2027 तक लागू किया जा रहा है।
- इसे न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) भी कहा जाता है, जिसका लक्ष्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के निरक्षर वयस्क हैं।
- इसका उद्देश्य साक्षरता, डिजिटल साक्षरता तथा वित्तीय साक्षरता जैसी महत्वपूर्ण जीवन कौशल प्रदान करना है।
- अब तक इसमें 3 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों और 42 लाख स्वयंसेवकों का नामांकन हुआ है, जिनमें से 1.83 करोड़ शिक्षार्थियों ने आधारभूत साक्षरता मूल्यांकन 90% सफलता दर के साथ पूरा किया है।
- यह कार्यक्रम अब 26 भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराता है, जिससे समावेशी साक्षरता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय साक्षरता परिदृश्य
- भारत के महापंजीयक के कार्यालय के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 7 वर्ष या उससे अधिक है और जो किसी भी भाषा में समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है, साक्षर माना जाता है।
- कार्यात्मक साक्षरता किसी व्यक्ति की दैनिक कार्यों में पढ़ने, लिखने और संख्यात्मक कौशल का उपयोग करने की क्षमता को संदर्भित करती है जो व्यक्तिगत विकास और सामुदायिक भागीदारी में योगदान करती है।
- PLFS 2023-24 के अनुसार, भारत की कुल साक्षरता दर 80.9% है।
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प्रारंभिक परीक्षा
सी. पी. राधाकृष्णन उप-राष्ट्रपति चुने गए
सी. पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं। उन्होंने यह चुनाव पूर्व सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश बी. सुधर्शन रेड्डी को हराकर जीता, जो जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आयोजित किया गया था।
- चुनाव में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए और मतदान प्रतिशत 98.2% रहा।
सी.पी. राधाकृष्णन
- उन्होंने झारखंड, तेलंगाना, पुदुचेरी और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। पेशे से वे कृषिविशेषज्ञ (Agriculturist) और उद्योगपति हैं और तमिलनाडु से तीसरे नेता हैं जिन्होंने उपराष्ट्रपति का पद संभाला।
- वे कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: उपराष्ट्रपति भारत में राष्ट्रपति के बाद दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारी होता है (अनुच्छेद 63)।
- निर्वाचन और पात्रता: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों द्वारा सांविधिक प्रतिनिधित्व (proportional representation) के माध्यम से किया जाता है। उपराष्ट्रपति कम से कम 35 वर्ष का, भारत का नागरिक और राज्यसभा सदस्य बनने के लिये योग्य होना चाहिये।
- कार्यकाल और रिक्ति: पाँच वर्ष की अवधि के लिये कार्य करता है, जिसमें एक उत्तराधिकारी के निर्वाचित होने तक पद पर बने रहने की संभावना शामिल है।
- मुख्य भूमिका: वे राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष (ex-officio Chairman) के रूप में कार्य करते हैं।
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या पद रिक्त होने की स्थिति में वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है (अनुच्छेद 65)।
- निष्कासन: राज्यसभा में प्रस्ताव पारित कर तथा लोकसभा की स्वीकृति प्राप्त कर, 14 दिन का नोटिस देकर हटाया जा सकता है (अनुच्छेद 67)।
भारत के उपराष्ट्रपति के पद से संबंधित कुछ विशिष्ट तथ्य
- केवल डॉ. एस. राधाकृष्णन (प्रथम एवं द्वितीय उपराष्ट्रपति, दोनों बार निर्विरोध निर्वाचित) और मोहम्मद हामिद अंसारी (13वें एवं 14वें उपराष्ट्रपति, 2007–2017) ही लगातार दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे हैं।
- डॉ. एस. राधाकृष्णन के अतिरिक्त एम. हिदायतुल्लाह (7वें उपराष्ट्रपति) और डॉ. शंकर दयाल शर्मा (9वें उपराष्ट्रपति) भी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
- कृष्णकांत (10वें उपराष्ट्रपति, 1997–2002) पहले और एकमात्र उपराष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हुआ।
- न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्लाह भारतीय इतिहास में ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश, कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति तीनों पदों पर कार्य किया।
प्रारंभिक परीक्षा
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और फॉस्फेट रॉक माइन
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) ने राजस्थान के जैसलमेर में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) के संभावित आवास क्षेत्र में विकसित की जाने वाली बिरमानिया रॉक फॉस्फेट माइन के लिये पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) को मंज़ूरी दे दी है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) दुनिया के सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक पक्षी है और गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इसकी छोटी आबादी के साथ मुख्य रूप से राजस्थान के थार रेगिस्तान में पाया जाता है।
- GIB भारत में पाई जाने वाली चार बस्टर्ड प्रजातियों में से एक है, जिसमें लेसर फ्लोरिकन, बंगाल फ्लोरिकन और मैक्वीन बस्टर्ड भी शामिल हैं।
- GIB सर्वाहारी होता है और सामने की दृष्टि की कमी के कारण विद्युत लाइनों से टकराने के लिये संवेदनशील है।
- पारिस्थितिक महत्त्व: GIB को एक कीस्टोन प्रजाति माना जाता है, जो चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के संकेतक के रूप में कार्य करती है और चरागाह जैव विविधता की समग्र स्थिति को दर्शाती है।
- संरक्षण स्थिति:
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I
- IUCN: गंभीर रूप से लुप्तप्राय
- CITES: परिशिष्ट I
- मुख्य खतरे:
- खनन, उद्योग, पवन टरबाइन और संबंधित अवसंरचना के विस्तार जैसी विकास गतिविधियों के कारण आवास का क्षरण।
- सामने की दृष्टि संकीर्ण और आकार बड़ा होने के कारण GIB विद्युत लाइनों से टकराने के प्रति संवेदनशील होते हैं। वर्ष 2020 में भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार, प्रतिवर्ष 18 GIB विद्युत लाइनों से टकराने के कारण मर जाते हैं।
- प्रदूषण: कीटनाशक-दूषित भोजन के संपर्क में आने से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को खतरा पैदा होता है और उनकी जीवित रहने की संभावना प्रभावित होती है।
- शिकार और अवैध शिकार: कानूनी संरक्षण के बावजूद, GIB का शिकार उनके मांस, पंख और अन्य शरीर के अंगों के लिये किया जाता है, जिससे उनकी संख्या में गिरावट आ रही है।
- धीमी प्रजनन दर: चराई, मनोरंजन और पर्यटन से GIB के घोंसले और चारागाह आवास बाधित होते हैं, जिससे उनकी आबादी प्रभावित होती है।
- खनन, उद्योग, पवन टरबाइन और संबंधित अवसंरचना के विस्तार जैसी विकास गतिविधियों के कारण आवास का क्षरण।
- संरक्षण प्रयास:
- राष्ट्रीय बस्टर्ड रिकवरी योजना: बस्टर्ड रिकवरी कार्यक्रम भारत में बंगाल फ्लोरिकन (Bengal Florican) और मैक्वीन बस्टर्ड (Macqueen's Bustard) सहित अन्य बस्टर्ड प्रजातियों के साथ GIB, लेसर फ्लोरिकन (Lesser Florican) के संरक्षण पर केंद्रित है।
- रिकवरी/पुनर्प्राप्ति प्रयास वर्ष 2013 में शुरू हुए थे और वर्ष 2016 में बस्टर्ड रिकवरी प्रोजेक्ट का रूप ले लिया। यह परियोजना प्रारंभ में पाँच वर्षों (2016–2021) के लिये नियोजित थी, लेकिन अब इसे वर्ष 2033 तक बढ़ा दिया गया है।
- 2024 तक, वन्य क्षेत्र में लगभग 140 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और 1,000 से भी लेसर फ्लोरिकन (Lesser Florican) शेष बचे हैं।
- इस परियोजना का नेतृत्व भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किया जा रहा है तथा इसका वित्तपोषण राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) तथा साझेदार एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य हैं:
- संरक्षण प्रजनन, ताकि GIB और अन्य प्रजातियों की एक्स-सीटू (ex-situ) आबादी को सुरक्षित किया जा सके,
- व्यावहारिक अनुसंधान, जिससे महत्त्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्रों और उनके जीवित रहने के खतरों की पहचान की जा सके,
- और क्षमता निर्माण (Capacity Building), ताकि संरक्षण कानूनों को मज़बूत किया जा सके तथा जन-जागरूकता बढ़ाई जा सके।
- राष्ट्रीय बस्टर्ड रिकवरी योजना: बस्टर्ड रिकवरी कार्यक्रम भारत में बंगाल फ्लोरिकन (Bengal Florican) और मैक्वीन बस्टर्ड (Macqueen's Bustard) सहित अन्य बस्टर्ड प्रजातियों के साथ GIB, लेसर फ्लोरिकन (Lesser Florican) के संरक्षण पर केंद्रित है।
फॉस्फेट रॉक क्या है?
- परिचय: यह किसी भी ऐसी चट्टान को दर्शाता है जिसमें फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है और जिसका उपयोग मुख्य रूप से कृषि उर्वरकों के रूप में किया जाता है।
- यह एक अति आवश्यक तत्त्व है जो पौधों को महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व प्रदान करता है और उनके विकास तथा वृद्धि में सहायक होता है।
- निर्माण: फॉस्फेट चट्टान एक अवसादी (Sedimentary) चट्टान है, जो करोड़ों वर्ष पहले समुद्र तल पर जैविक पदार्थों के संचय से बनी थी।
- अधिकांश फॉस्फेट शिला की खुदाई सतही खनन विधियों (Surface Mining Methods) से की जाती है, जिनमें खुले गड्ढे (ओपन-पिट), ड्रैगलाइन (Dragline) और उत्खनन (Excavator) शामिल हैं।
- वितरण: फॉस्फेट चट्टान के प्रमुख भंडार अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, कज़ाखस्तान और मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- सबसे बड़े भंडार मोरक्को में स्थित हैं, जो फॉस्फेट का एक प्रमुख वैश्विक उत्पादक भी है।
- भारत में, फॉस्फेट चट्टान मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश में उत्पादित होती है।
- फॉस्फेट चट्टान के उपयोग:
- फॉस्फेट चट्टान का सबसे महत्त्वपूर्ण उपयोग कृषि के लिये फॉस्फेट उर्वरक बनाने में होता है।
- कुछ फॉस्फेट चट्टान का उपयोग पशुओं के लिये कैल्शियम फॉस्फेट पोषण अनुपूरक बनाने में किया जाता है।
- फॉस्फेट चट्टान से प्राप्त शुद्ध फॉस्फोरस का उपयोग औद्योगिक रसायनों के निर्माण में किया जाता है।
- भारत इस कच्चे माल पर काफी निर्भर है, लगभग 90% फॉस्फेट चट्टान की आवश्यकता आयात के माध्यम से पूरी होती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा समूह प्राणी समूह संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है? (2012)
(a) महान भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा।
(b) कश्मीर महामृग, चीतल, नील गाय और महान भारतीय सारंग।
(c) हिम तेंदुआ, अनूप मृग, रीसस बंदर और सारस (क्रेन)
(d) सिंहपुच्छी मेकाक, नील गाय, हनुमान लंगूर और चीतल
उत्तर: A
प्रश्न. मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/ से सही है/हैं? (2020)
- यह दो ज़िलों में विस्तृत है।
- उद्यान के अंदर कोई मानव बस्ती नहीं है।
- यह ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के प्राकृतिक आवासों में से एक है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: C
रैपिड फायर
ZAPAD अभ्यास 2025
भारतीय सशस्त्र बलों का दल रूस के लिये रवाना हुआ है ताकि वे संयुक्त बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ZAPAD 2025 में भाग ले सकें, जो निज़नी, रूस में आयोजित किया जाएगा।
- भारतीय सेना के दल का नेतृत्व कुमाऊँ रेजिमेंट के एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है, साथ ही इसमें अन्य शाखाओं और सेवाओं के सैनिक शामिल हैं, जिनमें भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के कर्मी शामिल हैं।
ZAPAD अभ्यास
- परिचय: सोवियत काल में शुरू हुई ZAPAD अभ्यास शृंखला, रूस द्वारा वर्ष 2009 से आयोजित की जा रही है।
- उद्देश्य:
- इसका मुख्य उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ाना और अंतर-संचालन क्षमता में सुधार करना है।
- प्रतिभागी देशों को पारंपरिक युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में रणनीतियों और तकनीकों का आदान-प्रदान करने का मंच प्रदान करना।
- यह अभ्यास खुले और समतल क्षेत्रों में संयुक्त कंपनी-स्तरीय अभियानों पर केंद्रित होगा।
- उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना और बहुराष्ट्रीय युद्ध वातावरण में संयुक्त संचालन क्षमताओं में सुधार करना।
और पढ़ें: भारत के प्रमुख सैन्य अभ्यास |