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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 10 Jun, 2025
  • 36 min read
प्रारंभिक परीक्षा

गोवा बना पूर्ण कार्यात्मक साक्षर राज्य

स्रोत: पीआईबी

चर्चा में क्यों?

शिक्षा मंत्रालय के उल्लास (समाज में सभी के लिये आजीवन सीखने की समझ)- नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम), के तहत गोवा को पूर्ण कार्यात्मक साक्षर राज्य घोषित किया गया।

  • PLFS 2023-24 के अनुसार, गोवा की साक्षरता दर 93.60% थी, जिसने उल्लास (ULLAS) सर्वेक्षण के तहत राष्ट्रीय स्तर पर तय किये गए 95% साक्षरता मानक को पार कर लिया है। 
  • इससे पहले, मिज़ोरम पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाला पहला राज्य तथा पहला केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख

कार्यात्मक साक्षरता

  • यह व्यक्तिगत विकास और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के लिये दैनिक जीवन में पढ़ने, लिखने एवं संख्यात्मक कौशल को लागू करने की व्यक्ति की क्षमता को संदर्भित करता है।
  • उल्लास न केवल बुनियादी साक्षरता को कवर करता है बल्कि शिक्षार्थियों को महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल से भी लैस करता है, आजीवन सीखने और सक्रिय नागरिकता को प्रोत्साहित करता है।

उल्लास- नव भारत साक्षरता कार्यक्रम क्या है?

  • उल्लास (ULLAS): उल्लास एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे वर्ष 2022 से 2027 तक लागू किया जा रहा है, जिसे 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों को सशक्त बनाने के लिये डिज़ाइन किया गया है जो औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए हैं।
    • इसका उद्देश्य सभी के लिये शिक्षा को बढ़ावा देना है, जिसे पहले वयस्क शिक्षा के रूप में जाना जाता था तथा यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • उद्देश्य: इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2022-27 के दौरान 5 करोड़ शिक्षार्थियों के लिये आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करना है (प्रतिवर्ष 1 करोड़ शिक्षार्थी)।
    • योजना के 5 प्रमुख घटक: बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल एवं सतत् शिक्षा। 
  • कार्यान्वयन तंत्र: नागरिकों में सामाजिक ज़िम्मेदारी और कर्त्तव्य की मज़बूत भावना (‘कर्त्तव्य बोध’) उत्पन्न करने के लिये इस योजना को हाइब्रिड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) मोड में स्वैच्छिकता के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • DIKSHA प्लेटफॉर्म और ULLAS मोबाइल/वेब पोर्टल के माध्यम से अध्ययन सामग्री की सुविधा प्रदान की जाती है, जो 22 भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है, जिससे समावेशी और बहुभाषीय शिक्षा को बढ़ावा मिलता है।
    • इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा (FLNAT) को शामिल किया गया है, जो वर्ष में दो बार या आवश्यकतानुसार स्थानीय विद्यालयों में आयोजित की जाती है ताकि मूल्यांकन और प्रमाणन किया जा सके।

गोवा के विषय में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • गोवा (राजधानी पणजी) भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर कोंकण क्षेत्र में स्थित है और यह भौगोलिक रूप से पश्चिमी घाटों द्वारा दक्कन से अलग होता है।
  • भारत की स्वतंत्रता (1947) के बाद भी पुर्तगाल ने अपने भारतीय क्षेत्रों पर नियंत्रण बनाए रखा, हालाँकि भारत ने कई बार कूटनीतिक प्रयास किये। वर्ष 1961 में भारत ने ऑपरेशन विजय शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप गोवा, दमन और दीव को आज़ाद कराया गया।
    • गोवा मुक्ति दिवस प्रतिवर्ष 19 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • 30 मई 1987 को गोवा को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ, जबकि दमन और दीव केंद्रशासित प्रदेश बने रहे, इसलिये 30 मई को प्रतिवर्ष गोवा राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है
    • 26 जनवरी 2020 को दमन और दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली को मिलाकर एक नया केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया, जिसका नाम है: दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव

About_Goa

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)

  1. राज्य नीति के निदेशक तत्त्व
  2.  ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय
  3.  पाँचवीं अनुसूची
  4.  छठी अनुसूची
  5.  सातवीं अनुसूची

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (d)


प्रारंभिक परीक्षा

बिरसा मुंडा शहीद दिवस

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री ने 9 जून 2025 को भगवान बिरसा मुंडा को उनके शहीद दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिरसा मुंडा कौन थे?

  • बिरसा मुंडा एक आदिवासी नेता, धार्मिक सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने छोटानागपुर क्षेत्र में ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ एक मज़बूत प्रतिरोध का नेतृत्व किया था।
    • उन्हें धरती आबा (पृथ्वी के पिता) के रूप में भी जाना जाता है, उन्हें भूमि अधिकार, सामाजिक सुधार और आध्यात्मिक एकता के लिये आदिवासी समुदायों को संगठित करने हेतु याद किया जाता है।
  • प्रारंभिक जीवन: 15 नवंबर 1875 को उलिहातु (ज़िला खूंटी, झारखंड) में एक गरीब मुंडा आदिवासी बटाईदार परिवार में जन्मे बिरसा का प्रारंभिक नाम दाउद मुंडा रखा गया था, क्योंकि उनके पिता ने अस्थायी रूप से ईसाई धर्म अपना लिया था।
  • शिक्षा: जर्मन मिशन स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के बाद बिरसा शुरू में ईसाई शिक्षाओं से प्रभावित हुए लेकिन सांस्कृतिक अलगाव के कारण उन्होंने उन्हें अस्वीकार कर दिया। 
    • वे वैष्णव धर्म से प्रेरित थे, उन्होंने बिरसाइत धर्म की स्थापना की और उनके अनुयायी उन्हें  भगवान के रूप में पूजते थे।
  • विश्वास और शिक्षाएँ: उन्होंने सिंहबोंगा (सूर्य देवता) की पूजा के माध्यम से एकेश्वरवाद का प्रचार किया, शराबखोरी, काला जादू, अंधविश्वास और जबरन श्रम ( बेथ बेगारी) की निंदा की तथा स्वच्छता, आध्यात्मिक एकता, आदिवासी पहचान पर गर्व एवं सामुदायिक भूमि स्वामित्व को बढ़ावा दिया।
  • ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध: ब्रिटिश भूमि राजस्व नीतियों ने पारंपरिक खूंट कट्टी भूमि प्रणाली (एक कबीले के भीतर सामूहिक भूमि स्वामित्व) को समाप्त कर दिया, जिससे ज़मींदारों और ठेकेदारों को सशक्त बनाया गया, जिन्होंने आदिवासी किसानों का शोषण किया। 
    • बिरसा ने इन अन्यायों के विरुद्ध आदिवासी जनता को संगठित किया तथा उनके अधिकारों को पुनः प्राप्त करने हेतु अभियान चलाया।
  • उलगुलान आंदोलन (1895-1900): 1895 में, बिरसा मुंडा को दंगा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 2 वर्षों के लिये कारावास में डाल दिया गया; वर्ष 1897 में रिहा होने के बाद, उन्होंने आदिवासी नेतृत्व वाले स्वशासन आंदोलन के लिये गाँवों में समर्थन जुटाना प्रारंभ किया।
    • वर्ष 1899 में, उन्होंने उलगुलान (महान कोलाहल) आंदोलन शुरू किया, जिसमें ब्रिटिश सत्ता का विरोध करने और "बिरसा राज" के रूप में ज्ञात एक स्वशासित आदिवासी राज्य की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये गुरिल्ला युद्ध रणनीति शामिल थी।
  • परिणाम और विरासत: उन्हें फरवरी 1900 में पकड़ा गया और 9 जून, 1900 को 25 वर्ष की आयु में, रहस्यमय परिस्थितियों में, ब्रिटिश हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई, जिसे आधिकारिक रूप से हैज़ा के कारण बताया गया।
    • उनके आंदोलन के परिणामस्वरूप छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (1908) पारित हुआ, जिसने जनजातीय भूमि अधिकारों (खुंटकट्टी) को मान्यता प्रदान की, गैर-जनजातीय लोगों को भूमि हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाया और  बेथ बेगारी (जबरन श्रम) को समाप्त कर दिया। 
    • वर्ष 2021 से 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) के रूप में मनाया जाता है।

जनजातीय समुदायों से संबंधित प्रमुख पहल

  • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एक समग्र पहल है जो 63,000 अनुसूचित जनजाति-प्रधान गाँवों में समेकित विकास को लक्षित करती है।
  • PM-JANMAN की शुरुआत वर्ष 2023 में की गई थी, ताकि स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय समावेशन और सामुदायिक समर्थन सहित लक्षित योजनाओं के साथ विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) का समर्थन किया जा सके।
  • प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY) का उद्देश्य महत्त्वपूर्ण जनजातीय जनसंख्या वाले गाँवों में बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराना है।  

MAJOR TRIBAL REVOLTS IN INDIA

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. PVTG 18 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में निवास करते हैं। 
  2. स्थिर या कम होती जनसंख्या PVTG स्थिति निर्धारण के मानदंडों में से एक है। 
  3. देश में अब तक 95 PVTG आधिकारिक तौर पर अधिसूचित हैं। 
  4. PVTGs की सूची में ईरूलर और कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल की गई हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है?

(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1, 2 और 4 
(d) 1, 3 और 4

उत्तर: (c)


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013)

  जनजाति               राज्य

  1. लिंबू (लिम्बु) -  सिक्किम
  2. कार्बी          -  हिमाचल प्रदेश
  3. डोंगरिया कोंध- ओडिशा
  4. बोंडा           - तमिलनाडु

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित है?

केवल 1 और 3
केवल 2 और 4
केवल 1, 3 और 4
1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)


प्रारंभिक परीक्षा

Axiom - 4 मिशन पर अंतरिक्ष में जीवन-क्षमता का परीक्षण करने भेजे गए टार्डिग्रेड्स

स्रोत: IE

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिये Axiom-4 मिशन का संचालन (पायलट) करेंगे, जबकि अमेरिका की पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगी।

  • इस मिशन के तहत, इसरो सूक्ष्म और अत्यंत सहनशील जीव टार्डिग्रेड्स (वॉटर बियर्स) को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेज रहा है, ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि जीवन अंतरिक्ष की चरम स्थितियों में किस प्रकार जीवित रह सकता है।

Axiom-4 मिशन क्या है?

  • Axiom मिशन 4 (Ax-4): अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिये चौथी निजी अंतरिक्ष उड़ान है, जिसे अमेरिका-आधारित कंपनी Axiom स्पेस द्वारा SpaceX के क्रू ड्रैगन यान के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
    • इस मिशन के साथ शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले भारत के दूसरे व्यक्ति (वर्ष 1984 में राकेश शर्मा के बाद) तथा ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन जाएँगे।
  • प्रमुख विशेषताएँ: Axiom स्पेस का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 14 दिवसीय मिशन वैज्ञानिक प्रयोग, तकनीकी प्रदर्शन और शैक्षिक दृष्टिकोण का आयोजन करेगा, इस मिशन का उद्देश्य पहला व्यावसायिक अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है, जिससे भविष्य में ISS पर निर्भरता समाप्त कर एक स्वतंत्र कक्षीय मंच विकसित किया जा सके।
    • इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पोलैंड और हंगरी के सदस्यों वाला एक अंतर्राष्ट्रीय दल शामिल है।
  • मुख्य अनुप्रयोग: 
    • सूक्ष्मगुरुत्व में कंप्यूटर स्क्रीन के उपयोग का भौतिक और संज्ञानात्मक प्रभाव।
    • अंतरिक्ष में टार्डिग्रेड्स (Water Bears) का व्यवहार और प्रतिक्रिया।
    • अंतरिक्ष में उड़ान का छह प्रकार की फसलों, विशेष रूप से मूंग दाल पर प्रभाव।
    • सायनोबैक्टीरिया (बैक्टीरिया का एक समूह जो पादपों की तरह प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये जाना जाता है) की वृद्धि दर, कोशिकीय प्रतिक्रियाएँ और जैव-रासायनिक गतिविधि।
  • भारत के लिये महत्त्व: गगनयान मिशन (वर्ष 2027) के लिये अनुसंधान को मान्य करने हेतु 10 महत्त्वपूर्ण प्रयोगों ( सूक्ष्मगुरुत्व, बीज विकास, टार्डिग्रेड अध्ययन ) का संचालन करते हुए ISRO-NASA साझेदारी के माध्यम से भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को मज़बूत करना।
    • गगनयान चालक दल के प्रशिक्षण के लिये व्यावहारिक अनुभव प्रदान करके, खगोलीय जैव- विज्ञान अनुसंधान को आगे बढ़ाकर और भविष्य के वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशनों में भारत को एक प्रमुख अभिकर्त्ता के रूप में स्थापित करके गगनयान मिशन की सफलता को बढ़ावा दिया।

नोट: ज़ीरो-जी इंडिकेटर (Zero-G Indicator) एक छोटी वस्तु है, जो प्रायः लचीली (Plushie) [नरम, स्टफीज़ खिलौने] होती है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को एक दृश्य संकेत प्रदान करती है कि वे भारहीनता की स्थिति में प्रवेश कर चुके हैं। एक्सिओम-4 मिशन के लिये ज़ीरो-जी इंडिकेटर एक साॅन प्लशी (Swan Plushie) है जिसका नाम 'जॉय' है।

टार्डिग्रेड्स के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • परिचय: टार्डिग्रेड्स (जिन्हें वाटर बियर या मॉस पिगलेट के नाम से भी जाना जाता है ) सूक्ष्म, अष्टपदीय लगभग 0.5 मिमी. लंबे जीव हैं जो पादपों और शैवाल के तरल पदार्थ द्वारा भोजन ग्रहण करते हैं। 
    • वे लगभग 600 मिलियन वर्षों से अस्तित्व में हैं और सभी पाँच बड़े विलुप्तीकरणों से बच गए हैं, जिससे वे पृथ्वी पर सबसे अधिक अनुकूल जीवन रूपों में से एक बन गए हैं। 
    • वे पर्वत शिखरों से लेकर गहरे समुद्र तक विविध आर्द्र आवासों में पाए जाते हैं तथा अपनी अत्यधिक स्थायित्व के लिये जाने जाते हैं।
  • जीवित रहने की क्षमता: टार्डिग्रेड्स -272.95 डिग्री सेल्सियस से 150 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान, तीव्र यूवी विकिरण, अंतरिक्ष के निर्वात और 40,000 किलोपास्कल तक के दबाव जैसी चरम स्थितियों में जीवित रह सकते हैं, यहाँ तक ​​कि जमे हुए अवस्था में 30 वर्ष बाद भी जीवित हो सकते हैं।
  • जीवित रहने के तरीके:
    • क्रिप्टोबायोसिस: कठोर परिस्थितियों में लगभग पूर्ण चयापचय बंद हो जाना।
    • एनहाइड्रोबायोसिस: जल की मात्रा को 95% से अधिक तक कम कर देता है, जिससे जीव एक स्थाई, संकुचित अवस्था में प्रवेश करता है जिसे ‘टन (Tun)’ कहा जाता है।
    • विशिष्ट प्रोटीन (CAHS): साइटोप्लाज़्म में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले हीट सॉल्युबल (CAHS) प्रोटीन अपनी कोशिकाओं के भीतर एक सुरक्षात्मक जेल बनाते हैं, जो आवश्यक कोशिकीय घटकों को नष्ट होने से बचाते हैं।
  • वैज्ञानिक महत्त्व: टार्डिग्रेड्स पर शोध से जलवायु-अनुकूल फसलें, उन्नत UV-सुरक्षात्मक सनस्क्रीन और प्रत्यारोपण के लिये बेहतर अंग संरक्षण तकनीक विकसित हो सकती है।
  • अंतरिक्ष के जीवित योद्धा: टार्डीग्रेड्स ने वर्ष 2007 में इतिहास रच दिया जब वे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के फोटोन-M3 मिशन के दौरान अंतरिक्ष में सीधे संपर्क में आने के बाद भी जीवित रहने वाले पहले जीव बने। इससे पृथ्वी के वायुमंडल से परे उनकी असाधारण सहनशक्ति सिद्ध हुई।

नोट: बैटिलिप्स चंद्रयानी समुद्री टार्डिग्रेड की एक नई खोजी गई प्रजाति है जो भारत के तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पाई जाती है। 

  • इसका नाम भारत के चंद्रयान-3 चन्द्र मिशन के सम्मान में रखा गया था, जो अंतरिक्ष अन्वेषण और समुद्री जीव विज्ञान में भारत की प्रगति के बीच प्रतीकात्मक संबंध को दर्शाता है।

Tardigrade

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित अंतरिक्ष मिशनों पर विचार कीजिये: 

  1.  एक्सिओम-4 
  2.  स्पाडेक्स 
  3.  गगनयान 

उपर्युक्त अंतरिक्ष मिशनों में से कितने सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित और समर्थित करते हैं? 

(a) केवल एक 
(b) केवल दो
(c)  सभी तीन 
(d) कोई भी नहीं

उत्तर:(c)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान
  2. को मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।
  3.   के कारण अमेरिका के बाद मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला भारत दूसरा देश बना ।
  4.   ने भारत को अपने अंतरिक्ष यान   को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


रैपिड फायर

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

राजस्थान वन विभाग द्वारा ऑपरेशन सिंदूर और इसमें शामिल सैन्य कर्मियों के सम्मान में नवजात ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) चिक्स के नाम सिंदूर, व्योम, मिश्री एवं सोफिया रखे गए हैं।

  • राजस्थान का राज्य पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (अर्डियोटिस नाइग्रिसेप्स) भारत का सबसे गंभीर रूप से संकटग्रस्त पक्षी माना जाता है। यह विश्व स्तर पर उड़ने वाले सबसे भारी पक्षियों में से एक है तथा यह मुख्य रूप से राजस्थान के थार रेगिस्तान में पाया जाता है। कम संख्या में यह गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मिलते हैं।
    • GIB भारत में पाई जाने वाली चार बस्टर्ड प्रजातियों में से एक है, जिसमें लेसर फ्लोरिकन, बंगाल फ्लोरिकन और मैकक्वीन बस्टर्ड भी शामिल हैं।
    • फ्रंटल विज़न के अभाव के कारण GIB की विद्युत लाइनों से टकराने की अधिक संभावना रहती है।
  • पारिस्थितिकी महत्त्व: GIB एक संकेतक प्रजाति है तथा यह पक्षी चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के बेहतर स्वास्थ्य का परिचायक है। इनकी संख्या में कमी स्थानीय घास के मैदानों के क्षरण का संकेतक है।
  • संरक्षण स्थिति: IUCN रेड लिस्ट (गंभीर रूप से संकटग्रस्त), CITES (परिशिष्ट 1), प्रवासी प्रजातियों पर अभिसमय (CMS) (परिशिष्ट I) और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (अनुसूची I)
  • खतरे: कृषि, खनन और बुनियादी ढाँचे से इनके अधिवास की क्षति के साथ विद्युत लाइनों से टकराव (मृत्यु दर का प्रमुख कारण) इनके लिये प्रमुख खतरा है।
    • इनके अवैध शिकार में कमी आई है लेकिन मानवीय गतिविधियों एवं असंतुलित भूमि उपयोग से इस प्रजाति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
  • संरक्षण प्रयास: इसके संरक्षण की दिशा में वर्ष 2018 में पर्यावरण मंत्रालय, भारतीय वन्यजीव संस्थान और राजस्थान वन विभाग ने प्रोजेक्ट GIB की शुरुआत की।
    • जैसलमेर के सुदासरी और साम स्थित कैप्टिव ब्रीडिंग सेंटर्स में नवजात GIB की जीवन दर में सुधार के क्रम में AI-सक्षम निगरानी, ​​इनक्यूबेटर तथा सेंसर-आधारित प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है।

Great_Indian_Bustard

और पढ़ें: ग्रेट इंडियन बस्टर्ड्स


रैपिड फायर

आइज़ोल में रेल संपर्क

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल को बैराबी-सैरांग रेल लाइन के माध्यम से राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया है। इसके साथ ही यह असम (दिसपुर), त्रिपुरा (अगरतला) और अरुणाचल प्रदेश (ईटानगर) के बाद रेल पहुँच वाली पूर्वोत्तर क्षेत्र की चौथी राजधानी बन गई है। 

  • इससे पहले शिलांग (मेघालय) में रेलवे संपर्क का खासी दबाव समूहों द्वारा विरोध किया गया था, जिन्हें भय था कि इससे राज्य में बाहरी लोगों का आवागमन बढ़ सकता है।

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भारतीय रेल:

  • वर्ष 1853 में शुरुआत के बाद देश की पहली रेल द्वारा बंबई से ठाणे के बीच 21 मील की दूरी तय की गई थी। 
  • अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत का रेलवे नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। 
  • वर्ष 2022-23 में भारतीय रेलवे को अपने आंतरिक राजस्व का 69% माल ढुलाई से तथा 24% यात्री सेवाओं से प्राप्त हुआ जबकि शेष 7% पार्सल सेवाओं, कोचिंग प्राप्तियों और प्लेटफाॅर्म टिकट बिक्री जैसे अन्य स्रोतों से प्राप्त हुआ।
  • वित्त वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान लगभग 1.5% था।
  • वर्ष 2050 तक भारत द्वारा वैश्विक रेल गतिविधि में लगभग 40% योगदान किये जाने की उम्मीद है। 
  • भारत में राष्ट्रीय रेल योजना (NRP) 2030 को इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण और भविष्य अनुकूल रेलवे ढाँचे के विकास हेतु तैयार किया गया है। 

और पढ़ें: भारतीय रेलवे के भविष्य का पुन: अनुमार्गण 


रैपिड फायर

विश्व प्रत्यायन दिवस 2025

स्रोत: पी.आई.बी

भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) ने व्यापार और अर्थव्यवस्था में प्रत्यायन की भूमिका को उजागर करने के लिये 9 जून को विश्व प्रत्यायन दिवस (WAD) 2025 मनाया, जिसका विषय था "प्रत्यायन: लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) का सशक्तीकरण"

  • QCI ने MSME के लिये डिजिटल मान्यता पहुँच बढ़ाने तथा गुणवत्ता मानकों के प्रति सार्वजनिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिये संशोधित NABL पोर्टल और गुणवत्ता समर्पण पहल भी शुरू की।

प्रत्यायन

  • प्रत्यायन एक औपचारिक सत्यापन है कि कोई संस्था परीक्षण, निरीक्षण या प्रमाणन में गुणवत्ता मानकों को पूरा करती है। यह स्वास्थ्य, शिक्षा और खाद्य जैसे क्षेत्रों में गुणवत्ता को बढ़ाता है, मानकीकरण को बढ़ावा देता है तथा वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाता है।

भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI)

प्रमाणन बनाम प्रत्ययन

विशेषताएँ

प्रमाणन (Certification)

प्रत्ययन (Accreditation)

परिभाषा

किसी सेवा, उत्पाद या प्रक्रिया की अनुरूपता पर तीसरे पक्ष द्वारा एक लिखित आश्वासन, जो किसी विशेष आवश्यकताओं पर आधारित होता है, जिसे शिक्षा, ऑडिट, मूल्यांकन या बाहरी समीक्षा के माध्यम से प्रदान किया जाता है।

किसी अधिकृत संस्था द्वारा निर्दिष्ट मानकों के अनुरूप दक्षता की औपचारिक मान्यता।

मूल गतिविधियाँ

किसी दिये गए उद्योग में कंपनी की सभी गतिविधियों से संबंधित।

विशिष्ट गतिविधियों पर आधारित होती है और संगठन की सभी गतिविधियों पर आधारित नहीं होती।

अनुमोदन

किसी उत्पाद, सेवा या प्रक्रिया का तीसरे पक्ष द्वारा अनुमोदन शामिल होता है।

किसी स्वतंत्र तीसरे पक्ष द्वारा किसी उत्पाद, सेवा या प्रक्रिया का अनुमोदन शामिल होता है।

और पढ़ें: भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI)


रैपिड फायर

चिनाब रेल ब्रिज और अंजी खाद ब्रिज

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर चिनाब रेल ब्रिज और अंजी नदी (चिनाब नदी की एक सहायक नदी) पर अंजी खाद ब्रिज का उद्घाटन किया ।

  • चिनाब रेल ब्रिज: रियासी ज़िले में स्थित यह विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज है, जिसकी ऊँचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊँचा है।
  • निर्माण और डिज़ाइन: इसका निर्माण कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा तथा नींव IISc बंगलूरू द्वारा डिज़ाइन की गई है। IIT दिल्ली और IIT रुड़की ने भूकंपीय विश्लेषण किया, जबकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सुनिश्चित किया कि पुल विस्फोट-प्रतिरोधी हो।
  • स्थायित्व और सुरक्षा: यह 8 तीव्रता के भूकंप, 40 टन TNT तक के विस्फोट, -20 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान और 266 किमी./घंटा की गति वाली वायु को सहन करने की क्षमता रखता है।
  • विशिष्टता: इसका एक महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि यह आठ पुलों में से एक के खराब हो जाने पर भी स्थिर और कार्यशील बना रहेगा, जिससे ट्रेनें धीमी गति से चल सकती हैं।

Chenab_Rail_Bridge

  • अंजी खाद ब्रिज: यह भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है तथा चेनाब रेल ब्रिज के बाद देश का दूसरा सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज है।
  • महत्त्व: दोनों ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा हैं, जो कश्मीर और शेष भारत के बीच सभी मौसम के दौरान रेल संपर्क प्रदान करता है।
  • चिनाब नदी: चिनाब (या चंद्रभागा नदी) सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो हिमाचल प्रदेश के तांडी में चंद्रा और भागा नदियों के संगम से बनती है।

और पढ़ें: अंजी खाद ब्रिज  


रैपिड फायर

रेड ड्वार्फ स्टार की परिक्रमा करता विशाल ग्रह

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

खगोलविदों ने हमारे सौरमंडल से परे रेड ड्वार्फ स्टार/लाल बौने तारे TOI-6894 की परिक्रमा कर रहे शनि ग्रह के आकार के एक गैसीय ग्रह की खोज की है।

  • इस ग्रह का अध्ययन मुख्य रूप से नासा के ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) और चिली स्थित यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला द्वारा संचालित वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) के डेटा का उपयोग करके किया गया।
  • यह इतना विशालकाय ग्रह को समाहित करने वाला सबसे छोटा ज्ञात तारा है, जो ग्रह निर्माण के पारंपरिक सिद्धांतों को चुनौती देता है।
  • यह तारा सिंह (Leo) तारामंडल में स्थित है और सूर्य के द्रव्यमान का केवल 21% होने के बावजूद एक शनि-आकार के गैस दानव ग्रह को धारण करता है। यह खगोलीय व्यवस्था वर्तमान वैज्ञानिक मॉडल्स को चुनौती देती है, जो यह मानते हैं कि छोटे तारे आमतौर पर केवल पृथ्वी या मंगल जैसे चट्टानी ग्रहों का निर्माण करते हैं।
  • रेड ड्वार्फ: रेड ड्वार्फ सबसे छोटे तारे हैं, जिनका द्रव्यमान सूर्य के 7.5% से 50% के बीच होता है। 
    • उनकी चमक बहुत कम होती है, वे सूर्य की चमक का केवल 0.01% से 10% ही उत्सर्जित करते हैं तथा सतह का कम तापमान उन्हें लाल या नारंगी चमक देता है। 
    • उनकी धीमी हाइड्रोजन दहन प्रक्रिया उन्हें खरबों वर्षों तक चमकने में सक्षम बनाती है, जो सूर्य के 10 अरब वर्ष के जीवनकाल से भी अधिक है। 
    • ये आकाशगंगा (मिल्की वे) में सबसे अधिक पाए जाने वाले तारों का प्रकार हैं। सूर्य के सबसे निकटस्थ तारा, प्रॉक्सिमा सेंटॉरी, भी एक लाल बौना (रेड ड्वार्फ) ही है।

Red_Dwarf_Star

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