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राजस्थान

प्रदेश के सभी ज़िलों में पेयजल जाँच प्रयोगशालाओं को मिला ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’

  • 18 Jan 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

17 जनवरी, 2022 को राजस्थान के जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के तहत प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता जाँच के लिये समस्त ज़िलों में संचालित पेयजल गुणवत्ता जाँच प्रयोगशालाओं को ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ प्रमाणीकरण मिल गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पीएचईडी में राजधानी जयपुर में मुख्यालय पर राज्यस्तरीय पेयजल गुणवत्ता जाँच प्रयोगशाला स्थापित है, इसके अलावा अन्य 32 ज़िलों में ज़िलास्तरीय प्रयोगशालाएँ चलाई जा रही हैं। अब इन सभी 33 प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र संस्था ‘नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्रीज’(एनएबीएल) से प्रमाणीकरण मिल गया है।
  • देश में एनएबीएल जाँच प्रयोगशालाओं के प्रमाणीकरण के लिये राष्ट्रीय स्तर की एक स्वतंत्र संस्था है। इसके द्वारा आईएसओ/आईईसी:17025 के तहत परीक्षण प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रमाणीकरण दिया जाता है। 
  • यह संस्था भारत सरकार में ‘क्वालिटी काऊंसिल ऑफ इंडिया’के तहत स्थापित है, जो लेबोरेट्रीज के ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’के लिये थर्ड पार्टी एजेंसी के रूप में प्रयोगशालाओं की लीगल आईडेंटिटी, इसमें कार्यरत् मानव श्रम की संख्या के साथ ही उनकी योग्यता और अनुभव, उपकरणों के समयबद्ध केलिब्रेशन (जाँच में दक्षता की परख) आदि बिंदुओं के आधार पर ‘परफॉरमेंस ऑडिट’के बाद प्रमाणीकरण करती है। 
  • राज्य सरकार द्वारा आमजन के स्तर पर पेयजल गुणवत्ता जाँच को बढ़ावा देने के लिये एक महत्त्वपूर्ण निर्णय के तहत सभी नागरिकों हेतु 16 बिंदुओं पर आधारित पेयजल गुणवत्ता परीक्षण की दर 1000 रुपए से घटाकर 600 रुपए की गई है। इससे प्रदेश की सभी ‘एनएबीएल एक्रीडेटेड’ज़िलास्तरीय गुणवत्ता जाँच प्रयोगशालाओं में लोगों को फ्लोराइड, नाईट्रेट, थर्मो टॉलरेंट कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया, टोटल कोलोफॉर्म बैक्टीरिया, आर्सेनिक, आयरन, सल्फेट, क्लोराइड, रेजिड्यूअल क्लोरीन, टोटल हार्डनेस, टोटल अल्केलिनिटी, टर्बिनिटी, टोटल डिजोल्वड सॉलिड, पीएच, कलर और ऑडर के 16 बिंदुओं पर आधारित गुणवत्ता जाँच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
  • डॉ. जोशी ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2024 तक सभी परिवारों को ‘हर घर जल’कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ ही वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग एंड सर्विलियंस (डब्ल्यूक्यूएमएस) प्रोगाम में पेयजल गुणवत्ता की दृष्टि से प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष में 102 नई ब्लॉकस्तरीय पेयजल गुणवत्ता जाँच प्रयोगशालाएँ भी स्थापित की जाएंगी।
  • डॉ. जोशी ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लिये स्वीकृत परियोजनाओं में ‘हर घर जल’कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ एवं गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग हेतु 11 हज़ार 343 ग्राम पंचायतों में वितरण के लिये 12 हज़ार से अधिक ‘फील्ड टेस्टिंग किट’की खरीद की गई है। इस किट का उपयोग करते हुए राज्य के 43 हज़ार 323 गाँवों में गठित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी-विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी) के सदस्य जेजेएम में ‘हर घर जल’कनेक्शन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में गुणवत्ता की समयबद्ध जाँच कर सकेंगे।
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