प्रारंभिक परीक्षा
बिरसा मुंडा शहीद दिवस
- 10 Jun 2025
- 7 min read
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री ने 9 जून 2025 को भगवान बिरसा मुंडा को उनके शहीद दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
बिरसा मुंडा कौन थे?
- बिरसा मुंडा एक आदिवासी नेता, धार्मिक सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने छोटानागपुर क्षेत्र में ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ एक मज़बूत प्रतिरोध का नेतृत्व किया था।
- उन्हें धरती आबा (पृथ्वी के पिता) के रूप में भी जाना जाता है, उन्हें भूमि अधिकार, सामाजिक सुधार और आध्यात्मिक एकता के लिये आदिवासी समुदायों को संगठित करने हेतु याद किया जाता है।
- प्रारंभिक जीवन: 15 नवंबर 1875 को उलिहातु (ज़िला खूंटी, झारखंड) में एक गरीब मुंडा आदिवासी बटाईदार परिवार में जन्मे बिरसा का प्रारंभिक नाम दाउद मुंडा रखा गया था, क्योंकि उनके पिता ने अस्थायी रूप से ईसाई धर्म अपना लिया था।
- शिक्षा: जर्मन मिशन स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के बाद बिरसा शुरू में ईसाई शिक्षाओं से प्रभावित हुए लेकिन सांस्कृतिक अलगाव के कारण उन्होंने उन्हें अस्वीकार कर दिया।
- वे वैष्णव धर्म से प्रेरित थे, उन्होंने बिरसाइत धर्म की स्थापना की और उनके अनुयायी उन्हें भगवान के रूप में पूजते थे।
- विश्वास और शिक्षाएँ: उन्होंने सिंहबोंगा (सूर्य देवता) की पूजा के माध्यम से एकेश्वरवाद का प्रचार किया, शराबखोरी, काला जादू, अंधविश्वास और जबरन श्रम ( बेथ बेगारी) की निंदा की तथा स्वच्छता, आध्यात्मिक एकता, आदिवासी पहचान पर गर्व एवं सामुदायिक भूमि स्वामित्व को बढ़ावा दिया।
- ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध: ब्रिटिश भूमि राजस्व नीतियों ने पारंपरिक खूंट कट्टी भूमि प्रणाली (एक कबीले के भीतर सामूहिक भूमि स्वामित्व) को समाप्त कर दिया, जिससे ज़मींदारों और ठेकेदारों को सशक्त बनाया गया, जिन्होंने आदिवासी किसानों का शोषण किया।
- बिरसा ने इन अन्यायों के विरुद्ध आदिवासी जनता को संगठित किया तथा उनके अधिकारों को पुनः प्राप्त करने हेतु अभियान चलाया।
- उलगुलान आंदोलन (1895-1900): 1895 में, बिरसा मुंडा को दंगा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 2 वर्षों के लिये कारावास में डाल दिया गया; वर्ष 1897 में रिहा होने के बाद, उन्होंने आदिवासी नेतृत्व वाले स्वशासन आंदोलन के लिये गाँवों में समर्थन जुटाना प्रारंभ किया।
- वर्ष 1899 में, उन्होंने उलगुलान (महान कोलाहल) आंदोलन शुरू किया, जिसमें ब्रिटिश सत्ता का विरोध करने और "बिरसा राज" के रूप में ज्ञात एक स्वशासित आदिवासी राज्य की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये गुरिल्ला युद्ध रणनीति शामिल थी।
- परिणाम और विरासत: उन्हें फरवरी 1900 में पकड़ा गया और 9 जून, 1900 को 25 वर्ष की आयु में, रहस्यमय परिस्थितियों में, ब्रिटिश हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई, जिसे आधिकारिक रूप से हैज़ा के कारण बताया गया।
- उनके आंदोलन के परिणामस्वरूप छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (1908) पारित हुआ, जिसने जनजातीय भूमि अधिकारों (खुंटकट्टी) को मान्यता प्रदान की, गैर-जनजातीय लोगों को भूमि हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाया और बेथ बेगारी (जबरन श्रम) को समाप्त कर दिया।
- वर्ष 2021 से 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) के रूप में मनाया जाता है।
जनजातीय समुदायों से संबंधित प्रमुख पहल
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एक समग्र पहल है जो 63,000 अनुसूचित जनजाति-प्रधान गाँवों में समेकित विकास को लक्षित करती है।
- PM-JANMAN की शुरुआत वर्ष 2023 में की गई थी, ताकि स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय समावेशन और सामुदायिक समर्थन सहित लक्षित योजनाओं के साथ विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) का समर्थन किया जा सके।
- प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY) का उद्देश्य महत्त्वपूर्ण जनजातीय जनसंख्या वाले गाँवों में बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है? (a) 1, 2 और 3 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013) जनजाति राज्य
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित है? केवल 1 और 3 उत्तर: (a) |