रैपिड फायर
हार्ट लैंप को वर्ष 2025 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला
स्रोत: द हिंदू
बानू मुश्ताक द्वारा लिखित लघु कहानी संग्रह "हार्ट लैंप", जिसका दीपा भास्ती द्वारा अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया है, वर्ष 2025 अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ कृति बन गई है, जो भारतीय क्षेत्रीय साहित्य के लिये एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
- हार्ट लैंप में पितृसत्ता के अधीन महिलाओं के संघर्ष को चित्रित करने वाली कहानियाँ हैं, जो बंदया साहित्य आंदोलन की प्रतिध्वनि हैं और लैंगिक भेदभाव के सार्वभौमिक विषयों पर प्रकाश डालती हैं।
- 1970 के दशक के बंदया आंदोलन ने महिलाओं के अधिकार और दलित मुद्दों पर साहित्यिक एवं सामाजिक सक्रियता को प्रज्वलित किया, जिसने कर्नाटक के साथ-साथ भारतीय राजनीति और साहित्य को प्रभावित किया।
- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार: यह पूर्व में मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, यह अनूदित उपन्यास के लिये एक प्रतिष्ठित वार्षिक पुरस्कार है, जो UK या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ दीर्घ-रचनाओं या लघु कहानी संग्रहों को सम्मानित करता है। यह बुकर पुरस्कार फाउंडेशन, UK द्वारा प्रदान किया जाता है।
- पुरस्कार में 50,000 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (GBP) की धनराशि प्रदान की जाती है, जिसे लेखक और अनुवादक के बीच बराबर-बराबर सहभाजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक चयनित लेखक और अनुवादक को 2,500 GBP प्रदान किया जाता है।
- भारतीय अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता:
वर्ष |
लेखक |
कृति |
1971 |
वी. एस. नायपॉल |
इन अ फ्री स्टेट |
1981 |
सलमान रुश्दी |
मिडनाइट्स चिल्ड्रन |
1997 |
अरुंधति रॉय |
द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स |
2006 |
किरण देसाई |
द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस |
2008 |
अरविंद अडिगा |
द व्हाइट टाइगर |
2022 |
गीतांजलि श्री |
टॉम्ब ऑफ सैंड |
और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2024
रैपिड फायर
iGOT कर्मयोगी
स्रोत: पी.आई.बी.
भारत के राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (मिशन कर्मयोगी) के लिये केंद्रीय iGOT कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है, जिसमें 1 करोड़ से अधिक सिविल सेवक पंजीकृत हैं, जो तेज़ी से डिजिटल अपनाने और लोक प्रशासन में परिवर्तनकारी बदलाव को दर्शाता है।
- पंजीकरण के अनुसार शीर्ष 5 राज्य बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं। iGOT कर्मयोगी ने 3.1 करोड़ से अधिक शिक्षण प्रमाण-पत्र जारी किये हैं तथा कुल 3.8 करोड़ शिक्षण घंटे पूरे किये गए हैं।
- iGOT कर्मयोगी: कर्मयोगी भारत द्वारा संचालित, iGOT कर्मयोगी 16 भाषाओं में 2,400 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है, जो सभी पाठ्यक्रम भारतीय ज्ञान और मिशन कर्मयोगी के सिद्धांतों पर आधारित स्वदेशी कर्मयोगी योग्यता मॉडल के अनुरूप हैं।
- कर्मयोगी भारत, एक 100% सरकारी स्वामित्व वाली गैर-लाभकारी विशेष प्रयोजन कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत निगमित किया गया है।
-
मिशन कर्मयोगी: इसका उद्देश्य भारत की विकासात्मक प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुरूप एक पेशेवर, अच्छी तरह से प्रशिक्षित और भविष्य के लिये तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है।
- यह मिशन नियम-आधारित (rule-based) प्रशिक्षण से भूमिका-आधारित (role-based) प्रशिक्षण की ओर एक परिवर्तन को बढ़ावा देता है और यह एक क्षमता-आधारित दृष्टिकोण को अपनाता है जो अभिवृति, कौशल एवं ज्ञान (Attitude, Skills, and Knowledge- ASK) के सही मिश्रण पर केंद्रित है।
- यह 70-20-10 मॉडल (70% अनुभव से सीखना, 20% साथियों से सीखना और 10% औपचारिक प्रशिक्षण से) का पालन करता है। यह सीखने को कॅरियर के लक्ष्यों से भी जोड़ता है और उद्देश्यपूर्ण प्रदर्शन मूल्यांकन सुनिश्चित करता है।