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हार्ट लैंप को वर्ष 2025 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला

  • 23 May 2025
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

बानू मुश्ताक द्वारा लिखित लघु कहानी संग्रह "हार्ट लैंप", जिसका दीपा भास्ती द्वारा अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया है, वर्ष 2025 अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ कृति बन गई है, जो भारतीय क्षेत्रीय साहित्य के लिये एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

  • हार्ट लैंप में पितृसत्ता के अधीन महिलाओं के संघर्ष को चित्रित करने वाली कहानियाँ हैं, जो बंदया साहित्य आंदोलन की प्रतिध्वनि हैं और लैंगिक भेदभाव के सार्वभौमिक विषयों पर प्रकाश डालती हैं।
    • 1970 के दशक के बंदया आंदोलन ने महिलाओं के अधिकार और दलित मुद्दों पर साहित्यिक एवं सामाजिक सक्रियता को प्रज्वलित किया, जिसने कर्नाटक के साथ-साथ भारतीय राजनीति और साहित्य को प्रभावित किया।
  • अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार: यह पूर्व में मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, यह अनूदित उपन्यास के लिये एक प्रतिष्ठित वार्षिक पुरस्कार है, जो UK या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ दीर्घ-रचनाओं या लघु कहानी संग्रहों को सम्मानित करता है। यह बुकर पुरस्कार फाउंडेशन, UK द्वारा प्रदान किया जाता है।
    • पुरस्कार में 50,000 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (GBP) की धनराशि प्रदान की जाती है, जिसे लेखक और अनुवादक के बीच बराबर-बराबर सहभाजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक चयनित लेखक और अनुवादक को 2,500 GBP प्रदान किया जाता है।
  • भारतीय अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता:

वर्ष

लेखक

कृति

1971

वी. एस. नायपॉल

इन अ फ्री स्टेट

1981

सलमान रुश्दी

मिडनाइट्स चिल्ड्रन

1997

अरुंधति रॉय

द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स

2006

किरण देसाई

द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस

2008

अरविंद अडिगा

द व्हाइट टाइगर

2022

गीतांजलि श्री

टॉम्ब ऑफ सैंड

और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2024

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