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iGOT कर्मयोगी

  • 23 May 2025
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

भारत के राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (मिशन कर्मयोगी) के लिये केंद्रीय iGOT कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है, जिसमें 1 करोड़ से अधिक सिविल सेवक पंजीकृत हैं, जो तेज़ी से डिजिटल अपनाने और लोक प्रशासन में परिवर्तनकारी बदलाव को दर्शाता है।

  • पंजीकरण के अनुसार शीर्ष 5 राज्य बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं। iGOT कर्मयोगी ने 3.1 करोड़ से अधिक शिक्षण प्रमाण-पत्र जारी किये हैं तथा कुल 3.8 करोड़ शिक्षण घंटे पूरे किये गए हैं।
  • iGOT कर्मयोगी: कर्मयोगी भारत द्वारा संचालित, iGOT कर्मयोगी 16 भाषाओं में 2,400 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है, जो सभी पाठ्यक्रम भारतीय ज्ञान और मिशन कर्मयोगी के सिद्धांतों पर आधारित स्वदेशी कर्मयोगी योग्यता मॉडल के अनुरूप हैं।
  • कर्मयोगी भारत, एक 100% सरकारी स्वामित्व वाली गैर-लाभकारी विशेष प्रयोजन कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत निगमित किया गया है।
  • मिशन कर्मयोगी: इसका उद्देश्य भारत की विकासात्मक प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुरूप एक पेशेवर, अच्छी तरह से प्रशिक्षित और भविष्य के लिये तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है।

    • यह मिशन नियम-आधारित (rule-based) प्रशिक्षण से भूमिका-आधारित (role-based) प्रशिक्षण की ओर एक परिवर्तन को बढ़ावा देता है और यह एक क्षमता-आधारित दृष्टिकोण को अपनाता है जो अभिवृति, कौशल एवं ज्ञान (Attitude, Skills, and Knowledge- ASK) के सही मिश्रण पर केंद्रित है।
    • यह 70-20-10 मॉडल (70% अनुभव से सीखना, 20% साथियों से सीखना और 10% औपचारिक प्रशिक्षण से) का पालन करता है। यह सीखने को कॅरियर के लक्ष्यों से भी जोड़ता है और उद्देश्यपूर्ण प्रदर्शन मूल्यांकन सुनिश्चित करता है।

और पढ़ें: कर्मयोगी मिशन के तहत राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह

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