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गंगा डॉल्फिन

  • 23 May 2025
  • 5 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड

चर्चा में क्यों?

भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के एक हालिया अध्ययन ने लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन (Platanista gangetica) के लिये गंभीर रासायनिक प्रदूषण के खतरों पर प्रकाश डाला है।

गंगा डॉल्फिन से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: गंगा नदी डॉल्फिन, जिसे "टाइगर ऑफ गंगा" भी कहा जाता है, की आधिकारिक खोज वर्ष 1801 में हुई थी। 
  • यह भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव (वर्ष 2009 में घोषित) और असम का राजकीय जलीय जीव है।
    • यह नदी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के एक विश्वसनीय संकेतक के रूप में कार्य करती है, तथा जैवविविधता और जल गुणवत्ता पर प्रकाश डालती है।
  • निवास स्थान: ऐतिहासिक रूप से यह भारत, नेपाल और बांग्लादेश में गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदी प्रणालियों में पाई जाती है। लेकिन यह प्रजाति अपने अधिकांश प्रारंभिक वितरण क्षेत्रों से विलुप्त हो चुकी है।

  • विशेषताएँ: यह विशेष रूप से स्वच्छ जल की प्रजाति है, ये कार्यात्मक रूप से दृष्टिहीन होती हैं और शिकार का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनिक इकोलोकेशन पर निर्भर करती हैं।
    • सामान्यतः अकेले या छोटे समूहों में, प्रायः माँ-बछड़े के युग्म (Mother-Calf Pairs) के रूप में देखा जाता है। 
    • श्वसन के कारण उत्पन्न होने वाली ध्वनि के कारण इसे स्थानीय रूप से 'सुसु' कहा जाता है।
  • जनसंख्या: प्रोजेक्ट डॉल्फिन (वर्ष 2020) के तहत पहले राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 6,327 नदी डॉल्फिन हैं।
    • वर्ष 1957 के बाद से गंगा डॉल्फिन की जनसंख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है , तथा जनसंख्या में 25% की कमी आई है । 
  • खतरा: WII के एक अध्ययन में गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिनों द्वारा भोजन के रूप में खाई जाने वाली मछलियों में हानिकारक अंतःस्रावी-विघटनकारी रसायनों (EDCs) का उच्च स्तर पाया गया है।
    • औद्योगिक रसायन (DEHP, DNBP), प्रतिबंधित कीटनाशक (DDT, लिंडेन(Lindane)) और भारी धातुएँ (आर्सेनिक, मरकरी, कैडमियम) जैसे प्रदूषक, मुख्य रूप से कृषि अपवाह, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन एवं खराब अपशिष्ट प्रबंधन से उत्पन्न होते हैं, जो हार्मोनल व प्रजनन प्रणालियों को नुकसान पहुँचाते हैं। 
    • अतिरिक्त खतरों में मत्स्यं के उपकरणों का उलझना, अवैध शिकार, बांधों और जल निकासी से आवास स्थल का नुकसान तथा जहाज़ों का शोर शामिल हैं।
  • संरक्षण स्थिति:

गंगा डॉल्फिन संरक्षण के लिये भारत की पहल

  • प्रोजेक्ट डॉल्फिन : गंगा नदी डॉल्फिन, जिन्हें अंब्रेला प्रजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है, के लिये विशेष संरक्षण उपायों को क्रियान्वित करता है। 
  • इस परियोजना का उद्देश्य समुद्री और नदी डॉल्फिन के साथ-साथ संबंधित सीटेशियन को भी संरक्षित करना है। यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है। 
  • बिहार में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य स्थापित किया गया है। यह भारत का एकमात्र समर्पित डॉल्फिन अभयारण्य है। 
  • राष्ट्रीय गंगा नदी डॉल्फिन दिवस (5 अक्तूबर)

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है? (2015)

(a) खारे पानी के मगरमच्छ
(b) ओलिव रिडले टर्टल
(c) गंगा डॉल्फिन
(d) घड़ियाल

उत्तर: (c)

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