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शहीद दिवस पर उधम सिंह को श्रद्धांजलि
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद उधम सिंह (राम मोहम्मद सिंह आज़ाद) को उनके 86वें शहादत दिवस (31 जुलाई) पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उधम सिंह को भारत का अमर पुत्र संबोधित करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी राष्ट्रभक्ति तथा वीरता सदैव देशवासियों के लिये प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
मुख्य बिंदु
शहीद उधम सिंह के बारे में:
- जन्म एवं प्रारंभिक जीवन:
- 26 दिसंबर,1899 को पंजाब के सुनाम में जन्मे उधम सिंह का जीवन सिख धर्म और क्रांतिकारी गतिविधियों के प्रभाव में रहा, जिनमें कोमागाटा मारू घटना तथा गदर पार्टी के विद्रोह ने उनके औपनिवेशिक विरोधी दृष्टिकोण को आकार दिया।
- क्रांतिकारी गतिविधियाँ:
- वर्ष 1924 में उन्होंने औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध संघर्ष हेतु गदर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वर्ष 1927 में उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार कर पाँच वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई।
- मार्च 1940 में लंदन स्थित कैक्सटन हॉल में आयोजित एक सभा के दौरान उन्होंने ब्रिटिश पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ'डायर की हत्या कर वर्ष 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड का प्रतिशोध लिया।
- मृत्यु:
- इस कृत्य के लिये उन पर मुकदमा चलाया गया तथा 31 जुलाई 1940 को उन्हें लंदन स्थित पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।
- विरासत:
- वर्ष 1974 में उनके पार्थिव अवशेष भारत लाए गए और पंजाब सहित विभिन्न स्थानों पर उनके बलिदान को याद करने के लिये स्मारक, संग्रहालय तथा शैक्षणिक संस्थान स्थापित किये गए।
- हरियाणा सरकार ने 31 जुलाई को शहीद उधम सिंह शहादत दिवस के रूप में राजपत्रित अवकाश घोषित किया है।
- वर्ष 1995 में उत्तराखंड के एक ज़िले का नाम परिवर्तित कर उधम सिंह नगर रखा गया।