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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Jul 2025
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मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश पुष्प उत्पादन में तीसरे स्थान पर

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश पुष्पोत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए देश का तीसरा सबसे बड़ा फूल उत्पादक राज्य बन गया है।

मुख्य बिंदु

मध्य प्रदेश के पुष्पोत्पादन क्षेत्र के बारे में: 

  • बढ़ता क्षेत्र और उत्पादन:
    • वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश में 42,978 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती की गई, जिससे 5.12 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड उत्पादन प्राप्त हुआ।
    • पुष्पोत्पादन क्षेत्रफल वर्ष 2021-22 के 37,647 हेक्टेयर से बढ़कर 42,976 हेक्टेयर हो गया, वहीं उत्पादन में 86,294 टन की वृद्धि दर्ज की गई।
  • उत्पादकता:
    • राज्य की प्रति हेक्टेयर पुष्प उत्पादकता 15.01 मीट्रिक टन है, जो पुष्पकृषि उद्योग में एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा रही है।
  •  प्रमुख पुष्प और किस्में:
    • प्राथमिक पुष्प: गेंदा, गुलाब, गुलदाउदी, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा तथा औषधीय पुष्प जैसे ईसबगोल, अश्वगंधा और सफेद मूसली
    • गेंदा: सबसे बड़े क्षेत्र में उगाया जाने वाला पुष्प, जिसका क्षेत्रफल 24,214 हेक्टेयर है।
    • गुलाब: लगभग 4,502 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादित।
    • अन्य किस्में: गुलदाउदी (1,709 हेक्टेयर), ग्लैडियोलस (1,058 हेक्टेयर), ट्यूबरोज़़ (263 हेक्टेयर) तथा अन्य विविध किस्में 11,227 हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई जाती हैं। 
  • सरकारी पहल और निवेश: 
    • राज्य तथा केंद्र सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पुष्पोत्पादन को प्रोत्साहित कर रही हैं, जिसका उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना तथा कृषि को लाभकारी बनाना है।
    • छोटी जोत (1–3 एकड़) वाले किसान भी फूलों की खेती से लाभान्वित हो रहे हैं।
    • राज्य का बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, फूलों की गुणवत्ता सुधार, प्रशिक्षण एवं विपणन पहलों को सशक्त बनाने हेतु निरंतर कार्य कर रहा है।
    • वर्ष 2024-25 में, फूलों की खेती में 5,329 हेक्टेयर का विस्तार देखा गया, जिसमें सरकारी पहलों ने इस वृद्धि में 33% से अधिक की सहायता की। 
    • तकनीकी प्रशिक्षण और उच्च तकनीक नर्सरियाँ जैसी पहलें इस क्षेत्र के विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
      • इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाने के लिये ग्वालियर में 13 करोड़ रुपए की लागत से केंद्र समर्थित हाई-टेक पुष्पोत्पादन नर्सरी विकसित की जा रही है।
  • बाज़ार विस्तार:
    • घरेलू मांग: मध्य प्रदेश में उत्पादित फूलों की जयपुर, दिल्ली तथा मुंबई जैसे महानगरों में उच्च मांग है।
    • अंतर्राष्‍ट्रीय पहुँच: गुना ज़िले के गुलाब अब पेरिस और लंदन जैसे वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच बना रहे हैं।
  • महत्त्व: 
    • अनुकूल जलवायु, उन्नत सिंचाई सुविधाएँ तथा सरकारी समर्थन में निरंतर वृद्धि के साथ मध्य प्रदेश, राष्ट्रीय पुष्पोत्पादन परिदृश्य में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है, जिससे ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और भारत के कृषि विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

पुष्पोत्पादन के बारे में 

  • भारत सरकार ने पुष्पोत्पादन को एक उभरते हुए उद्योग के रूप में चिह्नित किया है तथा इसे 100% निर्यातोन्मुख दर्जा प्रदान किया गया है।
    • एक उभरता हुआ उद्योग वह क्षेत्र होता है जो अपनी प्रारंभिक अवस्था में होता है परंतु उसमें भविष्य में तेज़ी से विस्तार और अर्थव्यवस्था पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालने की प्रबल संभावना होती है।
    • यह पाया गया है कि वाणिज्यिक पुष्पोत्पादन में प्रति इकाई क्षेत्रफल पर अन्य अधिकांश फसलों की तुलना में अधिक लाभ की संभावना होती है, जिससे यह एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में उभर रही है।
    • उदारीकृत अर्थव्यवस्था के प्रभाव से भारतीय उद्यमियों को नियंत्रित जलवायु परिस्थितियों में निर्यातोन्मुख पुष्पकृषि इकाइयों की स्थापना हेतु प्रोत्साहन मिला है।
    • कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) भारत में पुष्पोत्पादन के निर्यात संवर्द्धन एवं विकास हेतु नोडल एजेंसी है।
  • किस्में:
    • इनमें मुख्यतः कटे हुए फूल, गमले के पौधे, कटी हुई पत्तियाँ, बीज, बल्ब, कंद, जड़युक्त कलमें और सूखे फूल या पत्तियाँ शामिल होती हैं।
    • अंतर्राष्‍ट्रीय कटा हुआ फूल व्यापार में प्रमुख पुष्प फसलें हैं- गुलाब, कार्नेशन, गुलदाउदी, गेरबेरा, ग्लैडियोलस, जिप्सोफिला, लिआट्रिस, नेरिन, ऑर्किड, आर्किलिया, एंथुरियम, ट्यूलिप और लिली।
    • गेरबेरा, कार्नेशन जैसी पुष्पीय फसलें ग्रीनहाउस में उगाई जाती हैं, जबकि गुलदाउदी, गुलाब, गैलार्डिया, लिली, मैरीगोल्ड, एस्टर तथा ट्यूबरोज़़ जैसी फसलें खुले खेतों में उगाई जाती हैं।
  • उत्पादन क्षेत्र:
    • तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम और महाराष्ट्र पुष्पकृषि के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं।
  • भारत: तथ्य और आँकड़ें:
    • आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अमध्य नुसार, वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 2,97,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्पकृषि की गई, जिससे अनुमानित 22,84,000 टन खुले फूल तथा 9,47,000 टन कटे हुए फूलों का उत्पादन हुआ।
    • इसी अवधि में भारत ने 19,678 मीट्रिक टन पुष्पकृषि उत्पादों का निर्यात कर 717.83 करोड़ रुपए की आय अर्जित की।
  • प्रमुख निर्यात गंतव्य (2023-24): 
    • संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया प्रमुख निर्यात बाज़ार रहे।


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