मध्य प्रदेश
एम.पी.पी.एस.सी. - प्रकृति एवं प्रक्रिया
- 01 Mar 2024
- 12 min read
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा राज्य विशेष प्रशासन से संबंधित विभिन्न पदों सहित अन्य अधीनस्थ सेवाओं का आयोजन किया जाता है।
MPPSC मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में राज्य सरकार, अर्द्ध-सरकारी, न्यायिक, राज्य वन सेवाओं और अन्य अधीनस्थ सेवाओं के लिये भर्ती का प्रबंधन करता है।
‘मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा’ को प्रायः ‘MPPSC’ के नाम से भी जाना जाता है।
MPPSC परीक्षा योजना:
- MPPSC परीक्षा में तीन क्रमिक चरण शामिल हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
- प्रत्येक चरण को अभ्यर्थियों की योग्यता, ज्ञान और व्यक्तित्व का व्यापक परीक्षण करने के लिये एक अद्वितीय पैटर्न के साथ डिज़ाइन किया गया है।
- MPPSC परीक्षा की विस्तृत संरचना नीचे दी गई है:
अवस्था |
प्रमुख विशेषताऐं |
पत्रों की संख्या |
पूर्णांक |
विवरण |
प्रारंभिक |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न |
2 |
प्रथम प्रश्न पत्र: 200 अंक द्वितीय प्रश्न पत्र: 200 अंक (इसमें क्रमशः पेपर A और B में 100 प्रश्न हैं) |
सामान्य जागरूकता, तार्किक कौशल और विश्लेषणात्मक क्षमता का आकलन करता है |
मेन्स |
प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों के लिये वर्णनात्मक परीक्षा |
6 |
1400 |
सामान्य अध्ययन, निबंध लेखन और वैकल्पिक विषयों सहित विभिन्न विषयों में गहन ज्ञान का मूल्यांकन करता है |
साक्षात्कार |
सार्वजनिक सेवा के लिये उम्मीदवारों की उपयुक्तता का आकलन करने का अंतिम चरण |
- |
185 |
व्यक्तित्व, संचार कौशल, आत्मविश्वास और प्रशासनिक भूमिकाओं की समझ का मूल्यांकन करता है |
चयन एवं भर्ती:
- प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिये चुना जाता है।
- जो उम्मीदवार साक्षात्कार दौर में सफल होते है, वे उन पदों पर भर्ती के लिये पात्र होते हैं, जिनके लिये उन्होंने आवेदन किया है।
प्रारंभिक परीक्षा:
- MPPSC प्रारंभिक परीक्षा का परीक्षा पैटर्न मुख्य परीक्षा से अलग है।
विषय |
कुल प्रश्न |
पूर्णांक |
अवधि |
पेपर 1: सामान्य अध्ययन |
100 |
200 |
2 घंटे |
पेपर 2: सामान्य अभिरूचि परीक्षण (इसे CSAT के नाम से भी जाना जाता है) |
100 |
200 |
2 घंटे |
MPPSC प्रारंभिक परीक्षा योजना का विवरण
- नेगेटिव मार्किंग: MPPSC द्वारा आयोजित इस परीक्षा में गलत उत्तर के लिये किसी भी प्रकार की नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं है।
- योग्यता मानदंड: उम्मीदवार MPPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिये अर्हता प्राप्त कर मुख्य परीक्षा में आगे बढ़ेंगे, केवल तभी जब वे दोनों प्रश्न पत्र (GS और CSAT प्रश्न पत्र) पास कर लेंगे और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित कटऑफ स्कोर को पूरा करेंगे।
- प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंक अंतिम अंक में नहीं जोड़े जाते हैं, जिसमें मुख्य (लिखित) परीक्षा या साक्षात्कार के अंक शामिल होते हैं।
- भाषा: MPPSC प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।
नोट: 2017 से, 'मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा' और 'मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा परीक्षा' दोनों के लिये एक सामान्य प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती है, जबकि मुख्य परीक्षा पहले की तरह अलग-अलग आयोजित की जाती है।
मुख्य परीक्षा:
- MPPSC मुख्य परीक्षा के अंक विभाजन के अनुसार, प्रश्न पत्र 1, 2 और 3 प्रत्येक 300 अंकों के हैं, जबकि प्रश्न पत्र 4 और 5 प्रत्येक 200 अंकों के हैं और अंत में प्रश्न पत्र 6, 100 अंकों का है।
- जो अभ्यर्थी निर्दिष्ट कट-ऑफ को पूरा करके MPPSC मुख्य परीक्षा के लिये अर्हता प्राप्त करेंगे, वे MPPSC साक्षात्कार के लिये उपस्थित होने के पात्र होंगे।
विषय नाम |
पूर्णांक |
अवधि |
पेपर 1: सामान्य अध्ययन - I |
300 |
3 घंटे |
पेपर 2: सामान्य अध्ययन - II |
300 |
3 घंटे |
पेपर 3: सामान्य अध्ययन - III |
300 |
3 घंटे |
पेपर 4: सामान्य अध्ययन - IV |
200 |
3 घंटे |
पेपर 5: सामान्य हिंदी |
200 |
2 घंटे |
पेपर 6: हिंदी निबंध |
100 |
2.5 घंटे |
सामान्य अध्ययन - प्रथम प्रश्न पत्र, द्वितीय प्रश्न पत्र और तृतीय प्रश्न पत्र
दोनों खंड 'A' और 'B' के लिये, अभ्यर्थी अपने उत्तर केवल हिंदी या अंगेज़ी में लिख सकते हैं। तीनों प्रश्न पत्रों में, प्रत्येक खंड ('ए' और 'बी') के लिए अंकों का वितरण और शब्द सीमा निम्नानुसार होगी:
प्रश्नों का स्वरुप |
प्रश्नों की संख्या |
अंक (प्रति प्रश्न) |
अधिकतम शब्द संख्या प्रति प्रश्न |
पूर्णांक |
01. अति लघु उत्तरीय प्रश्न |
15 |
02 |
20 शब्द |
30 |
02. लघु उत्तरीय प्रश्न |
10 |
07 |
60 शब्द |
70 |
03. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
05 |
10 |
200 शब्द |
50 |
कुल: 30 प्रश्न, अधिकतम अंक: 150
सामान्य अध्ययन - छठा प्रश्न पत्र
दोनों खंड 'A और 'B' के लिये, अभ्यर्थी अपने उत्तर केवल हिंदी या अंग्रेजीं में लिख सकते हैं। प्रश्न पत्र में प्रत्येक खंड ('A' और 'B') के लिये अंकों का वितरण और शब्द सीमा निम्नानुसार होगी:
प्रश्नों का स्वरुप |
प्रश्नों की संख्या |
अंक (प्रति प्रश्न) |
अधिकतम शब्द संख्या प्रति प्रश्न |
पूर्णांक |
01. अति लघु उत्तरीय प्रश्न |
16 |
02 |
20 शब्द |
32 |
02. लघु उत्तरीय प्रश्न |
08 |
07 |
60 शब्द |
56 |
03. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
04 |
11 |
200 शब्द |
44 |
04. केस स्टडी |
01 |
18 |
जो निर्देशित किया गया हो |
18 |
कुल: 29 प्रश्न, अधिकतम अंक: 150
सामान्य हिंदी पांचवा पेपर सामान्य हिंदी और हिंदी व्याकरण पर केंद्रित है और यह केवल हिंदी माध्यम में आयोजित किया जाएगा। प्रश्न पत्र कुल 200 अंकों का है। अंकों के आवंटन के बारे में विवरण पाठ्यक्रम में शामिल हैं। प्रश्न पत्र की अवधि 2 घंटे होगी।
हिंदी निबंध यह प्रश्न पत्र केवल हिंदी माध्यम में आयोजित किया जाएगा। प्रश्न पत्र की विस्तृत संरचना इस प्रकार है:
क्र.स. |
प्रश्न का क्रमांक |
प्रश्नों की संख्या |
अधिकतम शब्द संख्या प्रति प्रश्न |
प्रर्णांक |
अवधि |
01 |
प्रथम निबंध-01 |
01 |
1000 |
50 |
2:30 घंटे |
02 |
द्वितीय निबंध-02 |
01 |
500 |
20 |
|
03 |
प्रारुप लेखन-03 |
01 |
500 |
15 |
|
04 |
प्रतिवेदन-04 |
01 |
250 |
15 |
|
|
|
योग- |
100 |
|
कुल अंक: 100
नोट:
- आवश्यकता के आधार पर, किसी भी प्रश्न में उप-प्रश्न भी हो सकते हैं। उत्तरों में स्पष्टता और संक्षिप्तता सुनिश्चित करने के लिये, उम्मीदवारों को परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न के लिये निर्दिष्ट शब्द सीमा का पालन करना चाहिये।
- मुख्य परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र (भाग 'A' और 'B' सहित) में अनारक्षित (UR) श्रेणी के अभ्यर्थियों (UR श्रेणी की महिला अभ्यर्थियों सहित) को न्यूनतम 40% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) और दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
साक्षात्कार
- MPPSC साक्षात्कार परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिये अंतिम चरण है। केवल वे उम्मीदवार जो MPPSC प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, वे साक्षात्कार के लिये उपस्थित होने के पात्र होंगे।
- वर्ष 2024 में MPPSC की इस परीक्षा में साक्षात्कार हेतु कुल 185 अंक निर्धारित किये गए (पूर्व में यह 175 अंकों का होता था) हैं।
- मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर अंतिम रूप से मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है।