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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Oct 2025
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भारत-दक्षिण कोरिया नौसैनिक द्विपक्षीय अभ्यास (IN–RoKN)

चर्चा में क्यों?


भारत-दक्षिण कोरिया द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास (IN-RoKN) का पहला संस्करण 13 अक्तूबर, 2025 को दक्षिण कोरिया के बु्सान नेवल बेस में शुरू हुआ, जो भारतीय नौसेना (IN) और कोरिया गणराज्य नौसेना (RoKN) के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी में एक मील का पत्थर है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: पहला IN-RoKN अभ्यास दो अलग-अलग चरणों- हार्बर फेज़ और सी फेज़ में आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य दोनों समुद्री सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता (इंटरऑपरेबिलिटी), आपसी समझ और विश्वास को बढ़ाना है।
    • हार्बर फेज़: इस चरण में, दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारी क्रॉस-डेक विज़िट, पेशेवर अनुभवों का आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं का साझाकरण, खेलकूद गतिविधियों और क्रॉस-ट्रेनिंग सत्रों में शामिल होंगे। INS सह्याद्रि के कमांडिंग ऑफिसर भी वरिष्ठ RoKN अधिकारियों और स्थानीय गण्यमान्य व्यक्तियों से शिष्टाचार करेंगे।
    • सी फेज़: समुद्री चरण में INS सह्याद्रि और ROKS Gyeongnam के बीच जटिल संयुक्त अभ्यास एवं संचालन संबंधी अभ्यास होंगे, जिनका उद्देश्य सामरिक समन्वय और परिचालन सहयोग को सुदृढ़ करना है।
  • INS सह्याद्रि: INS सह्याद्रि एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित शिवालिक-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट है। इसे वर्ष 2012 में कमीशन किया गया और यह ईस्टर्न नेवल कमांड के ईस्टर्न फ्लीट के अधीन सेवाएँ प्रदान करता है, जिसका मुख्यालय विशाखापट्टनम में स्थित है।
    • यह भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Self-Reliant India) पहल और उसकी स्वदेशी शिपबिल्डिंग क्षमताओं का प्रतीक है।
  • रणनीतिक महत्त्व: जैसे-जैसे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का भू-राजनीतिक महत्त्व बढ़ रहा है, भारत और कोरिया गणराज्य ने साझा हितों, आपसी सम्मान और सामान्य मूल्यों पर आधारित सुदृढ़ समुद्री साझेदारी विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की है।

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विश्‍व खाद्य दिवस 2025

चर्चा में क्यों?

विश्व खाद्य दिवस प्रतिवर्ष 16 अक्तूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, पोषण और संधारणीय कृषि के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: विश्व खाद्य दिवस संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा 16 अक्तूबर, 1945 को स्थापित खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है।
    • विश्व खाद्य दिवस 1979 में FAO की 20वीं महासभा के दौरान अस्तित्व में आया और 1984 में इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकृति प्रदान की।
    • भोजन का अधिकार 1948 के सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा-पत्र (Universal Declaration of Human Rights) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
  • थीम: वर्ष 2025 के लिये थीम है "बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य साथ-साथ", जो एग्रीफूड सिस्टम को बदलने में वैश्विक सहयोग की शक्ति को उजागर करती है।
  • भारत की स्थिति: पिछले दशक में भारत का अन्न उत्पादन लगभग 90 मिलियन मीट्रिक टन बढ़ा है, जो दृढ़ कृषि विकास को दर्शाता है।
    • फल और सब्ज़ियों का उत्पादन भी महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा है तथा इसी अवधि में यह 64 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हो गया।
    • भारत अब दूध और बाजरे (मिलेट्स) के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है, जबकि मछली, फल और सब्ज़ियों के उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है। वर्ष 2014 के बाद से शहद और अंडे का उत्पादन दोगुना हो गया है।
  • भारत की पहलें: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, पीएम पोषण (POSHAN) योजना, अंत्योदय अन्न योजना, राइस फोर्टिफिकेशन और प्राइस स्टेबिलाइज़ेशन फंड (PSF) जैसी प्रमुख पहलें भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ कर रही हैं।

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विशाखापत्तनम में गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब

चर्चा में क्यों?

गूगल ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब स्थापित करने के लिये  वर्ष 2026 से 2030 तक अगले पाँच वर्षों में 15 अरब डॉलर निवेश करने की योजना की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: इस परियोजना की घोषणा नई दिल्ली में आयोजित ‘भारत AI शक्ति’ कार्यक्रम के दौरान की गई, जहाँ गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने बताया कि उन्होंने इस परियोजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की थी। 
  • सबसे बड़ा AI हब: विशाखापत्तनम में बनने वाला नया डेटा सेंटर अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब होगा।
    • यह पहल गूगल की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी इस वर्ष लगभग 85 अरब डॉलर का निवेश करके अपने डेटा सेंटर नेटवर्क का विस्तार कर रही है, ताकि विश्वभर में बढ़ती AI सेवाओं की मांग को पूरा किया जा सके।
  • सेवाएँ: गूगल AI हब पूरी तरह से AI समाधान प्रदान करेगा, जिसमें गूगल के स्वामित्व वाले टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (TPU) का उपयोग किया जाएगा, जो पारंपरिक चिप्स की तुलना में दोगुनी ऊर्जा-कुशल हैं।
    • यह हब डेटा को स्थानीय रूप से संग्रहित करेगा ताकि भारत की सॉवरेन AI आवश्यकताओं का पालन हो सके, साथ ही गूगल के उन्नत AI मॉडल जैसे- जेमिनी (Gemini), इमैजिन (Imagine) और वीओ (Veo) को भी तैनात किया जाएगा।
  • सहयोग: इस महत्त्वाकांक्षी पहल का समर्थन करने के लिये अडानी समूह और एयरटेल ने गूगल के साथ साझेदारी की है। इसके अंतर्गत आवश्यक बुनियादी ढाँचे का निर्माण किया जाएगा, जिसमें एक न्यू  इंटरनेशनल सबसिया गेटवे भी शामिल है।

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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती

चर्चा में क्यों?

15 अक्तूबर, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: डॉ. अवुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता प्राप्त की थी।
  • अंतरिक्ष अनुसंधान:
    वे भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) के परियोजना निदेशक रहे, जिसने जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया, जिससे भारत विशिष्ट "स्पेस क्लब" का सदस्य बना।
    • उन्होंने इसरो के प्रक्षेपण यान कार्यक्रम के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से PSLV कॉन्फिगरेशन के निर्माण में, जो भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं की आधारशिला बन गया।
  • रक्षा विकास: एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में, उन्होंने AGNI और PRITHVI जैसी प्रमुख मिसाइल प्रणालियों के विकास तथा संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • जुलाई, 1992 से दिसंबर, 1999 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DRDO) के सचिव के रूप में, डॉ. कलाम ने भारत के मिसाइल प्रणालियों के सशस्त्रीकरण का नेतृत्व किया तथा सफल पोखरण-II परमाणु परीक्षणों की देख-रेख की, जिससे भारत एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बना।
    • उनका योगदान रक्षा प्रणालियों में आत्मनिर्भरता तक विस्तृत था, जिसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के विकास में उनकी अहम भूमिका शामिल है।
  • विकसित भारत का दृष्टिकोण: उनका नेतृत्व टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन, फोरकास्टिंग एंड असेसमेंट काउंसिल (TIFAC) तक विस्तृत था, जहाँ उन्होंने अध्यक्ष के रूप में टेक्नोलॉजी विज़न 2020 परियोजना का नेतृत्व किया।
  • पुस्तकें: उनकी रचनाएँ जैसे- “विंग्स ऑफ फायर”, “इंडिया 2020 - ए विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम”, “माय जर्नी” और “इग्नाइटेड माइंड्स - अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया”- अनेक भाषाओं में अनुदित की गई हैं, जो आज भी विश्वभर में लोकप्रिय हैं।
  • सम्मान और पुरस्कार: उन्हें 30 मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त हुईं तथा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों जैसे- पद्म भूषण (1981), पद्म विभूषण (1990) और भारत रत्न (1997) से सम्मानित किया गया।
    • भारत के राष्ट्रपति: 25 जुलाई, 2002 को डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने, जहाँ उन्होंने विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया। उनकी राष्ट्रपति अवधि का प्रमुख लक्ष्य था-  भारत को वर्ष 2020 तक एक वैश्विक नेता के रूप में परिवर्तित करना। उन्होंने वैज्ञानिक उत्कृष्टता, राष्ट्रीय गौरव और युवा सशक्तीकरण की एक अमिट विरासत स्थापित की।

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