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झारखंड में DMFT फंड के ऑडिट का आदेश
चर्चा में क्यों?
झारखंड सरकार ने फंड के दुरुपयोग की अनेक शिकायतें मिलने के बाद ज़िला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) का व्यापक ऑडिट कराने का निर्णय किया है।
- इस ऑडिट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी एवं पारदर्शी तरीके से किया जाए।
मुख्य बिंदु
DMFT और फंड स्थिति के बारे में:
- गठन: DMFT की स्थापना वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKY) के तहत की गई थी।
- उद्देश्य: खनन कार्यों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित परिवारों के हितों की रक्षा करना।
- उपयोग क्षेत्र: स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, कौशल विकास, सिंचाई और पर्यावरण संरक्षण।
- फंड की स्थिति: अगस्त 2025 तक झारखंड में संचयी DMFT फंड 16,657.95 करोड़ रुपए है।
- ऑडिट चरण: पहले चरण में धनबाद, चाईबासा, चतरा, रामगढ़ और पलामू ज़िले शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKY)
- नोडल मंत्रालय: वर्ष 2015 में शुरू की गई PMKKY खनन मंत्रालय द्वारा ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) के तहत अर्जित धन का उपयोग कर प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के कल्याण हेतु लागू की गई योजना है।
- उद्देश्य: सरकारी योजनाओं के पूरक के रूप में खनन क्षेत्रों में कल्याणकारी परियोजनाओं को लागू करना, प्रतिकूल प्रभावों को कम करना एवं स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना।
- PMKKY 2024 दिशानिर्देश: इस दिशानिर्देश के अनुसार DMF निधि का कम से कम 70% उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च किया जाना चाहिये, जो खनन प्रभावित समुदायों के कल्याण को सीधे प्रभावित करते हैं।
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रतन टाटा की प्रथम पुण्यतिथि
चर्चा में क्यों?
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि पर जमशेदपुर में टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन ने दिग्गज उद्योगपति को पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
रतन टाटा के बारे में:
- परिचय:
- रतन नवल टाटा एक प्रतिष्ठित भारतीय व्यवसायी और भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक, टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष थे।
- उन्हें वर्ष 2000 में पद्म भूषण और वर्ष 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1962 में अपने परदादा जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित टाटा समूह में शामिल होने के लिये भारत लौट आए।
- वह एक लाइसेंस प्राप्त पायलट थे जो अपने शांत आचरण, अपेक्षाकृत साधारण जीवनशैली और परोपकारिता के लिये जाने जाते थे।
- उपलब्धियाँ:
- रतन टाटा ने टाटा समूह को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें इस्पात, ऑटोमोबाइल, सॉफ्टवेयर और दूरसंचार जैसे उद्यम शामिल हैं।
- अपने कॅरियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा मोटर्स (पूर्व में टेल्को) और टाटा स्टील सहित कई टाटा कंपनियों के साथ कार्य किया तथा नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को पुनर्जीवित किया।
- वर्ष 1991 में वे जे.आर.डी टाटा के बाद टाटा समूह के अध्यक्ष बने।
- उन्होंने महत्त्वपूर्ण संगठनात्मक सुधार (जैसे सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना एवं युवा प्रतिभाओं की नेतृत्त्वकारी भूमिकाओं को बढ़ावा देना) लागू किये।
- पुरस्कार:
- उन्हें निम्नलिखित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया:
- वर्ष 2021 में असम सरकार द्वारा असम बैभव।
- वर्ष 2023 में किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के मानद अधिकारी।
- वर्ष 2008 में IIT बॉम्बे द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि।
- वर्ष 2014 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (GBE)
- वर्ष 2008 में सिंगापुर सरकार द्वारा मानद नागरिक पुरस्कार।
- उन्हें निम्नलिखित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया:
- योगदान:
- टाटा ने आईटी बूम का लाभ उठाते हुए वर्ष 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज़ की स्थापना की तथा वर्ष 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक कर दिया।
- उनके नेतृत्व में महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय अधिग्रहण हुए, जिनमें शामिल हैं:
- वर्ष 2000 में टेटली टी की खरीद।
- वर्ष 2002 में VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड) का अधिग्रहण।
- वर्ष 2008 में फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण।
- जनवरी 2022 में टाटा समूह द्वारा सरकार से एयर इंडिया के अधिग्रहण में टाटा ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) के अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम ज़िले में 'तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0' का उद्घाटन किया गया।
- सिविल सर्जन डॉ. साहिर पॉल द्वारा शुरू किये गए इस अभियान का उद्देश्य तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना और युवाओं के बीच स्वस्थ, व्यसन मुक्त जीवन शैली को बढ़ावा देना है।
मुख्य बिंदु
- 60 दिवसीय जागरूकता अभियान: यह अभियान 9 अक्तूबर 2025 को शुरू हुआ और पूरे ज़िले में 60 दिनों तक जारी रहेगा।
- डॉ. साहिर पॉल ने तंबाकू के उपयोग के विरुद्ध शपथ दिलाई तथा एक स्वस्थ समाज को बढ़ावा देने के लिये अभियान का नेतृत्व किया।
- अभियान का प्राथमिक लक्ष्य युवाओं को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें नशा मुक्त जीवन शैली अपनाने के लिये प्रेरित करना है।
- सामुदायिक एवं संस्थागत भागीदारी: इस अभियान में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों तथा स्वयंसेवी समूहों के बीच सक्रिय सहयोग किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों और गाँवों को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करना है, जिससे शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP)
- यह तंबाकू के उपयोग और उससे संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिये 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 2007-08 में शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, तंबाकू के उत्पादन एवं आपूर्ति को सीमित करना, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA) के प्रवर्तन को सुनिश्चित करना तथा लोगों को तंबाकू छोड़ने में सहायता प्रदान करना है।
- NTCP तंबाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन फ्रेमवर्क कन्वेंशन के साथ भी संरेखित है।
- तीन स्तरीय संरचना (राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर) के माध्यम से कार्यान्वित यह योजना वर्तमान में सभी 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को कवर करती है तथा लगभग 612 ज़िलों में लागू है।
- इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप भारत में लगभग 8.1 मिलियन तंबाकू उपयोगकर्त्ताओं की संख्या में कमी आई है।
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