- फ़िल्टर करें :
- सैद्धांतिक प्रश्न
- केस स्टडीज़
-
प्रश्न :
केस स्टडी
किसी नदी तटीय ज़िले में ज़िला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात एक IAS अधिकारी अशोक को नदी के किनारे बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध रेत खनन के कारण बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मानसून के मौसम में प्रतिबंध और सख्त पर्यावरणीय नियमों के बावजूद, स्थानीय ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों और प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों के बीच साझेदारी के कारण अवैध रेत निष्कर्षण जारी है।
अवैध खनन के कारण गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है, जिसमें नदी तट का क्षरण, भूजल स्तर में गिरावट और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान शामिल है। इसके अलावा, ओवरलोडेड ट्रकों के कारण बार-बार सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं और सरकारी राजस्व में कमी आ रही है।
अशोक के प्रशासन ने कई छापेमारी की हैं, वाहन जब्त किये हैं और प्राथमिकी दर्ज की हैं, लेकिन राजनीतिक संरक्षकों के समर्थन से स्थानीय खनिकों ने प्रशासन पर ‘विकास-विरोधी’ कार्रवाई का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किये हैं। कुछ अधिकारियों को धमकियाँ मिली हैं और कुछ ने यह भी संकेत दिया है कि रेत माफिया का सामना करना उनकी सुरक्षा या पोस्टिंग पर असर डाल सकता है। इस बावजूद, ईमानदार कनिष्ठ अधिकारी, अशोक से नैतिक नेतृत्व की अपेक्षा रखते हैं, जबकि स्थानीय मीडिया और पर्यावरण कार्यकर्त्ता कड़ी कार्रवाई और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिये निर्माण सामग्री की आवश्यकता को देखते हुए अशोक से “संघर्ष से बचने” और कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया है। हालाँकि, पर्यावरणीय क्षति जारी है और न्यायपालिका ने हाल ही में खनन नियमों के अनुपालन पर एक रिपोर्ट भी माँगी है।
प्रश्न:
A. इस स्थिति में अशोक के समक्ष कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं?
B. अशोक के समक्ष उपलब्ध विकल्पों और उनके संभावित परिणामों का मूल्यांकन कीजिये।
C. पर्यावरणीय नैतिकता और प्रशासनिक उत्तरदायित्व के आधार पर अशोक के लिये सबसे उपयुक्त कार्यवाही को प्रस्तावित कीजिये।
D. विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाते हुए अवैध रेत खनन पर अंकुश लगाने के लिये दीर्घकालिक प्रणालीगत सुधारों का सुझाव दीजिये। (250 शब्द)
10 Oct, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print