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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 May 2025
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जैव विविधता और पर्यावरण Switch to English

पोलावरम परियोजना

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री ने पोलावरम परियोजना पर चर्चा के लिये आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।

मुख्य बिंदु

  • पोलावरम सिंचाई परियोजना:
    • पोलावरम परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी पर पोलावरम गाँव के पास स्थित है।
    • यह एक बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना है क्योंकि एक बार पूर्ण होने के बाद यह परियोजना सिंचाई संबंधी लाभ प्रदान करेगी तथा जल विद्युत उत्पन्न करेगी।
      • इसके अलावा यह परियोजना पेयजल की आपूर्ति भी करेगी।
    • इस परियोजना के दाईं ओर स्थित नहर से कृष्णा नदी बेसिन हेतु अंतर-बेसिन हस्तांतरण (Inter-Basin Transfer) की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
    • इस परियोजना के परोक्ष लाभ भी होंगे जैसे- मत्स्य पालन (मछली का प्रजनन और पालन), पर्यटन और शहरीकरण।
    • वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की धारा-90 के तहत केंद्र सरकार द्वारा परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है।
  • पृष्ठभूमि एवं संबंधित मुद्दे: 
  • उच्च स्तरीय विचार-विमर्श के कई दौर के बावजूद, राज्य पोलावरम परियोजना पर अंतर-राज्यीय विवादों को सुलझाने में विफल रहे हैं।
  • ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं, जैसे विनियामक अनुपालन मुद्दे, जनजातीय समुदायों पर प्रभाव आदि को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएँ दायर की हैं।
  • आंध्र प्रदेश ने जलमग्नता की स्थिति का सामना कर रहे गाँवों की सुरक्षा के लिये एक रिटेनिंग दीवार के निर्माण का प्रस्ताव रखा।
  • हालाँकि, ओडिशा और छत्तीसगढ़ ने भूमि अधिग्रहण और अपर्याप्त पुनर्वास उपायों के संबंध में आपत्तियाँ उठाईं।

गोदावरी नदी

  • गोदावरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली है। इसे दक्षिण गंगा भी कहते हैं।
  • इसका बेसिन उत्तर में सतमाला पहाड़ियों, दक्षिण में अजंता श्रेणी और महादेव पहाड़ियों, पूर्व में पूर्वी घाट और पश्चिम में पश्चिमी घाट से घिरा हुआ है।
  • उद्गम:
    • गोदावरी नदी महाराष्ट्र में नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले लगभग 1465 किमी. की दूरी तय करती है।
  • अपवाह तंत्र:
    • गोदावरी बेसिन महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा पुद्दुचेरी के मध्य क्षेत्र के छोटे हिस्सों में फैला हुआ है।
  • सहायक नदियाँ:
    • प्रवरा, पूर्णा, मंजरा, पेनगंगा, वर्धा, वैनगंगा, प्राणहिता (वेनगंगा, पेनगंगा, वर्धा का संयुक्त प्रवाह), इंद्रावती, मनेर और सबरी।
    • सांस्कृतिक महत्त्व: कुंभ मेला नासिक में गोदावरी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है।
  • गोदावरी पर महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ:
    • पोलावरम सिंचाई परियोजना।
    • कालेश्वरम।
    • गोदावरी नदी पर स्थित सदरमट एनीकट नामक दो सिंचाई परियोजनाओं को सिंचाई एवं जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग’ (WHIS) द्वारा धरोहर सिंचाई संरचना (Heritage Irrigation Structures) स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।
    • इंचमपल्ली: इंचमपल्ली परियोजना गोदावरी नदी पर प्रस्तावित है, यह परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी तथा इंद्रावती के संगम के पास 12 किमी. अनुप्रवाह पर स्थित है।
      • यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों की एक संयुक्त परियोजना है।
    • श्रीराम सागर परियोजना: श्रीराम सागर परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना है, जो तेलंगाना के निज़ामाबाद ज़िले में पोचमपाद के पास गोदावरी नदी पर स्थित है।


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