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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Jan 2023
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प्रदेश की चार विभूतियाँ पद्म श्री सम्मान के लिये चयनित

चर्चा में क्यों?

25 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वर्ष 2023 के लिये देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों ‘पद्म पुरस्कारों’की घोषणा की गई। इनमें मध्य प्रदेश के चार विभूतियों को पद्म श्री अवार्ड के लिये चुना गया है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2023 के लिये राष्ट्रपति ने तीन द्वय मामलों (एक द्वय मामले में पुरस्कार को एक के रूप में गिना जाता है) सहित 106 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की मंजूरी दी है।
  • सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों की सूची में 19 महिलाएँ हैं और विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और 7 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।
  • पद्म पुरस्कार के लिये चयनित मध्य प्रदेश के चार विभूतियों में श्रीमती जोधइया बाई, डॉ. मुनीश्वर चंदावर और श्री रमेश परमार एवं श्रीमती शांति परमार (संयुक्त रूप से) शामिल हैं।
  • जनजातीय कला को संरक्षित कर अंतर्राष्ट्रीय पहचान प्रदान करने के लिये उमरिया की बैगा जनजातीय कलाकार जोधइया बाई को कला के क्षेत्र में, चिकित्सा को सेवा का अटल संकल्प बनाकर मानव कल्याण को नई दिशा देने वाले जबलपुर के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. मुनीश्वर चंदावर को मेडिसिन के क्षेत्र में, झाबुआ के कलाकार रमेश परमार एवं शांति परमार को संयुक्त रूप से कला के क्षेत्र में पद्म श्री सम्मान के लिये चयनित किया गया है।
  • गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में पद्म पुरस्कार शामिल है। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के रूप में प्रदान किये जाते हैं। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
  • यह पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों में दिये जाते हैं।
  • असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्म विभूषण’, उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्म भूषण’और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्म श्री’से सम्मानित किया जाता है।
  • ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किये जाते हैं जो आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाते हैं। 

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राज्यपाल ने गणतंत्र का उत्सव ‘लोकरंग’ का किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

26 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर गणतंत्र का उत्सव ‘लोकरंग’ का शुभारंभ किया। उन्होंने उत्सव में साहित्यकारों को राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया तथा गणतंत्र दिवस समारोह के विजेताओं को पुरस्कृत किया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि रवींद्र भवन परिसर, भोपाल में 30 जनवरी तक लोकरंग उत्सव मनाया जाएगा।
  • लोकरंग के केंद्र में ‘विमुक्त एवं घुमंतू’विषय को रखा गया है। लोकरंग में यूक्रेन, यूके, इजिप्ट के साथ देश के 12 राज्य के लोक नृत्य की प्रस्तुतियाँ होंगी। लोकरंग में राजस्थान समुदाय के कालबेलिया समुदाय के जीवन पर एकाग्र ‘चरैवेति’समवेत नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई। इसमें कालबेलिया समुदाय की जीवन परंपरा, संस्कृति को दिखाया गया।
  • लोकरंग उत्सव में विविध शिल्प माध्यमों के शिल्पों का मेला ‘हुनर’, कलात्मक दीपकों की प्रदर्शनी ‘अभ्यर्थना’, कला एवं संस्कृति विषयक पुस्तकों का ‘पुस्तक मेला’, देशज व्यंजन ‘स्वाद’प्रदर्शनी, गायन प्रस्तुति पर ‘लोकराग’आदि मुख्य आकर्षण हैं।
  • इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने साहित्यकारों को राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया।
    • राष्ट्रीय कबीर सम्मान वर्ष 2021से हिन्दी के क्षेत्र में सुदीर्घ उत्कृष्ट सृजनात्मक अवदान के लिये डॉ. श्याम सुंदर दुबे को विभूषित किया।
    • राष्ट्रीय मैथिली शरण गुप्त सम्मान वर्ष 2021से हिन्दी साहित्य के शोधपरक लेखन और उत्कृष्ट सृजनात्मक सुदीर्घ अवदान के लिये डॉ. सदानंद प्रसाद गुप्त को विभूषित किया।
    • राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान वर्ष 2021से ललित निबंध के क्षेत्र में प्रासंगिक अध्ययनपरक अभिव्यक्ति के लिये डॉ. श्रीराम परिहार को विभूषित किया।
    • राष्ट्रीय इकबाल सम्मान वर्ष 2021 डॉ. सैयद तकी हसन आबिदी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि को प्रदान किया गया।
    • राष्ट्रीय नानाजी देशमुख सम्मान वर्ष 2021 से जनजाति कल्याण केंद्र महाकोशल, बरगाँव डिंडोरी को समाज सेवा के क्षेत्र में बुनियादी एवं सार्थक सरोकारों को केंद्र में रखकर किये जा रहे व्यावहारिक कार्यों के लिये विभूषित किया।
  • राज्यपाल और मंत्री उषा ठाकुर ने संस्कृति विभाग के एम.पी. कल्चर एप का शुभारंभ किया। एम.पी. कल्चर एप में संस्कृति विभाग के आयोजनों की जानकारी मिलेगी। कार्यक्रम की लाइव लिंक भी एप में उपलब्ध रहेगी। साथ ही प्रदेश की विभिन्न कला विधाओं की जानकारी भी एप से प्राप्त हो सकेगी।
  • राज्यपाल पटेल और मंत्री उषा ठाकुर ने गणतंत्र दिवस परेड, लोक-नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और झाँकियों के विजेताओं को ट्रॉफी और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।
    • झाँकियों में पहला स्थान जेल विभाग, दूसरा स्थान पर्यटन विभाग और तीसरा स्थान वन विभाग ने प्राप्त किया।
    • सैन्य दलों की श्रेणी में पहला स्थान हॉक फोर्स, दूसरा विशेष सशस्त्र बल और तीसरा स्थान एसटीएफ प्लाटून को प्रदान किया गया।
    • असैन्य दल की श्रेणी में पहला स्थान भूतपूर्व सैनिक, दूसरा एनसीसी एयर विंग, तीसरा स्थान संयुक्त रूप से सीनियर डिविजन एनसीसी आर्मी विंग (गर्ल्स) और एनसीसी नेवल विंग को प्रदान किया गया।
    • विद्यालयों में पहला स्थान शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दूसरा हेमा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भेल और तीसरा स्थान मानसरोवर पब्लिक स्कूल ने प्राप्त किया।
    • लोक नृत्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में पहला स्थान भील भगोरिया जनजातीय लोक नृत्य, दूसरा स्थान कोरकू थाटिया लोक नृत्य और तीसरा स्थान गुदुम बाजा लोक नृत्य को मिला।   

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