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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Jun 2025
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इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

चर्चा में क्यों?

नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में सुरक्षा बलों की माओवादियों से मुठभेड़ हुई।

मुख्य बिंदु

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

  • परिचय: 
    • यह छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में स्थित है।
    • इसकी स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी और इसे भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वर्ष 1983 में बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।
    • इसका नाम इंद्रावती नदी के नाम पर रखा गया है, जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और महाराष्ट्र के साथ रिज़र्व की उत्तरी सीमा बनाती है।
  • वनस्पति प्रवर्द्धन:
    • इसमें मुख्यतः तीन प्रकार के वन शामिल हैं:
      • सागौन सहित नम मिश्रित पर्णपाती वन
      • सागौन रहित नम मिश्रित पर्णपाती वन
      • दक्षिणी शुष्क मिश्रित पर्णपाती वन
  • वनस्पति:
    • सामान्य वृक्ष प्रजातियों में सागौन, अचार, कर्रा, कुल्लू, शीशम, सेमल, हल्दू, अर्जुन, बेल और जामुन शामिल हैं।
  • जीव-जंतु:
  • यहाँ दुर्लभ जंगली भैंसों की अंतिम आबादियों में से एक मौजूद है।
  • अन्य प्रजातियों में नीलगाय, काला हिरण, सांभर, गौर, बाघ, तेंदुआ, चीतल, भालू आदि शामिल हैं।
  • नक्सल विरोधी अभियान: 
  • मारे गए माओवादी:
    • वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ में 209 माओवादी मारे गए, जिनमें से अकेले बस्तर क्षेत्र में 192 मौतें हुईं।
    • वर्ष 2024 में राज्य में कुल 219 माओवादी मारे गए,जिनमें से 217 बस्तर क्षेत्र में मारे गए थे।


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