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यूएस ओपन 2025
चर्चा में क्यों?
18 अगस्त से 7 सितंबर, 2025 तक न्यूयॉर्क के USTA बिली जीन किंग नेशनल टेनिस सेंटर में आयोजित यूएस ओपन 2025, एकल और युगल श्रेणियों में महत्त्वपूर्ण जीत के साथ संपन्न हुआ।
इस टूर्नामेंट में प्रत्येक एकल विजेता के लिये 5 मिलियन डॉलर की रिकॉर्ड पुरस्कार राशि रखी गई थी, जो पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में समान थी।
मुख्य बिंदु
- पुरुष एकल विजेता: कार्लोस अल्काराज़ (स्पेन) ने जैनिक सिनर (इटली) को हराकर अपना दूसरा अमेरिकी ओपन और कुल मिलाकर छठा ग्रैंड स्लैम खिताब अर्जित किया।
- महिला एकल विजेता: आर्यना सबालेंका (बेलारूस) ने अमांडा अनिसिमोवा (अमेरिका) को हराकर अपना खिताब बरकरार रखा और WTA रैंकिंग में शीर्ष पर अपनी स्थिति सुदृढ़ की।
- पुरुष युगल विजेता: मार्सेल ग्रैनोलर्स (स्पेन) और होरासियो ज़ेबालोस (अर्जेंटीना) ने फाइनल में जो सैलिसबरी और नील स्कूप्स्की (यूनाइटेड किंगडम) को हराकर खिताब जीता।
- महिला युगल विजेता: गैब्रिएला डाब्रोव्स्की (कनाडा) और एरिन रूटलिफ़ (न्यूज़ीलैंड) ने कैटरीना सिनियाकोवा (चेक गणराज्य) तथा टेलर टाउनसेंड (USA) को हराया।
- मिश्रित युगल विजेता: सारा इरानी और एंड्रिया वावसोरी (इटली) ने इगा स्वीटेक (पोलैंड) तथा कैस्पर रूड (नॉर्वे) को हराकर मिश्रित युगल का खिताब जीता।
ग्रैंड स्लैम
- इसका अर्थ है कि एक ही कैलेंडर वर्ष में सभी चार प्रमुख टेनिस चैंपियनशिप जीतना: ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस, ब्रिटेन (विंबलडन) और अमेरिका।
- यह उपलब्धि अब तक 5 अलग-अलग खिलाड़ियों द्वारा 6 बार हासिल की गई है।
- डॉन बज टेनिस में ग्रैंड स्लैम हासिल करने वाले प्रथम खिलाड़ी थे, जिन्होंने वर्ष 1938 में सभी चार प्रमुख चैंपियनशिप जीती थीं।
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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर 2025 को, विश्व में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया, जिसमें मानव प्रगति और परिवर्तन के सशक्त साधन के रूप में पढ़ने और लिखने की क्षमता पर प्रकाश डाला गया।
मुख्य बिंदु
- उत्पत्ति:
- अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की उत्पत्ति वर्ष 1965 में तेहरान (ईरान) में आयोजित ‘शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन’ से मानी जाती है, जिसका मुख्य उद्देश्य निरक्षरता का उन्मूलन था।
- इसी सम्मेलन से एक ऐसे दिवस की परिकल्पना की गई जो वैश्विक स्तर पर साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये समर्पित हो।
- यूनेस्को ने वर्ष 1966 में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की घोषणा की तथा इसे पहली बार 8 सितंबर 1967 को मनाया गया। तब से यह प्रतिवर्ष मनाया जाता है, ताकि साक्षरता की परिवर्तनकारी क्षमता को वैश्विक स्तर पर रेखांकित किया जा सके।
- विषय 2025: “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना।”
- डिजिटल साक्षरता
- डिजिटल साक्षरता का आशय ऑनलाइन सामग्री तक पहुँचने, उसका मूल्यांकन करने, सृजन एवं संप्रेषण करने की क्षमता से है।
- इसमें आलोचनात्मक चिंतन (Critical Thinking) विकसित करना, विश्वसनीय सूचना की पहचान करना तथा जटिल डिजिटल वातावरण में सुरक्षित रूप से मार्गदर्शन करना शामिल है, जिससे यह आज एक आवश्यक कौशल बन गया है।
- साक्षरता
- राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के अनुसार, साक्षरता का अर्थ किसी भी भाषा में साधारण संदेश को पढ़ने, लिखने और समझने की क्षमता से है।
- "सार्वभौमिक" शब्द का तात्पर्य सामान्यतः पूर्ण या लगभग पूर्ण कवरेज से है, जो आमतौर पर 100% के निकट होता है।
- यूनेस्को साक्षरता को केवल पढ़ने, लिखने और गिनने की क्षमता तक सीमित नहीं मानता, बल्कि इसे एक निरंतर विकसित होने वाला कौशल मानता है, जिसमें पहचानना, समझना तथा संप्रेषण करना शामिल है।
- आधुनिक संदर्भ में यह डिजिटल, मीडिया तथा रोज़गार-विशेष कौशलों तक विस्तारित हो चुका है।
- साक्षरता बढ़ाने हेतु सरकारी रणनीतियाँ:
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ब्लड मून
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर 2025 को एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में ब्लड मून (पूर्ण चंद्र ग्रहण) देखा गया, जिसमें पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को गहरे लाल रंग में परिवर्तित कर दिया।
- यह मार्च 2025 के बाद वर्ष का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण था, जो 82 मिनट की पूर्णता के साथ पाँच घंटे से अधिक समय तक चला।
- सूर्य ग्रहण के विपरीत, चंद्र ग्रहण को नंगी आँखों से देखना सुरक्षित है।
मुख्य बिंदु
- चंद्र ग्रहण: चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तथा पृथ्वी बीच में स्थित होती है। इससे सूर्य का प्रकाश सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाता।
- पूर्ण चंद्र ग्रहण: जब चंद्रमा पृथ्वी की आंतरिक और सबसे गहन छाया (Umbra) से होकर गुजरता है, तो वह गहरे धुंधले अथवा लाल रंग का प्रतीत होता है।
- आंशिक ग्रहण: जब चंद्रमा का केवल कुछ भाग प्रतिछाया से होकर गुजरता है।
- अर्द्धछाया ग्रहण: जब चंद्रमा केवल पृथ्वी की बाहरी छाया (पेनम्ब्रा) में प्रवेश करता है। इसमें प्रकाश का मंद पड़ना बहुत सूक्ष्म होता है और प्रायः स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता।
- "ब्लड मून" प्रभाव:
- ब्लड मून प्रभाव इसलिये होता है क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुँचने से पहले ही अवरुद्ध कर देता है। जब प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो
- नीला प्रकाश सरलता से विसरित जाता है (इसी कारण आकाश नीला दिखाई देता है)।
- लाल प्रकाश पृथ्वी के चारों ओर मुड़कर चंद्रमा तक पहुँचता है, जिससे पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल अथवा ताँबे के रंग का हो जाता है।
- चमकदार लाल चंद्रमा शुद्ध एवं कम प्रदूषित वायु का सूचक है।
- गहरा लाल चंद्रमा वायु में अधिक धूल, राख अथवा प्रदूषण की उपस्थिति को दर्शाता है।
- ब्लड मून प्रभाव इसलिये होता है क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुँचने से पहले ही अवरुद्ध कर देता है। जब प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो
- वैज्ञानिक संबंध
- ब्लड मून की घटना के पीछे वही प्रक्रिया कार्य करती है, जो आकाश तथा सूर्यास्त को रंग प्रदान करती है: रेले प्रकीर्णन (Rayleigh Scattering), जिसकी व्याख्या भौतिक विज्ञानी जॉन विलियम स्ट्रट, तृतीय बैरन रेले ने की थी।
- दिवाकालीन आकाश: कम तरंग दैर्ध्य वाली नीली रोशनी सभी दिशाओं में प्रकीर्णित हो जाती है, जिसके कारण आकाश नीला दिखाई देता है।
- सूर्योदय और सूर्यास्त: इस समय सूर्य का प्रकाश वायुमंडल की मोटी परतों से होकर गुजरता है, जिससे नीला प्रकाश प्रकीर्णित होकर नष्ट हो जाता है। परिणामस्वरूप लंबी तरंग दैर्ध्य वाला प्रकाश (लाल, नारंगी और पीला) आकाश को रंग प्रदान करता है।
- चंद्र ग्रहण के समय, चंद्रमा पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुज़रती सारी सूर्यास्त की किरणों में घिरा प्रतीत होता है।