उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में अग्निवीरों के लिये क्षैतिज आरक्षण
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य पुलिस बल में विभिन्न पदों पर पूर्व अग्निवीरों को 20% क्षैतिज आरक्षण देने की घोषणा की है।
- आरक्षण के अतिरिक्त, सरकार ने उनकी भर्ती को आसान बनाने के लिये आयु में 3 वर्ष की छूट भी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- अग्निपथ योजना:
- परिचय:
- "अग्निवीर" शब्द का अर्थ है "अग्नि-योद्धा" और यह एक नई सैन्य रैंक है।
- यह योजना उन सैन्य कर्मियों की भर्ती के लिये लागू की गई है जो अधिकारी रैंक से नीचे के होते हैं, जैसे सैनिक, वायुसैनिक (एयरमैन) और नाविक (सेलर), जो भारतीय सशस्त्र बलों में कमीशन प्राप्त अधिकारी नहीं होते।
- इनकी भर्ती 4 वर्षों की अवधि के लिये की जाती है, जिसके पश्चात् इन अग्निवीरों में से अधिकतम 25% को स्थायी कमीशन (अगले 15 वर्षों के लिये), योग्यता और संगठनात्मक आवश्यकताओं के आधार पर सेवाओं में शामिल किया जा सकता है।
- वर्तमान में, चिकित्सा शाखा के तकनीकी संवर्ग को छोड़कर सभी सैनिक, वायुसैनिक और नाविकों की भर्ती इस योजना के अंतर्गत की जा रही है।
- पात्रता मापदंड:
- इस योजना के लिये 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु के अभ्यर्थी आवेदन के पात्र हैं (अधिकतम आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष किया गया है)।
- निर्धारित आयु सीमा के अंतर्गत आने वाली लड़कियाँ भी अग्निपथ प्रवेश के लिये पात्र हैं, हालाँकि इस योजना के तहत महिलाओं के लिये कोई विशेष आरक्षण प्रावधान नहीं है।
- वेतन एवं लाभ:
- ड्यूटी के दौरान मृत्यु: यदि किसी अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी पर होती है, तो उसके परिवार को कुल ₹1 करोड़ की राशि प्रदान की जाती है, जिसमें सेवा निधि पैकेज तथा सेवाकाल के शेष वेतन की राशि सम्मिलित होती है।
- दिव्यांगता: यदि किसी अग्निवीर को सैन्य सेवा के कारण या उसके दौरान दिव्यांगता होती है, तो दिव्यांगता की गंभीरता के आधार पर अधिकतम ₹44 लाख तक का मुआवज़ा दिया जा सकता है। यह राशि केवल उन्हीं मामलों में दी जाती है, जहाँ दिव्यांगता सैन्य सेवा के कारण उत्पन्न हुई हो या उसमें वृद्धि हुई हो।
- पेंशन: परंपरागत प्रणाली के सैनिकों के विपरीत, अग्निवीरों को 4 वर्ष की सेवा के बाद नियमित पेंशन का लाभ नहीं दिया जाता।
- स्थायी कमीशन के लिये चयनित होने वाले केवल 25% लोग ही पेंशन के लिये पात्र होंगे।
- अग्निपथ का लक्ष्य:
- यह योजना सशस्त्र बलों में युवा प्रोफाइल को बनाए रखने, बल संरचना को अनुकूलित करने, संचालन क्षमता को बढ़ाने तथा रक्षा व्यय में दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
- परिचय:
आरक्षण
- आरक्षण एक प्रकार की सकारात्मक कार्यवाही (Affirmative Action) है, जिसे हाशिये पर पड़े वर्गों के मध्य समानता को बढ़ावा देने तथा उन्हें सामाजिक और ऐतिहासिक अन्याय से संरक्षण प्रदान करने के लिये बनाया गया है।
- सामान्यतः इसका अर्थ है समाज के वंचित वर्गों को रोज़गार और शिक्षा की उपलब्धि में प्राथमिकता देना है।
- इसकी शुरुआत ऐतिहासिक भेदभाव के अन्याय को सुधारने और वंचित समुदायों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से की गई थी।
- भारत में लोगों के साथ ऐतिहासिक रूप से जाति के आधार पर भेदभाव किया गया है।
- ऊर्ध्वाधर आरक्षण:
- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण को ऊर्ध्वाधर आरक्षण कहा जाता है।
- यह कानून के अंतर्गत निर्दिष्ट प्रत्येक समूह पर पृथक रूप से लागू होता है।
- उदाहरण: संविधान का अनुच्छेद 16(4) ऊर्ध्वाधर आरक्षण का प्रावधान करता है।
- क्षैतिज आरक्षण:
- यह उन अन्य लाभार्थी वर्गों जैसे महिलाओं, पूर्व सैनिकों, ट्रांसजेंडर समुदाय, और दिव्यांग व्यक्तियों को प्रदान किये जाने वाले समान अवसर को संदर्भित करता है, जो उर्ध्वाधर श्रेणियों (vertical categories) के पार जाकर लागू होता है।
- क्षैतिज आरक्षण प्रत्येक उर्ध्वाधर श्रेणी पर पृथक रूप से लागू किया जाता है, न कि समग्र रूप से।
- उदाहरण: संविधान का अनुच्छेद 15(3) क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान करता है।