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उत्तर प्रदेश पी.सी.एस.

पीसीएस

हायर सर्विसेज़ (प्रवर) रणनीति

  • 11 Apr 2023
  • 19 min read

रणनीति की आवश्यकता क्या है?

उत्तराखंड संयुक्त राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने के लिये, इसकी प्रकृति के अनुसार एक उचित और गतिशील रणनीति तैयार करना आवश्यक है। यह रणनीतिक योजना सफलता की ओर पहला कदम है, क्योंकि यह एक मज़बूत नींव रखती है और यह सुनिश्चित करती है कि यात्रा का आधा हिस्सा शुरुआत में ही पूरा हो जाए।

परीक्षा सामान्यत: तीन चरणों में आयोजित की जाती है: प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार। अगले चरण में आगे बढ़ने के लिये पहले चरण को उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है। इन तीनों चरणों की प्रकृति और आवश्यकताएँ एक-दूसरे से काफी भिन्न होती हैं। इसलिये, प्रत्येक चरण में सफलता सुनिश्चित करने के लिये एक विशिष्ट और सुविचारित रणनीति की आवश्यकता होती है।

प्रारंभिक परीक्षा रणनीति

प्रारंभिक परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने के लिये, सबसे पहले इसके पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसके सभी भागों और पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, अपनी सुविधा और रुचि के अनुसार प्राथमिकता का क्रम निर्धारित कीजिये। पिछले 5 से 10 वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का विश्लेषण करना भी समान रूप से महत्त्वपूर्ण है। उन विषयों और शीर्षकों पर विशेष ध्यान दीजिये, जहाँ प्रश्नों का रुझान प्रमुख रहा है।

सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम (पेपर I):

प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम मुख्यतः छह भागों में विभाजित है। इस प्रश्नपत्र में प्रश्न मुख्यतः पारंपरिक सामान्य अध्ययन, उत्तराखंड राज्य-विशिष्ट विषय और समसामयिक घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। पाठ्यक्रम संबंधी विस्तृत जानकारी "पाठ्यक्रम" अनुभाग में प्रदान की गई है।

विषयों में शामिल हैं:

  • भारत का इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीय आंदोलन
  • उत्तराखंड का इतिहास और संस्कृति
  • भारत और विश्व का भूगोल
  • उत्तराखंड का भूगोल
  • भारतीय राजव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय संगठन
  • उत्तराखंड की राजव्यवस्था
  • आर्थिक और सामाजिक विकास
  • उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था
  • सामान्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएँ

पाठ्यक्रम तथा पूर्ववर्ती प्रश्न प्रवृत्तियों का गहन विश्लेषण यह दर्शाता है कि कुछ खंडों की गहरी वैचारिक तथा तथ्यात्मक समझ अनिवार्य है। उदाहरण के लिये:

  • सत्यशोधक समाज की स्थापना किसने की?
  • लोक सभा सचिवालय किसके प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में कार्य करता है?
  • उत्तराखंड में 'दून' किसे कहा जाता है?

ऐसे उदाहरण यह स्पष्ट करते हैं कि UKPSC प्रारंभिक परीक्षा में कम से कम एक-तिहाई प्रश्नों का संदर्भ उत्तराखंड से होगा।

उत्तराखंड-विशेष प्रश्नों के लिये तैयारी रणनीति:

  • उत्तराखंड से संबंधित प्रश्नों का समाधान करने के लिये, उत्तराखंड राज्य-विशेष या उत्तराखंड सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित किसी विश्वसनीय पुस्तक का अध्ययन कीजिये।
  • ऐसे प्रश्नों को याद रखने और हल करने का सर्वोत्तम तरीका तथ्यात्मक जानकारी पर संक्षिप्त और संक्षिप्त नोट्स तैयार करना और उन्हें नियमित रूप से पुनः अवलोकन करना है।
    • उदाहरण के लिये, यदि कोई प्रश्न टिहरी जलविद्युत परियोजना से जुड़ी नदियों से संबंधित है, तो भारत में प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की सूची तैयार कीजिये और उनके संबंधित स्थानों का उल्लेख कीजिये।

अनुशंसित स्रोत

  • NCERT की पाठ्यपुस्तकें अत्यधिक अनुशंसित होती हैं, क्योंकि सामान्य अध्ययन में NCERT - आधारित प्रश्न आम होते हैं।
  • दृष्टि वेबसाइट पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री और दृष्टि पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित 'दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे' के विशेष अंक भी अत्यंत लाभकारी हैं।
  • समसामयिक घटनाओं के लिये, अभ्यर्थी दैनिक समाचार पत्रों जैसे 'द हिंदू' या 'इंडियन एक्सप्रेस' तथा दृष्टि वेबसाइट के समसामयिक घटनाओं के अनुभाग को संदर्भित कर सकते हैं।
  • मानक मासिक पत्रिकाएँ जैसे 'दृष्टि करंट अफेयर्स टुडे' का भी उपयोग किया जाना चाहिये।

सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षण (प्रश्नपत्र II) का पाठ्यक्रम:

दूसरा प्रश्नपत्र, सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षण, दो भागों में विभाजित है:

  • प्रथम भाग – निम्नलिखित विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं:
    • अभिक्षमता परीक्षण
    • संचार और अंतरवैयक्तिक कौशल
    • तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता
    • निर्णय लेने और समस्या सुलझाने की क्षमता
    • सामान्य मानसिक क्षमता
    • संख्यात्मक बुद्धिमत्ता
    • सांख्यिकीय विश्लेषण
  • दूसरा भाग – इस भाग में निम्नलिखित से संबंधित प्रश्न शामिल हैं:
    • अंग्रेज़ी और हिंदी में समझने का कौशल
    • व्याकरण

CSAT की तैयारी के लिये टिप्स

  • पिछले वर्षों के सीसैट प्रश्नों का अभ्यास कीजिये और उन्हें विभिन्न खंडों में वर्गीकृत कीजिये।
  • प्रश्नों को व्यवस्थित रूप से हल कीजिये और 'अनुमान पद्धति' से बचिये, क्योंकि नकारात्मक अंकन लागू है। प्रत्येक गलत उत्तर से वास्तविक अंक कम हो जाएगा।
  • निर्धारित समय सीमा (सामान्यतः दो घंटे) के भीतर नियमित रूप से अभ्यास पत्र हल कीजिये। यह तरीका न केवल विषय की समझ को बेहतर बनाता है, बल्कि बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों से परिचित होने में भी सहायता करता है।

मुख्य परीक्षा रणनीति

  • परीक्षा के पैटर्न को समझना:
    • पाठ्यक्रम का गहन विश्लेषण कीजिये और अंकों के आधार पर विषयों को प्राथमिकता दीजिये।
    • सामान्य अध्ययन-V और VI के लिए उत्तराखंड-विशेष विषय- वस्तु पर ध्यान केंद्रित कीजिये।
    • व्यक्तिगत शक्तियों और कमज़ोरियों के आधार पर तैयारी का समय आवंटित कीजिये।
  • संसाधन प्रबंधन:
    • तैयारी के लिए मानक पुस्तकों और प्रमाणिक ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कीजिये।
    • आधिकारिक स्पष्टता के लिये NCERT पुस्तकों का विशेष रूप से इतिहास, भूगोल और विज्ञान में, संदर्भ लीजिये।
    • राज्य-विशेष विषयों के लिये उत्तराखंड सरकार के प्रकाशन, आर्थिक सर्वेक्षण और उत्तराखंड-विशेष पुस्तकों पर निर्भर रहिये।
  • समय प्रबंधन:
    • अपनी तैयारी को मासिक, साप्ताहिक और दैनिक लक्ष्यों में विभाजित कीजिये।
    • सामान्य अध्ययन के लिए प्रतिदिन 3-4 घंटे और सामान्य हिंदी तथा निबंध लेखन अभ्यास के लिये 1-2 घंटे आरक्षित रखिये।
    • समसामयिक घटनाओं और उत्तराखंड से संबंधित समाचार अपडेट के लिये समय निकालिये।
  • नोट्स तैयार करना:
    • त्वरित पुनरावलोकन के लिये संक्षिप्त नोट्स तैयार कीजिये।
    • विषयों को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिये माइंड मैप्स, फ्लोचार्ट्स और आरेखों का उपयोग कीजिये।
    • समसामयिक घटनाओं और उत्तराखंड-विशेष विकासों के लिये अलग-अलग फोल्डर बनाए रखिये।
  • नियमित अभ्यास:
    • पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल कीजिये और सभी प्रश्नपत्रों के लिये मॉक टेस्ट दीजिये।
    • लेखन की गति में सुधार पर ध्यान केंद्रित कीजिये और शब्द सीमा का पालन कीजिये।
    • सामान्य हिंदी प्रश्नपत्र के लिये अनुवाद और संक्षिप्त रूप में अभ्यास कीजिये।

पेपर-वार रणनीति

सामान्य हिंदी

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

व्याकरण: संधि, समास, वचन और लिंग के नियमों का प्रतिदिन अभ्यास कीजिये।

वाक्य निर्माण: सक्रिय-निष्क्रिय वाच्य, वाक्य रूपांतरण और विराम चिह्नों पर काम कीजिये।

शब्दावली: पर्यायवाची, विलोम और एक शब्द प्रतिस्थापन सीखिये।

लेखन कौशल: पत्र, रिपोर्ट और निराकरण लेखन का नियमित अभ्यास कीजिये।

संसाधन:

हाई स्कूल स्तर की हिंदी व्याकरण की पुस्तकें।

पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अध्ययन कीजिये ताकि परीक्षा पैटर्न से परिचित हो सकें।

टिप्स: व्याकरण नियमों के लिये स्मृति सहायक का उपयोग कीजिये और मॉक टेस्ट के माध्यम से अभ्यास कीजिये।

निबंध

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

साहित्य, संस्कृति, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण पर निबंध तैयार कीजिये।

उत्तराखंड-विशेष विषयों के लिये, प्रवासन, पर्यटन, आपदा प्रबंधन और महिला सशक्तीकरण पर ज़ोर दीजिये।

संतुलित संरचना विकसित कीजिये: परिचय, मुख्य भाग (बहुआयामी विश्लेषण) और निष्कर्ष।

अभ्यास:

प्रत्येक अनुभाग से प्रति सप्ताह एक निबंध लिखिये।

मूल विचारों, स्पष्ट तर्कों और सुंदर लेखन पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

संसाधन:

समसामयिक घटनाओं की पत्रिकाएँ जैसे योजना और कुरुक्षेत्र।

उत्तराखंड-विशेष विषयों के लिए राज्य सरकार की रिपोर्ट।

दृष्टि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 'निबंध-दृष्टि' पुस्तक।

सामान्य अध्ययन-I

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

इतिहास: स्वतंत्रता संग्राम, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की घटनाएँ, और उत्तराखंड-विशेष ऐतिहासिक आंदोलनों पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

भूगोल: भौतिक भूगोल, प्राकृतिक संसाधन और आर्थिक भूगोल पर ज़ोर दीजिये।

समाज: भारतीय विविधता, वैश्वीकरण और सामाजिक सशक्तीकरण का अध्ययन कीजिये।

तैयारी के लिये टिप्स:

भौगोलिक घटनाओं जैसे कि तूफान और भूकंप के लिये आरेखों का उपयोग कीजिये।

ऐतिहासिक घटनाओं के लिये समय रेखाएँ तैयार कीजिये।

उत्तराखंड की सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक धरोहर पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

संसाधन:

इतिहास और भूगोल के लिये NCERT पुस्तकें।

नितिन सिंघानिया द्वारा भारतीय संस्कृति पर पुस्तकें।

उत्तराखंड के इतिहास के लिये राज्य-विशेष संसाधन।

सामान्य अध्ययन-II

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

राज्यविज्ञान: संविधान, संघीय ढाँचा और शासन की चुनौतियों का अध्ययन कीजिये।

सामाजिक न्याय: संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध: भारत के पड़ोसियों और वैश्विक संगठनों के साथ संबंधों को कवर कीजिये।

तैयारी के लिये टिप्स:

संविधान संशोधनों और शासन संरचनाओं के लिये चार्ट बनाइये।

केस स्टडीज़ के साथ उत्तर लेखन का अभ्यास कीजिये।

संसाधन:

लक्ष्मीकांत की "भारतीय राजनीति"।

सरकारी योजनाओं का संकलन।

समसामयिक घटनाओं के लिये समाचार पत्र।

सामान्य अध्ययन-III

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

अर्थव्यवस्था: कृषि, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), बुनियादी ढाँचा और औद्योगिक नीतियों पर ज़ोर दीजिये।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी: प्रगति, अंतरिक्ष अनुसंधान और साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

पर्यावरण: जैव विविधता, संरक्षण और आपदा प्रबंधन का अध्ययन कीजिये।

तैयारी के लिये टिप्स:

हालिया तकनीकी विकास पर नोट्स बनाइये।

आपदा प्रबंधन स्थितियों के लिए केस स्टडीज़ का उपयोग कीजिये।

संसाधन:

अभ्यर्थी दृष्टि आईएएस की वेबसाइट पर उपलब्ध आर्थिक सर्वेक्षण का संक्षेप संदर्भित कर सकते हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण और बजट दस्तावेज़।

हालिया तकनीकी विकास के लिये समसामयिक घटनाएँ।

सामान्य अध्ययन-IV

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

नैतिकता: सार्वजनिक और व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता के आयामों का अध्ययन कीजिये।

दृष्टिकोण और भावनात्मक बुद्धिमत्ता: प्रशासनिक समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

केस स्टडीज़: नैतिक दुविधाओं और शासन से संबंधित चुनौतियों के समाधान की तैयारी कीजिये।

तैयारी के लिये टिप्स:

साप्ताहिक रूप से केस स्टडीज़ का अभ्यास कीजिये।

नैतिक अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिये वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग कीजिये।

संसाधन:

अभ्यर्थी दृष्टि आईएएस की वेबसाइट पर उपलब्ध केस स्टडीज़ का संदर्भ ले सकते हैं।

सुब्बा राव द्वारा लिखी गई नैतिकता की पुस्तक।

कोचिंग सामग्री से केस स्टडीज़।

सामान्य अध्ययन-V और VI (उत्तराखंड - विशेष पेपर)

प्रमुख फोकस क्षेत्र:

भूगोल: उत्तराखंड के जलवायु, जलवायु प्रणालियाँ और प्राकृतिक वनस्पति का अध्ययन कीजिये।

अर्थव्यवस्था: राज्य-विशेष उद्योगों, पर्यटन और सार्वजनिक वित्त पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

इतिहास और संस्कृति: प्रमुख राजवंशों, आंदोलनों और सांस्कृतिक धरोहर का अध्ययन कीजिये।

तैयारी के लिये टिप्स:

भौगोलिक और आर्थिक विषयों के लिए मानचित्रों और फ्लोचार्ट्स का उपयोग कीजिये।

उत्तराखंड के समसामयिक घटनाओं और विकास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

संसाधन:

राज्य बोर्ड की पुस्तकें।

सरकारी रिपोर्टें और प्रकाशन।

साक्षात्कार की रणनीति

अपने DAF (विस्तृत आवेदन पत्र) को जानिये: आपने जो कुछ भी उल्लेख किया है—शौक, शिक्षा, कार्य अनुभव और उपलब्धियाँ—उसके प्रति पूरी तरह से सतर्क रहिये। इंटरव्यू पैनल इस आधार पर प्रश्न पूछेगा।

समसामयिक घटनाओं में महारत: राष्ट्रीय और राज्य स्तर की समाचारों से स्वयं को अपडेट रखिये, विशेष रूप से शासन, नीतियों, और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से संबंधित। प्रश्नों का उत्तर स्पष्ट और संक्षिप्त रूप में देने का अभ्यास कीजिये।

संचार कौशल: आत्मविश्वास से और स्पष्ट रूप से बोलने का अभ्यास कीजिये। शब्दजाल से बचिये और अपने उत्तरों में सटीक रहिये। अपनी बातों को तार्किक रूप से व्यक्त कीजिये।

व्यक्तित्व और दृष्टिकोण: सकारात्मक, शांत और आदर्शपूर्ण व्यवहार बनाए रखिये। उत्साह और सार्वजनिक प्रशासन में सेवा करने की तत्परता दिखाइये।

मॉक इंटरव्यू: अपने उत्तर देने की क्षमता और शारीरिक भाषा में सुधार के लिये मित्रों या मार्गदर्शकों के साथ मॉक इंटरव्यू आयोजित कीजिये।

राज्य-विशेष ज्ञान: अपने राज्य के इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक संरचना में अच्छी तरह से पारंगत रहिये। अपने गृह राज्य से संबंधित प्रश्नों के लिये तैयार रहिये। 

निष्कर्ष

परीक्षा एक सुव्यवस्थित और बहुपक्षीय तैयारी रणनीति की मांग करती है, जो परीक्षा के प्रत्येक चरण के अनुरूप हो। इस परीक्षा में सफलता संतुलित दृष्टिकोण पर निर्भर करती है: नियमित अभ्यास, प्रभावी समय प्रबंधन, और निरंतर आत्म-मूल्यांकन। मानक संसाधनों का उपयोग करके, समसामयिक घटनाओं से अपडेट रहते हुए, और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखते हुए, अभ्यर्थी प्रत्येक चरण में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकते हैं और परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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